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देहरादून उत्तराखंड में बिजली विभाग के कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। इसकी वजह से आधी रात के बाद लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार के साथ 10 घंटे तक चली वार्ता के नाकाम होने के बाद राज्य के 4 हजार बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया। ऊर्जा विभाग के कर्मचारी अपनी 14 सूत्रीय मांगों को पूरा करने पर अड़े हुए हैं। इससे पहले 27 मई 2021 को बिजली कर्मियों ने अपनी मांगों के संबंध में खत भेजा था। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को माना नहीं जाएगा वो काम पर नहीं लौटेंगे। समान कार्य समान वेतन, भत्ते, वेतन विसंगतियों समेत 14 मांगों को लेकर बिजली कर्मी हड़ताल कर रहे हैं। कर्मचारियों का एक दल सचिवालय में उर्जा सचिव और विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ बातचीत के लिए पहुंचा था। लेकिन इस दौरान कई बिंदुओं पर सहमति नहीं बन सकी। उत्तराखंड के तीन निगमों के ऊर्जा कर्मी हड़ताल पर हैं। उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने इस हड़ताल का ऐलान किया है। ऊर्जा विभाग के साथ वार्ता विफल होने के बाद मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने वार्ता के लिए बुलाया। करीब 4 घंटे की वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकल पाया। रात 12 बजे तक वार्ता का कोई हल नहीं निकलने के बाद राज्य के विद्युत कर्मी हड़ताल पर चले गए। इस बीच ऑल इंडिया पावर इंजिनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे का कहना है कि उत्तराखंड सरकार की ना तो कोई नीति है ना नीयत है। बिजली कर्मियों का काम अंधेरा खत्म कर रोशनी लाना है लेकिन राज्य सरकार उनकी जिंदगी में अंधेरा लाने पर अड़ी है।
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