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देहरादून राज्य के नागरिकों को रोजगार के अधिक अवसर देने के उद्देश्य से एक कानून लागू करने की तैयारी में है। उद्योगों में 70 फीसदी नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने से राज्य के लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। हरियाणा सरकार ने भी प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में राज्य के लोगों को 75 फीसदी आरक्षण देने के बिल को मंजूरी दिला दी है। श्रम एवं रोजगार विभाग की समीक्षा बैठक में इस मुद्दे के उठने के बाद मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया था। इस प्रस्ताव को अप्रूवल के लिए कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा। CM रावत ने कहा, 'हम चाहते हैं कि उत्तराखंड के युवा बड़ी संख्या में यहां खुले इंडस्ट्रियों से लाभ उठाएं। रोजगार के बेहतर अवसर के साथ ही काफी कुछ सीखने को मिलेगा, जिससे भविष्य में भी कई दरवाजे खुलेंगे।' उत्तर प्रदेश से अलग होकर 20 साल पहले बने उत्तराखंड में उद्योग ही रोजगार के प्रमुख सोर्स हैं। वर्तमान में यहां 327 हैवी इंडस्ट्री, 64619 सूक्षम, लघु एवं मध्यम (MSME) उद्योग हैं। इनमें कुल 4 लाख 35 हजार लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इन उद्योंगों में कुल 51 हजार 511 करोड़ रुपये का निवेश है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पहले उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहने के दौरान उत्तराखंड में 14,163 MSME थे। 700 करोड़ के निवेश के साथ ही 38 हजार 504 लोगों को नौकरियां मिली हुई थीं। इसी तरह से 39 हैवी इंडस्ट्रियों में 8369 करोड़ के निवेश के साथ ही 29 हजार 197 लोगों को रोजगार मिला था। आंकड़े के अनुसार पिछले 20 सालों में 50 हजार 456 MSME सेक्टर में 12 हजार 916 करोड़ के निवेश के साथ ही 2 लाख 85 हजार लोगों को रोजगार मिला हुआ है। हैवी इंडस्ट्री में भी पिछले दो दशकों में 288 नई यूनिट्स के साथ 29,525 करोड़ का निवेश और 82 हजार 24 लोगों को रोजगार मिला हुआ है।
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