शनिवार, 31 जुलाई 2021

Uttarakhand IAS transfer list: उत्तराखंड में 34 आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर, देखें लिस्ट

करन खुराना,देहरादून उत्तराखंड सरकार ने 34 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। इन तबादलों में 4 जिलों के जिलाधिकारी भी बदले गए है। सबसे चर्चित आईएएस अधिकारी दीपक रावत को फिर से कुम्भ मेलाधिकारी पद पर भेजा गया है। पिछली ट्रांसफर सूची में दीपक रावत को एमडी ऊर्जा विभाग का पदभार सौंपा गया था। स्थानांतरण सूची में सबसे पहले उत्तराखंड की वरिष्ठ आईएएस राधा रतूड़ी को अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा का पदभार सौंपा गया है। आईएएस जावलकर दिलीप को स्थानीय आयुक्त नई दिल्ली। आईएएस दीपक रावत को कुम्भ मेलाधिकारी के पद पर वापस भेजा गया है।आईएएस विनय शंकर पांडेय को जिलाधिकारी हरिद्वार और उपाध्यक्ष हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण का महत्वपूर्ण पद सौंपा गया है। विनय शंकर का भी ट्रांसफर विनय शंकर पांडेय इससे पहले महानिदेशक, विद्यालय शिक्षा और नगर आयुक्त देहरादून का पदभार संभाल रहे थे। आईएएस सी रविशंकर को अपर सचिव चिकित्सा शिक्षा तथा महानिदेशक शिक्षा चिकित्सा का पदभार सौंपा गया। वंदना सिंह बनीं अल्मोड़ा की डीएम आईएएस आशीष चौहान को जिलाधिकारी पिथौरागढ़ का पदभार सौंपा गया है। सुश्री वंदना सिंह को जिलाधिकारी अल्मोड़ा का पदभार सौंपा गया है। आईएएस हिमांशु खुराना को जिलाधिकारी चमोली का महत्वपूर्ण पद सौंपा गया है।


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हरीश रावत ने टोपी पहने भाजपा नेताओं की तस्वीरें साझा कीं

देहरादून, 31 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने टोपी पहने अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवणी जैसे भाजपा के दिग्गज नेताओं की तस्वीरें शनिवार को फेसबुक पर साझा करते हुए पार्टी को इनके नामों के आगे ''मौलाना'' लगाने की चुनौती दी, जैसा कि पार्टी ने अतीत में उनके साथ किया था।

कांग्रेस नेता ने तस्वीरों के साथ एक पोस्ट लिखी जिसमें उन्होंने कहा कि जब उन्होंने एक दरगाह में टोपी पहनी तो भाजपा ने उन तस्वीरों को ''हर घर पहुंचाया और उन्हें मौलाना हरीश रावत नाम दिया।''

उन्होंने ''भाजपा के मित्रों'' को वे तस्वीरें देखने के लिये कहा, जिनमें वाजपेयी, आडवाणी और राजनाथ सिंह जैसे पुराने नेता टोपी पहने दिख रहे हैं। रावत ने उनसे पूछा कि क्या उनमें अपने नेताओं के नामों के आगे भी ''मौलाना'' लगाने की हिम्मत है।

रावत ने दावा किया कि भाजपा के ''हिंदुत्व के सितारे'' नरेन्द्र मोदी की भी तस्वीर है। उन्होंने पूछा कि पार्टी में उन्हें भी इस तरह संबोधित करने की हिम्मत है।

हालांकि, कांग्रेस नेता द्वारा साझी की गईं तस्वीरों में मोदी की तस्वीर नहीं दिखाई दी।



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उत्तराखंड में कक्षा नौवीं से 12वीं के लिए स्कूल सोमवार से फिर खुलेंगे

देहरादून, 31 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड में कक्षा नौवीं से 12वीं तक के लिए स्कूल दो अगस्त को और कक्षा छठीं से आठवीं के 16 अगस्त को फिर से खुलेंगे। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

राज्य में स्कूल कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय से बंद है। राज्य सरकार की ओर से इस आशय का एक आदेश जारी कर कहा गया है कि यह सभी बोर्डिंग, डे बोर्डिंग सरकारी और निजी स्कूलों पर लागू होगा।

आदेश के अनुसार सभी स्कूलों से कहा गया है कि वे अपने परिसर को अच्छी तरह से सैनिटाइज करें और प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनिटाइज करने के बाद ही छात्रों को प्रवेश दें। आदेश में कहा गया है कि छात्रों को भौतिक रूप से कक्षाओं में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ऑनलाइन उपस्थिति का विकल्प भी उनके पास उपलब्ध होगा।

इसमें कहा गया है कि जो विद्यार्थी अपनी कक्षाओं में शामिल होने के लिए स्कूल आते हैं, उन्हें ऐसा करने के लिए अपने माता-पिता या अभिभावकों की सहमति लेनी होगी। इसमें कहा गया है कि कक्षा एक से पांचवीं तक के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं पहले की तरह जारी रहेंगी।

स्कूलों को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए भी कहा गया है जो छात्रों की ओर से कोविड के उचित व्यवहार को सुनिश्चित करेगा और किसी भी उल्लंघन के मामले में कार्रवाई करेगा। आदेश के अनुसार सभी छात्रों, शिक्षकों और स्टॉफ के सदस्यों के लिए मास्क पहनना, सामाजिक दूरी का पालन करना और बार-बार हाथ साफ करना अनिवार्य होगा।

आदेश में कहा गया है कि यदि स्कूल परिसर में किसी को बुखार, खांसी या सर्दी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो नोडल अधिकारी स्कूल प्रबंधन और प्रधानाचार्य के परामर्श से तुरंत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करेगा।

इसमें कहा गया है कि शिक्षक, स्टॉफ के सदस्य और स्कूल परिसर के भीतर रहने वाले विद्यार्थियों को 48 घंटे से अधिक पुरानी आरटी-पीसीआर परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद ही प्रवेश दिया जाना चाहिए।

आदेश में कहा गया है कि स्कूलों द्वारा शिक्षा के ‘हाइब्रिड मोड’ को अपनाया जाएगा, जिसका अर्थ कक्षाओं को एक साथ मोबाइल और अन्य उपकरणों पर ‘लाइव स्ट्रीमिंग’ द्वारा भौतिक और ऑनलाइन दोनों तरह से आयोजित करना होता है।



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School reopen news: उत्तराखंड में 2 अगस्त से खुलेंगे स्कूल, SOP जारी

करन खुराना, देहरादून कोरोना महामारी के चलते स्कूल काफी समय से बंद हैं। अब राज्य सरकार ने स्कूल फिर से खोलने का फैसला लिया है। एसओपी के अनुसार, 2 अगस्त से 9 से 12 कक्षा के छात्र-छात्राएं स्कूल जाएंगे और 16 अगस्त से 6 से 8 कक्षा के छात्र-छात्रा स्कूल जा सकते हैं। डीजी एजुकेशन विनय शंकर पांडेय ने बताया कि स्कूल और बोर्डिंग खोलने को लेकर एसओपी जारी कर दी गई है। विनय शंकर पांडेय ने बताया कि बच्चों के परिजनों की सहमति जरूरी है। बच्चों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम दोनों ही जारी रहेंगे। कक्षा 9 से 12 के लिए हफ्ते में 5 दिन 4 घंटे के लिए स्कूल खोले जाएंगे और कक्षा 6 से 8 के लिए हफ्ते में 5 दिन 3 घंटे के लिए स्कूल खोले जाएंगे। नेगेटिव आरटीपीसीआर की रिपोर्ट अनिवार्य विनय शंकर पांडेय ने बताया कि बोर्डिंग में जाने वाले बच्चों के लिए नेगेटिव आरटीपीसीआर की रिपोर्ट अनिवार्य है। बोर्डिंग स्टाफ के लिए भी आरटीपीसीआर टेस्ट जरूरी है। समय-समय पर यह टेस्ट स्कूल को अपने स्तर पर कराने होंगे। डीजी एजुकेशन ने बताया कि सैनिटाइजर और मास्क आवश्यक है, अगर किसी स्कूल में बच्चों की संख्या ज्यादा है तो वो दो पाली में बच्चों को स्कूल बुला सकते हैं।


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शुक्रवार, 30 जुलाई 2021

चमोली के मंडल में उत्तराखंड के पहले आर्किड संरक्षण केंद्र का उद्घाटन

देहरादून, 30 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के पहले आर्किड संरक्षण केंद्र का शुक्रवार को चमोली जिले के मंडल में उद्घाटन हुआ जहां इस पौधे की 70 विभिन्न प्रजातियां मौजूद हैं।

उत्तराखंड के मुख्य वन संरक्षक (शोध) संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि प्रदेश के वन विभाग की अनुसंधान शाखा द्वारा विकसित आर्किड केंद्र को चार भागों- संरक्षण एवं प्रदर्शन क्षेत्र, 1.25 किमी लंबी आर्किड ट्रेल, इंटरप्रेटेशन केंद्र और आर्किड नर्सरी, में बांटा गया है ।

उन्होंने बताया कि आर्किड की 70 विभिन्न प्रजातियों में से ज्यादातर प्रजातियां औषधीय गुणों से युक्त और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनमें से कई प्रजातियां जैसे ‘लेडीज स्लीपर’ संकटग्रस्त पादपों की श्रेणी में हैं । पिछले दो वर्षों में केंद्र को विकसित करने की प्रक्रिया के दौरान मंडल में आर्किड की कुछ नई प्रजातियां भी मिलीं जिन्हें पहले कभी नहीं देखा गया था ।

उत्तराखंड में कुल मिलाकर आर्किड की करीब 250 प्रजातियां प्राप्त हो चुकी हैं और भारी वर्षा और अत्यधिक समृद्ध वनाच्छादित क्षेत्र होने के कारण मंडल घाटी में खास तौर पर ये बहुतायत में पाई जाती हैं ।

वन अधिकारी ने कहा कि आर्किड केंद्र बनाने का मुख्य उद्देश्य आर्किड प्रजातियों का संरक्षण करने, पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय लोगों के लिए आजीविका के अवसर प्रदान करना है ।

उन्होंने बताया कि पादप जगत में आर्किड का वही स्थान है जो प्राणि जगत में बाघ का है । पारिस्थितिकीय परिवर्तन के प्रति आर्किड बहुत संवेदनशील होते हैं और इसलिए किसी पारिस्थितकी तंत्र के स्वास्थ्य को मापने के लिए इसे एक अच्छा मानदंड माना जाता है । निर्माण कार्य, वनों के कटने तथा आर्किड की तस्करी जैसे गतिविधियों के कारण उनके अस्तित्व पर संकट पैदा हो गया है ।

उत्तराखंड में औषधीय गुणों से युक्त इसकी हाथा जडी, जीवक, रिद्धि, वृद्धि, ऋषभक, सलम मिश्री आदि प्रजातियां पाई जाती हैं । चतुर्वेदी ने कहा कि सिक्किम और उत्तर पूर्वी राज्यों ने पर्यटन और लोगों की आजीविका के मद्देनजर आर्किड के उपयोग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया है ।



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गुरुवार, 29 जुलाई 2021

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को हर दिन दो घंटे जनसमस्याओं का समाधान करने को कहा

देहरादून, 29 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु ने बृहस्पतिवार को अधिकारियों से सुशासन के मद्देनजर हर दिन दो घंटे जनसंपर्क और जनसमस्याओं का समाधान करने को कहा है।

मुख्य सचिव डॉ संधु ने गढ़वाल एवं कुमायूँ के आयुक्त, सभी जिलाधिकारियों एवं तहसील एवं विकास खण्ड अधिकारियों को जारी अपने आदेश में जनसमस्याओं के समाधान की व्यवस्था सुदृढ़ करने के निर्देश दिए और सभी कार्यालयध्यक्षों को प्रतिदिन पूर्वाह्न 10 बजे से 12 बजे तक अपने कार्यालयों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने को कहा है।

उन्होंने इस अवधि में कोई अन्य बैठक नियत न किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि अपरिहार्य कारणों से व्यक्तिगत उपलब्धता सम्भव न होने की दशा में अन्य सक्षम प्राधिकारी की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि जनसम्पर्क के दौरान भेंट करने वाले व्यक्तियों के प्रति यथोचित शिष्टाचार के साथ प्राप्त समस्याओं एवं विषयों को गम्भीरता से लेते हुए समयबद्धता एवं गुणवत्ता के साथ निस्तारित किया जाए।

संधु ने कोविड महामारी के आने से पहले तहसील स्तर पर प्रत्येक माह के प्रथम एवं तृतीय मंगलवार को प्रचलित ‘तहसील दिवस' की व्यवस्था को पुन: शुरू करने को भी कहा है।

उन्होंने मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों द्वारा हर माह भेजी जाने वाली रिपोर्ट के साथ ही निर्देशित बिन्दुओं पर कार्यवाही एवं परिणाम भेजे जाने के भी निर्देश जारी किए हैं।



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सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न दिलाने की मुहिम, जानिए क्यों AAP के लिए अहम है यह मुद्दा

देहरादून/नई द‍िल्‍ली उत्तराखंड में अगले साल होने वाले व‍िधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने बड़ा दांव खेला है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड के सपूत और हिमालय के रक्षक कहे जाने वाले पर्यावरणविद दिवंगत को भारत रत्‍न देने की मांग की है। दिल्ली विधानसभा ने गुरुवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से बहुगुणा को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजे जाने का अनुरोध किया। दरअसल सुंदरलाल बहुगुणा का नाम उत्तराखंड में बड़े अदब के साथ ल‍िया जाता है। उन्‍होंने च‍िपको आंदोलन समेत कई बड़े आंदोलन क‍िए और अपना पूरा जीवन पर्यावरण को समर्पित कर द‍िया। ऐसे में आम आदमी पार्टी सुंदर लाल बहुगुणा के नाम के सहारे अपनी चुनावी नैय्या पार लगाने की तैयारी में है। दिल्ली विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन प्रस्ताव पर बहस में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सदन इस प्रस्ताव को पारित कर रहा है, लेकिन पूरा देश चाहता है कि बहुगुणा को भारत रत्न दिया जाए। केजरीवाल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर सर्वोच्च नागरिक सम्मान बहुगुणा को मिलता है तो यह भारत रत्न के लिए गौरव की बात होगी।’ केजरीवाल ने कहा कि बहुगुणा ने न केवल पर्यावरण की रक्षा की बल्कि कई अन्य सामाजिक कार्यों के लिए भी काम किया। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया। उत्तराखंड में म‍िल रहे फीडबैक से 'आप' गदगद दरअसल आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में व‍िधानसभा चुनाव को लेकर पूरी जी-जान से मेहनत कर रही है। प्रदेश में 300 यून‍िट फ्री ब‍िजली देने का वादा करने के साथ ही अरव‍िंद केजरीवाल ने उत्तराखंड में पानी और जवानी(युवा) को बचाने का ऐलान क‍िया है। इसके ल‍िए आप पार्टी प्रदेश में हर बड़े-छोटे स्‍तर पर आंदोलन चला रही है। इसके साथ ही जन-जन की भागीदारी के ल‍िए हस्‍ताक्षर अभ‍ियान भी चला रही है। इसमें लोगों का रुझान देखकर द‍िल्‍ली सरकार की बांछे ख‍िल गई हैं। बीजेपी के ख‍िलाफ 'आप' से उम्‍मीदें राजनीत‍िक जानकारों की माने तो उत्तराखंड में बीजेपी के ख‍िलाफ चुनौती देने के ल‍िए कांग्रेस नाकाफी है। ऐसे में वहां आम आदमी की धमक और लोगों की पार्टी के प्रत‍ि बढ़ती द‍िलचस्‍पी से द‍िल्‍ली सरकार गदगद है। ऐसे में आम आदमी पार्टी जहां कर्नल अजय कोठियाल को उत्तराखंड में पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा बनाने की तैयारी कर रही है। वहीं पहाड़ से जुड़े क‍िसी मुद्दे को छोड़ना भी नहीं चाहती। इसी क्रम में गुरुवार को द‍िल्‍ली सीएम अरव‍िंद केजरीवाल ने पर्यावरणविद दिवंगत सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्‍न देने की मांग की है। आइए उनके बारे में कुछ खास बातें जानते हैं... कौन थे सुंदर लाल बहुगुणा सुंदर लाल बहुगुणा महात्‍मा गांधी के पक्के अनुयायी थे। बहुगुणा ने अपने जीवन का एकमात्र लक्ष्य तय कर लिया और वह पर्यावरण की सुरक्षा था। उनका जन्म 9 जनवरी, 1927 को हुआ था। उत्तराखंड के टिहरी में जन्मे सुंदरलाल उस समय राजनीति में दाखिल हुए, जब बच्चों के खेलने की उम्र होती है। 13 साल की उम्र में उन्होंने राजनीतिक करियर शुरू किया। दरअसल राजनीति में आने के लिए उनके दोस्त श्रीदेव सुमन ने उनको प्रेरित किया था। सुमन गांधीजी के अहिंसा के सिद्धांतों के पक्के अनुयायी थे। सुंदरलाल ने उनसे सीखा कि कैसे अहिंसा के रास्‍ते से समस्याओं का समाधान करना है। हर‍िजनों के अध‍िकार के ल‍िए भी क‍िया आंदोलन कहा जाता है क‍ि 1956 में जब सुंदरलाल बहुगुणा की शादी हुई तो उन्‍होंने राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लिया। 18 साल की उम्र में वह पढ़ने के लिए लाहौर गए। उन्होंने मंदिरों में हरिजनों के जाने के अधिकार के लिए भी आंदोलन किया। 23 साल की उम्र में उनका विवाह विमला देवी के साथ हुआ। उसके बाद उन्होंने गांव में रहने का फैसला किया और पहाड़ियों में एक आश्रम खोला। बाद में उन्होंने टिहरी के आसपास के इलाके में शराब के खिलाफ मोर्चा खोला। 1960 के दशक में उन्होंने अपना ध्यान वन और पेड़ की सुरक्षा पर केंद्रित किया। पहाड़ पर पड़ों की कटाई के ख‍िलाफ शुरू चिपको आंदोलन पर्यावरण सुरक्षा के लिए 1970 में शुरू हुआ आंदोलन पूरे भारत में फैलने लगा। चिपको आंदोलन उसी का एक हिस्सा था। गढ़वाल हिमालय में पेड़ों के काटने को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन बढ़ रहे थे। 26 मार्च, 1974 को चमोली जिला की ग्रामीण महिलाएं उस समय पेड़ से चिपककर खड़ी हो गईं जब ठेकेदार के आदमी पेड़ काटने के लिए आए। यह विरोध प्रदर्शन तुरंत पूरे देश में फैल गए। 1980 की शुरुआत में सुंदरलाल बहुगुणा ने हिमालय की 5,000 किलोमीटर की यात्रा की। उन्होंने यात्रा के दौरान गांवों का दौरा किया और लोगों के बीच पर्यावरण सुरक्षा का संदेश फैलाया। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से भेंट की और इंदिरा गांधी से 15 सालों तक के लिए पेड़ों के काटने पर रोक लगाने का आग्रह किया। इसके बाद पेड़ों के काटने पर 15 साल के लिए रोक लगा दी गई। टिहरी बांध को लेकर भी क‍िया था आंदोलन सुंदरलाल बहुगुणा ने टिहरी बांध के खिलाफ आंदोलन में भी अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कई बार भूख हड़ताल की। तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी.नरसिंहा राव के शासनकाल के दौरान उन्होंने डेढ़ महीने तक भूख हड़ताल की थी। सालों तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद 2004 में बांध पर फिर से काम शुरू किया गया। उनका कहना है कि इससे सिर्फ धनी किसानों को फायदा होगा और टिहरी के जंगल में बर्बाद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि भले ही बांध भूकंप का सामना कर लेगा लेकिन यह पहाड़ियां नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि पहले से ही पहाड़ियों में दरारें पड़ गई हैं। अगर बांध टूटा तो 12 घंटे के अंदर बुलंदशहर तक का इलाका उसमें डूब जाएगा।


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Haridwar news: उत्तराखंड के हरिद्वार में अस्थि विसर्जन के लिए आना है तो साथ लाएं कोविड की निगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी

हरिद्वार हरिद्वार जा रहे कांवड़ियों को तो प्रशासन रोक ही रहा है, अस्थियां गंगा में प्रवाहित करने जा रहे लोगों से भी कोविड जांच रिपोर्ट मांगी जा रही है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, कोविड जांच की 72 घंटे पहले आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट जरूरी है। यदि वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं और प्रमाणपत्र है तो निगेटिव रिपोर्ट की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा हरिद्वार आने के लिए स्मार्ट सिटी के पोर्टल पर पंजीकरण भी करवाना अनिवार्य होगा। जिलाधिकारी ने मंगलवार को कोविड कर्फ्यू की एसओपी जारी कर दी है। कोविड कर्फ्यू 3 अगस्त तक लागू इधर उत्तराखंड में कोविड कर्फ्यू को एक हफ्ते के लिए और बढ़ा दिया गया है। 10 मई से शुरू हुआ कोविड कर्फ्यू को सोमवार को एक हफ्ते के लिए फिर से जारी रखने का फैसला लिया गया है। अब कोविड कर्फ्यू 3 अगस्त तक लागू रहेगा। वहीं सरकार ने प्रदेश में स्पा और सैलून खोलने का फैसला लिया है। इसके अलावा प्रदेश भर के तमाम सरकारी कार्यालयों को 100% की क्षमता के साथ खोलने का आदेश जारी किए गए हैं। राजनीतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो सकेगा बाकी तमाम निर्देश और फैसले पूर्ववत जारी रहेंगे। इस बार के आदेश के मुताबिक, प्रदेश में राजनीतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो सकेगा लेकिन सक्षम अधिकारी से अनुमति लेने के बाद ही इसे किया जाएगा। ट्रेनिंग संस्थान भी खुल सकेंगे। पिछले हफ्ते मॉल-मल्टीप्लेक्स खोलने का फैसला सरकार ने लिया था। इसके बाद स्पा और सैलून खोलने के आदेश भी सरकार ने जारी कर दिए हैं। कोरोना केसेस में आई है गिरावट पिछले तीन-चार दिन के आंकड़ों पर ध्यान दें तो 23 जुलाई को 11 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं और एक भी मृत्यु नहीं हुई है। 24 जुलाई को 33 कोरोना संक्रमित मरीज मिले और मृत्यु एक भी नहीं। 25 जुलाई को 51 कोरोना संक्रमित मरीज मिले और एक भी मौत दर्ज नहीं की गई। 26 जुलाई को 54 कोरोना संक्रमित मरीज मिले और मृत्यु एक भी नहीं। आंकड़ो पर ध्यान दिया जाए तो कोरोना मरीजो में भारी गिरावट है। साथ ही मृत्यु दर शून्य चल रहा है।


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बुधवार, 28 जुलाई 2021

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सिविल जज को अवमानना नोटिस जारी किया

नैनीताल, 28 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को अपनी लैंगिक पहचान उजागर नहीं करने वाले मुबंई के एक दुष्कर्म पीड़ित को महिला माने जाने संबंधी उसके निर्देश का पालन नहीं करने वाले एक सिविल जज को अवमानना नोटिस जारी किया।

मुंबई निवासी दुष्कर्म पीड़ित की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने पौड़ी गढ़वाल के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव और सीनियर डिवीजन के सिविल जज संदीप कुमार तिवारी को अवमानना नोटिस जारी किया। सिविल जज को अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।

इससे पहले, पीड़ित ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को महिला मानने का निर्देश जारी किया गया था। बाद में पीड़ित ने एक अवमानना याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया कि उक्त जज ने इस संबंध में उच्च न्यायालय के निर्देश को मानने से इनकार कर दिया।



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उच्च न्यायालय ने पर्यटन स्थलों पर कोविड नियमों के उल्लंघन के लिए उत्तराखंड सरकार की खिंचाई की

नैनीताल, 28 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पर्यटन स्थलों पर कोविड-19 मानक संचालन प्रक्रिया के तहत नियमों के उल्लंघन के लिए बुधवार को राज्य सरकार की खिंचाई की और उच्चतम न्यायालय में लंबित चारधाम यात्रा मामले के निस्तारण तक उस पर लगी रोक भी आगे बढ़ा दी।

नैनीताल आ रहे 75 प्रतिशत पर्यटकों के कोविड-19 एसओपी का पालन नहीं करने और उससे पिछले सप्ताह संक्रमण के मामलों में वृद्धि होने का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान तथा न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सप्ताहांत में पर्यटन स्थलों में बढ़ती भीड़ को लेकर चिंता प्रकट की और उसे नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में राज्य सरकार से सवाल पूछा।

उच्च न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के बीच चारधाम यात्रा संचालित करने में जोखिम के मद्देनजर 28 जून को उसे शुरू करने पर रोक लगा दी थी जिसे राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। हांलांकि, इस पर उच्चतम न्यायालय में अभी सुनवाई शुरू नहीं हुई है।

महामारी के बीच यात्रा के लिए राज्य सरकार की तैयारियों से संबंधित जनहित याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शिव भट्ट ने कहा कि चारधाम यात्रा के संबंध में राज्य सरकार द्वारा दायर की गयी विशेष अनुमति याचिका पर उच्चतम न्यायालय में अभी सुनवाई नहीं हुई है इसलिए यात्रा पर रोक के आदेश को आगे विस्तारित किया जाना चाहिए।

उच्च न्यायालय द्वारा चारधाम यात्रा पर स्थगनादेश के बुधवार को समाप्त होने के मद्देनजर उसे सुनवाई की अगली तारीख 18 अगस्त या उच्चतम न्यायालय में इससे संबंधित मामले के निस्तारण होने की अवधि तक आगे बढ़ा दिया गया।

अदालत ने सप्ताहांत में पर्यटन स्थलों में बढ़ती भीड़ पर चिंता जाहिर करते हुए जिला प्रशासनों से पूछा कि उनके पास पर्यटकों को नियंत्रित करने की क्या योजना है। अदालत ने टिप्पणी की कि नैनीताल में ही 75 प्रतिशत पर्यटक एसओपी का पालन नहीं कर रहे हैं, कोई भी सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहा है और इसके कारण पिछले सप्ताह नैनीताल में संक्रमण के 10 मामले आए। अदालत ने जानना चाहा कि कोविड-19 एसओपी का पालन नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ कितने मामले दर्ज किए गए।

उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से सरकारी अस्पतालो में चिकित्सकों, नर्सों और तकनीकी स्टाफ की रिक्तियों की संख्या तथा उन्हें भरने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी पूछा। अदालत ने जिला अस्पतालों को एंबुलेंसों की वास्तविक स्थिति सामने लाने को कहा तथा जिला अस्पतालों में एंबुलेंस की संख्या, उनकी दशा तथा जरूरत के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा।

स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने अदालत को बताया कि प्रदेश में 95 ब्लॉक हैं। राज्य में 108 सेवा की 54 एंबुलेंस हैं और हर ब्लॉक में एक एंबुलेंस के हिसाब से अभी 41 एंबुलेंसों की और जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को एक अर्जी भेजी गई है।

अदालत ने प्रदेश में जारी कोविड टीकाकरण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी व्यक्तिगत तौर पर निगरानी करने के निर्देश दिए। टीकाकरण केंद्रों की संख्या को पर्याप्त नहीं बताते हुए अदालत ने सरकार से पूछा कि दिव्यांग लोगों के टीकाकरण के लिए सरकार क्या कर रही है।

अदालत ने जांच के लिए भेजे गए 300 संदिग्ध डेल्टा प्लस स्वरूप के नमूनों के परिणाम तथा अब तक संक्रमण से हुई मृत्यु की संख्या के बारे में भी पूछा। अदालत ने राज्य सरकार से इस संबंध में 18 अगस्त तक विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।



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उत्तराखंड में एस्मा लागू... अब 6 महीने तक नहीं कर सकेंगे हड़ताल

करन खुराना, देहरादून उत्तराखंड प्रदेश में यूजेवीएन लिमिटेड, उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन और के संयुक्त मोर्चा ने 14 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला लिया था। तकरीबन 3500 अधिकारी और कर्मचारी इस संयुक्त मोर्चे में शामिल थे। सोमवार रात 12 बजे से इस हड़ताल की घोषणा हुई थी। सोमवार को संयुक्त मोर्चे के पदाधिकारियों की बैठक ऊर्जा सचिव आईएएस सौजन्य और मुख्य सचिव एस एस संधू के साथ हुई, लेकिन दोनों बैठकों का परिणाम संयुक्त मोर्चे के अनुरूप नही था, जिस कारण रात 12 बजे से हड़ताल घोषित कर दी गई थी। बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने हड़ताल की घोषणा के कारण पूरे प्रदेश में हड़कम्प मच गया। इस कारण सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए प्रदेश में एस्मा कानून लागू कर दिया। जिसके अंतर्गत अगले छह महीने तक यूजेवीएन लिमिटेड, उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन और पॉवर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन ऑफ उत्तराखंड के कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकते। ऊर्जा सचिव आईएएस सौजन्य ने नवभारतटाइम्स ऑनलाइन को बताया कि इसके बावजूद अगर हड़ताल की जाती है तो कर्मचारियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई होगी। साथ ही ऊर्जा सचिव ने बताया कि बिजली घरों को चलाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर ली गई है। संयुक्त मोर्चे के पदाधिकारियों ने बताया कि ऊर्जा सचिव ने उनको आश्वस्त किया था कि 27 जुलाई को होने वाली कैबिनेट में उनकी समस्याओं का निस्तारण होगा, लेकिन कैबिनेट में इस संबंध में कोई चर्चा तक नहीं हुई। इसके बाद कैबिनेट ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत, आईएएस दीपक रावत, आईएएस नीरज खैरवाल और संयुक्त मोर्चे के पदाधिकारियों में एक बैठक हुई। जिसमें कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने एक माह में उनकी बिजली कर्मचारियों की समस्याओं का निस्तारण करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद संयुक्त मोर्चे ने हड़ताल स्थगति करने का फैसला लिया।


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रक्त कैंसर से जूझ रही अनु के इलाज के लिए मुख्यमंत्री ने पांच लाख रुपये दिए

देहरादून, 28 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एम्स ऋषिकेश में रक्त कैंसर से जूझ रहीं अनु धामी के इलाज के लिए पांच लाख रुपये का चेक बुधवार को उनके पति को सौंपा।

धामी ने परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण पिथौरागढ़ जिले की निवासी 25 वर्षीय अनु का इलाज बीच में ही रुक जाने का पता चलते ही मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से पांच लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की और चेक उनके पति मदन धामी को सौंप दिया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अनु धामी के इलाज के लिए सरकार की ओर से हरसंभव मदद दी जाएगी।

इससे पहले, मुख्यमंत्री ने सोमवार को देहरादून के जिलाधिकारी आर राजेश कुमार को अनु के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए एम्स ऋषिकेश भेजा था जिन्होंने उनसे मिलकर उन्हें मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से पाँच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की जानकारी दी थी।

रक्त कैंसर से पीड़ित अनु का छह माह का एक बच्चा भी है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के चिकित्सा अधीक्षक बी के बस्तिया ने बताया कि अनु की स्थिति गंभीर है और उपचार के लिए उनका अस्थि मज्जा प्रतिरोपित होना है।

अनु के इलाज में मुश्किल तब आ खड़ी हुई जब उनके आयुष्मान कार्ड से मुफ्त इलाज की पांच लाख रुपये की सीमा खत्म हो गयी। इसके बाद अनु के पति मदन धामी ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मदद की गुहार लगाई थी।



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Plastic free Rishikesh: ऋषिकेश को साफ-सुथरा बनाने के लिए एक और कदम... सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगी रोक

विनीता कुमार, पर्यटन नगरी ऋषिकेश की नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती-ढालवाला क्षेत्र में पूरी तरह से सिंगल यूज प्लास्टिक की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। अपर आयुक्त डॉ. हरक सिंह रावत ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। मुनिकीरेती नगर पालिका सभागार में बैठक हुई। अपर आयुक्त ने मुनि की रेती पालिका क्षेत्र में प्लास्टिक बिक्री पर रोक लगाने के लिए पालिका के सभी अधिकारियों को चालान बुक साथ में रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कूड़ा वाहनों में कूड़े के लिए तीन अलग-अलग जगहें बनाई जाएं। इसमें तीनों डब्बों का प्रयोग जैविक, अजैविक और कोविड वेस्ट के लिए किया जाए। कूड़ा वाहनों में जीपीएस एक्टिवेट करने के आदेश उन्होंने पालिका के सभी कूड़ा वाहनों में जीपीएस एक्टिवेट करने के निर्देश दिए। इसके अलावा एक कूड़ा वाहन और एक ड्राइवर को रिजर्व के तौर पर रखने के लिए कहा, ताकि इमरजेंसी में उनका प्रयोग किया जा सके। पालिका के अधिशासी अभियंता बीपी भट्ट ने बताया कि अजैविक कूड़े को बेचकर पालिका को अब तक 15 लाख रुपये की आय प्राप्त हो चुकी है। नगर पालिका कर रही है कार्रवाई उन्होंने ने बताया कि नगर में प्लास्टिक का प्रयोग करने वालों का चालान कर वसूली की जा रही है। इसमें अभी तक 55 हजार रुपये की वसूली की जा चुकी है। निकाय की ओर से खुले में कूड़ा फेंकने वालों के विरुद्ध भी लगातार कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। इससे अब तक निकाय को 56 हजार की आय प्राप्त हो चुकी है।


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उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पंजीकरण शुल्क पर बार काउंसिल को नोटिस जारी किया

देहरादून, 28 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने वकील के रूप में नाम दर्ज कराने के लिए कानून के स्नातकों से अत्यधिक पंजीकरण शुल्क लेने के मामले में बुधवार को उत्तराखंड बार काउंसिल और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया।

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह राठौर और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा ने उत्तराखंड बार काउंसिल, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, भारत सरकार तथा उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी करते हुए उन्हें इस संबंध में अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया।

यह नोटिस उत्तराखंड बार काउंसिल के उन नियमों की वैधता को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान जारी किया गया जिनके तहत कानून के स्नातकों से वकील के रूप में पंजीकरण के लिए अत्यधिक शुल्क लिया जाता है।

देहरादून स्थित गैर सरकारी संगठन ‘रूरल लिटिगेशन एंड एनटाइटलमेंट केंद्र’ (रूलक) ने यह जनहित याचिका दायर की थी।

रूलक के अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 24 (1)(एफ) के तहत वकील के रूप में पंजीकरण के लिए 750 रुपये लिए जाने चाहिए लेकिन उत्तराखंड बार काउंसिल इसके लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों से 18,650 और आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों से 15,525 रुपये, 40 साल से ज्यादा उम्र के पुरुष उम्मीदवारों से 38,650 रुपये और 40 साल से ज्यादा की महिला उम्मीदवारों से 33,650 रुपये ले रही है।

उन्होंने कहा कि अधिवक्ता अधिनियम 1961 के अनुसार अत्यधिक पंजीकरण शुल्क नहीं लिया जा सकता और पंजीकरण शुल्क को 750 रुपये रखने का उद्देश्य इसे पूरे देश में एक समान और सबकी वहन क्षमता के भीतर रखना था।



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बद्रीनाथ धाम को बताया मुस्लिमों का धर्मस्थल बदरुद्दीन शाह, उत्तराखंड में अज्ञात मौलाना पर केस

देहरादून उत्तराखंड में पर विवादित टिप्पणी करने वाले एक मौलवी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में मौलवी बद्रीनाथ दाम को बदरुद्दीन शाह बता रहा है। इसके साथ ही वह वीडियो में कह रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री को बद्रीनाथ धाम को मुसलमानों को सौंप देना चाहिए। इस मामले में मौलवी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। देहरादून के रहने वाले जगदम्बा प्रसाद पंत ने थाना रायपुर में इसकी शिकायत दर्ज करवाई है। इसमें उन्होंने बताया है कि सोशल मीडिया पर श्री बद्रीनाथ धाम को लेकर एक मौलवी ने आपत्तिजनक टिप्पणी की है। उसने बद्रीनाथ धाम को मुस्लिम समुदाय का धार्मिक स्थल बताया गया है। इस शिकायत पर थाना रायपुर में उक्त अज्ञात मौलवी के विरुद्ध धारा 153(A), 505 IPC / 66 (F) IT एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है। बता दें कि इस वीडियो के वायरल होने के कुछ दिन बाद उसी मौलवी का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में मौलवी माफी मांगते नजर आ रहा है। वीडियो में मौलवी कह रहा है कि वीडियो पुराना है और वह अपने हिन्दू भाइयों से इसके लिए माफी मांगते हैं।


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उत्तराखंड में 3 अगस्त तक बढ़ा कोरोना कर्फ्यू, सरकारी कार्यालय पूरी तरह से खोलने के आदेश जारी

करन खुराना,देहरादून उत्तराखंड में को एक हफ्ते के लिए और बढ़ा दिया गया है। 10 मई से शुरू हुआ कोविड कर्फ्यू को सोमवार को एक हफ्ते के लिए फिर से जारी रखने का फैसला लिया गया है। अब कोविड कर्फ्यू 3 अगस्त तक लागू रहेगा। वहीं सरकार ने प्रदेश में स्पा और सैलून खोलने का फैसला लिया है। इसके अलावा प्रदेश भर के तमाम सरकारी कार्यालयों को 100% की क्षमता के साथ खोलने का आदेश जारी किए गए हैं। बाकी तमाम निर्देश और फैसले पूर्ववत जारी रहेंगे। इस बार के आदेश के मुताबिक, प्रदेश में राजनीतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो सकेगा लेकिन सक्षम अधिकारी से अनुमति लेने के बाद ही इसे किया जाएगा। ट्रेनिंग संस्थान भी खुल सकेंगे। पिछले हफ्ते मॉल-मल्टीप्लेक्स खोलने का फैसला सरकार ने लिया था। इसके बाद स्पा और सैलून खोलने के आदेश भी सरकार ने जारी कर दिए हैं। पिछले तीन-चार दिन के आंकड़ों पर ध्यान दें तो 23 जुलाई को 11 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं और एक भी मृत्यु नहीं हुई है। 24 जुलाई को 33 कोरोना संक्रमित मरीज मिले और मृत्यु एक भी नहीं। 25 जुलाई को 51 कोरोना संक्रमित मरीज मिले और एक भी मौत दर्ज नहीं की गई। 26 जुलाई को 54 कोरोना संक्रमित मरीज मिले और मृत्यु एक भी नहीं। आंकड़ो पर ध्यान दिया जाए तो कोरोना मरीजो में भारी गिरावट है। साथ ही मृत्यु दर शून्य चल रहा है। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि कोरोना के मामले लगातार कम तो हो रहे हैं लेकिन हमें सावधानी बरतनी होगी। सुबोध उनियाल ने कहा कि हम लगातार प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ कर रहे हैं। ऐसे में तमाम लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि इसमें कोई दोराय नहीं कि उत्तराखंड में अब कोविड संक्रमण मरीजों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है लेकिन अभी भी सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है। संभावित तीसरी लहर को देखते हुए भी यह जरूरी है कि अभी कुछ बंदिशें जारी रहे।


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पढ़ें उस महिला की कहानी जो बैंक की नौकरी छोड़ ब्यूटि प्रोडक्ट्स बेचकर कर रहीं करोड़ों की कमाई, अब आएगा IPO

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मंगलवार, 27 जुलाई 2021

उत्तराखंड में छठी से 12 वीं की कक्षाएं एक अगस्त से शुरू

देहरादून, 27 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड में कोविड-19 के कारण लंबे समय से बंद स्कूलों में छठी से लेकर 12 वीं तक की कक्षाएं एक अगस्त से शुरू हो जाएंगी । मंत्रिमंडल की बैठक में इस बारे में निर्णय किया गया ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में यहां राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि कोविड-19 के कारण प्रदेश के शिक्षण संस्थान काफी लंबे समय से बंद पडे़ हैं और मंत्रिमंडल ने अब छठी से लेकर 12 वीं तक की कक्षाओं का संचालन एक अगस्त से शुरू करने का निर्णय किया है ।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, ऊधमसिंहनगर जिले के पंतनगर में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट हेतु चयनित भूमि पर निर्माण शुरू करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने हेतु भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को परामर्शी नियुक्त करने का फैसला लिया गया । उन्होंने बताया कि इसे छह माह के भीतर सरकार को डीपीआर उपलब्ध करानी होगी ।

प्रदेश मंत्रिमंडल ने राज्य विधानसभा का मॉनसून सत्र 23 से 27 अगस्त तक आयोजित करने पर भी अपनी मुहर लगा दी ।

इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले सभी छात्रों को तैयारी के लिए 50,000 रू देने, उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग (पीसीएस) की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले 100 छात्रों को तैयारी के लिए 50,000 रू देने एवं एनडीए तथा सीडीएस की लिखित परीक्षा पास करने वालों को भी 50,000 रूपये देने का निर्णय लिया ।

प्रदेश में कई विभागों में वेतन विसंगति संबंधी प्रकरणों के समाधान के लिए मंत्रिमंडल ने सेवानिवृत्त मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति बनाने को भी मंजूरी दे दी जो अधिकतम तीन माह में अपनी संस्तुति देगी ।

मंत्रिमंडल ने कोविड-19 के कारण चारधाम यात्रा एवं पर्यटन गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव के दृष्टिगत 197.85 करोड़ रू के आर्थिक राहत पैकेज को मंजूरी दे दी जिसके तहत नैनीताल जिले में नैनी, नौकुचियाताल, भीमताल, सातताल एंव सड़ियाताल में पंजीकृत कुल 549 नौका संचालकों को 10,000 रू की दर से आर्थिक सहायता की जाएगी।

नैनीताल में नैनीझील में नौका लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क में 671 लाभार्थियों को वित्तीय वर्ष 2021-22 में छूट दी जायेगी। इसके अलावा, सांस्कृतिक दलों को पांच माह तक दो हजार रू प्रति माह की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। वीरचंद्र सिंह गढ़वाली एवं दीनदयाल उपाध्याय होमस्टे योजना हेतु ऋण पर छह माह के लिये ब्याज प्रतिपूर्ति सहायता की जाएगी ।

उनियाल ने बताया कि मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर परिवहन निगम के कार्मिकों को तीन माह का वेतन 51.24 करोड रू की धनराशि देने के बारे में निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया । मंत्री ने बताया कि कोविड 19 की शुरूआत के बाद से राज्य सरकार अब तक परिवहन निगम को अपने कार्मिकों को वेतन देने के लिए 209.35 करोड़ रू दे चुकी है ।

एक अन्य निर्णय में मंत्रिमंडल ने बागेश्वर जिले के लोकप्रिय पर्यटन स्थल कौसानी का ग्राम पंचायत से दर्जा बढाते हुए उसे नगर पंचायत बनाने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी ताकि वहां आने वाले पर्यटकों की बड़ी संख्या के अनुरूप अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जा सकें ।



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Uttarakhand Cabinet News: उत्तराखंड कैबिनेट का फैसला, 1 अगस्त से खुलेंगे कक्षा 6 से 12 तक के सभी स्कूल

देहरादून उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। बैठक में फैसला लिया गया है कि 1 अगस्त से उत्तराखंड में कक्षा 6 से 12वीं तक के सभी स्कूल खोल दिए जाएंगे। इसके अलावा उत्तराखंड लोकसेवा आयोग की प्राथमिक परीक्षा पास करने वाले 100 बच्चों को सरकार 50 हजार रुपये भी देगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बैठक में यह तीसरी बैठक थी। इस दौरान कुछ 11 प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, राजस्व, वित्त विभाग जैसे कई मुद्दे शामिल थे। कैबिनेट में कक्षा 6 से 12 तक के सभी स्कूल खोलने और उत्तराखंड लोक सेवा की प्रिमलरी परीक्षा पास करने वालों को मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए 50 हजार रुपए देने जैसे फैसले हुए। इसके अलावा राज्य लोक सेवा आयोग की प्राथमिक परीक्षा पास करने वाले टॉप 100 बच्चों को भी सरकार 50 हजार रुपए देगी। उत्तराखंड कैबिनेट एनडीए, सीडीएस और ओटीएस परीक्षा पास करने के लिए 50 हजार रुपये की सहायता देने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई है।


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सोमवार, 26 जुलाई 2021

हल्द्वानी जेल में एक और कैदी की मौत से हड़कंप, परिवार ने लगाया कारागार में हत्या करने का आरोप

विनिता कुमार, हल्द्वानी उत्तराखंड के हल्द्वानी जिले के उपकारागार में एक के बाद एक कैदी की हो रही रहस्यमयी मौतों ने जेल प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कैदी प्रवेश कुमार की मौत प्रकरण में हाई कोर्ट उत्तराखंड ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था। साथ ही नैनीताल की एसएसपी और हल्द्वानी के पुलिस क्षेत्राधिकारी और जेल में तैनात बंदी रक्षकों के स्थानांतरण के आदेश भी जारी किए गए थे। इस बीच जेल में एक और कैदी की मौत ने हंगामा खड़ा कर दिया है। मृतक के परिजन की शिकायत पर पुलिस ने जेल के अज्ञात बंदियों और बंदीरक्षकों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। मृतक के पिता ने आरोप लगाया है कि उसके बेटे को जेल के बंदियों और बंदीरक्षकों ने मिलकर मार डाला है और झूठ बोला जा रहा है कि इरशाद बीमार था। मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के अहमदाबाद बिलासपुर निवासी इरशाद को बीते 25 मई को रुद्रपुर पुलिस ने धारा 307, 504, 506 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद 11 जुलाई को उसकी सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक इरशाद के पिता इशाक अली ने हल्द्वानी एसएसपी को पत्र भेजकर आरोप लगाया था कि वह 9 जुलाई को बेटे से मिलने के लिए जेल आए थे। जहां उस समय ड्यूटी पर मौजूद सिपाही ने उन्हें मिलने नहीं दिया और वहां से भगा दिया। जेल से 12 जुलाई को फोन के माध्यम से सूचना दी गई कि 11 जुलाई को सुशीला तिवारी अस्पताल में उनके बेटे इरशाद की मौत हो गई है। उन्होंने जेल प्रशासन पर आरोप लगाया कि इससे पहले कभी भी उनके बेटे की बीमारी की जानकारी उन्हें नहीं दी गई। अली ने एसएसपी को भेजे पत्र में कहा कि उनके बेटे की हत्या जेल में करने के बाद बीमारी की मनगढ़ंत कहानी बनाई गई है। वहीं उन्हें बेटे की मौत से संबंधित कोई कागज नहीं दिया गया है। इस मामले में हल्द्वानी कोतवाली पुलिस ने धारा 302 के तहत अज्ञात बंदीरक्षकों और बंदियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि हल्द्वानी जेल अधीक्षक सतीश सुखीजा ने बताया कि कैदी इरशाद से जेल में मारपीट का आरोप गलत है। कैदी इरशाद टीबी का रोगी था और जेल के बंदीरक्षकों ने ही 10 जुलाई को उसकी तबीयत बिगड़ने पर एसटीएच में भर्ती कराया था। अगले दिन ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस दौरान अस्पताल में स्थित मेडिकल चौकी के पुलिसकर्मियों ने दो डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमॉर्टम का वीडियो भी करवाया है।


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AIIMS के डॉक्टर की कार की टक्कर से तीन भैंसों की मौत, दो गंभीर रूप से घायल

रजनीश कुमार, पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड के वीरभद्र बैराज-चीला मार्ग पर गुज्जरों के डेरे के पास रविवार की देर रात तेज रफ्तार कार चालक डॉक्टर की कार से टकराने के बाद तीन भैंसों की मौत हो गई। दो अन्य भैसों के घायल होने की खबर है, जिनकी स्थिति गम्भीर बताई जा रही है। वहीं कार चालक डॉक्टर सही सलामत बच गया। राजाजी नैशनल पार्क टाईगर रिजर्व में रात के दौरान मानवीय प्रवेश के प्रतिबंध के बावजूद भी गोहरी वन रेंज क्षेत्र में रविवार की देर रात वीरभद्र बैराज-चीला मार्ग पर सड़क किनारे पड़ी भैंसों को तेज रफ्तार कार ने जबरदस्त टक्कर मार दी। इससे मौके पर तीन भैंसों की मौत हो गई जबकि दो भैंसों की स्थिति गम्भीर बताई जा रही है। टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि कार का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। गनीमत रही कि कार चालक सुरक्षित बच गया। टक्कर की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे भैंसों के मालिक वन गुज्जर फिरोजदीन ने कार चालक को पकड़ लिया। साथ ही पुलिस और वन विभाग को जानकारी दी। वनक्षेत्राधिकारी गोहरी वन रेंज धीरसिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया कार चालक की पहचान एम्स ऋषिकेश के न्यूरोसर्जरी विभाग के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर पीयूष के रूप में हुई है, जबकि बताया गया है कि रात को उक्त कार के साथ अन्य कारें भी थीं। फिलहाल कार चालक डॉक्टर और भैंसो के मालिक वन गुज्जर चीला पुलिस चौकी पहुंच गए हैं, जिनके बीच वार्ता जारी है।


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Uttarakhand Power Strike: उत्तराखंड में 4 हजार बिजली कर्मचारी हड़ताल पर, जानिए क्या है मांग

देहरादून उत्तराखंड में बिजली विभाग के कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। इसकी वजह से आधी रात के बाद लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार के साथ 10 घंटे तक चली वार्ता के नाकाम होने के बाद राज्य के 4 हजार बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया। ऊर्जा विभाग के कर्मचारी अपनी 14 सूत्रीय मांगों को पूरा करने पर अड़े हुए हैं। इससे पहले 27 मई 2021 को बिजली कर्मियों ने अपनी मांगों के संबंध में खत भेजा था। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को माना नहीं जाएगा वो काम पर नहीं लौटेंगे। समान कार्य समान वेतन, भत्ते, वेतन विसंगतियों समेत 14 मांगों को लेकर बिजली कर्मी हड़ताल कर रहे हैं। कर्मचारियों का एक दल सचिवालय में उर्जा सचिव और विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ बातचीत के लिए पहुंचा था। लेकिन इस दौरान कई बिंदुओं पर सहमति नहीं बन सकी। उत्तराखंड के तीन निगमों के ऊर्जा कर्मी हड़ताल पर हैं। उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने इस हड़ताल का ऐलान किया है। ऊर्जा विभाग के साथ वार्ता विफल होने के बाद मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने वार्ता के लिए बुलाया। करीब 4 घंटे की वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकल पाया। रात 12 बजे तक वार्ता का कोई हल नहीं निकलने के बाद राज्य के विद्युत कर्मी हड़ताल पर चले गए। इस बीच ऑल इंडिया पावर इंजिनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे का कहना है कि उत्तराखंड सरकार की ना तो कोई नीति है ना नीयत है। बिजली कर्मियों का काम अंधेरा खत्म कर रोशनी लाना है लेकिन राज्य सरकार उनकी जिंदगी में अंधेरा लाने पर अड़ी है।


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मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 205 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की

देहरादून, 26 जुलाई (भाषा) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिए उत्तराखंड में स्वास्थ्य क्षेत्र और इसमें कार्यरत कर्मियों के लिए 205 करोड़ रुपये से अधिक के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की।

इस पैकेज से प्रदेश के 3 लाख 73 हजार 568 कर्मी लाभान्वित होंगे। देहरादून में प्रदेश के लगभग 50 कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि एक वर्ष से अधिक समय से लगातार कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष में स्वास्थ्य क्षेत्र के अधिकारियों, चिकित्सकों, पैरा मेडिकल स्टाफ, चतुर्थ श्रेणी तथा अन्य कर्मियों द्वारा समर्पण एवं सेवाभाव के साथ सराहनीय कार्य किया जा रहा है।

हांलांकि, उन्होंने कहा कि इनके कर्तव्य निर्वहन की वित्तीय रूप से भरपाई करना संभव नहीं है लेकिन फिर भी राज्य सरकार द्वारा इन्हें प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन सहायता राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पैकेज के तहत आगामी पांच माह के लिए आशा एवं आंगनवाड़ी कर्मियों को दो-दो हजार रुपये प्रतिमाह, स्वास्थ्य विभाग के ग्रुप सी एवं डी के कार्मिकों को तीन-तीन हजार रुपये तथा चिकित्सकों को 10-10 हजार रुपये प्रोत्साहन स्वरूप दिए जाएंगे। इससे लगभग 61,000 कार्मिक लाभान्वित होंगे । इसके साथ ही 1120 आशा फैसिलिटेटर एवं आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को एक-एक टैबलेट भी दिया जायेगा।

स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोविड-19 के दुष्प्रभाव से बचाने तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से इन्हें आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक किट भी वितरित की जायेगी। इन योजनाओं से लगभग 3,73,568 व्यक्ति लाभान्वित होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए हरिद्वार एवं पिथौरागढ़ में राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जायेगी जिसके लिए चालू वित्तीय वर्ष में 70-70 करोड़ रूपए की धनराशि अवमुक्त की जायेगी।

आमजन को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए धामी ने कहा कि इसी कारण चिकित्सा क्षेत्र में उपरोक्त सम्पूर्ण योजनाओं पर लगभग 205 करोड़ रुपये व्यय करने का लक्ष्य है।

धामी ने कहा कि प्रदेश में लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिये उत्तराखंड अटल आयुष्मान योजना को संवेदनशीलता के साथ और अधिक व्यावहारिक बनाया जायेगा।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि एक माह में प्रदेश में सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में कोरोना योद्धाओं के लिए सम्मान समारोह किये जाएंगे।

उन्होंने कहा कि 30 दिसम्बर 2021 तक प्रदेश में सौ प्रतिशत कोविड टीकाकरण कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में सात हजार लोगों को रोजगार दिया जाएगा।

कार्यक्रम में सम्मानित होने वालों में प्रदेश की चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा, दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना, राज्य कोविड-19 नियंत्रण कक्ष के डॉ अभिषेक त्रिपाठी भी शामिल रहे।



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ब्लड कैंसर से जूझ रही अनु के इलाज के लिए धामी सरकार ने दिए पांच लाख

ऋषिकेश, 26 जुलाई (भाषा) ऋषिकेश एम्स में ब्लड कैंसर से जूझ रहीं अनु धामी के इलाज के लिए आगे आते हुए उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को पांच लाख रूपये देने की घोषणा की ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर देहरादून के जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने देहराहदून के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जीवन के लिए संघर्ष कर रही पिथौरागढ की 25 वर्षीया अनु से भेंट की और उन्हें मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से पाँच लाख रूपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की जानकारी दी ।

ब्लड कैंसर से पीड़ित अनु का छह माह का एकबच्चा भी है। एम्स के चिकित्सा अधीक्षक बी के बस्तिया ने बताया कि अनु का ब्लड कैंसर गंभीर स्थिति में है और उसके उपचार के लिए उसका बोन मैरो ट्रांसप्लांट होना है ।

अनु के इलाज में मुश्किल तब आ खडी हुई जब उसके आयुष्मान कार्ड से मुफ्त इलाज की पांच लाख रूपये की सीमा खत्म हो गयी । इसके बाद अनु के पति मदन धामी ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मदद की गुहार लगायी जिसका उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए देहरादून के जिलाधिकारी को व्यक्तिगत रूप से मरीज को मिलकर तत्काल पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने को कहा।

अनु से मिलने के बाद एम्स ऋषिकेश में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कुमार ने कहा कि उत्तराखंड सरकार बीमार अनु एवं उसके परिवार के साथ खड़ी है और उसके इलाज में किसी तरह की कमी नही रखी जायेगी ।



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धामी ने दूसरे विश्वयुद्ध के शहीदों की विधवाओं और पूर्व सैनिकों की पेंशन बढाई

देहरादून, 26 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को दूसरे विश्वयुद्ध के शहीदों की विधवाओं और पूर्व सैनिकों की पेंशन बढाकर आठ हजार रूपये से बढाकर दस हजार रूपये प्रतिमाह करने की घोषणा की ।

यहां गांधी पार्क में शौर्य दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने यह घोषणा करते हुए कहा कि इसका फायदा लगभग 800 परिवारों को मिलेगा ।

उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा और उनका बलिदान राष्ट्र हमेशा याद रखेगा ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध में बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड के सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दी ,ऐसे में राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है।

उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए, सीडीएस एवं उसके समकक्ष लिखित परीक्षा पास करने पर परिवार की आर्थिक स्थिति के आधार पर अभ्यर्थी को साक्षात्कार की तैयारी के लिये 50 हजार रु की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी ।

धामी ने जल्द ही सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए पढ़ाई हेतु नैनीताल जिले के हल्द्वानी में छात्रावास बनाने की भी घोषणा की ।

उन्होंने कहा कि वीर नारियों एवं वीरता पुरस्कार प्राप्तकर्ता सैनिकों के सम्मान में गढ़वाल एवं कुमाऊं मण्डल में सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा तथा एक सितंबर से प्रदेश में सैन्य सम्मान यात्रा शुरू की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कारगिल शहीद नागा रेजीमेंट के नायक दिवंगत देवेन्द्र सिंह रावत के यहां कौलागढ़ स्थित आवास जाकर उनके चित्र पर पुष्प भी अर्पित किये।



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धामी ने विधिवत पूजा के बाद मुख्यमंत्री आवास में गृहप्रवेश किया

देहरादून, 26 जुलाई (भाषा) 'मनहूसियत' को दरकिनार करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सावन के पहले सोमवार को विधिवत पूजा-पाठ के बाद न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में 'गृहप्रवेश' किया ।

एक दशक पहले बना मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास वहां रहने वाले मुख्यमंत्रियों के लिए 'मनहूस' माना जाता है क्योंकि वहां रहने वाला कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका ।

यहां रहने वाले विजय बहुगुणा से लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत तक कोई मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका और उसकी समय से पहले ही पद से विदाई हो गई।

धामी ने पहले मुख्यमंत्री आवास परिसर में स्थित शिव मंदिर में पूजा अर्चना की और गौशाला में गौमाता से आशीर्वाद लिया । उसके बाद अपने परिवार के साथ विधि -विधान से पूजा कर उन्होंने 'गृह प्रवेश' किया ।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं हमेशा वर्तमान में जीने में विश्वास करता हूं। न तो मैंने कभी भूतकाल की चिंता की और न ही उसका कभी प्रायश्चित किया । और न ही भविष्य में क्या होगा, इसकी अभी से चिंता करूंगां ।’’

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के इतने संसाधन उसमें लगे हैं और राज्य के मुखिया या मुख्य सेवक के लिए वह बना है तो निश्चित रूप से उसे वहीं रहना चाहिए ।

आवास में प्रवेश से पहले उसका वास्तु दोष निवारण भी किया गया । मुख्यमंत्री आवास में पूजा कराने वाले पंडितों ने कहा कि मंत्रों में बहुत शक्ति है और अगर किसी स्थान पर वास्तुदोष हो तो उसे मंत्रों और पूजा के जरिए ठीक किया जा सकता है ।

धामी के सरकारी आवास में प्रविष्ट होने पर राज्यपाल बेबीरानी मौर्य और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने उन्हें बधाई दी है । राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से भेंटकर उन्हें इस अवसर पर शुभकामनाएं दीं जबकि कौशिक ने भी उन्हें मुबारकबाद दी ।

हांलांकि, यह भी जानना दिलचस्प है कि मुख्यमंत्री आवास में रहने से परहेज करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और तीरथ सिंह रावत भी लंबे समय तक पद पर नहीं बने रह पाए ।

हरीश रावत 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में हारकर सत्ता से बाहर हो गए । इसी वर्ष मार्च में मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में रहने की बजाय उसे कोविड केयर सेंटर के रूप में तैयार करने की घोषणा की लेकिन उसके पूरा होने से पहले ही चार माह से भी कम समय तक पद पर रहने के बाद उनकी विदाई हो गई ।



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प्रीतम सिंह ने उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष का पद संभाला

देहरादून, 26 जुलाई (भाषा) कांग्रेस की उत्तराखंड इकाई के पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने सोमवार को उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का कार्यभार संभाला।

चकराता के विधायक सिंह ने इंदिरा ह्रदयेश की जगह ली है, जिनका पिछले महीने निधन हो गया था ।

पद संभालने के बाद सिंह ने कहा कि कांग्रेस 2022 में उत्तराखंड में सत्ता में आने वाली है। लोग तथाकथित डबल इंजन की सरकार से निराश हैं और वे बदलाव चाहते हैं । उन्होंने 2017 में भाजपा को जबरदस्त जनादेश दिया था, लेकिन वह प्रदेश को एक स्थिर सरकार देने में भी विफल रही ।

सिंह ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, ''साढे चार साल में तीन मुख्यमंत्री और उनमें से एक को तो केवल चार माह में ही पद छोडना पड़ा। दो रावतों (त्रिवेंद्र और तीरथ) ने प्रदेश को बर्बाद कर दिया ।'’

उन्होंने कहा कि राजनीतिक अस्थिरता के कारण विकास को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा, अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही है, जबकि जरूरी सामान की कीमतें आसमान छू रही हैं ।

राज्य सरकार पर भू और खनन माफियाओं के हाथों में खेलने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार केवल कांग्रेस ही दे सकती है ।

यह पूछे जाने पर कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में क्या वह कांग्रेस का मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे, सिंह ने कहा कि पार्टी में काबिल नेताओं की कमी नहीं है और चुनावों के बाद पार्टी हाईकमान जिसे भी इस काम के लिए चुनेगा, उसे हरेक का समर्थन मिलेगा ।

विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में कांग्रेस में हुए संगठनात्मक बदलाव के तहत पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष जबकि सिंह को राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है ।



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Uttarakhand news: उत्तराखंड में हरक सिंह रावत और बोर्ड के अध्यक्ष के बीच विवाद, मंत्री बोले-'मुझे श्रम मंत्री पद से हटा दें सीएम'

देहरादून उत्तराखंड में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। सरकार में मंत्री हरक सिंह रावत ने अब खुद को हटाने की पेशकश की है। उनका कहना है कि उनसे ज्यादा पावर उनके विभाग के अध्यक्ष की है, और जब उनके पास पावर नहीं है तो वह पद पर रहकर क्या करेंग। मामला कर्मकार कल्याण बोर्ड से जुड़ा है। हरक सिंह रावत श्रम विभाग के मंत्री हैं जबकि कर्मकार कल्याण बोर्ड में शमशेर सिंह सत्याल अध्यक्ष हैं। दोनों के बीच कई दिनों से लगातार खींचतान चल रही है। अब विवाद खुलकर सामने आया है। कई दिनों से बोर्ड के अध्यक्ष को हटाने की मांग बताया जा रहा है कि मंत्री हरक सिंह रावत कई दिनों से लगातार सत्याल को हटाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने अब यहां तक कह दिया है कि उन्हें श्रम विभाग के मंत्री पद से हटा दिया जाए। अक्टूबर से दोनों के बीच विवाद सूत्रों की मानें तो पिछले साल अक्टूबर में तत्कालीन त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के कार्यकाल में भी दोनों के बीच विवाद उठा था। कर्मकार कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष हरक सिंह को बनाया गया था। उनसे यह पद लेकर श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल को यह पोस्ट दे दी गई। इसी के बाद दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया। त्रिवेंद्र सिंह के करीबी शमशेर सिंह कई बार हरक सिंह अंदरूनी रूप से शमशेर का विरोध करते रहे हैं लेकिन कहा जाता है कि त्रिवेंद्र सिंह के करीबी होने के कारण शमशेर को नहीं हटाया गया। अब सरकार बदलने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को बनाया गया है तो हरक सिंह रावत खुलकर शमशेर के खिलाफ आ गए हैं। हटा दिया जाए मंत्री पद से हरक सिंह ने कहा है कि शमशेर सिंह उनसे ज्यादा काबिल हैं तो उन्हें श्रम विभाग का मंत्री बना दिया जाए। उन्होंने कहा कि उनसे ज्यादा पावर शमशेर के पास हैं। ऐसे में उनके मंत्री पद पर बने रहने का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने सीएम से कहा है कि उन्हें श्रम विभाग के मंत्री पद से हटा दिया जाए।


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हाथी ने युवक को पटक-पटक कर मार डाला

ऋषिकेश, 26 जुलाई (भाषा) राजाजी टाइगर रिजर्व की गोहरी रेंज में एक गुस्सैल हाथी ने एक युवक को पटक—पटक कर मौत के घाट उतार दिया ।

लक्ष्मण झूला के प्रभारी निरीक्षक प्रमोद उनियाल ने बताया कि हादसा गोहरी रेंज से गुजरने वाली ऋषिकेश-नीलकंठ सड़क पर रविवार देर रात हुआ ।

मनीष डोबरियाल (28) फूलचट्टी में पटना वाटर फॉल के पास मोटरसाइकिल से अपने एक साथी के साथ गुजरते समय वहाँ खड़े जंगली हाथी की चपेट में आ गया। हाथी ने उसे पटक— पटक कर मार दिया जबकि उसके साथी शुभम डोभाल ने भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई और पुलिस को घटना की सूचना दी।

उनियाल ने बताया कि वारदात के बाद भी गुस्सैल हाथी घटनास्थल के नजदीक ही बना रहा। सुबह उसके जाने के बाद मृतक के शव को उठाया जा सका।

मूल रूप से पौड़ी जिले के सतपुली क्षेत्र में कुल्हार गांव का रहने वाला मृतक वर्तमान में ऋषिकेश के गीता नगर क्षेत्र में रहता था और नीलकण्ठ मार्ग स्थित गरूड़ चट्टी के एक रिजॉर्ट में नौकरी करता था।

सावन के महीने में नीलकंठ मंदिर आने—जाने वाले श्रद्धालुओं पर हाथियों के हमले की घटनाएं होने का अंदेशा बढ़ गया है। चार महीने पहले मार्च में भी सुबह रत्तापानी क्षेत्र में एक गुस्सैल हाथी ने एक व्यक्ति को गाड़ी से खींचकर कर अपने पांव तले कुचल दिया था।



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Uttarakhand assembly election: उत्तराखंड विधानसभा 2022 चुनाव से पहले बीजेपी का कुमाऊं क्षेत्र पर फोकस क्यों?

देहरादून उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले बीजेपी अपने घर को व्यवस्थित रखने की कोशिश कर रही है और अब कुमाऊं पर ध्यान केंद्रित कर रही है। पार्टी ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्र के नेताओं को प्रोन्नत कर पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के कद के बराबर लाने की कवायद शुरू कर दी है। भारतीय जनता पार्टी ने कुमाऊं क्षेत्र पर अपने दबाव के तहत दो बार विधायक रहे पुष्कर सिंह धामी को नया मुख्यमंत्री और अजय भट्ट को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में राज्यमंत्री बनाया है। कुमाऊं से पार्टी में नेतृत्व शून्य राज्य के एक बीजेपी नेता ने कहा कि कुमाऊं से पार्टी के भीतर नेतृत्व शून्य है। एक बार कई बड़े नेता थे, लेकिन वर्तमान में कोई नहीं है और ऐसा लगता है कि पार्टी नेतृत्व धामी और भट्ट को क्षेत्र के नेताओं के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। पार्टी के एक अन्य नेता ने दावा किया कि वर्तमान में, कोई भी भाजपा नेता नहीं है जो कोश्यारी, बच्ची सिंह रावत और प्रकाश पंत की जगह ले सके, लेकिन भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने के लिए क्षेत्र से धामी और भट्ट दोनों को प्रोजेक्ट करना चाहती है। बीजेपी के कुमाऊं क्षेत्र के दो वरिष्ठ नेताओं का हुआ निधन हरीश रावत कुमाऊं से राज्य में विपक्षी कांग्रेस के सबसे बड़े नेता भी हैं। जबकि कोश्यारी इस समय महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं, पंत का 2019 में निधन हो गया और इस साल की शुरुआत में बच्ची सिंह रावत का भी निधन हो गया। भाजपा नेता ने कहा कि धामी को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाकर और भट्ट को केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में शामिल करके, पार्टी नेतृत्व ने कुमाऊं क्षेत्र के प्रति अपना नया केंद्रित दृष्टिकोण दिखाया है। हरीश वात के खिलाफ उतारा गया युवा चेहरा राज्य विधानसभा चुनाव से महीनों पहले धामी को मुख्यमंत्री के रूप में चुनकर, पार्टी नेतृत्व ने हरीश रावत के खिलाफ युवा चेहरे को उतारा है। गढ़वाल से भाजपा के प्रमुख ब्राह्मण चेहरे रमेश पोखरियाल 'निशंक' को इस महीने की शुरुआत में कैबिनेट फेरबदल में मोदी मंत्रालय से हटा दिया गया था और भट्ट, जो कुमाऊं क्षेत्र के ब्राह्मण नेता हैं, ने उनकी जगह ली। पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि धामी और भट्ट को चुनकर पार्टी नेतृत्व ने कुमाऊं क्षेत्र में बहुसंख्यक समुदायों को भी प्रतिनिधित्व दिया है। उन्होंने कहा कि कुमाऊं क्षेत्र में ठाकुरों और ब्राह्मणों का बहुमत है। धामी ठाकुर हैं और भट्ट ब्राह्मण नेता हैं।


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रविवार, 25 जुलाई 2021

Haridwar News: हरकी पौड़ी में कांवड़ियों के वेश में घूमते और बम भोले का जयकारा लगाते म‍िले 14 लोग, पुल‍िस ने भेजा क्‍वारंटीन सेंटर

करन खुराना, कोरोना महामारी की तीसरी लहर की संभावना के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला क‍िया था। बावजूद इसके हरकी की पौड़ी में कांवड़िए पहुंच जा रहे हैं। कुछ ऐसा ही मामला सोमवार को देखने को म‍िला। पुल‍िस ने कांवड़ की वेशभूषा में घूमते 14 कांवड़ियों को ह‍िरासत में लेकर क्‍वारंटीन सेंटर भेज द‍िया। उधर, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने आदेश दिए हैं कि अगर कोई कांवड़िया हरिद्वार में प्रवेश करता है तो उसको 14 दिन के लिए क्वारंटाइन सेंटर में रहना होगा। साथ ही कानूनी कार्रवाई भी होगी। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के आदेशों का पालन करते हुए हरकी पौड़ी चौकी इंचार्ज अरविंद रतूड़ी ने रव‍िवार को हरकी पौड़ी पर कांवड़ियों की वेश भूषा में घूम रहे और बम बम भोले के जयकारे लगाते हुए पाए जाने पर 14 लोगों के ख‍िलाफ महामारी अधिनियम और आईपीसी धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज कर क्‍वारंटीन सेंटर भेज दिया। इसके साथ ही दो ऐसे व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया है जो कांवड़ संबंधित कपड़े और सामग्री बेच रहे थे। एसएसपी हरिद्वार ने बताया कि 14 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। जो कि कांवड़ियों की वेषभूषा में घूमते हुए पाए गए हैं। इन सब पर मुकदमा दर्ज कर क्‍वारंटीन सेंटर भेज दिया गया है। बॉर्डर पर ज्यादा सख्ती करने के आदेश दिए गए हैं।


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उत्तराखंड को प्रथम स्थान पर लाने के लिए जनता का सहयोग जरूरी : धामी

देहरादून, 25 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को कहा कि 2027 तक प्रदेश को शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि, उद्योग सहित सभी क्षेत्रों में पूरे देश में प्रथम स्थान पर लाना है जिसके लिए जनता का सहयोग अनिवार्य है।

उधमसिंह नगर जिले के तीन दिवसीय दौरे के दौरान अपने विधानसभा क्षेत्र खटीमा में एक कार्यक्रम में आम जनता से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबको मिलकर उत्तराखंड को मॉडल राज्य बनाने का सपना साकार करना होगा ।

उन्होंने कहा, '2027 तक उत्तराखंड को शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि, परिवहन, उद्योग आदि समस्त क्षेत्रों में पूरे देश में प्रथम स्थान पर लाना है, जिसके लिए आप सबका का सहयोग अनिवार्य है।'

धामी ने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड को एक बेहतर राज्य बनाना चाहती है जहां उद्योग, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार सभी के लिए वातावरण अनुकूल हो ।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सामान्य परिवार के व्यक्ति को मुख्य सेवक बनाया है तो उस दायित्व को सबके सहयोग से पूरा करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा की गई घोषणाओं और शिलान्यास को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा।

उन्होंने कहा, 'मैं आपका बेटा, भाई हूं । उत्तराखंड का चहुमुखी विकास करने के लिए प्रयास करूंगा ।'

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार 'नो पेंडेंसी' पर कार्य करेगी जिसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जो कार्य जिस स्तर का हो, उसका उसी स्तर पर तत्काल निस्तारण किया जाए और वह किसी भी दशा में लंबित न रहे ।

धामी ने कहा कि किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही प्रकाश में आने पर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी निर्धारित की जाएगी ।

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा उत्तराखंड में उद्योगों को स्थापित करने के लिये दिए गए पैकेज के कारण ही आज उत्तराखंड में व्यापक स्तर पर उद्योग स्थापित हुए हैं और उनकी समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता पर किया जाएगा।



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लॉकडाउन में काम नहीं मिला तो 12 साल के बच्चे को किया अगवा, ऋषिकेश पुलिस ने 5 घंटे में दबोचा

विनिता कुमार, ऋषिकेश उत्तर प्रदेश के ऋषिकेश पुलिस ने 5 घंटे के भीतर 12 साल के बच्चे का अपहरण करने वाले आरोपी को बिजनौर से गिरफ्तार कर लिया है। शनिवार को शिकायतकर्ता की ओर से पुलिस को जानकारी दी गई कि उसके 12 साल के बेटे को राजमिस्त्री भोलाराम अपहरण कर अपने साथ ले गया है। शिकायत दर्ज करते ही पुलिस ने तत्तपरता दिखाते हुए अपहरण के आरोपी भोलाराम को बिजनौर से 5 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। पुलिस की ओर से की गई पूछताछ में आरोपी भोलाराम ने बताया कि उसने लगभग एक साल पहले शिकायतकर्ता का ऋषिकेश के श्यामपुर में मकान बनाने का कार्य किया था। उसे जानकारी थी कि शिकायतकर्ता के पास काफी पैसा है। लॉकडाउन के कारण उसे कहीं काम नहीं मिला तो उसने सोचा कि शिकायतकर्ता के बेटे को बहला-फुसलाकर ले जाकर उसके पिता से पैसा मांगेगा। इसके चलते उसने शिकायतकर्ता के नाबालिग पुत्र को खिलौना दिलाने के बहाने अपने साथ ले आया। इसके बाद उसने शिकायतकर्ता को फोन करके बताया कि उसके बेटे का अपहरण कर लिया है। 15 लाख रुपये न देने पर उसके बेटे को जान से मारने की धमकी दी। आरोपी ने पुलिस पूछताछ में यह भी बताया कि वह नाबालिग बच्चे को लेकर बस से मुरादाबाद जा रहा था। इसके बाद ट्रेन से आगे जाना था लेकिन तब तक पुलिस ने उसे मौके पर ही दबोच लिया। पुलिस ने बताया कि राजमिस्त्री भोलाराम बिहार के चंपारण का रहने वाला है और ऋषिकेश में काफी समय से राजमिस्त्री का कार्य करता था। पुलिस टीम में पुलिस क्षेत्राधिकारी डीसी ढोडियाल, प्रभारी कोतवाल ऋषिकेश शिशुपाल सिंह नेगी, एसओजी प्रभारी ओमकांत भूषण, वरिष्ठ उपनिरीक्षक मनमोहन सिंह नेगी, उपनिरीक्षक एसओजी देहात शांति प्रसाद चमोली, चौकी प्रभारी श्यामपुर राम नरेश शर्मा, चौकी प्रभारी आईडीपीएल कुलदीप पंत, चौकी प्रभारी त्रिवेणी घाट उत्तम रमोला, उपनिरीक्षक शिव प्रसाद डबराल, आरक्षी नवनीत नेगी, कमल जोशी, नीरज कुमार, संदीप छाबड़ी, सचिन सैनी, गौरव पाठक, शीशपाल, सचिन राणा, अनित कुमार, विकास कुमार व महिला आरक्षी जमुना नेगी शामिल रही।


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हल्द्वानी में कूड़ा उठाने को लेकर विवाद, नगर निगम आयुक्त ने 6 पार्षदों पर दर्ज कराया मुकदमा

विनिता कुमार, हल्द्वानी ईद के अवसर पर नगर के वार्डों से कूड़ा न उठाए जाने से नाराज हल्द्वानी नगर निगम पार्षदों और आयुक्त के बीच विवाद छिड़ गया। नाराज पार्षदों ने नगर आयुक्त पर न मिलने का आरोप लगाते हुए हल्द्वानी नगर निगम कार्यालय में तालाबंदी कर दी। इसके बाद हल्द्वानी नगर आयुक्त सीएस मर्तोलिया ने तालाबंदी करने वाले छह पार्षदों सहित सात लोगों पर निगम कार्यालय में तालाबंदी करने, कर्मचारियों को बंधक बनाने और नगर निगम के गेट पर अनैतिक रूप से धरना देने के मामले में कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया। शनिवार को मुकदमा दर्ज कराए जाने से नाराज पार्षदों ने नगर आयुक्त के इस्तीफे की मांग की है। साथ ही उन्होंने रात 12 बजे तक नगर आयुक्त के उनसे मुलाकात न करने पर वार्डों का कूड़ा नगर निगम में डालने की घोषणा कर दी। पार्षदों ने बताया कि नगर निगम प्रशासन ने ईद से पूर्व वार्डों से कूड़ा हटाने का आश्वासन दिया था, लेकिन कूड़ा नहीं हटा गया। इसके पीछे वजह यह है कि नगर निगम के पर्यावरण मित्र हड़ताल पर हैं। विरोध जताने पहुंचे पार्षदों ने नगर आयुक्त से मिलने की बात की तो उन्होंने 15 मिनट में आने की बात कही, लेकिन वह पार्षदों से मिलने नहीं आए। नाराज पार्षदों का मामला निगम कार्यालय के तालाबंदी तक पहुंच गया। पुलिस के अधिकारी पार्षदों को मनाने पहुंचे, लेकिन वे नहीं माने। मामला बढ़ता देख नगर आयुक्त सीएस मर्तोलिया ने पुलिस कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि शुक्रवार की दोपहर तीन बजे मोहम्मद गुफरान, जीशान परवेज, लईक कुरैशी, रूमी वारसी, शकील अंसारी, महबूब आलम, मोहम्मद इस्लाम मिकरानी ने नगर निगम कार्यालय में अकारण तालाबंदी की। इससे नगर निगम कार्यालय के कर्मचारियों में डर का माहौल है। उन्होंने तालाबंदी के दौरान कर्मचारियों को बंधक भी बनाने का आरोप लगाया।


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शनिवार, 24 जुलाई 2021

Uttarakhand Elections: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का CM फेस कौन? हरीश रावत के नाम पर पार्टी में दिखने लगी तकरार

देहरादून पंजाब और राजस्थान के बाद अब उत्तराखंड कांग्रेस में सियासी तकरार दिख रही है। उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में के सीएम चेहरा बनाने के नए प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के बयान के बाद तकरार तेज हो गई है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने बिना समय गवाए रावत के नाम पर वीटो कर दिया। दरअसल, प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद गोदियाल ने पहला बयान दिया कि कांग्रेस उत्तराखंड में हरीश रावत के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, नए नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने बयान में कहा कि पार्टी सामूहिक नेतृत्व में विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। प्रीतम सिंह का मानना है कि कांग्रेस आलाकमान ने अभी कोई चेहरा घोषित ही नहीं किया है। उनकी राय में चुनाव सामूहिक नेतृत्व में होना है और यदि पार्टी का कोई चेहरा है तो वह सोनिया-राहुल हैं। हरीश रावत पर कांग्रेस में सियासी जंग धारचूला से कांग्रेस विधायक हरीश धामी का कहना है कि हरीश रावत चुनाव समिति के अध्यक्ष बने हैं। हम सबकी मांग थी कि उत्तराखंड में हरीश रावत के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाए। चुनाव में पार्टी के चेहरे को लेकर को विरोधाभासी बयानों से संकेत साफ हो गए हैं कि कांग्रेस में अब चेहरे को लेकर सियासी जंग शुरू हो गई है। चेहरे को लेकर कांग्रेस नेताओं के आमने-सामने आने से पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने साफ कर दिया कि हरीश रावत वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं, लेकिन पार्टी विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ेगी। कांग्रेस क्या देगी जवाब? इस बीच सोशल मीडिया पर महिलाओं को पांच अध्यक्षों की टीम का हिस्सा न बनाने को लेकर भी बहसें हो गई हैं। एक अध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्षों की फौज में एक भी नाम महिला का न आना महिलाओं को सोचने पर विवश कर रहा है कि क्या कांग्रेस वही पार्टी है, जो महिलाओं को तीस प्रतिशत भागीदारी देने की बात करती है। कांग्रेस के रणनीतिकारों ने प्रदेश में सभी को संतुष्ट करने की जो रणनीति तैयार की, उसमे लूपहोल दिखने लगा है। इससे पार्टी को जवाब देना भारी पड़ रहा है।


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कांवड़ियों को प्रवेश से रोकने के लिए हरिद्वार में सुरक्षा कड़ी की गई

देहरादून, 24 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड सरकार द्वारा कोविड-19 के चलते इस साल कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाने बाद हरिद्वार जिले में कांवड़ियों के प्रवेश को रोकने के लिए शनिवार को जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि यात्रा रद्द कर दी गई है लेकिन इसके बावजूद कांवड़िये, भगवान शंकर को चढ़ाने के लिए गंगाजल लेने के वास्ते हरिद्वार में प्रवेश करने का प्रयास कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जिले की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है ताकि कांवड़िये हरिद्वार में प्रवेश न कर सकें। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद यदि वे सीमा पर आते हैं तो उनसे वापस जाने का अनुरोध किया जाएगा। डीजीपी ने कहा, “यदि वे इसका विरोध करेंगे तब कार्रवाई की जाएगी।”

सावन का महीना कल से शुरू होने वाला है और इसके साथ ही तीर्थयात्रा की शुरुआत होगी जिसके चलते कांवड़िये शहर में घुसने का प्रयास कर सकते हैं। उत्तराखंड पुलिस ने पहले ही आदेश जारी किये हैं कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर कांवड़ियों को 14 दिन के लिए पृथक-वास में रखा जाएगा।



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श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में नामांकन में अनियमितता की जांच के आदेश दिए गए

देहरादून, 24 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड की सरकार ने श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के तहत आने वाले कुछ निजी कॉलेजों में नामांकन में अनियमितता के आरोपों की शनिवार को जांच के आदेश दिए। आरोप है कि इन कॉलेजों में उपलब्ध सीटों से कहीं अधिक संख्या में छात्रों का नामांकन किया गया।

हरिद्वार और देहरादून में विश्वविद्यालय से संबद्ध 14 कॉलेजों ने मंजूर सीटों की संख्या से करीब 700 अधिक छात्रों के नामांकन किए हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा, ‘‘आरोपों की जांच के आदेश दिए गए हैं और मामले को देख रही समिति से कहा गया है कि दो हफ्ते के अंदर वह रिपोर्ट सौंप दे।’’

उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने पर विश्वविद्यालय और कॉलेजों के अधिकारियों और कर्मचारियों को दंडित किया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि बहरहाल छात्रों के हितों की रक्षा की जाएगी। विश्वविद्यालय के कुलपति पी पी ध्यानी ने कहा, ‘‘इस तरह के सभी नामांकन रद्द कर दिए गए हैं और कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।’’



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रविवार से शुरू हो रहा सावन, कांवड़ियों पर सख्ती... हरिद्वार बॉर्डर पर फोर्स बढ़ाई गई

करन खुराना, हरिद्वार भगवान भोले को प्रिय सावन महीना रविवार से शुरू हो रहा है। ऐसे में कांवड़ियों को देखते हुए हरिद्वार बॉर्डर पर सख्ती बढ़ा दी गई है। कोरोना महामारी की तीसरी लहर के संभावनाओं के मद्देनजर राज्य सरकार ने कांवड़ मेला रद्द कर दिया है। कांवड़ियों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। कोई भी कांवड़िया हरिद्वार में प्रवेश नहीं करेगा, अगर कोई कांवड़िया किसी अन्य रास्ते से प्रवेश करता है तो उसको हरिद्वार में 14 दिन के लिए क्वारंटीन रहना होगा। साथ ही कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। शनिवार को एसएसपी हरिद्वार सेंथिल अवुडई राज एस और जिलाधिकारी वी रविशंकर ने पुलिस बल को ब्रीफ किया और महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए। एसएसपी हरिद्वार ने बताया कि चूंकि कांवड़ यात्रा प्रतिबंधित है, इस दौरान कानून व्यवस्था में कोई व्यवधान न आए और यातायात सुचारु रूप से चलती रहे, इसी कारण सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को 4 सुपर जोन, 18 जोन और 41 सेक्टरों में बांटा गया है। सभी जोन प्रभारी और सेक्टर प्रभारियों को आपसी समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश दिए गए हैं। बॉर्डर पर आने वाले शिवभक्तों से मधुर व्यवहार के साथ उनको लौटाने के आदेश दिए हैं। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस कप्तान को आदेश जारी कर दिए गए हैं। बॉर्डर पर पहुंचने वाले कांवड़ियों से निवेदन किया जाएगा कि वो अपने गंतव्य की ओर लौट जाएं। अगर कोई व्यक्ति जिद्द करेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गंगा जल के कंटेनर भेजने पर विचार विमर्श हो चुका है, अगर कोई प्रदेश या प्रशासन कंटेनर भिजवाएगा तो हम कंटेनर भरवाने में पूरी मदद करेंगे।


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जब बीच रास्ते में ड्राइवर ने बस रोक किया था परेशान, तभी आया ऐप बेस्ड कैब शुरू करने का ख्याल, आज हैं करोड़ों के मालिक

आज से सालों पहले जब लाखों की पैकेज वाली नौकरी छोड़कर भाविश अग्रवाल और अंकित भाटी ने ओला (OLA) के बारे में सोचा तब घर वाले मजाक उड़ाते थे.

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शुक्रवार, 23 जुलाई 2021

Uttarakhand: हरिद्वार में मीट बैन पर उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कहा- 'यह मौलिक अधिकार का हनन, अल्पसंख्यक बनाम बहुसंख्यक का मुद्दा नहीं '

नैनीताल उत्तराखंड के हरिद्वार में बूचड़खानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थीं। इस पर फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। हाई कोर्ट ने कहा कि देश में जहां 70 फीसदी आबादी मांसाहारी भोजन करती है, मांस पर प्रतिबंध लगाने का मामला नागरिकों के मौलिक अधिकारों से संबंधित है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह बहुसंख्यक बनाम अल्पसंख्यक मुद्दा नहीं है। मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की पीठ ने कहा, 'मुद्दा अल्पसंख्यक बनाम बहुमत का नहीं है। मुद्दा बहुत आसान है। भारत के नागरिकों के मौलिक अधिकार क्या हैं?' कोर्ट ने याचिका में संशोधन का दिया आदेश अदालत ने अब याचिकाकर्ताओं से एक सप्ताह में अपनी याचिकाओं में संशोधन करने को कहा है क्योंकि उनमें से किसी ने भी यह दलील नहीं दी कि इस तरह का प्रतिबंध किसी नागरिक के निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है। अदालत ने टिप्पणी की कि याचिकाओं को पूरे मन से तैयार नहीं किया गया है, जो कि मौलिक संवैधानिक मुद्दों को चुनौती देने के लिए आवश्यक है। हरिद्वार के कुछ निवासियों ने दायर याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि हरिद्वार में बूचड़खानों पर प्रतिबंध अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव है क्योंकि जिले के कई क्षेत्रों में अधिकांश मुस्लिम आबादी है। कोर्ट ने खानपान के एक सर्वेक्षण का दिया हवाला शुक्रवार को, पीठ ने 2018 और 2019 से भारतीयों के भोजन की आदतों पर सर्वेक्षण का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही चौंकाने वाला डेटा है कि उत्तराखंड में 72.6 फीसदी आबादी मांसाहारी है। कुल मिलाकर, 70 फीसदी भारतीय आबादी मांसाहारी है जो इस मिथक को तोड़ती है कि अधिकांश आबादी शाकाहारी है। अपनी पिछली सुनवाई में, पीठ ने कहा था कि मुद्दा यह है कि क्या किसी नागरिक को अपना आहार तय करने का अधिकार है या यह राज्य तय करेगा। 'लोकतंत्र का मतलब सिर्फ बहुमत से शासन करना नहीं' कोर्ट ने यह भी कहा था कि किसी सभ्यता का मूल्यांकन केवल इस बात से होता है कि वह अपने अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार करती है। लोकतंत्र का मतलब केवल बहुमत से शासन नहीं है, बल्कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लोकतंत्र का मतलब अल्पसंख्यकों की सुरक्षा है। यह है मीट बैन का ऐक्ट मार्च में, उत्तराखंड ने हरिद्वार के सभी क्षेत्रों को बूचड़खाना मुक्त घोषित कर दिया था और बूचड़खानों को जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया था। हाई कोर्ट में दो याचिकाओं ने इसे दो आधारों पर चुनौती दी गई थी। एक किसी भी प्रकार के मांस पर पूर्ण प्रतिबंध असंवैधानिक है। यह बैन उत्तराखंड सरकार ने यूपी नगर पालिका अधिनियम, 237 ए के तहत किसी भी परिषद या नगर पंचायत को बूचड़खाने पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है।


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Uttarakhand News: उत्तराखंड में उत्तरकाशी के पास देर रात 3.4 तीव्रता का भूकंप का झटका, जान-माल का नुकसान नहीं

उत्तरकाशी उत्तराखंड में उत्तरकाशी के पास देर रात भूकंप का झटका महसूस किया गया। रात को एक बजकर 28 मिनट पर आए झटके की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.4 मापी गई।


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उत्तराखंड में कोरोना वायरस के 11 नए मामले

देहरादून, 23 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड में शुक्रवार को कोरोना वायरस के 11 नए मामले सामने आए । पिछले एक साल में एक दिन में दर्ज की गयी महामारी से पीडितों की यह न्यूनतम संख्या है ।

प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां जारी बुलेटिन के अनुसार, प्रदेश के 13 जिलों में से सात में महामारी का कोई नया मामला नहीं मिला जबकि देहरादून सहित तीन जिलों में केवल एक—एक मरीज मिले । सर्वाधिक चार मरीज नैनीताल जिले में सामने आए हैं जबकि चमोली और पिथौरागढ़ जिले में दो—दो मरीज मिले ।

प्रदेश में शुक्रवार को महामारी के कारण किसी की मृत्यु नहीं हुई तथा और 58 लोग स्वस्थ हो गए । उपचाराधीन मामलों की संख्या भी प्रदेश में सिमटकर 606 रह गयी है ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हालांकि, पिछले कुछ समय में संक्रमण के मामलों में कमी आई है परंतु अभी भी पूरी सावधानी व सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कोविड की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर सभी जिलाधिकारियों को 31 जुलाई तक बच्चों के लिये पृथक से वार्ड बनाने सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

इस संबंध में उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी चिकित्सकों अथवा धनराशि की व्यवस्था की जायेगी।

कोविड से बचाव के लिए टेस्टिंग तथा टीकाकरण दोनों को ही बेहद जरूरी बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सेना के अस्पतालों में भी कोविड से संबंधित उपचार के लिये अतिरिक्त बेडों की व्यवस्था तथा टीके की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के लिये वह रक्षा मंत्री एवं गृह मंत्री से भी बात करेंगे।



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दूरस्थ क्षेत्रों में आयुर्वेदिक अस्पताल 24 घंटे खुलेंगे—आयुष मंत्री

देहरादून, 23 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने शुक्रवार को कहा कि एलोपैथिक अस्पतालों की सुविधा से वंचित प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में आयुर्वेदिक अस्पताल 24 घंटे खुलेंगे ।

आयुष विभाग की समीक्षा बैठक के बाद यह घोषणा करते हुए मंत्री ने कहा कि ऐसे स्थान जहां एलोपैथिक चिकित्सालय नही हैं किन्तु आयुर्वेदिक चिकित्सालय हैं, वहां 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी ।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों में खासतौर पर कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर को रोकने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित आधारभूत संरचना को और मजबूत करने की दिशा में यह एक कदम है ।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 158 ऐसे सथानों पर आयुर्वेदिक चिकित्सालय हैं जहां एलोपैथिक चिकित्सालय नहीं है । उन्होंने कहा कि उन्हें उच्चीकृत कर वहां सुविधाएं बढाई जाएंगी और इस संबंध में एक विस्तृत प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लाया जाएगा ।

मंत्री ने कहा कि इन चिकित्सालयों में आक्सीजन बेड सहित सभी प्रकार के इलाज की सुविधा दी जायेगी और उनमें बिस्तरों की संख्या को चार से बढाकर 10 की जाएगी ।

उन्होंने कहा कि कुछ आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के पास भवन तो है परन्तु उपकरण और मानव संसाधन के अभाव के चलते उनका समुचित उपयोग नही हो पा रहा है, उनमें मानव संसाधन की व्यवस्था करते हुए उन्हें भी उच्चीकृत किया जाएगा ।



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नाबालिग लडकी से दुष्कर्म का आरोपी गिरफ्तार

ऋषिकेश, 23 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक नाबालिग लड़की से कथित रूप से दुष्कर्म करने के आरोपी युवक को शुक्रवार को पुलिस ने गिरफतार कर लिया । पुलिस ने इसकी जानकारी दी ।

ऋषिकेश पुलिस कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक शिशुपाल सिंह नेगी ने यहां बताया कि 13 वर्षीय किशोरी को कथित तौर पर डरा—धमका कर उससे कई बार कथित दुष्कर्म करने वाले गुमानीवाला क्षेत्र के निवासी क्रांशु चौहान को गिरफतार कर लिया गया है ।

उन्होंने बताया कि पीड़ित पक्ष की तहरीर के आधार पर चौहान के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 376 और पॉक्सो अधनियम में मुकदमा दर्ज किया गया है ।



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Uttarakhand News: अब उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी में सामने आई दरार! पूर्व मंत्री नवप्रभात ने कार्यभार संभालने से किया इनकार

देहरादून पंजाब में कांग्रेस पार्टी में अंतर्कलह के बाद अब उत्तराखंड में भी दरार देखने को मिल रही है। यहां कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए दावेदार पूर्व मंत्री नवप्रभात ने पार्टी की तरफ से घोषित किसी भी समिति का हिस्सा नहीं बनने का फैसला किया है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को को उत्तराखंड इकाई का नया प्रमुख नियुक्त किया। नवप्रभात ने कहा, ‘मैं पूर्व में घोषणापत्र समिति का अध्यक्ष रहा हूं और मैं संगठन में कुछ सम्मानजनक उम्मीद कर रहा था।’ नवप्रभात राज्य में एन डी तिवारी और दोनों सरकारों में मंत्री थे। वह गणेश गोदियाल से बहुत वरिष्ठ हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के समर्थन वाले गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया गया। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रीतम सिंह की जगह गोदियाल को उत्तराखंड इकाई का नया प्रमुख नियुक्त किया, जिन्हें विधायक दल के नेता के रूप में नामित किया गया है। पूर्व सीएम हरीश रावत अगले साल होने वाले चुनाव के लिए प्रचार समिति की अध्यक्षता करेंगे। जीत राम, भुवन कापड़ी, तिलक राजबिहार और रंजीत रावत को भी कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पूर्व मंत्री नवप्रभात को मेनिफेस्टो कमेटी का अध्यक्ष, प्रदेश के पूर्व प्रमुख किशोर उपाध्याय को समन्वय समिति का अध्यक्ष और प्रकाश जोशी को चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। प्रचार समिति के अध्यक्ष सुमित हृदयेश होंगे।


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जेल में कैदी की मौत, नाराज उत्तराखंड हाई कोर्ट ने दिया सीबीआई जांच का आदेश, पुलिसकर्मियों पर भी होगा ऐक्शन

विनिता कुमार, नैनीताल उत्तराखंड हाईकोर्ट के जज न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने हल्द्वानी जेल में एक कैदी की मौत को गंभीरता से लिया है। हाई कोर्ट ने कैदी की मौत के मामले में जांच सीबीआई से कराने के आदेश दे दिए हैं। वहीं न्यायालय ने एसएसपी नैनीताल, तत्कालीन हल्द्वानी पुलिस क्षेत्राधिकारी और जेल के बंदी रक्षकों के तबादले करने के भी आदेश दिए हैं। मृतक कैदी की पत्नी ने उच्च न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई थी, जिसका संज्ञान हाई कोर्ट ने लिया है। हाईकोर्ट नैनीताल के इस आदेश से पुलिस और जेल विभाग में हड़कंप मच गया है। नाबालिग से छेड़छाड़, गाली-गलौज और मारपीट के आरोपी प्रवेश कुमार पुत्र रघुवर दयाल निवासी कुंडेश्वरी काशीपुर की हल्द्वानी उप कारागार में पुलिस अभिरक्षा में मौत हो गई थी। इसे पुलिस ने बीते चार मार्च को गिरफ्तार कर अगले दिन राजकीय चिकित्सालय में मेडिकल कराने के बाद हल्द्वानी जेल भेज दिया था। दो दिन बाद उप कारागार हल्द्वानी में प्रवेश कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मृतक आरोपी प्रवेश कुमार की पत्नी ने जेल प्रशासन सहित पुलिस के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। हाईकोर्ट नैनीताल में हुई सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट ने हल्द्वानी के अपर मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट रमेश सिंह को मामले की निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए थे। साथ ही हल्द्वानी जेल के बंदी रक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और जेल अधीक्षक को नोटिस भी जारी किया गया है। न्यायालय के आदेश पर बीते 31 मई को हल्द्वानी के अपर मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट रमेश सिंह ने मृतक की पत्नी भारती से पूछताछ करते हुए बयान दर्ज कर लिए हैं।


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जब खाने के लिए Zomato के सीईओ को लगानी पड़ी थी लंबी लाइन, तभी आया ख्याल और खड़ी की 1 लाख करोड़ की कंपनी

Zomato Success Story: एक मामूली सी कंपनी आज 1 लाख करोड़ की वैल्यू वाली कंपनी में तब्दील हो गई है. आइए जानते हैं सफलता की ये कहानी...

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गुरुवार, 22 जुलाई 2021

Uttarakhand news: उत्तराखंड में 'चीन की सक्रियता' पर एजेंसियां सक्रिय, देहरादून में आलाधिकारियों ने बनाई रणनीति

देहरादूनउत्तराखंड के बाड़ाहोती में चीनी सेना की गतिविधियां बढ़ने की खबर सामने आने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने भी अपना सुरक्षा तंत्र सक्रिय कर दिया है। गुरुवार को उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय देहरादून में पुलिस के आला अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में आईटीबीपी और एसएसबी समेत केंद्रीय व राज्य से जुड़े खुफिया विभाग के अधिकारी शामिल हुए। तय हुआ कि केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियां आपस में तालमेल बैठाकर सीमांत इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम करेंगी। पेट्रोलिंग करने की तैयारी हालांकि उत्तराखंड पुलिस ने साफ किया कि बाड़ाहोती में चीन सेना के ऐक्टिव होने की उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली है। लेकिन बताया गया है कि चीन और नेपाल से लगी सीमा पर उत्तराखंड पुलिस के जवान आईटीबीपी और एसएसबी के साथ मिलकर पेट्रोलिंग करने की भी तैयारी कर रहे हैं। सामान्य बैठक की कही गई बात बताया गया है कि हर तीसरे महीने चीन और नेपाल सीमा पर तैनात आईटीबीपी और एसएसबी के अधिकारियों के अलावा इंटेलिजेंस ब्यूरो से जुड़े अधिकारियों के साथ होने वाली यह बैठक कोरोना की वजह से लंबे वक्त से नहीं हुई थी। बैठक का उद्देश्य जहां सीमांत इलाकों की सुरक्षा को पुख्ता करना होता है, वहीं राज्य और केंद्रीय फोर्स के बीच आपसी समन्वय बनाना भी होता है।


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बदरीनाथ धाम में पढ़ी गई ईद की नमाज? स्थानीय लोगों ने खोला मोर्चा, पुलिस ने 15 पर दर्ज किया केस

चमोली उत्तराखंड के चमोली स्थित () में ईद के मौके पर नमाज पढ़े जाने का मामला गर्मा गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि एक तरफ बदरीनाथ धाम के लोगों को कोविड का हवाला देकर मंदिर में घुसने नहीं दिया जा रहा है, जबकि दूसरी तरफ सारी मान्यताओं को ध्वस्त करते हुए यहां ईद की नमाज पढ़ने की इजाजत दे दी गई। बुधवार को बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने मंदिर के आसपास जुटकर विरोध प्रदर्शन किया। दरअसल मंदिर परिसर से कुछ दूरी एक मल्टीलेवल पार्किंग का काम चल रहा है। स्थानीय ठेकेदार हरेंद्र सिंह पवार ने बाहर से कुछ मजदूर बुलाए हैं जिनमें ज्यादातर मुस्लिम हैं। बुधवार को बदरीनाथ में ईद की नमाज पढ़े जाने की खबर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसे लेकर लोग सड़क पर उतर आए। जोशीमठ के लोगों ने कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। इसको लेकर एसडीएम कुमकुम जोशी ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। ठेकेदार समेत 15 लोगों के खिलाफ केस, मामले की जांच जारी मामले में बदरीनाथ पुलिस ने ठेकेदार समेत 15 लोगों के खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस भी मामले की जांच कर रही है। घटना पर बवाल बढ़ता देख चमोली के एसपी यशवंत सिंह चौहान ने मोर्चा संभाला। चमोली पुलिस ने उनके बयान के साथ एक वीडियो ट्वीट किया है। एसपी बोले, 'नमाज पढ़े जाने का कोई गवाह नहीं, न फोटो-वीडियो' एसपी ने कहा, 'हमारे पास सूचना आई कि बदरीनाथ धाम में मुस्लिम संप्रदाय के लोगों ने नमाज पढ़ी है। छानबीन की तो पता चला कि मंदिर परिसर से एक किमी पहले एक मल्टीलेवल पार्किंग बन रही है। स्थानीय ठेकेदार ने वहां कुछ मजदूर बुलाए हैं। करीब 15 मजदूर हैं जो मुस्लिम हैं। पार्किंग का नीचे का फ्लोर तैयार हो गया है। वे लोग वहीं रहते हैं और काम करते हैं। उसी कमरे में उन लोगों ने 21 जुलाई को सुबह 7 बजे के आसपास नमाज शायद पढ़ी होगी। क्योंकि नमाज पढ़ने का न कोई चश्मदीद है, न उसका कोई वीडियो या फोटो है।' 'नमाज पढ़ी भी तो बंद कमरे में और बिना किसी लाउडस्पीकर के' एसपी यशवंत ने आगे कहा, 'अगर हम मान भी लें कि नमाज पढ़ी गई तो उन्होंने किसी भी सार्वजनिक स्थान पर नहीं पढ़ी। न बाहर से कोई मौलवी बुलाया गया और न ही लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया गया। न ही कोई आयोजन किया गया। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जा रही हैं कि एक स्थान विशेष पर नमाज पढ़ी गई, जो गलत है। मेरी अपील है कि लोग अफवाह न फैलाएं। फिलहाल डीएम ऐक्ट में मुकदमा दर्ज है और जांच जारी है। जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई होगी।


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गोदियाल उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त, हरीश रावत चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख बने

नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) कांग्रेस ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले अपनी राज्य इकाई में बड़ा बदलाव करते हुए बृहस्पतिवार को गणेश गोदियाल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख नियुक्त किया।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रीतम सिंह को विधायक दल का नेता नियुक्त किया तथा कई समितियां भी गठित कीं। प्रीतम सिंह इससे पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे थे।

पार्टी ने 72 वर्षीय हरीश रावत को चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाने के साथ ही उनके करीबी माने जाने वाले गोदियाल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान सौंपी है।

कांग्रेस ने 55 वर्षीय गोदियाल को अध्यक्ष बनाने के साथ ही जीत राम, भुवन कापड़ी, तिलक राज बेहड और रंजीत रावत को उत्तराखंड इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है।

आर्येंद्र शर्मा को उत्तराखंड कांग्रेस का कोषाध्यक्ष बनाया गया है।

गोदियाल दो बार उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य रहे हैं। वह 2012 के विधानसभा चुनाव में पौड़ी गढ़वाल जिले की श्रीनगर विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे। 2017 के चुनाव में वह हार गए थे।

अब तक प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे प्रीतम सिंह को विधायक दल का नेता बनाया गया है जो राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका भी निभाएंगे। पिछले दिनों कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृद्येश के निधन के कारण नेता प्रतिपक्ष का पद खाली हो गया था।

कांग्रेस ने उत्तराखंड के अपने संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए क्षेत्रीय और जातीय समीकरण को भी साधने का पूरा प्रयास किया है। रावत और प्रीतम सिंह दोनों राजपूत समुदाय से आते हैं तो गोदियाल ब्राह्मण समाज से आते हैं।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप टम्टा को चुनाव प्रचार समिति का उपाध्यक्ष और दिनेश अग्रवाल को इसका संयोजक बनाया गया है।

कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव की अगुवाई में कोर कमेटी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में समन्वय समिति, पूर्व मंत्री नवप्रभात की अगुवाई में घोषणापत्र समिति, प्रकाश जोशी की अध्यक्षता में चुनाव प्रबंधन समिति और सुमित हृद्येश की अध्यक्षता में प्रचार समिति गठित की गई हैं।

इनके अलावा, धीरेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कांग्रेस संपर्क समिति, विजय सारस्वत की अध्यक्षता में प्रशिक्षण कार्यक्रम समिति, गोदियाल की अगुवाई में प्रदेश चुनाव समिति और राजीव महर्षि की अध्यक्षता में मीडिया समिति बनाई गई है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं प्रदीप टम्टा, काजी निजामुद्दीन, करण मेहरा, मनोज रावत, सूर्यकांत धस्माना, आरपी रतूड़ी और मथुरा दत्त जोशी को वरिष्ठ प्रवक्ता नियुक्त किया गया है।



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गोदियाल उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष और हरीश रावत चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख नियुक्त

नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) कांग्रेस ने अपनी उत्तराखंड इकाई में बड़ा बदलाव करते हुए बृहस्पतिवार को गणेश गोदियाल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख नियुक्त किया।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रीतम सिंह को विधायक दल का नेता भी नियुक्त किया जो इससे पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे थे।

पार्टी ने 72 वर्षीय हरीश रावत को चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाने के साथ ही उनके करीबी माने जाने वाले गोदियाल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान सौंपी है।

कांग्रेस ने गोदियाल को अध्यक्ष बनाने के साथ ही जीत राम, भुवन कापड़ी, तिलक राज बेहड और रंजीत रावत को उत्तराखंड इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है।

आर्येंद्र शर्मा को उत्तराखंड कांग्रेस का कोषाध्यक्ष बनाया गया है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप टम्टा को चुनाव प्रचार समिति का उपाध्यक्ष और दिनेश अग्रवाल को इसका संयोजक बनाया गया है।

कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव की अगुवाई में कोर कमेटी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में समन्वय समिति, पूर्व मंत्री नवप्रभात की अगुवाई में घोषणापत्र समिति, प्रकाश जोशी की अध्यक्षता में चुनाव प्रबंधन समिति, सुमित हृद्येश की अध्यक्षता में प्रचार समिति और कुछ अन्य समितियां गठित की गई हैं।



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