रविवार, 18 जुलाई 2021

Uttarakhand News: क्‍या राज्‍य तय करेगा नागरिकों का भोजन? हरिद्वार में बूचड़खाने पर रोक लगाने पर हाई कोर्ट ने उठाए सवाल

नैनीताल ने हरिद्वार में बूचड़खानों पर रोक लगाने के फैसले की संवैधानिकता पर सवाल उठाए हैं। अदालत ने कहा कि सभ्यता का आंकलन अल्पसंख्यकों के साथ किए जाने वाले व्यवहार के आधार पर होता है। मंगलौर कस्बे के रहने वाले याचिककार्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि सवाल यह है कि क्या नागरिकों को अपना भोजन चुनने का अधिकार है या राज्य इसका फैसला करेगा? मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की पीठ ने कहा, 'लोकतंत्र का मतलब है अल्पसंख्यकों की रक्षा। सभ्यता का आंकलन केवल इस बात से किया जा सकता है कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है। हरिद्वार जैसी पाबंदी से सवाल उठता है कि राज्य किस हद तक नागरिकों के विकल्पों को तय कर सकता है।' याचिका में कहा गया है कि पाबंदी निजता के अधिकार, जीवन के अधिकार, स्वतंत्रता से अपने धार्मिक रीति रिवाजों का अनुपालन करने के अधिकार का उल्लंघन करता है। यह हरिद्वार में मुस्लिमों के साथ भेदभाव करता है जहां पर मंगलौर जैसे कस्बे में बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है। याचिका में कहा गया, 'हरिद्वार में धर्म और जाति की सीमाओं से परे साफ और ताजा मांसाहार से मनाही भेदभाव जैसा है।' गौरतलब है कि इस साल मार्च में राज्य सरकार ने हरिद्वार को 'बूचड़खानों से मुक्त क्षेत्र' घोषित कर दिया था और बूचड़खानों के लिए जारी अनापत्तिपत्रों को भी रद कर दिया था। 'मांस पर पूर्ण पाबंदी असंवैधानिक' याचिका में दावा किया गया कि यह पाबंदी 'मनमाना और असंवैधानिक है।' याचिका में इस फैसले को दो कारणों से चुनौती दी गई है। इसमें कहा गया कि मांस पर किसी तरह की पूर्ण पांबदी असंवैधानिक है, जबकि उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम में उत्तराखंड सरकार की ओर से जोड़ी गई धारा-237ए, उसे नगर निगम, परिषद या नगर पंचायत को बूचड़खाना मुक्त घोषित करने का अधिकार प्रदान करती है। अदालत ने कहा कि याचिका में गंभीर मौलिक सवाल उठाए गए हैं और इसमें संवैधानिक व्याख्या शामिल है। 'बकरीद तक फैसला करना संभव नहीं' अदालत ने कहा कि यह संवैधानिक मामला और त्योहार को देखते हुए सुनवाई में जल्दबाजी नहीं की जा सकती है। इस मामले पर फैसला बकरीद तक करना संभव नहीं है।अगली सुनवाई के लिए 23 जुलाई को होगी।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3xNq0DD

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें