रविवार, 31 मई 2020

सतपाल महाराज से लिया था राशन, अब कोरोना संक्रमण का खतरा

देहरादूनउत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर काफी सतर्क रहने वाले कैबिनेट मंत्री के घर तक कोरोना संक्रमण पहुंच गया। शनिवार को देहरादून की एक निजी लैब में उनकी पत्नी अमृता रावत में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। सतपाल महाराज, उनके दो बेटे और बहुएं भी पाई गई हैं। इसके साथ ही सतपाल के 17 स्टाफ भी पॉजिटिव निकले हैं। कुछ दिन पहले सतपाल महाराज अपने विधानसभा क्षेत्र भी गए थे। वहां उन्होंने राशन वितरण भी किया था। इस दौरान सतपाल महाराज की पत्नी भी साथ में थी। ऐसे में राशन वितरण में शामिल जनता पर भी संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। सतपाल महाराज और उनकी पत्नी अमृता रावत मानव सेवा उत्थान समिति चलाते हैं। उनके तीर्थ नगरी हरिद्वार समेत देश भर में कई आश्रम भी हैं। इन आश्रमों से भी तमाम अनुयायियों का उनके घर आना जाना है। ऐसे में इस संक्रमण की जद में कितने लोग हैं इसका अनुमान अभी ठीक नहीं लग सकता है। मंत्री बोले, पूरी कैबिनेट नहीं होगी क्वारंटीन मंत्री सतपाल महाराज के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव समेत सरकार के सभी मंत्रियों पर भी संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। सतपाल महाराज ने बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में हिस्सा लिया था। उनके कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अब सरकार के तमाम मंत्री मुख्यमंत्री और अधिकारियों के भी कोरोना टेस्ट कराने होंगे। इसके बाद तत्काल बाद मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव समेत सभी मंत्रियों को भी क्वारंटीन किए जाने की बात कही जा रही थी। हालांकि सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार फर्स्ट कांटैक्ट में आने वाले लोगों को ही क्वारंटीन किया जाता है। ऐसे में उन्होंने सभी कैबिनेट मंत्री और अधिकारियों के क्वारंटीन होने की बात से इनकार कर दिया। दो बेटे और बहुएं भी पॉजिटिव सतपाल महाराज, उनके दो बेटे और बहुएं भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। एक बेटे की रिपोर्ट पर संशय है, इसलिए उनका दोबारा सैंपल लिया जाएगा। साथ ही उनके स्टाफ के 17 लोग पॉजिटिव मिले हैं और 6 की दोबारा से जांच की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने सतपाल महाराज के घर काम करने वाले सभी कर्मचारियों को क्वारंटीन कर दिया है। साथ ही महाराज के परिवार को देहरादून के एक होटल में क्वारंटीन किया गया है। अब परिवार के सभी कोरोना पॉजिटिव लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की तैयारी है।


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कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच उत्तराखंड का नैनीताल जिला बना रेड जोन

नैनीताल कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच उत्तराखंड के नैनीताल जिले को रेड ज़ोन घोषित कर दिया गया है। पूरे उत्तराखंड में अब तक 907 कोरोना मरीज सामने आ चुके हैं। नैनीताल के अलावा उत्तराखंड के 11 जिले ऑरेंज जोन बनाए गए हैं। इसके अलावा उधमसिंहनगर जिले को ग्रीन जोन बनाया गया है। नैनीताल के जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा है कि जिले में कोरोना पॉजेटिव केसों की संख्या मे लगातार इजाफा हो रहा है आने वाले समय मे ऐसे लोगों की संख्या में वृद्धि से इंकार नही किया जा सकता। डीएम ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों को सुशीला तिवारी चिकित्सालय में ना रख कर जिले भर मे चिन्हित कोविड केयर सेंटरों मे रखा जायेगा। जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा कि सुशीला तिवारी चिकित्सालय मे केवल गंभीर कोरोना मरीजों को ही भर्ती कर इलाज किया जायेगा। कोविड सेंटरों की खास निगरानी का इंतजाम कोविड केयर सेन्टरों की व्यवस्था एवं संचालन आईआरटी द्वारा की जायेगी। इन सेन्टरों के नोडल अधिकारी मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार होंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक कोविड केयर सेन्टर पर 24 घंटे मेडिकल टीम के साथ ऑक्सीजन युक्त ऐम्बुलेंस, सुरक्षा व्यवस्था और भोजन व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा संबंधित अधिकारी भी लगातार इसकी मॉनिटरिंग करेंगे।


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उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री, परिवार तथा कर्मी भी कोरोना वायरस की चपेट में

देहरादून, 31 मई (भाषा) उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के बढते ग्राफ के बीच पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, उनके परिवार और कर्मी के सदस्यों समेत 22 व्यक्तियों की रविवार को आयी जांच रिपोर्ट में उनके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि से हडकंप मच गया है और पूरे त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल को क्वारंटीन किये जाने पर विचार हो रहा है । महाराज शुक्रवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हुए थे और अब उनके, उनकी पूर्व कैबिनेट मंत्री पत्नी अमृता रावत तथा उनके परिवार तथा कर्मियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने से शासन—प्रशासन में हडकंप मच गया है जिसके बाद एहतियातन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत पूरे मंत्रिमंडल को पृथक-वास में रखने पर विचार हो रहा है । उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि जरूरत समझे जाने पर पूरे मंत्रिमंडल की कोरोना जांच की जा सकती है । कल शनिवार को महाराज की पत्नी अमृता रावत की जांच रिपोर्ट में उनके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी जिसके बाद रविवार को महाराज तथा उनके परिवार के अन्य सदस्यों की कोरोना जांच की गयी । दूसरी तरफ, देहरादून में डालनवाला क्षेत्र स्थित उनके मकान और गली को पूरी तरह सील कर दिया गया है तथा उसका संक्रमणरोधन किया जा रहा है । अमृता रावत को दोपहर एम्स ऋषिकेश में आइसोलेशन में भर्ती कराया गया था जबकि महाराज, उनके दोनों पुत्र, दोनों पुत्र वधुएं और डेढ वर्षीय पोता रात्रि में एम्स ऋषिकेश पहुंचे । एम्स ऋषिकेश के जन संपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया कि महाराज और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को तीन एम्बुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया जहां उन्हें उपचार के लिए आइसोलेशन में भर्ती करा दिया गया है । इस बीच, उत्तराखंड में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में रविवार को 158 नए मरीज जुड गये और पीडितों का कुल आंकडा 907 पर पहुंच गया । प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां जारी बुलेटिन के अनुसार, सर्वाधिक 49 नए मरीज देहरादून में सामने आए हैं जबकि नैनीताल में 31,उधम सिंह नगर में 20, अल्मोडा में 18, हरिद्वार में 17, उत्तरकाशी में सात, पौडी गढवाल में छह , चंपावत में चार, टिहरी में तीन, चमोली में दो और रूद्रप्रयाग में एक नया मरीज है । बुलेटिन के अनुसार, पांच कोविड-19 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है जबकि 102 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं । तीन मरीज राज्य से बाहर चले गये हैं । रविवार को सामने आए ज्यादातर मरीज बाहर से यात्रा कर प्रदेश में आए हैं । इस बीच, प्रदेश सरकार ने रविवार को जिलों से प्राप्त मरीजों के आंकडों के अनुसार 13 में से 11 जिलों को ओरेंज जोन में रखा है जबकि नैनीताल जिले को रेड जोन में जबकि उधमसिंह नगर जिले को ग्रीन जोन में रखा गया है ।


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सतपाल महाराज, परिवार के अन्य सदस्य, कर्मी समेत 22 कोरोना संक्रमित

देहरादून, 31 मई (भाषा) उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज तथा उनके परिवार और कर्मियों समेत 22 व्यक्तियों की रविवार को आयी जांच रिपोर्ट में उनके कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने से हडकंप मच गया है और अब पूरे त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल को पृथक-वास में रखने पर विचार हो रहा है । उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि महाराज शुक्रवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हुए थे जिसके बाद एहतियातन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत पूरे मंत्रिमंडल को पृथक वास में रखने पर विचार हो रहा है । सूत्रों का कहना है कि जरूरत समझे जाने पर पूरे मंत्रिमंडल की कोरोना वायरस जांच की जा सकती है । महाराज की पत्नी अमृता रावत की जांच रिपोर्ट में उनके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि होने के बाद महाराज तथा उनके परिवार के अन्य सदस्यों की कोरोना जांच की गयी । दूसरी तरफ, देहरादून में डालनवाला क्षेत्र स्थित उनके मकान और गली को पूरी तरह सील कर दिया गया है तथा उसका संक्रमण रोधन किया जा रहा है ।


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सतपाल महाराज का परिवार कोरोना पॉजिटिव, सीएम और कैबिनेट पर भी संक्रमण का खतरा

देहरादून उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और उनके परिवार व स्‍टाफ के अधिकतर सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। शनिवार को सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत कोरोना पॉजिटिव पाई गईं थी रविवार को उन्‍हें एम्‍स ऋषिकेश में भर्ती कर दिया गया। सतपाल महाराज समेत उनके परिजनों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के चलते जिला प्रशासन ने उनके कोठी वाले क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सतपाल महाराज सहित कुछ 41 लोगों के सैंपल लिए थे जिसमें स्टाफ के 35 लोग भी शामिल थे। कर्मचारियों में भी 17 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मंत्री सतपाल महाराज के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव समेत सरकार के सभी मंत्रियों पर भी संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। रविवार को प्रदेश में कुल कोरोना पॉजिटिव की संख्या 1000 से पार हो गई। अकेले नैनीताल जिले में 227 कोरोना पोजिटिव संक्रमित मिले हैं। परिवार सहित स्‍टाफ के लोग भी घेरे मेंसतपाल महाराज, उनके दो बेटे और बहुएं भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। एक बेटे की रिपोर्ट पर भ्रम की स्थिति है, इसलिए उनका दोबारा सैंपल लिया जाएगा। साथ ही उनके स्टाफ के 6 लोगों की दोबारा से जांच की जाएगी। वहीं 12 स्टाफ की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। विधानसभा क्षेत्र में भी गए थे स्वास्थ्य विभाग सतपाल महाराज के घर काम करने वाले सभी कर्मचारियों को इंस्टिट्यूशनल क्‍वारंटीन कर दिया है। साथ ही महाराज के परिवार को देहरादून के एक होटल में क्‍वांरटीन किया गया है। अब परिवार के सभी कोरोना पॉजिटिव लोगों को अस्पताल भर्ती कराने की तैयारी है। कुछ दिन पहले सतपाल महाराज अपने विधानसभा क्षेत्र भी गए थे जहां उन्होंने राशन वितरण भी किया था। इस दौरान उनकी पत्‍नी भी साथ थीं। कितनों में फैला संक्रमण कहना मुश्किलअब उनके परिवार सहित कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद उनकी विधान सभा क्षेत्र के उस राशन वितरण में शामिल जनता पर भी संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। सतपाल महाराज एवं उनकी पत्नी अमृता रावत एक अध्यात्मिक गुरु भी हैं वे मानव सेवा उत्थान समिति चलाते हैं उनके तीर्थ नगरी हरिद्वार समेत देश भर में कई आश्रम भी हैं इन आश्रमों से भी तमाम अनुयायियों का उनके घर आना जाना है। ऐसे में इस संक्रमण की जद में कितने लोग हैं इसका अनुमान अभी ठीक नहीं लग सकता। बुधवार को कैबिनेट में भी हिस्‍सा लिया थासतपाल महाराज ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में हिस्सा लिया था उनके कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद अब सरकार के तमाम मंत्री मुख्यमंत्री और अधिकारियों के भी कोरोना टेस्ट कराने होंगे। इसके तत्काल बाद कैबिनेट में शामिल मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव समेत सभी मंत्रियों समेत अधिकारियों को भी क्‍वारंटीन किए जाने की बात कही जा रही थी। '' लेकिन सरकार के शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने इस मामले पर कहा कि आईसीएमआर की गाइड लाइन के अनुसार फर्स्ट कान्‍टेक्‍ट में आने वाले लोगों को ही क्‍वारंटीन किया जाता है। ऐसे में उन्होंने सभी कैबिनेट मंत्री और अधिकारियों के क्‍वारंटीन होने की बात से इनकार कर दिया। मदन कौशिक ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग सभी नियमों को देखते हुए काम कर रहा है और इस मामले में पूरी एहतियात बरतते हुए स्थिति के लिहाज से अधिकारी काम कर रहे हैं।


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उत्तराखंड में कोरोना मरीजों का आंकडा 802, मंत्री की पत्नी हुईं एम्स ऋषिकेश में भर्ती

देहरादून, 31 मई (भाषा) उत्तराखंड में रविवार को प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत सहित 53 नए मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई जिससे राज्य मेंमहामारी से पीडितों का आंकडा 802 पर पहुंच गया । प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा मामलों में सर्वाधिक 25 मरीज नैनीताल में सामने आए हैं जबकि हरिद्वार में 15, पौडी गढवाल और उत्तरकाशी में छह और रूद्रप्रयाग में एक कोरोना मरीज है । बुलेटिन के अनुसार, पांच कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु हो चुकी है जबकि 102 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं । तीन मरीज राज्य से बाहर चले गये हैं । उधर, महाराज की पत्नी अमृता की जांच रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने से राज्य मंत्रिमंडल में हडकंप मच गया है । अमृता पूर्ववर्ती हरीश रावत सरकार में उर्जा मंत्री भी रह चुकी हैं । मंत्री के पत्नी के कोविड 19 से पीडित होने के कारण हडकंप मच गया है क्योंकि उन्होंने शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल बैठक में हिस्सा लिया था और पिछले दिनों अधिकारियों के साथ भी बैठकें करते रहे हैं । इस बीच, संक्रमण की पुष्टि होने के बाद अमृता को रविवार दोपहर एम्स ऋषिकेश में भर्ती करा दिया गया है । देहरादून के मुख्य चिकित्साधिकारी डा बी सी रमोला ने बताया कि शनिवार शाम आयी अमृता की जांच रिपोर्ट में उनके कोविड 19 से पीड़ित होने की पुष्टि हुई थी और तब से ही वह अपने घर में पृथक-वास में थीं। डा रमोला ने बताया कि उन्होंने स्वयं ही अपने संपर्क में आए लोगों की सूची उपलब्ध करा दी है । वहीं, एम्स ऋषिकेश के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया कि अमृता को अस्पताल के पृथक वार्ड में भर्ती करा दिया गया है जहां उनका उपचार चल रहा है ।


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एंथ्रेक्स वायरस को लेकर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व ने जारी किया अलर्ट

नैनीताल शाकाहारी वन्य पशुओं मे फैल रहे को लेकर में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। अभयारण्य के एसडीओ आर. के. तिवारी ने रविवार को बताया कि बिहार के वाल्मीकि नेशनल पार्क में एक गेंडे की एंथ्रेक्स वायरस से मौत के बाद यहां सभी क्षेत्र कर्मियों को इस बीमारी के लक्षणों के प्रति अलर्ट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कॉर्बेट में मृत वन्य जीवों का वैटरिनेरी रिसर्च इंस्टीटयूट (आईवीआरआई) बरेली मे पोस्टमार्टम कराया जाता है। इससे मौत का सही कारण पता लग जाता है। उन्होंने कहा कि अभी इस वायरस के कहीं और फैलने की जानकारी नहीं है। सेवानिवृत्त डीएफओ और वन्यजीव से जुड़ी अरण्य संस्था के सीईओ नरेन्द्र सिंह ने बताया कि एंथ्रेक्स वायरल बीमारी घुमंतू पशुओं में होती है तथा इनसे वन्य पशुओं में फैलती है। उन्होंने कहा कि चूंकि क्षेत्र में कोई गांव नहीं है, अतः घुमंतु पशु यहां नही आ पाते इसलिए यहां इस बीमारी के फैलने का खतरा नहीं है। सिंह ने जानकारी दी कि बैसीलस एंथ्रेसिस वायरस से होने वाली इस बीमारी को एंथ्रेक्स, गिल्टी ,पुष्पराग और बिसारिया भी कहते हैं। नरेन्द्र सिंह ने बताया कि यह वायरस लंबे समय तक मिटटी में पड़ा रहता है और त्वचा के जरिए पशुओं के शरीर में प्रवेश करता है। फ्लू की तरह फैलने वाले इस रोग में पशु के शरीर में काले चक्कते बनते हैं और फिर गहरे घाव हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि क्योंकि यह घातक वायरस घुमंतू पशु से फैलता है इसलिए अभयारण्य क्षेत्र में घूमंतू पशु का प्रवेश न होने दिया जाए। साथ ही उन्होंने बताया कि असम के पोबी तोरा वन्यजीव अभायरण्य में भी यह बीमारी फैल चुकी है। सिंह ने बताया कि सिप्रो एंटीबायोटिक देकर इस वायरल बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है।


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उत्तराखंड के क्वारंटीन सेंटरों में सुविधाओं का टोटा, रात भर सुनाई देती है 'तेंदुए की दहाड़'

देहरादून के चलते के पहाड़ी इलाकों में बने में रहना, किसी चुनौती से कम नहीं है। इन सेंटरों में रह रहे लोगों को रोजाना नई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दौरान उन पर जंगली जानवरों के हमले का खतरा मंडराता रहता है। पहाड़ी जिलों के प्राथमिक स्कूलों में क्वारंटीन हुए लोग कहते हैं कि वह हर रात तेंदुए की गर्जन सुनते हैं। इसके अलावा जहरीले सांप और जंगली सुअर से भी खतरा है। बता दें कि कुछ दिन पहले नैनीताल जिले के बेतालघाट क्षेत्र के क्वारंटीन सेंटर में रहने वाली 10 वर्षीय एक लड़की को सांप ने काट लिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। मुंबई के कुछ लौटे प्रवासियों ने हाल ही में पौड़ी के टिल्ला गांव के एक सरकारी स्कूल की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर अपलोड की थी, जिसमें उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की थी। लौटने वालों में से एक विश्राम सिंह ने टीओआई से कहा कि हमें जिस क्वारंटीन सेंटर में रखा गया है, उसके कमरों में खिड़की के शीशे नहीं हैं। ऐसे में हम कैसे उम्मीद करें कि वह जंगली जानवरों के हमलों से सुरक्षित रहेंगे? अपने अनुभव को साझा करते हुए दिल्ली से लौटे आकाश पेन्यूली ने कहा, 'उत्तरकाशी के पुरोला ब्लॉक के गैंदा गांव में एक क्वारंटीन सेंटर में एक दर्जन अन्य लोगों के साथ मुझे छोड़ दिया गया। इस दौरान लगभग हर रात, हम तेंदुए की दहाड़ सुन रहे थे। यह वास्तव में भयानक है और हम सभी यह सोचकर डरे हुए हैं कि अगर हमारे सेंटर के अंदर तेंदुआ आ गया तो क्या होगा।' क्वारंटीन सेंटर में सुविधाओं का टोटा नैनीताल जिले के बेतालघाट क्वारंटीन सेंटर में सर्पदंश के कारण मरने वाले लड़की के चाचा खेम सिंह रावत ने जंगली जानवरों के हमलों से निपटने के लिए क्वारंटीन सेंटरों पर सुविधाओं की कमी पर पीड़ा व्यक्त करते हुए टीओआई से कहा, 'कम से कम क्वारंटीन सेंटर में बुनियादी सुविधाएं होनी चाहिए। जैसे जंगली जानवरों के हमलों में जान बचाने के लिए एंबुलेंस की उपलब्धता। अगर एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध होती और हमारा समय पर अस्पताल पहुंचना होता तो हमारा बच्चा जीवित होता।' क्वारंटीन लोग करते हैं जंगली जानवरों को लेकर शिकायतें उत्तरकाशी के हुडोली गांव में क्वारंटीन सेंटर की व्यवस्था संभाल रहीं ग्राम प्रधान सुशीला नेगी का कहना है कि उन्हें हर समय क्वारंटीन लोगों से जंगली जानवरों की उपस्थिति के बारे में शिकायतें मिलती हैं। उनका कहना सही है लेकिन हम क्या कर सकते हैं? हमने लोगों को बेहद सावधान रहने के लिए कहा है ताकि कोई हादसा न हो। ग्राम प्रधानों ने ब्लॉक प्रमुखों को लिखा पत्र बागेश्वर, पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चंपावत और उधमसिंह नगर जिलों के ग्राम प्रधानों ने कुछ दिनों पहले अपने-अपने ब्लॉक प्रमुखों को पत्र लिखकर इस मुद्दे को सुलझाने के लिए मदद मांगी। पौड़ी गढ़वाल के बामराडी गांव की पूर्व प्रधान जशोदा देवी ने कहा कि जंगली जानवरों की उपस्थिति के कारण क्वारंटीन सेंटर में रहने वाले लोगों में डर का माहौल है। हमने स्थानीय प्रशासन से संपर्क किया है। ताकि उनकी तरफ से जरूरी कदम उठाए जाएं। प्रशासन उठा रहा जरूरी कदम इस बीच, पौड़ी गढ़वाल के जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल ने कहा कि वह सुनिश्चित कर रहे हैं कि क्वारंटीन सेंटर में सभी जरूरी सुविधाएं हों। पहाड़ियों में लोग और वन्यजीव एक साथ मौजूद हैं। ऐसे में सतर्क रहना जरूरी है। ऐसे में हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी क्वारंटीन सेंटरों में पर्याप्त बिजली, पानी और शौचालय की सुविधा हो, ताकि कोई रात में बाहर न भटके। इसके अलावा राज्य के मुख्य वन्यजीव वार्डन राजीव भरतारी ने कहा कि हम सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भेज रहे हैं कि मानव-वन्यजीव संघर्ष के बारे में पर्याप्त जागरूकता सुनिश्चित करें और घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता भी प्रदान की जा रही है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए वन टीमों को भी अलर्ट पर रखा गया है।


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शनिवार, 30 मई 2020

मंत्री की पत्नी के कोरोना संक्रमित होने से हड़कंप

देहरादून, 31 मई :भाषा: उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की पत्नी एवं पूर्व मंत्री अमृता रावत की जांच रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने से राज्य मंत्रिमंडल में हड़कंप मच गया है। मंत्री के विशेष कार्याधिकारी अभिषेक शर्मा ने बताया कि शनिवार शाम एक निजी प्रयोगशाला से मिली अमृता रावत की जांच रिपोर्ट में उनके कोविड-19 से पीड़ित होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि उन्हे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अमृता पूर्ववर्ती हरीश रावत सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं। शर्मा ने बताया कि सतपाल महाराज और उनका परिवार घर में पृथक-वास में रह रहा है। मंत्री की पत्नी के कोविड-19 से पीड़ित होने से हड़कंप मच गया है क्योंकि उन्होंने शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में हिस्सा लिया था और इस दौरान अधिकारियों के साथ भी बैठकें करते रहे हैं। इस बीच, उत्तराखंड में कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़कर 749 हो गयी है।


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एम्स ऋषिकेश में कोविड-19 से संक्रमित महिला ने बच्चे को जन्म दिया

ऋषिकेश, 30 मई (भाषा) ऋषिकेश में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कोविड-19 से संक्रमित एक महिला ने शनिवार को सुरक्षित रूप से एक बच्चे को जन्म दिया। 30 वर्षीय महिला को बीमारी के कोई लक्षण नहीं है, जिसे शनिवार सुबह कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया। अस्पताल के प्रसूति विभाग की प्रमुख लतिका उनियाल ने कहा कि महिला का सुरक्षित रूप से प्रसव कराया जाए, इसके लिए सारी व्यवस्थाएं की गई थी। उन्होंने बताया कि माँ और बच्चा दोनों ठीक हैं।


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उत्तराखंड में कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ने से घबराने की जरूरत नहीं: अधिकारी

देहरादून, 30 मई (भाषा) उत्तराखंड सरकार ने शनिवार को लोगों से कहा कि राज्य में कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ने से घबराने की जरूरत नहीं है और 10 से 15 दिन में इनमें कमी आनी शुरू हो जाएगी। राज्य के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा, ''कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी से घबराने की जरूरत नहीं है। उत्तराखंड में अभी यह सामुदायिक स्तर पर फैलना शुरू नहीं हुआ है। राज्य में संक्रमित पाए जा रहे लोग या तो कहीं से यात्रा करके आए हैं या फिर संक्रमित लोगों के संपर्क में आए होंगे।'' उन्होंने कहा कि संक्रमण के मामलों में अगले कुछ दिन में बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन 10 से 15 दिन के भीतर इनमें कमी आनी शुरू हो जाएगी।


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उत्तराखंड: कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत निकलीं कोरोना पॉजिटिव, हड़कंप

देहरादून उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार (Trivendra Rawat Government) में कैबिनेट मंत्री () की पत्नी की रिपोर्ट पॉजिटिव (Corona Positive)आई है। उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की पत्नी भी पूर्व मंत्री रही हैं। उन्हें ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया जा रहा है। इसके साथ ही शुरुआती तौर पर उनके पति सतपाल महाराज समेत संपर्क में आए 41 लोग चिह्नित किए गए हैं। सभी को क्वारंटीन किया जा रहा है। उधर, जिला प्रशासन के मुताबिक मामले में अन्य संपर्कों की भी तलाश की जा रही है। पूर्व मंत्री अमृता रावत की तीन दिन पहले तबीयत खराब हुई थी। इसे देखते हुए शनिवार सुबह एक निजी लैब में उनकी कोरोना जांच कराई गई। शाम को मिली रिपोर्ट में वह निकलीं। दिल्ली से मंत्री के घर आए थे कुछ लोग कुछ दिनों पहले दिल्ली से कुछ लोग मंत्री के घर आए थे। इसके बाद मंत्री के सर्कुलर रोड स्थित निजी आवास के एक गेट पर जिला प्रशासन ने क्वारंटीन होम का नोटिस लगाकर कैबिनेट मंत्री के आवास का वह हिस्सा सील कर दिया था। इस मामले के सामने आने के बाद अब मंत्री सतपाल महाराज की कैबिनेट बैठकों और अन्य बैठकों में भी क्वारंटीन की तलवार लटक सकती है।


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मुख्यमंत्री रावत ने प्रधानमंत्री मोदी को दूसरे कार्यकाल की प्रथम वर्षगांठ पर बधाई दी

देहरादून,30 मई (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल की प्रथम वर्षगांठ पर शनिवार को उन्हें बधाई देते हुए कहा कि वह इस अवधि में एक विश्व नेता के रूप में उभरे हैं।रावत ने अनुच्छेद 370 रद्द करने, तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाने और तनाव पैदा होने देने के बगैर अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने का श्रेय मोदी को दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ ये प्रधानमंत्री के दृढ़ नेतृत्व के फल हैं।’’ उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिये मोदी द्वारा अपनाई गई रणनीति भी कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को रोकने और जान बचाने में सफल रही है। रावत ने कहा कि मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री के मजबूत नेतृत्व में देश और आर्थिक रूप से समृद्ध होगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नयी पहचान बनाएगा।


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उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के 11 नए मामले सामने आए, कुल संख्या 727 पर पहुंची

देहरादून, 30 मई (भाषा) उत्तराखंड में शनिवार को 11 नए मरीजों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि के साथ प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 727 पर पहुंच गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, नए मरीजों में से सात अकेले देहरादून जिले के हैं जबकि टिहरी जिले में चार नए मामले सामने आए हैं। बुलेटिन में बताया गया है कि देहरादून की निरंजनपुर सब्जी मंडी में संक्रमितों के संपर्क का पता लगाने के दौरान सात मामले सामने आए जबकि टिहरी में सामने आए संक्रमित लोगों ने महाराष्ट्र की यात्रा की थी। बुलेटिन के मुताबिक, प्रदेश में 102 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं और अब भी 617 लोगों का इलाज चल रहा है। उत्तराखंड में कोरोना वायरस के पांच मरीजों की मौत भी हो चुकी है और तीन लोग राज्य से जा चुके हैं।


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उत्तराखंड में अब एक जिले से दूसरे जिले में आने-जाने की छूट, करना होगा सिर्फ ऑनलाइन आवेदन

देहरादून कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच उत्तराखंड सरकार ने राज्य के अंदर एक जिले से दूसरे जिले में लोगों को जाने की छूट दे दी है। इसके लिए उनके ऑनलाइन आवेदन को ही पास मान लिया जाएगा। साथ ही आवाजाही करने पर उन्हें क्वारंटीन में नहीं रहना होगा। उत्तराखंड में कबीना मंत्री और शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि लोगों की समस्या के मद्देनजर यह फैसला लिया गया। जो व्यक्ति राज्य के अंदर एक जिले से दूसरे जिले में जाना चाहता है, अब सिर्फ पास के लिए ऑनलाइन आवेदन करने पर ही जा सकेगा। उन्होंने बताया कि यदि आवेदन निरस्त भी हो जाता है तो तब भी यह सुविधा उसे मिलेगी। राज्य के भीतर आवाजाही करने वाले ऐसे लोगों को कहीं भी क्वारंटीन नहीं किया जाएगा। इससे ऐसे लोगों को राहत मिलेगी, जो जरूरी काम से राज्य के भीतर इधर उधर जाना चाहते हैं। ऐसे लोगों को वाहनों में जाने के लिए सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना होगा। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान सरकार ने जो छूट दी है, उसी अवधि के लिए यह रियायत रहेगी। यह पूछे जाने पर कि यदि राज्य का कोई जिला रेड कैटिगिरी में आता है तो तब क्या स्थिति रहेगी ? कौशिक ने कहा कि फिलहाल राज्य के सभी जिले ऑरेंज कैटिगिरी में हैं। अगर ऐसी स्थिति बनती है तब फैसला लिया जाएगा।


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शुक्रवार, 29 मई 2020

Covid-19 के मद्देनजर IMA में कैडेट्स के पासिंग आउट परेड में शामिल नहीं होंगे पैरेंट्स

देहरादून () में होने वाले में इस बार कैडेट्स के पैरंट्स शामिल नहीं होंगे। कोरोना संक्रमण () महामारी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। IMA के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल अमित डागर ने जानकारी देते हुए बताया, '13 जून को देहरादून के आईएमए में होने वाले पासिंग आउट परेड में कैडेट्स के पैरंट्स शामिल नहीं होंगे। आईएमए प्रशासन ने यह निर्णय कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लिया है।'


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माइग्रेशनः उद्योगों को खलने लगी मजदूरों की कमी, 15 हजार करोड़ के नुकसान का अनुमान

देहरादून लॉकडाउन में मजदूरों के घर की ओर पलायन का असर सामने आने लगा है। उत्तराखंड में इंडस्ट्रीज के खुलने की प्रक्रिया शुरू तो हो गई है लेकिन मजदूरों के अभाव में उत्पादन पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। इंडियन इंडस्ट्रीज असोसिएशन (आईआईए) के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से औद्योगिकीकरण में भयानक व्यवधान आया है, और इसे पटरी पर आने पर काफी लंबा वक्त लगेगा। गुप्ता ने बताया कि मजदूरों और बाजार में मांग की कमी के कारण इंडस्ट्रीज अपने उत्पादन को बढ़ा पाने में सक्षम नही हैं। उन्होंने बताया कि लघु उद्योगों में कच्चे माल और बाजार की कमी है जबकि बड़े स्तर के उद्योग भी से जूझ रहे हैं। अभी तक केवल 80 हजार से 90 हजार इंडस्ट्रीज ही खुल पाई हैं। ऐसे में तकरीबन 15 हजार करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। रोजगार बंद होने पर लौटे श्रमिक कोरोना महामारी के चलते दो महीने से ज्यादा समय से लागू लॉकडाउन में अपने राज्यों से बाहर फंसे मजदूरों का रोजगार बंद हो गया। खाने-पीने का संकट आने के बाद मजदूरों ने अपने-अपने गांव वापस लौटने का फैसला किया। बहुत से मजदूर हजारों किमी की दूरी पैदल तय कर अपने घर पहुंचे। लाखों श्रमिकों को स्पेशल ट्रेनों के जरिए उनके घर भेजा गया। ऐसे में श्रमिकों के न रहने पर लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी उद्योगों के परिचालन पर संकट बने रहने की संभावना जताई जा रही है। 1 जून से खुलेंगे सरकारी दफ्तर बता दें कि लॉकडाउन 4.0 के खत्म होने के बाद प्रदेश में सरकारी दफ्तरों को भी खोलने की तैयारी चल रही है। उत्तराखंड के प्रभारी सचिव के मुताबिक, 1 जून 2020 से प्रदेश के समस्त शासकीय कार्यालय लॉकडाउन की अवधि से पहले की तरह विभाग स्तर पर प्रात: 10 बजे से सांय 5 बजे तक और पांच दिवसीय कार्यालयों यथा राज्य सचिवालय एवं राज्य विधानसभा आदि में प्रात: 9:30 से सांय 6:00 बजे तक खोले जाएंगे।


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इस साल लिपुलेख मार्ग से चीन के साथ व्यापार नहीं करेंगे उत्तराखंड के लोग

पिथौरागढ़ उत्तराखंड के स्थानीय लोगों ने इस साल लिपुलेख दर्रे के जरिए चीन के साथ सीमा व्यापार में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। धारचूला के उप संभागीय मजिस्ट्रेट ए के शुक्ला ने कहा कि बुधवार को प्रशासन की ओर से बुलाई गई तैयारी बैठक के दौरान उन्होंने वार्षिक व्यापार गतिविधियों में भाग लेने के प्रति अनिच्छा प्रकट की। ए के शुक्ला ने कहा, ‘भारतीय व्यापारियों ने कोविड-19 के खिलाफ एहतियात के तौर पर इस साल लिपुलेख दर्रे के जरिए चीन के साथ व्यापार नहीं करने का फैसला किया है।’ अधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से सीमा व्यापार को लेकर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। संगठन के संरक्षक विशान गर्ब्याल ने कहा, ‘चीन इस घातक वायरस का केंद्र रहा है, हमें सावधानी बरतनी चाहिए और उस देश में प्रवेश नहीं करना चाहिए।’ हर साल जून से अक्टूबर तक होता है व्यापार पिथौरागढ़ जिले की चांद घाटी में 17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित लिपुलेख दर्रे के माध्यम से भारत-चीन सीमा व्यापार, 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद दशकों तक निलंबित रहने के बाद 1992 में फिर से शुरू हुआ था। यह हर साल जून में शुरू होता है और अक्टूबर तक चलता है। भारत ने हाल ही में धारचूला के साथ लिपुलेख दर्रे को जोड़ने वाली एक सड़क का उद्घाटन किया। इससे नेपाल के साथ सीमा विवाद को लेकर तनाव पैदा हो गया क्योंकि पड़ोसी देश का दावा है कि वह क्षेत्र उसके देश में पड़ता है। गौरतलब है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच तनाव पैदा हो गया है, जहां दोनों देशों के सैनिकों के बीच एक हफ्ते से गतिरोध चल रहा है।


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उत्तराखंड में एक दिन में मिले रिकॉर्ड 216 नए कोविड-19 मरीज

देहरादून, 29 मई (भाषा) उत्तराखंड में शुक्रवार को एक दिन में रिकॉर्ड 216 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। इसके साथ ही प्रदेश में कुल कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़कर 716 हो गई है। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां जारी बुलेटिन के अनुसार, प्रदेश के 13 में से 11 जिलों में कोरोना संक्रमण के ताजा मामले सामने आए हैं जिनमें से सर्वाधिक 85 नए मरीज अकेले नैनीताल जिले के हैं। देहरादून जिले में 72, अल्मोडा में 21, बागेश्वर और टिहरी में आठ-आठ, उधमसिंह नगर, पौड़ी और हरिद्वार में पांच-पांच, उत्तरकाशी में चार, रूद्रप्रयाग में दो तथा पिथौरागढ़ में एक कोविड-19 मरीज मिला है। बुलेटिन में बताया गया है कि ताजा मामलों में ज्यादातर मरीज बाहर से यात्रा करके प्रदेश में आए हैं। प्रदेश में शुक्रवार को 13 और मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो गये जिन्हें मिलाकर अब तक कुल 102 मरीज ठीक हो चुके हैं। उत्तराखंड में पांच कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु भी हो चुकी है जिनमें से तीन की मृत्यु कोविड-19 से न होकर अन्य बीमारियों से हुई हैं जबकि एक अन्य की मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। बृहस्पतिवार को भी कोरोना संक्रमित एक कैंसर रोगी की मृत्यु हुई थी और उसकी मौत की सही वजह अभी तक पता नहीं चली है।


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पृथकवास में मरने वालों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दे सरकार : कांग्रेस

देहरादून, 29 मई (भाषा) कांग्रेस ने शुक्रवार को उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बनाए गये पृथकवास केंद्रों की बदहाली के कारण मरने वाले प्रवासियों की मौत पर चिंता प्रकट करते हुए राज्य सरकार से उनके परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना ने यहां बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को एक पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण घर लौट रहे प्रवासियों के लिये बनाए गये पृथकवास केंद्रों में अव्यवस्थाओं और बदहाली की स्थिति है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये गये पृथकवास केंद्रों में पीने के पानी तथा शौचालय तक की कोई व्यवस्था नहीं है। नैनीताल जिले के बेतालघाट पृथकवास केंद्र में एक छह वर्ष की बच्ची की जहरीले सांप के काटने से हुई मृत्यु समेत हाल में हुई अन्य घटनाओं का जिक्र करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सिंह ने आरोप लगाया कि ये घटनाएं राज्य सरकार की लापरवाही और बदइंतजामी की कहानी बयां करती हैं। प्रवासियों के लिए बनाए गये पृथकवास व्यवस्था सुधारे जाने का आग्रह करते हुए सिंह ने मुख्यमंत्री से सभी मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजे के रूप में देने की मांग भी की।


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उत्तरकाशी में तेंदुए के हमले में दो युवक घायल

उत्तरकाशी, 29 मई (भाषा) उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले स्थित पुरोला क्षेत्र में शुक्रवार सुबह एक तेंदुए ने हमला कर दो युवकों को घायल कर दिया। क्षेत्र के उप प्रभागीय वनाधिकारी एनएन श्रीवास्तव ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए उच्चाधिकारियों से पिंजरा लगवाने की अनुमति ली जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पुरोला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर स्थित रामा गांव में 28 वर्षीय लोकेश बिष्ट अपने खेतों से वापस आ रहे थे कि तभी रास्ते में घात लगाए बैठे तेंदुए ने उन पर अचानक हमला कर दिया। युवक ने हिम्मत से काम लेते हुए तेंदुए को पकड़ लिया और शोर मचाने लगा। शोर सुनकर गाय चराने आया निकटवर्ती बेष्टी गांव का युवक अरविंद भी मौके पर पहुंच गया और मदद के लिए शोर मचाने लगा लेकिन तेंदुआ लोकेश को छोड़ अरविंद पर झपट पड़ा। हालांकि, हल्ला सुन मौके पर एकत्रित ग्रामीणों को देखकर तेंदुआ घायल युवकों को छोडकर जंगल की ओर भाग गया। ग्रामीणों ने युवकों को पुरोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जहां उपचार देकर उन्हें घर भेज दिया गया। चिकित्सक डॉ. शुचि पूनम ने बताया कि दोनों युवकों के सिर सहित शरीर में कई जगहों पर तेंदुए के नाखूनों के गहरे घाव हैं। इस घटना से ग्रामीण क्षेत्रों में डर का माहौल है। वन अधिकारी ने बताया कि तेंदुआ गांव के समीप ही झाड़ियों में छिपा है जिसे पकड़ने के लिए उच्च अधिकारियों से पिंजड़ा लगवाने की अनुमति ली जा रही है।


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उत्तराखंड में कोविड-19 की जांच बढ़ाने के लिए निजी प्रयोगशालाओं से होगा अनुबंध

देहरादून, 29 मई (भाषा) उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को बागवानी विकास योजना में किसानों को राहत देने, कोविड-19 नमूनों के संग्रह और जांच की प्रक्रिया में गति लाने के लिये निजी प्रयोगशालाओं से अनुबंध करने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना में राहत प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। बागवानी मिशन में सब्जी, बीज, पुष्प पर दिया जाने वाला 50 प्रतिशत का अनुदान अब सभी कृषकों को दिया जायेगा। बागवानी मिशन से अलग फल, बीज, आलू, अदरक पर 50 प्रतिशत राज्य सहायता अनुदान के रूप में दी जाएगी तथा कोल्ड स्टोर और एसी वैन पर भी अनुदान दिया जायेगा। पन्द्रह लाख रुपये की लागत के कोल्ड स्टोर पर 50 प्रतिशत अनुदान तथा 26 लाख रुपये एसी वैन (तापमान नियंत्रित वाहन) की लागत पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा। कौशिक ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने प्रदेश में कोविड-19 के नमूनों के संग्रह और जांच को गति देने के लिए निजी प्रयोगशालाओं से उत्तर प्रदेश तथा अन्य राज्यों में चल रही दरों पर जांच कराने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि इसी बीच निजी प्रयोगशालाओं से निविदा आमंत्रित की जाएगी और जांच की न्यूनतम दर की पेशकश करने वालों से अनुबंध किया जाएगा। उन्होंने बताया कि निविदा प्रक्रिया के लिए अवधि 15 दिनों से घटाकर चार दिन कर दी गयी है। एक अन्य फैसले में, मुख्य सचिव से लेकर नीचे तक के सभी कार्मिकों का वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रत्येक माह में एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जायेगा। पेंशनरों से किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जायेगी जबकि दायित्वधारियों का वर्तमान वित्त वर्ष में प्रत्येक माह में पांच दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जायेगा। कौशिक ने कहा कि मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया कि श्रम अधिनियम के अंतर्गत दुकान, प्रतिष्ठान के नियोजकों को संदिग्ध कोविड कर्मचारियों को 28 दिन की पृथकवास अवधि का वेतन भुगतान करना होगा। मंत्रिमंडल ने कोविड स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत उपकरण क्रय का अधिकार तीन माह से बढ़ाकर 28 फरवरी तक कर दिया गया।


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इस वर्ष लिपुलेख मार्ग से चीन के साथ सीमा व्यापार नहीं करेंगे उत्तराखंड के स्थानीय लोग

पिथौरागढ़, 29 मई (भाषा) उत्तराखंड के स्थानीय लोगों ने इस साल लिपुलेख दर्रे के जरिए चीन के साथ सीमा व्यापार में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। धारचूला के उप संभागीय मजिस्ट्रेट ए के शुक्ला ने कहा कि बुधवार को प्रशासन द्वारा बुलाई गई तैयारी बैठक के दौरान उन्होंने वार्षिक व्यापार गतिविधियों में भाग लेने के प्रति अनिच्छा प्रकट की। शुक्ला ने कहा, ‘‘भारतीय व्यापारियों ने कोविड-19 के खिलाफ एहतियात के तौर पर इस साल लिपुलेख दर्रे के जरिए चीन के साथ व्यापार नहीं करने का फैसला किया है।’’ अधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से सीमा व्यापार को लेकर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। भारत-चीन व्यापार संगठन के संरक्षक विशान गर्ब्याल ने कहा, ‘‘चीन इस घातक वायरस का केंद्र रहा है, हमें सावधानी बरतनी चाहिए और उस देश में प्रवेश नहीं करना चाहिए।’’ पिथौरागढ़ जिले की चांद घाटी में 17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित लिपुलेख दर्रे के माध्यम से भारत-चीन सीमा व्यापार, 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद दशकों तक निलंबित रहने के बाद 1992 में फिर से शुरू हुआ था। यह हर साल जून में शुरू होता है और अक्टूबर तक चलता है। भारत ने हाल ही में धारचूला के साथ लिपुलेख दर्रे को जोड़ने वाली एक सड़क का उद्घाटन किया। इससे नेपाल के साथ सीमा विवाद को लेकर तनाव पैदा हो गया क्योंकि पड़ोसी देश का दावा है कि वह क्षेत्र उसके देश में पड़ता है। गौरतलब है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच तनाव पैदा हो गया है, जहां दोनों देशों के सैनिकों के बीच एक हफ्ते से गतिरोध चल रहा है।


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मसूरी: लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में भी कोरोना की दस्तक, एक कर्मचारी पॉजिटिव

देहरादूनउत्तराखंड के स्थित () तक भी कोरोना ने दस्तक दे दी है। अकादमी का एक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इसके बाद सभी कर्मचारियों को घर से ही काम (वर्क फ्रॉम होम) करने को कहा गया है। सिर्फ अनिवार्य सेवाओं के लिए ही ऑफिस आने की अनुमति होगी। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार दोपहर के हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक, राज्य में 602 कोरोना पॉजिटिव मरीज हो गए हैं। इनमें से 505 एक्टिव केस हैं। अब तक 89 लोग ठीक हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अब तक 5 कोरोना पॉजिटिव लोगों की मौत हुई है। हेल्थ बुलेटिन के अनुसार 5 में से 3 मौतों की वजह नहीं कुछ और थी। राज्य में सबसे ज्यादा पॉजिटिव केस अब तक देहरादून में 147 हैं। इसके बाद नैनीताल में 142 पॉजिटिव केस हैं। बाकी जिलों में संख्या ने अभी सैकड़ा नहीं छुआ है। रुद्रप्रयाग और चंपावत में तो संख्या दहाई से भी कम है।


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उत्तराखंड में एक जून से सरकारी कार्यालय पहले की तरह खुलेंगे

देहरादून, 29 मई (भाषा) उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार को राज्य सचिवालय तथा विधानसभा सहित अपने सभी शासकीय कार्यालयों को एक जून से लॉकडाउन से पहले की तरह खोलने का निर्णय किया है। प्रदेश के प्रभारी सचिव, पंकज कुमार पांडे द्वारा यहां इस संबंध में जारी एक आदेश में कहा गया है कि एक जून से प्रदेश के समस्त शासकीय कार्यालय लॉकडाउन से पूर्व की भांति प्रात: 10 से पांच बजे तक तथा राज्य सचिवालय और राज्य विधानसभा जैसे पांच दिवसीय कार्यालय प्रात: 9:30 से छह बजे तक खोले जाएंगे। आदेश के अनुसार, इस दौरान समूह 'क' और समूह 'ख' (क्लास वन और क्लास टू) के अधिकारियों की उपस्थिति शत प्रतिशत तथा समूह 'ग' और 'घ' (क्लास थ्री और क्लास फोर) के अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति 50 प्रतिशत रहेगी। उल्लेखनीय है कि बृहस्पतिवार को ही सरकार ने प्रदेश में बाजार खुलने के समय में भी वृद्धि की थी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश में व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बाजार खुलने के समय को बढ़ाते हुए सुबह सात बजे से शाम सात बजे करने का निर्णय लिया था।


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उत्तराखंड में कोरोना वायरस के 102 नए मरीज

देहरादून, 29 मई (भाषा) उत्तराखंड में शुक्रवार को 102 नए मरीजों में कोरोना वायरस की पुष्टि होने से प्रदेश में इस महामारी से संक्रमित लोगों की संख्या 602 पर पहुंच गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा मामलों में से सर्वाधिक 55 मरीज अकेले देहरादून जिले के हैं जबकि अल्मोडा में 15, बागेश्वर और टिहरी में आठ—आठ, उधमसिंह नगर और हरिद्वार में चार-चार, नैनीताल में तीन, पौडी और रूद्रप्रयाग में दो—दो तथा पिथौरागढ में एक मरीज है। बुलेटिन में बताया गया है कि ताजा मामलों में ज्यादातर मरीज बाहर से यात्रा करके प्रदेश में आए हैं। प्रदेश में 89 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं और अब भी 505 लोगों का इलाज चल रहा है। उत्तराखंड में कोरोना वायरस के पांच मरीजों की मौत भी हो चुकी है जिनमें से तीन की मौत कोविड-19 की वजह से न होकर अन्य बीमारियों से हुई हैं जबकि एक अन्य की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। बृहस्पतिवार को भी कोरोना वायरस से संक्रमित एक कैंसर रोगी की मौत हुई थी और उसकी मौत की सही वजह अभी पता नहीं चली है।


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लॉकडाउनः अमनमणि को पास जारी करने के मामले में जिलाधिकारियों को कोर्ट का नोटिस, तीन हफ्ते में मांगा जवाब

नैनीताल उत्तराखंड हाईकोर्ट ने यूपी के विधायक को बद्रीनाथ तक पास जारी करने के मामले में देहरादून, पौड़ी, चमोली और रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके अलावा कोर्ट ने अमनमणि के 10 साथियों को भी नोटिस जारी किया है। मामले की सुनवाई के लिए 3 सप्ताह बाद की तिथि नियत की गई है। सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई। देहरादून के रहने वाले उमेश कुमार ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि यूपी के विधायक अमन मणि त्रिपाठी और उसके साथियों द्वारा के स्वर्गीय पिता के लिए पितृकर्म करने के नाम पर उत्तराखण्ड सरकार से बद्रीनाथ तक दो मई से सात मई के लिए लॉकडाउन पास जारी कराया था । यात्रा के दौरान कर्णप्रयाग में पुलिस ने उनको आगे नहीं जाने दिया। याचिकाकर्ता का कहना है कि भारत सरकार द्वारा 24 मार्च को पूर्ण लॉकडाउन घोषित किया गया था। अमनमणि और उसके साथियों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया है। याचिकाकर्ता का कहना है भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन को दरकिनार कर पास किस आधार पर और किसने जारी किया उसकी जांच सीबीआई से कराई जाए। पास जारी करने के खिलाफ याचिका उत्तराखंड हाईकोर्ट ने विधायक अमनमणि त्रिपाठी सहित अन्य नौ लोगो को लॉकडाउन के दौरान उत्तराखण्ड सरकार द्वारा बद्रीनाथ और केदारनाथ जाने के लिए जारी किए गए स्पेशल पास के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने डीएम देहरादून, जिला अधिकारी रुद्रप्रयाग,जिला अधिकारी चमोली, जिला अधिकारी पौड़ी , यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उसके साथी जय प्रकाश, माया शंकर, मनीष कुमार, संजय कुमार, रितेश यादव, ओम प्रकाश यादव, अजय यादव श्रीप्रकाश पासवान और विनय कुमार को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। 'किन परिस्थितियों में जारी किया पास' याचिकाकर्ता ने इनके अलावा डीजीपी, प्रिंसिपल सेकेट्री, सीबीआई और सचिव ओम प्रकाश को भी पक्षकार बनाया है। खण्डपीठ ने सरकार से पूछा है कि आखिर किन परिस्तिथियों में इनको स्पेशल पास जारी किया जबकि भारत सरकार की तरफ से राज्यों को लॉकडाउन का पूर्ण पालन करने को कहा गया था। याचिकाकर्ता उमेश शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड शासन में अपर सचिव के पद पर तैनात ओम प्रकाश की तरफ से विधायक अमनमणि त्रिपाठी सहित अन्य 10 लोगों को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता के पितृ कर्म हेतु बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम जाने के लिए विशेष पास जारी कर जाने की अनुमति प्रदान की थी। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और उन्हें रुद्रप्रयाग में पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया। याचिकर्ता ने यह भी कहा कि इस वक्त देश मे लॉकडाउन चल रहा है और केंद्र सरकार ने सभी राज्यो को सख्ती से पालन कराने का आदेश भी दिया है। इसके बावजूद उत्तराखंड सरकार की तरफ से इनको पास जारी करना गलत है। लिहाजा सरकार ने डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट का उल्लंघन किया है। इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए।


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गुरुवार, 28 मई 2020

जंगलों की आग को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप, वन विभाग ने कराई एफआईआर

देहरादूनसोशल मीडिया पर उत्तराखंड में जंगलों की आग को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने पर वन बिभाग ने साइबर क्राइम थाने में आईटी ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। ने जंगल में आग को लेकर सोशल मीडिया में फैलाई सूचनाओं को भ्रामक और झूठा करार दिया, साथ ही इसे विभाग के खिलाफ दुष्प्रचार बताया है। मंगलवार को इस मामले को लेकर वन विभाग के मुखिया समेत पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था ने भी चेतावनी जारी की थी। वरिष्ठ वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते को अफवाहों का जवाब सोशल मीडिया में देने के लिए बाकायदा प्रभारी के बतौर भी नियुक्त किया गया था। विभाग ने कहा कि इस साल मई महीने में जंगलों में हुई आग लगने की घटनाओं का आंकड़ा पिछले सालों की तुलना में काफी कम है। इस बार मई माह में बीच-बीच में होती रही बारिश ने वन और वन्यजीवों को काफी राहत दी है। मई के अंतिम सप्ताह में तापमान तेजी से बढ़ने से आग की घटनाएं बढ़ी हैं। पिछले साल 27 मई तक आग की 1248 घटनाएं हुई थीं, इस बार सिर्फ 88 घटनाएं हुई हैं।


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उत्तराखंड में दम तोड़ने वाला कैंसर रोगी कोरोना संक्रमित निकला, कुल मामले हुए 500

देहरादून, 28 मई :भाषा: उत्तराखंड में बृहस्पतिवार को दम तोड़ने वाले एक कैंसर ग्रस्त मरीज की जांच रिपोर्ट में उसके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई जबकि प्रदेश में इस महामारी से पीडितों की संख्या का आंकडा 500 तक पहुंच गया। प्रदेश में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 31 नए मरीज सामने आए जिनमें से सर्वाधिक 10 टिहरी गढवाल जिले में, देहरादून में नौ, हरिद्वार में आठ, अल्मोडा में तीन और नैनीताल में एक हैं। अब तक प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमितों का आंकडा 500 पर पहुंच गया है जबकि 414 लोगों का संक्रमण के लिए इलाज चल रहा है। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां जारी बुलेटिन के अनुसार, कोविड-19 के ताजा मामलों में ज्यादातर मरीज बाहर से यात्रा करके प्रदेश में लौटे हैं । हालांकि, देहरादून जिले में सामने आये दो मामले कोरोना वायरस संक्रमित मरीज के संपर्क में आये व्यक्ति के हैं जबकि तीन अन्य निरंजनपुर सब्जी मंडी के विक्रेता हैं। इस बीच, नैनीताल जिले में एक निजी अस्पताल में 20 मई को इलाज के लिए भर्ती कराए गये एक कैंसर रोगी की बृहस्पतिवार को मृत्यु हो गयी जबकि बाद में आयी उसकी जांच रिपोर्ट में उसके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई । बुलेटिन में कहा गया है कि उक्त कैंसर रोगी का पिछले चार माह से दिल्ली से इलाज चल रहा था और उसकी मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है ।


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उत्तराखंड में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू

देहरादून, 28 मई (भाषा) उत्तराखंड के उद्यमशील युवाओं और कोविड-19 के कारण राज्य में लौटे प्रवासी कामगारों को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने हेतु मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत कुशल और अकुशल दस्तकारों, हस्तशिल्पियों और बेरोजगार युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। योजना के तहत राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों के माध्यम से लाभार्थियों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग :एमएसएमई: विभाग द्वारा योजना के अन्तर्गत मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जायेगी। विनिर्माण क्षेत्र में परियेाजना की अधिकतम लागत 25 लाख रुपये और सेवा व व्यवसाय क्षेत्र के लिए अधिकतम लागत 10 लाख रूपये होगी। एमएसएमई नीति के अनुसार वर्गीकृत श्रेणी ए में मार्जिन मनी की अधिकतम सीमा कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत, श्रेणी बी में 20 प्रतिशत तथा सी व डी श्रेणी में कुल परियोजना लागत का 15 प्रतिशत तक मार्जिन मनी के रूप में देय होगी। उद्यम के दो वर्ष तक सफल संचालन के बाद मार्जिन मनी अनुदान के रूप में समायोजित की जायेगी। योजना के अन्तर्गत सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों द्वारा परियोजना लागत का 10 प्रतिशत जबकि विशेष श्रेणी के लाभार्थियों को कुल परियोजना लागत का पांच प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा। इस योजना के अन्तर्गत आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए जबकि शैक्षिक योग्यता की कोई बाध्यता नहीं रखी गयी है। आवेदक अथवा उसके परिवार के सदस्य को योजना के तहत केवल एक बार लाभ मिलेगा। लाभार्थियों का चयन अधिक आवेदन प्राप्त होने पर व्यवहारिकता के आधार पर ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर किया जायेगा। योजना के क्रियान्वयन के लिए एमएसएमई विभाग के नियंत्रणाधीन उद्योग निदेशालय को नोडल विभाग बनाया गया है जबकि जिला स्तर पर योजना का क्रियान्वयन जिला उद्योग केन्द्र द्वारा किया जायेगा। मुख्यमंत्री रावत ने अधिकारियों को इस योजना की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाने के निर्देश देते हुए कहा कि जन प्रतिनिधियों एवं जिलास्तरीय अधिकारियों के माध्यम से योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये जिससे अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकें ।


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उत्तराखंड में कोविड-19 के नए मामले, कुल संख्या पहुंची 493 पर

देहरादून, 28 मई (भाषा) उत्तराखंड में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 24 नए मामले आने के साथ ही राज्य में अभी तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 493 हो गयी है। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां जारी बुलेटिन के अनुसार, कोविड-19 के नए मामलों में लगभग सभी मरीज अन्य जगहों से राज्य में लौटे हैं। ताजा मामलों में सर्वाधिक टिहरी गढवाल जिले में 10, हरिद्वार में आठ और देहरादून में छह मामले हैं। प्रदेश में फिलहाल कोरोना वायरस संक्रमण के लिए 407 लोगों का इलाज चल रहा है।


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टयूलिप गार्डन के बाद मुनस्यारी में अब बनेगा पक्षी पर्यटन केंद्र

देहरादून, 28 मई :भाषा: ट्यूलिप गार्डन विकसित होने से सुर्खियों में आए मुनस्यारी नेचर एजुकेशन एंड इको पार्क सेंटर में अब पक्षी पर्यटन केंद्र भी बनेगा जहां प्रकृति प्रेमी करीब 130 पक्षी प्रजातियों के दीदार कर सकेंगे । पिछले कुछ सालों में पिथौरागढ़ जिले का मुनस्यारी उच्च हिमालयी क्षेत्र बर्ड वाचिंग के लुभावने स्थल के रूप में उभर रहा है और इसे एक अच्छे अवसर में बदलने के लिए बहुउददेशीय पक्षी पर्यटन केंद्र को विकसित किया जा रहा है । पिथौरागढ के वन प्रभागीय अधिकारी विनय भार्गव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस केंद्र को चरणबद्ध तरीके से तीन सालों में 85 ग्राम पंचायतों और 300 स्वयं सहायता समूहों से भी जोड़ा जाएगा और 500 स्थानीय युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर भी पैदा होंगे । इसके अलावा, भार्गव ने कहा कि बर्ड वाचिंग के लिए आने वाले लोगों का लाभ भी यहां के स्थानीय होटलों तथा टूर एंड ट्रेवल उद्योग से जुडे अन्य लोगों को मिलेगा । उन्होंने बताया कि इसे करीब 67.50 लाख रू की लागत से विकसित किया जाएगा और अनुमान है कि इससे 1.5 करोड-दो करोड रू की वार्षिक आमदनी होगी । बर्ड वाचिंग के लिए 500 मीटर से लेकर पांच किलोमीटर तक की ट्रेल विकसित करने की भी योजना है जिससे पक्षियों के आवास के बारे में पक्षी प्रेमियों को स्पष्ट रूप से पता चल जाएगा । भार्गव ने बताया कि केंद्र में पक्षियों से संबंधित साल भर चलने वाली गतिविधियों के लिए एक कैलेंडर भी विकसित किया गया है जिसके तहत समय-समय पर पक्षी महोत्सवों का भी आयोजन होगा । पक्षियों को देखने के लिए इस केंद्र में दूरबीन, स्पाटिंगस्कोप, कैमरा, फील्ड गाइड और टूल किटस भी उपलब्ध रहेंगे । इसके अलावा, जगह-जगह व्यू प्वाइंटस बनाए जाएंगे जहां पक्षियों के बारे में जानकारी देने वाले बोर्ड भी लगे होंगे । पक्षियों के अलावा प्रकृति प्रेमियों को यहां वन्यजीव और वनस्पति, जैव विविधता, स्थानीय परंपरा, संस्कृति, आर्किड, अल्पाइन स्विस हट, हेरिटेज वॉक, साहसिक गतिविधियों जैसे ट्रैकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, पर्वतारोहण आदि का आनंद भी मिलेगा । भार्गव ने बताया कि इसके अतिरिक्त यहां वॉच टॉवर भी बनाए जाएंगे जहां से जौहार घाटी की प्राकृतिक सुंदरता को भी निहारा जा सकता है । केंद्र में दो झीलें भी विकसित की जाएंगी । इन सब योजनाओं के मद्देनजर वन विभाग चाहता है कि यह केंद्र एक वन स्टॉप फैसिलिटी सेंटर के रूप में विकसित हो जो वहां के स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा सके ।


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बुधवार, 27 मई 2020

उत्तराखंड में 69 नए कोरोना मामले आए

देहरादून, 27 मई :भाषा: उत्तराखंड में बुधवार को कोरोना वायरस के 69 नए मामले सामने आने से प्रदेश में संक्रमित लोगों की संख्या 469 हो गयी । प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां जारी बुलेटिन के अनुसार, कोविड 19 के ताजा मामलों में लगभग सभी मरीज बाहर से यात्रा करके प्रदेश में लौटे हैं । ताजा मामलों में सर्वाधिक 27 मामले टिहरी जिले में सामने आए हैं जबकि 13 पौडी जिले में, सात उधमसिंह नगर जिले में, छह—छह हरिद्वार और अल्मोडा जिले में, चार देहरादून जिले में और तीन—तीन मामले नैनीताल और पिथौरागढ जिले में सामने आए हैं । बुधवार को हल्द्वानी के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती उधमसिंह नगर जिले के 12 और नैनीताल जिले के तीन मरीजों समेत कुल 15 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो गये । कुल मिलाकर प्रदेश में अब तक 79 मरीज ठीक हो चुके हैं । प्रदेश में फिलहाल कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या 383 हैं ।


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उत्तराखंड के जंगलों में भीषण आग की तस्वीरें 'भ्रामक दुष्प्रचार' : रावत

देहरादून, 27 मई :भाषा: सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग की तस्वीरों को 'भ्रामक दुष्प्रचार' बताते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को इन पर विश्वास नहीं करने का आग्रह किया वहीं पुलिस ने कहा कि ऐसी 'सत्य से परे' खबरें प्रसारित करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी । सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग से संबंधित खबरों का खंडन करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने ट्विटर पर जारी एक बयान में कहा, ‘‘वर्ष 2016 और 2019 की वनाग्नि की पुरानी तस्वीरों तथा चिली और चीन के जंगलों में लगी आग की तस्वीरों का इस्तेमाल कर एक भ्रामक दुष्प्रचार सोशल मीडिया पर किया जा रहा है । मैं सबसे प्रार्थना करता हूं कि जानबूझकर चलाये जा रहे इस अभियान पर विश्वास नहीं करें । कल तक दर्ज हुईं वनाग्नि की घटनाएं पिछले साल से भी बहुत कम हैं।’’ इस बीच, प्रदेश के पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था, अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखंड में वनाग्नि से संबंधित भ्रामक सूचनाओं और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी । कुमार ने कहा कि जंगलों की आग की पुरानी तस्वीरों को सोशल मीडिया में पोस्ट कर दिखाया जा रहा है कि उत्तराखंड के जंगलों में आग बढ़ती जा रही है जो सत्य से एकदम परे है। कुमार ने भी ऐसी अफवाहों पर ध्यान न देने तथा ऐसी भ्रामक खबरों से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि ऐसी खबरों को सोशल मीडिया में प्रसारित करने वालों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कठोर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। वन विभाग के प्रमुख मुख्य वन संरक्षक :पीसीसीएफ: मुखिया जयराज ने स्पष्ट किया कि इस बार जंगलों में आग लगने की घटनाएं पिछले साल के मुकाबले बहुत कम है और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में हैं । जयराज ने भी इन खबरों को भ्रामक बताया ।


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उत्तराखंड में पृथक-वास केंद्र में सांप के काटने से बालिका की मौत

नैनीताल, 27 मई :भाषा: उत्तराखंड के नैनीताल जिले में एक पृथक-वास केंद्र में छह वर्षीय एक बालिका की सांप के काटने से मौत हो गयी । नैनीताल के जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि सोमवार को तडके हुई इस घटना के वक्त बेतालघाट में बने पृथक-वास केंद्र में पलंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण बालिका अपने परिवार के साथ फर्श पर सोई हुई थी । उन्होंने बताया कि बालिका को बेतालघाट के सामुदायिक चिकित्सा केंद्र ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया । बेतालघाट के तल्ली सेठी इलाके में एक खाली पडे स्कूल की इमारत को पृथक-वास केंद्र के रूप में परिवर्तित किया गया है । जिलाधिकारी ने बताया कि घटना के संबंध में उप निरीक्षक :राजस्व: राजपाल सिंह, ग्राम विकास अधिकारी उमेश जोशी और सहायक अध्यापक करन सिंह के खिलाफ 304 ए :लापरवाही के कारण मौत होना: भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है । वहां रह रहे लोगों के अनुसार परिवार ने राजपाल सिंह को पहले ही आसपास घनी झाडियां होने से सांपों के आने और काटने के खतरे के बारे में बताया था। बालिका का परिवार हाल में दिल्ली से लौटा था जिसके बाद उसे पृथक-वास में रखा गया था ।


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उत्तराखंड मूल के सांस्कृतिक कलाकारों के सामने जीविका का संकट, तत्काल मदद करें सरकारें: हरीश रावत

नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) कांग्रेस महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को कहा कि दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले उत्तराखंड मूल के सांस्कृतिक कलाकारों के सामने लॉकडाउन के दौरान जीविका का संकट खड़ा हो गया है और दिल्ली एवं अन्य संबंधित राज्य सरकारों को उनकी तत्काल मदद करनी चाहिए। रावत की ओर से जारी बयान के मुताबिक, उन्होंने पिछले दिनों वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उत्तराखंड मूल के कई सांस्कृतिक कलाकारों से बातचीत की और उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा, ‘‘ दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले उत्तराखंड मूल के 100 से अधिक कलाकारों ने अपनी समस्याओं को बारे में बताया है। मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पत्र लिखकर इनके लिए आर्थिक सहायता का अनुरोध किया है।’’ रावत ने कहा कि दिल्ली और दूसरी राज्य सरकारों को इन कलाकारों की तत्काल मदद करनी चाहिए। इससे पहले रावत उत्तराखंड के सांस्कृतिक मंत्री सतपाल महाराज को पत्र लिखकर उत्तराखंड के सांस्कृतिक कलाकारों की आर्थिक समस्या का समाधान ढूंढने का अनुरोध कर चुके हैं। कांग्रेस के सह-सचिव हरिपाल रावत ने बताया कि इस चर्चा के दौरान दिल्ली-एनसीआर के सांस्कृतिक कलाकारों की एक फैडरेशन बनाने का भी प्रस्ताव आया है। यह फैडरेशन कलाकारों के हितों की रक्षा के अलावा वक्त-बेवक्त आर्थिक कठिनाइयों में भी मदद करेगी। रावत के साथ वीडियो कांफ्रेंस से हुई चर्चा में कैलाश चंद द्विवेदी, संयोगिता ध्यानी, कुसुम चौहान, मोहन मंडराल, गीता गोसाई, खुशहाल सिंह बिष्ट, कौशल पांडे, महेश प्रकाश, सतेंद्र नेगी राही, वीरेंद्र नेगी राही और अन्य कलाकार शामिल हुए।


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उत्तराखंड में कोरोना के 38 नए मामले

देहरादून, 27 मई :भाषा: उत्तराखंड में बुधवार को कोरोना वायरस के 38 नए मामले सामने आने से प्रदेश में इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 438 हो गयी । प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां जारी बुलेटिन के अनुसार, कोविड-19 के ताजा मामलों में से 16 टिहरी जिले में, 13 पौडी जिले में, छह हरिद्वार जिले में और तीन देहरादून जिले में सामने आए हैं । बुधवार को हल्द्वानी के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती उधमसिंह नगर जिले के 12 और नैनीताल जिले के तीन मरीजों समेत कुल 15 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो गये । प्रदेश में अब तक 79 मरीज ठीक हो चुके हैं । प्रदेश में फिलहाल कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या 352 है। ताजा मामलों में से ज्यादातर मरीज बाहर से आए लोग हैं।


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नैनीतालः क्वारंटीन सेंटर में 10 साल की बच्ची को सांप ने काटा, मौत

नैनीताल उत्तराखंड के नैनीताल में एक क्वारंटीन सेंटर में दर्दनाक घटना हुई है। यहां अपने परिवार के साथ क्वारंटीन की गई एक दस साल की बच्ची की सांप के काटने से मौत हो गई है। मामला बेतालघाट ब्लॉक के मल्ली सेठी गांव का है। यहां के एक स्कूल में बनाए गए क्वांरटीन सेंटर में यह बच्ची अपने माता-पिता के साथ रुकी थी। अंजलि के पिता ने बच्ची के मौत के बाद प्रशासन और सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उनका परिवार क्वारंटीन सेंटर में सो रहा था। सुबह लगभग पांच बजे जब बच्ची चीखी तो उन लोगों की नींद टूटी। सोते समय बच्ची की आंख के पास काटा बच्चे का पास एक सांप बैठा हुआ था। घरवाले डर गए। सांप बच्ची के आंख के पास काट चुका था। सांप को भगाया गया और उसे ऐंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। ऐंबुलेंस भी देर से पहुंची बच्ची के चाचा खीम सिंह रावत ने बताया कि ऐंबुलेंस को बुलाने के बाद भी घंटों बाद पहुंची, जिससे बच्ची को अस्पताल ले जाने में देरी हुई और बच्ची ने दम तोड़ दिया। परिवार ने अव्यवस्थाओं का लागाया आरोप खीम सिंह ने बताया कि वे लोग नैनीताल के रहने वाले हैं। दिल्ली में रहकर काम करते थे। लॉकडाउन के बाद जब आमदनी बंद हो गई तो वे लोग परिवार के साथ वापस लौट आए। यहां आने के बाद उन लोगों को स्कूल में बने क्वारंटीन सेंटर में रखा गया था। उन्होंने क्वारंटीन सेंटर में बदहाली का भी आरोप लगाया है।


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ऋषिकेशः जंगल में दो हाथियों के बीच वर्चस्व की लड़ाई, एक हाथी की मौत

ऋषिकेश उत्तराखंड (Uttarakhand) के राजाजी बाघ अभयारण्य () की चीला रेंज में मंगलवार को एक हाथी की मौत हो गई। हाथी जंगल में वर्चस्व की लड़ाई में बुरी तरह घायल हुआ था। वन विभाग के पशु चिकित्सक हाथी का इलाज कर रहे थे लेकिन उसे नहीं बचाया जा सका। अभयारण्य के निदेशक अमित वर्मा ने बताया कि क्षेत्र पर वर्चस्व को लेकर बीते सोमवार सुबह इस हाथी का अपने से एक बड़े हाथी से संघर्ष हुआ था। दोनों चीला रेंज में भिड़ गए थे। वनकर्मियों ने दोनों हाथियों की लड़ाई गश्त के दौरान देखी और बड़े हाथी को वहां से भगाया। बड़े हाथी ने किए थे दांतों से गहरे घाव अमित वर्मा ने बताया कि इस लड़ाई के दौरान बड़े हाथी ने छोटे हाथी के पिछले हिस्से में दांतों से कई गहरे घाव बना दिये थे, जिसके कारण घायल हाथी का काफी खून बह रहा था। उसका इलाज चल रहा था लेकिन मंगलवार रात उसकी मौत हो गई। एक दिन पहले एक शख्स को भी कुचलकर मारा था हाथी ने वन विभाग का मानना है कि संभवत: इसी घायल हाथी ने चीला पावर हाउस कॉलोनी के पीछे सोमवार शाम एक व्यक्ति प्रेम लाल (55) को भी कुचलकर मार दिया था। मृत हाथी का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।


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वर्चस्व की लड़ाई में हाथी की मौत

ऋषिकेश, 27 मई (भाषा) राजाजी बाघ अभयारण्य की चीला रेंज में वर्चस्व की लड़ाई में बुरी तरह घायल हुए एक हाथी की मौत हो गयी है। अभयारण्य के निदेशक अमित वर्मा ने बुधवार को बताया कि क्षेत्र पर वर्चस्व को लेकर गत सोमवार सुबह इस हाथी का एक बड़े हाथी से चीला रेंज में जबरदस्त संघर्ष हुआ था, जिसे चीला के वनकर्मियों ने भी गश्त के दौरान देखा था। उन्होंने बताया कि इस लड़ाई के दौरान बड़े हाथी ने इस हाथी के पिछले हिस्से में दांतों से कई गहरे घाव बना दिये थे, जिसके कारण घायल हाथी का काफी खून बह रहा था। वन विभाग का मानना है कि संभवत: इसी घायल हाथी ने चीला पावर हाउस कॉलोनी के पीछे सोमवार शाम एक व्यक्ति प्रेम लाल :55: को कुचलकर मार दिया था । हाथी की अत्यधिक रक्तस्राव होने से मंगलवार को मौत हो गयी। मृत हाथी का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है ।


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मंगलवार, 26 मई 2020

उत्तराखंड में कोरोना वायरस के मामल 401 हुए

देहरादून, 26 मई (भाषा) उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले के लगातार बढते ग्राफ के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को कोरोना योद्धाओं की संक्रमण से सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले अस्पतालों को 50 लाख रू की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की जबकि 52 नए मरीज सामने आने से राज्य में महामारी के मामले बढकर 401 हो गये । राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा मामलों में हरिद्वार के पांच मरीजों के अतिरिक्त अन्य सभी बाहर से यात्रा करके प्रदेश में लौटे हैं । हरिद्वार जिले में एक सरकारी अस्पताल की स्टॉफ नर्स और चार स्थानीय मजदूरों की जांच रिपोर्ट में उनके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई हैं । मंगलवार को देहरादून जिले में स्वस्थ होने पर घर भेजे गये छह मरीजों को मिलाकर अब तक 64 मरीज ठीक हो चुके हैं और 330 मरीजों का फिलहाल इलाज चल रहा है । ताजा मामलों में से पिथौरागढ और टिहरी में 14-14 मरीज, नैनीताल में 10 , हरिद्वार में छह, अल्मोडा और देहरादून में तीन—तीन और उधमसिंह नगर में दो नये मरीज सामने आए हैं । इस बीच, मुख्यमंत्री रावत ने घोषणा की कि कोरोना योद्धाओं की संक्रमण से सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए मरीजों का इलाज करने वाले अस्पतालों को 50 लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वैसे तो सभी अस्पतालों में कोरोना योद्धाओं को संक्रमण से बचने के लिए मानकों के अनुरूप आवश्यक सुरक्षात्मक उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं लेकिन अपने यहां कार्यरत चिकित्साकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इससे वे और प्रेरित होंगे और कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम पंक्ति में डटे हमारे चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों का भी मनोबल बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड अस्पतालों में हर तरह की सावधानी रखी जाए और संक्रमण से उनकी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि हमारे कोरोना योद्धा स्वयं के जीवन को खतरे में डालते हुए पूरी निष्ठा और तत्परता से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं और हमें उन पर गर्व है लेकिन हमारा भी दायित्व है कि कार्यस्थल पर समुचित सुरक्षागत उपकरण की व्यवस्था सुनिश्चित हो।


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चंबा में 440 मीटर लंबी टनल का सड़क परिवहन मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से किया उद्घाटन

देहरादून कोरोना के कहर के बीच ऋषिकेश-धरासू हाइवे पर चंबा कस्बे में 440 मीटर लंबी टनल का आज ने से उद्घाटन किया। जिस पर ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने बोर्डर रोड़ आर्गेनाईजेशन के अधिकारियों, इंजीनियरों और कर्मचारियों को भी बधाई दी है। इस सुरंग से उत्तराखंड की चार धाम यात्रा का सफर आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल चम्बा कस्बे में जाम से मुक्ति मिलेगी, बल्कि गंगोत्री और यमुनोत्री का सफर भी आसान हो जाएगा। इससे क्षेत्र को लोगों को बड़ी राहत मिलगी और वहां आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी। कोरोना जैसी महामारी के समय हमारे बीआरओ के अधिकारियों, इंजीनियरों और कर्मचारियों ने इस टनल के निर्माण से देश के विकास में बड़ा योगदान दिया है। यह भी आत्मनिर्भर भारत का ही एक रूप है। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन द्वारा चारधाम परियोजना के अंतर्गत ऋषिकेश-धरासू हाइवे पर चंबा कस्बे में 440 मीटर लंबी टनल तैयार की गई है। इस टनल का आज केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उद्घाटन किया।


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एम्स ऋषिकेश में रिमोट मॉनिटरिंग सिस्टम से होगी कोरोना मरीजों की देखभाल

ऋषिकेश में कोरोना मरीजों की देखभाल के लिए रिमोट मॉनिटरिंग पद्धति का इस्तेमाल शुरू किया है। एम्स, ऋषिकेश भारत का पहला स्वायत्तशासी स्वास्थ्य संस्थान है, जिसमें इस तकनीक को तैयार कराकर लागू किया है। इसके तहत कोविड अस्पताल के आइसोलेशन वार्डों को रिमोट मॉनिटरिंग के माध्यम से कंट्रोल किया जाएगा, जिससे कोरोना मरीजों की सही देखभाल के साथ ही उसकी सेवा में जुटे चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारी भी संक्रमण से सुरक्षित रह सकेंगे। 'मेक इन इंडिया' के तहत तैयार की गई यह रिमोट प्रणाली बेंगलुरु बेस कंपनी स्टासिस ने एम्स ऋषिकेश के साथ करार करके उपलब्ध कराई है। एम्स निदेशक प्रफेसर रवि कांत ने बताया कि संस्थान के कोविड वार्ड में इस सिस्टम को विकसित करने से मरीजों का इलाज करने वाले फ्रंट लाइन वॉरियर्स को जोखिम कम होगा। उन्होंने बताया कि दूर से ही रोगी की निगरानी और समाधान को लागू करने के लिए स्टार्ट-अप आधारित यह तकनीक विशेष तौर से कारगर साबित होगी। जिसका उद्देश्य कोविड19 संक्रमित मरीजों से अन्य लोगों को होने वाले संक्रमण के जोखिम को कम करना है। इसके अलावा हेल्थ केयर वर्कर्स की सुरक्षा बढ़ाने और पीपीई किट की आवश्यकता को कम करने में भी यह रिमोट सिस्टम काफी हद तक कारगर साबित होगा। स्मार्टफोन पर मिल जाएगा मरीजों का डेटा प्रफेसर रवि कांत ने बताया कि स्टाटिस ऐप का उपयोग करते हुए चिकित्सक को अपने स्मार्टफोन पर संबंधित मरीजों का डेटा जिनमें हृदय गति की स्थिति, ऑक्सीजन आपूर्ति, इलेक्ट्रोकाॅर्डियोग्राम, श्वसन दर, रक्तचाप और त्वचा का तापमान आदि की संपूर्ण जानकारी तत्काल मिल जाएगी। एम्स निदेशक के अनुसार, उत्तराखंड राज्य के लिए एम्स ऋषिकेश कोविड अस्पताल के तौर पर नामित है। यहां उत्तराखंड के अलावा समीपवर्ती आधा दर्जन राज्यों के मरीजों को भी उपचार सुविधा मिल रही है। इस वैश्विक महामारी के इस कठिन दौर में पीपीई का उपयोग करना और कोविड मरीजों के उपचार में जुटे फ्रंट-लाइन वर्करों के जीवन की सुरक्षा का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण होने के साथ साथ चुनौतिपूर्ण भी है। हमारे विशेषज्ञों की टीम कोरोना मरीजों की बेहतरीन क्लिनिकल देखभाल कर रही है। निदेशक का कहना है कि यह विशुद्ध रूप से भारत में ही निर्मित है और यूएसएफडीए की ओर से अनुमोदित भी है। निगरानी रखने और इलाज करने में होगी काफी आसानी सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के सहायक प्रफेसर डॉ. अभिषेक अग्रवाल का कहना है कि यह संसाधन आधारित तकनीक उपचार को बेहतर करने में बेहद मददगार साबित होगी, जिससे रोगी की देखभाल और अधिक सुविधाजनक हो जाएगी। इसके उपयोग से केंद्रीयकृत डैशबोर्ड के माध्यम से रोगियों की दूर से ही निगरानी करने में मदद मिलेगी और स्मार्टफोन ऐप के माध्यम से हम लगातार अधिक रोगियों के बेहतर चिकित्सकीय प्रबंधन एवं उपचार करने में सक्षम हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस वैश्विक महामारी के कारण देशभर में पीपीई किट की मांग बढ़ रही है और दिन प्रतिदिन बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए प्रत्येक पीपीई किट बहुमूल्य है और इसका प्रयोग किफायती रूप से किया जाना चाहिए। स्टासिस के निदेशक डॉ. रोहित राव का कहना है कि कोविड -19 महामारी की रोकथाम के लिए इस तकनीक के इस्तेमाल की तत्काल आवश्यकता है। इस तकनीक से मरीज की दूर से ही निगरानी कर अस्पताल के कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है और रोगी की सुरक्षा बढ़ाने के साथ साथ हम उसका जीवन बचाने के लिए परिणामों में सुधार कर सकेंगे।


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कोरोना वायरस: उत्तराखंड के मंत्री सतपाल महाराज के घर को किया गया सील

देहरादून देहरादून में मंगलवार को उत्तराखंड के कद्दावर नेता और कैबिनेट मंत्री () के घर को सील कर दिया गया है। प्रशासन ने महाराज के घर पर होम क्वारंटीन () का स्टीकर भी चस्पा किया है। दरअसल, कुछ दिन पहले दिल्ली से कुछ लोग सतपाल महाराज के घर पहुंचे थे। सूचना मिलते ही प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर कोरोना काल (Coronavirus Guidelines) के निर्देशों के हिसाब से कैबिनेट मंत्री के घर को सील कर दिया। केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार अगर कोई व्यक्ति रेड जोन से ग्रीन जोन या फिर ऑरेन्ज जोन में आता है तो उसे 10 से 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन होना पड़ेगा। ऐसे में महाराज के घर आए लोगों को प्रशासन ने क्वारंटीन किया। इसके साथ ही उनके घर के बाहर होम क्वारंटीन का स्टीकर भी चस्पा कर दिया गया। ऐसे में अब न ही कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के घर कोई आ सकता है और न ही कोई घर से बाहर जा सकता है। सरकारी आवास में ऑफिस भी किया गया शिफ्ट घर क्वारंटीन किए जाने के बाद कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने अपना ऑफिस भी सरकारी आवास में शिफ्ट कर दिया है, जिससे आने वाले लोगों से वहीं मुलाकात की जा सके। इससे न सिर्फ क्वारंटाइन नियमों का पालन होगा बल्कि लॉकडाउन के नियम को भी बरकरार रखा जा सकेगा। उत्तराखंड में बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले उधर, उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या प्रवासियों के साथ ही बढ़ती जा रही है। मंगलवार की दोपहर तक राज्य में चार सौ मामले मिल चुके हैं। इनमें अल्मोड़ा में कोरोना पॉजिटिव केस- 15, बागेश्वर में कोरोना पॉजिटिव केस- 08, चमोली में कोरोना पॉजिटिव केस- 11, चंपावत में कोरोना पॉजिटिव केस- 08, देहरादून में कोरोना पॉजिटिव केस- 74, हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिव केस- 28, नैनीताल में कोरोना पॉजिटिव केस- 136, पौड़ी में कोरोना पॉजिटिव केस- 10, पिथौरागढ़ में कोरोना पॉजिटिव केस- 17, रुद्रप्रयाग में कोरोना पॉजिटिव केस- 03, टिहरी में कोरोना पॉजिटिव केस- 25, उधमसिंहनगर में कोरोना पॉजिटिव केस- 50, उत्तरकाशी में कोरोना के 10 मामले सामने आ चुके हैं। 400 कोरोना संक्रमितों में से 64 कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने का दावा किया गया है।


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नैनापीक की दरार के बाद बारापत्थर किलबरी रोड के बीच में मिली दरारों और गड्डों से दहशत

नैनीताल नैनीताल में बारापत्थर किलबरी रोड में स्थित के हिमालय दर्शन प्वाइंट से कुछ ही आगे टान्की बैंड से एक किलोमीटर दूर मैन रोड पर, बड़े-बड़े गड्ढे दिखाई देने से एक बार फिर नैनीताल के लिए संकट का सबब मान जा रहा है। इसके कारण अगर कोई भारी वाहन सड़क से गुजरे तो सड़क धंस जाने की संभावना बनी हुई है। वहीं इन्हीं गड्ढों के पास रोड में लंबी दरार भी खिलती दिखाई दे रही है, जिसके कारण इस स्थान पर सड़क कभी भी धंस सकती है। दरअसल पिछले कुछ माह में ही, नैना पीक से दो तीन बार भूस्खलन हो चुका है। इसके अलावा जिस नैना पीक के टॉप पर दरार दिखाई दी है, उसी के पीछे स्थित इस सड़क खोखला छेद दिखाई देने इस क्षेत्र में हो रही भूगर्भीय हलचल की भी संभावना जताई जा रही है। गत दो-तीन दिनों से नैना पीक में बड़ी दरार होने का भी पता चलने से शहरवासी डरे हुए हैं। स्थलीय निरीक्षण से सामने आएगी वजह कुमाऊं विश्वविद्यालय में भूगर्भविज्ञान के प्रोफेसर राजीव उपाध्याय का कहना है कि नैनीताल की नैनीझील ही एक दरार में बनी है जिसे नैनी लेक फॉल्ट के नाम से जाना जाता है। इस फॉल्ट का विस्तार आगे जाकर नैनी पीक से भी आगे तक है इसके अलावा टिफन टॉप की तरफ भी इसकी ब्रांच हैं। इनके सक्रिय होने से ही ऐसी दरारें आने की सूचनाएँ मिलती हैं ,वैसे पक्के तौर पर अभी हुआ क्या है इसका पता तो स्थलीय निरीक्षण से चल सकेगा। पहले भी इस तरह की घटनाओं किया जा चुका है अनदेखा नैनीताल में बलिया नाला या फिर उसका शीश माने जाने वाला नैना पीक या फिर माल रोड सभी में पिछले कुछ समय से भूस्खलन की सक्रियता शहर के लिए एक बढी चुनौती बनी हुई है। संपूर्ण नैना पीक क्षेत्र समेत शहर भर के तमाम क्षेत्रों में दरार मिलने और भूस्खलन की घटनाओं की अनदेखी से खतरा मंडरा रहा है, जिसे और अनदेखा करना संभवतः किसी बड़े विनाश का कारण बन सकता है। इससे पहले कि लोक निर्माण विभाग, इन गड्ढों में भी लोअर मालरोड में खिली दरारों के तरह टाट का पैबंद लगाए, प्रशासन को इसका संज्ञान लेते हुए किसी तकनीकी संस्था द्वारा इसका व्यापक सर्वेक्षण करना बेहद आवश्यक है। साबित हो सकता है खतरे की घंटी प्रोफेसर राजीव उपाध्याय के अनुसार किलबरी रोड का यह मामला हो सकता है कि रोड बनाने के दौरान पहाड़ी काटकर नीचे की तरफ डाले गए मलबे से हो सकता है। कई वर्षों बाद बारिश से मलबे तथा मिट्टी के कटाव से उसके नीचे खिसक जाने से भी हुआ हो सकता है। लेकिन बिना स्थलीय निरीक्षण और तकनीकी परीक्षण किए बिना इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है।


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नैनापीक की दरार के बाद बारापत्थर किलबरी रोड के बीच में मिली दरारों और गड्ढों से दहशत

नैनीताल नैनीताल में बारापत्थर किलबरी रोड में स्थित के हिमालय दर्शन प्वाइंट से कुछ ही आगे टान्की बैंड से एक किलोमीटर दूर मैन रोड पर, बड़े-बड़े गड्ढे दिखाई देने से एक बार फिर नैनीताल के लिए संकट का सबब मान जा रहा है। इसके कारण अगर कोई भारी वाहन सड़क से गुजरे तो सड़क धंस जाने की संभावना बनी हुई है। वहीं इन्हीं गड्ढों के पास रोड में लंबी दरार भी खिलती दिखाई दे रही है, जिसके कारण इस स्थान पर सड़क कभी भी धंस सकती है। दरअसल पिछले कुछ माह में ही, नैना पीक से दो तीन बार भूस्खलन हो चुका है। इसके अलावा जिस नैना पीक के टॉप पर दरार दिखाई दी है, उसी के पीछे स्थित इस सड़क खोखला छेद दिखाई देने इस क्षेत्र में हो रही भूगर्भीय हलचल की भी संभावना जताई जा रही है। गत दो-तीन दिनों से नैना पीक में बड़ी दरार होने का भी पता चलने से शहरवासी डरे हुए हैं। स्थलीय निरीक्षण से सामने आएगी वजह कुमाऊं विश्वविद्यालय में भूगर्भविज्ञान के प्रोफेसर राजीव उपाध्याय का कहना है कि नैनीताल की नैनीझील ही एक दरार में बनी है जिसे नैनी लेक फॉल्ट के नाम से जाना जाता है। इस फॉल्ट का विस्तार आगे जाकर नैनी पीक से भी आगे तक है इसके अलावा टिफन टॉप की तरफ भी इसकी ब्रांच हैं। इनके सक्रिय होने से ही ऐसी दरारें आने की सूचनाएँ मिलती हैं ,वैसे पक्के तौर पर अभी हुआ क्या है इसका पता तो स्थलीय निरीक्षण से चल सकेगा। पहले भी इस तरह की घटनाओं किया जा चुका है अनदेखा नैनीताल में बलिया नाला या फिर उसका शीश माने जाने वाला नैना पीक या फिर माल रोड सभी में पिछले कुछ समय से भूस्खलन की सक्रियता शहर के लिए एक बढी चुनौती बनी हुई है। संपूर्ण नैना पीक क्षेत्र समेत शहर भर के तमाम क्षेत्रों में दरार मिलने और भूस्खलन की घटनाओं की अनदेखी से खतरा मंडरा रहा है, जिसे और अनदेखा करना संभवतः किसी बड़े विनाश का कारण बन सकता है। इससे पहले कि लोक निर्माण विभाग, इन गड्ढों में भी लोअर मालरोड में खिली दरारों के तरह टाट का पैबंद लगाए, प्रशासन को इसका संज्ञान लेते हुए किसी तकनीकी संस्था द्वारा इसका व्यापक सर्वेक्षण करना बेहद आवश्यक है। साबित हो सकता है खतरे की घंटी प्रोफेसर राजीव उपाध्याय के अनुसार किलबरी रोड का यह मामला हो सकता है कि रोड बनाने के दौरान पहाड़ी काटकर नीचे की तरफ डाले गए मलबे से हो सकता है। कई वर्षों बाद बारिश से मलबे तथा मिट्टी के कटाव से उसके नीचे खिसक जाने से भी हुआ हो सकता है। लेकिन बिना स्थलीय निरीक्षण और तकनीकी परीक्षण किए बिना इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है।


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राजाजी टाइगर रिजर्व में हाथी ने एक व्यक्ति को कुचलकर मार डाला

ऋषिकेश, 26 मई (भाषा) उत्तराखंड में राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज स्थित चीला पावर हाउस कॉलोनी के पीछे जंगल मे एक हाथी ने एक व्यक्ति को कुचलकर मार डाला चीला के रेंज अधिकारी अनिल पैन्यूली ने बताया कि कल देर शाम एक हाथी ने प्रेम लाल (55) को कुचलकर मार दिया । उन्होंने बताया कि घटना के समय प्रेम लाल लघुशंका करने कॉलोनी से लगे जंगल में गया था जहां पास खड़े हाथी ने उसे कुचल दिया । प्रेमलाल की मौके पर ही मृत्यु हो गई।


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कोविड-19: उत्तराखंड में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 400 हुई

देहरादून, 26 मई (भाषा) उत्तराखंड में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 51 नए मामले सामने आए जिसके बाद राज्य में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 400 हो गई है। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार नए मामलों में हरिद्वार से सामने आए पांच मरीजों के अतिरिक्त अन्य सभी बाहर से यात्रा करके प्रदेश में लौटे हैं । हरिद्वार जिले में एक सरकारी अस्पताल की नर्स और चार स्थानीय मजदूरों की जांच रिपोर्ट में उनके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है । मंगलवार को देहरादून जिले में स्वस्थ होकर घर भेजे गए छह मरीजों को मिलाकर अब तक 64 मरीज उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं और प्रदेश में अभी 329 लोगों का उपचार चल रहा है। नए मामलों में से 14—14 मरीज पिथौरागढ़ और टिहरी में, 10 मरीज नैनीताल में, हरिद्वार में पांच, अल्मोड़ा और देहरादून में तीन—तीन और उधमसिंह नगर में दो मामले सामने आए हैं ।


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चंबा शहर के नीचे भूमिगत सुरंग तैयार

ऋषिकेश, 26 मई (भाषा) केंद्रीय सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सीमा सडक संगठन (बीआरओ) द्वारा चारधाम परियोजना के अंतर्गत ऋषिकेश-धरासू हाइवे पर टिहरी जिले के चंबा कस्बे में तैयार 440 मीटर लंबी भूमिगत सुरंग खोले जाने की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अनुमति दी । केंद्रीय मंत्री की अनुमति मिलने के बाद बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने फ्लैग आफ करते हुए चंबा शहर में 440 मीटर लम्बी भूमिगत सुरंग के ओरछोर को मिला दिया । बीआरओ की ऋषिकेश स्थित शिवालिक परियोजना के मुख्य अभियंता आशु सिंह राठौड ने बताया ने बताया कि टनल के चालू हो जाने के बाद इसमें अब सीमेंटिंग व कन्क्रिटिंग का काम होगा जो अक्टूबर 2020 तक पूरा हो जाएगा । उन्होंने बताया कि सुरंग तैयार करने के काम में बहुत जोखिम था क्योंकि सुरंग के उपर चंबा शहर बसा हुआ है और निर्माण के दौरान जमीन धँसने का जोखिम था । लेकिन टनल के उत्तरी व दक्षिणी पोर्टल को मिलाने का कार्य कोविड-19 एवं लॉकडाउन के प्रोटोकॉल के साथ पूरा किया गया। सुरंग निर्माण कार्य जनवरी 2019 में शुरू हुआ था। चार सौ चालीस मीटर लंबी सुरंग एवं 4.2 किमी पहुँच मार्ग को 87 करोड़ की लागत से प्रोजेक्ट शिवालिक द्वारा तैयार किया जाएगा। राठौड़ ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की करीब 1200 करोड़ रु की लागत की इस ड्रीम प्रोजेक्ट में बीआरओ की प्रोजेक्ट शिवालिक के पास गंगोत्री एवं बदरीनाथ धाम की 249 किलोमीटर लंबी सर्वमौसमानुकूल सड़क बनाने का प्रावधान है। इस सुरंग के तैयार होने पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय मंत्री गड़करी के प्रति आभार प्रकट करने के साथ ही बीआरओ के अधिकारियों, इंजीनियरों और कर्मचारियों को भी बधाई दी और कहा कि यह भी आत्मनिर्भर भारत का ही एक रूप है । देहरादून में जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, रावत ने कहा कि इस सुरंग से न केवल चम्बा में जाम से मुक्ति मिलेगी बल्कि गंगोत्री और यमुनोत्री का सफर भी आसान होगा। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत मिलगी और वहां आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 जैसी महामारी के समय बीआरओ के अधिकारियों, इंजीनियरों और कर्मचारियों ने इस सुरंग के निर्माण से देश के विकास में बड़ा योगदान दिया है और यह भी आत्मनिर्भर भारत का ही एक रूप है।


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कोविड-19: उत्तराखंड में संक्रमितों की संख्या 400 हुई

देहरादून, 26 मई (भाषा) उत्तराखंड में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 51 नए मामले सामने आए हैं जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 400 हो गई है। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार ताजा मामलों में हरिद्वार से सामने आए पांच मरीजों के अतिरिक्त अन्य सभी बाहर से यात्रा करके प्रदेश में लौटे हैं । हरिद्वार जिले में एक सरकारी अस्पताल की नर्स और चार स्थानीय मजदूरों की जांच रिपोर्ट में उनके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई हैं । मंगलवार को देहरादून जिले में स्वस्थ होकर घर भेजे गए छह मरीजों को मिलाकर अब तक 64 मरीज उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं और प्रदेश में अब 329 लोगों का उपचार चल रहा है। ताजा मामलों में से 14—14 मरीज पिथौरागढ़ और टिहरी में, 10 मरीज नैनीताल में, हरिद्वार में पांच, अल्मोड़ा और देहरादून में तीन—तीन और उधमसिंह नगर में दो मामले सामने आए हैं ।


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