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कांग्रेस नेता ने तस्वीरों के साथ एक पोस्ट लिखी जिसमें उन्होंने कहा कि जब उन्होंने एक दरगाह में टोपी पहनी तो भाजपा ने उन तस्वीरों को ''हर घर पहुंचाया और उन्हें मौलाना हरीश रावत नाम दिया।''
उन्होंने ''भाजपा के मित्रों'' को वे तस्वीरें देखने के लिये कहा, जिनमें वाजपेयी, आडवाणी और राजनाथ सिंह जैसे पुराने नेता टोपी पहने दिख रहे हैं। रावत ने उनसे पूछा कि क्या उनमें अपने नेताओं के नामों के आगे भी ''मौलाना'' लगाने की हिम्मत है।
रावत ने दावा किया कि भाजपा के ''हिंदुत्व के सितारे'' नरेन्द्र मोदी की भी तस्वीर है। उन्होंने पूछा कि पार्टी में उन्हें भी इस तरह संबोधित करने की हिम्मत है।
हालांकि, कांग्रेस नेता द्वारा साझी की गईं तस्वीरों में मोदी की तस्वीर नहीं दिखाई दी।
राज्य में स्कूल कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय से बंद है। राज्य सरकार की ओर से इस आशय का एक आदेश जारी कर कहा गया है कि यह सभी बोर्डिंग, डे बोर्डिंग सरकारी और निजी स्कूलों पर लागू होगा।
आदेश के अनुसार सभी स्कूलों से कहा गया है कि वे अपने परिसर को अच्छी तरह से सैनिटाइज करें और प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनिटाइज करने के बाद ही छात्रों को प्रवेश दें। आदेश में कहा गया है कि छात्रों को भौतिक रूप से कक्षाओं में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ऑनलाइन उपस्थिति का विकल्प भी उनके पास उपलब्ध होगा।
इसमें कहा गया है कि जो विद्यार्थी अपनी कक्षाओं में शामिल होने के लिए स्कूल आते हैं, उन्हें ऐसा करने के लिए अपने माता-पिता या अभिभावकों की सहमति लेनी होगी। इसमें कहा गया है कि कक्षा एक से पांचवीं तक के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं पहले की तरह जारी रहेंगी।
स्कूलों को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए भी कहा गया है जो छात्रों की ओर से कोविड के उचित व्यवहार को सुनिश्चित करेगा और किसी भी उल्लंघन के मामले में कार्रवाई करेगा। आदेश के अनुसार सभी छात्रों, शिक्षकों और स्टॉफ के सदस्यों के लिए मास्क पहनना, सामाजिक दूरी का पालन करना और बार-बार हाथ साफ करना अनिवार्य होगा।
आदेश में कहा गया है कि यदि स्कूल परिसर में किसी को बुखार, खांसी या सर्दी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो नोडल अधिकारी स्कूल प्रबंधन और प्रधानाचार्य के परामर्श से तुरंत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करेगा।
इसमें कहा गया है कि शिक्षक, स्टॉफ के सदस्य और स्कूल परिसर के भीतर रहने वाले विद्यार्थियों को 48 घंटे से अधिक पुरानी आरटी-पीसीआर परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद ही प्रवेश दिया जाना चाहिए।
आदेश में कहा गया है कि स्कूलों द्वारा शिक्षा के ‘हाइब्रिड मोड’ को अपनाया जाएगा, जिसका अर्थ कक्षाओं को एक साथ मोबाइल और अन्य उपकरणों पर ‘लाइव स्ट्रीमिंग’ द्वारा भौतिक और ऑनलाइन दोनों तरह से आयोजित करना होता है।
उत्तराखंड के मुख्य वन संरक्षक (शोध) संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि प्रदेश के वन विभाग की अनुसंधान शाखा द्वारा विकसित आर्किड केंद्र को चार भागों- संरक्षण एवं प्रदर्शन क्षेत्र, 1.25 किमी लंबी आर्किड ट्रेल, इंटरप्रेटेशन केंद्र और आर्किड नर्सरी, में बांटा गया है ।
उन्होंने बताया कि आर्किड की 70 विभिन्न प्रजातियों में से ज्यादातर प्रजातियां औषधीय गुणों से युक्त और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनमें से कई प्रजातियां जैसे ‘लेडीज स्लीपर’ संकटग्रस्त पादपों की श्रेणी में हैं । पिछले दो वर्षों में केंद्र को विकसित करने की प्रक्रिया के दौरान मंडल में आर्किड की कुछ नई प्रजातियां भी मिलीं जिन्हें पहले कभी नहीं देखा गया था ।
उत्तराखंड में कुल मिलाकर आर्किड की करीब 250 प्रजातियां प्राप्त हो चुकी हैं और भारी वर्षा और अत्यधिक समृद्ध वनाच्छादित क्षेत्र होने के कारण मंडल घाटी में खास तौर पर ये बहुतायत में पाई जाती हैं ।
वन अधिकारी ने कहा कि आर्किड केंद्र बनाने का मुख्य उद्देश्य आर्किड प्रजातियों का संरक्षण करने, पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय लोगों के लिए आजीविका के अवसर प्रदान करना है ।
उन्होंने बताया कि पादप जगत में आर्किड का वही स्थान है जो प्राणि जगत में बाघ का है । पारिस्थितिकीय परिवर्तन के प्रति आर्किड बहुत संवेदनशील होते हैं और इसलिए किसी पारिस्थितकी तंत्र के स्वास्थ्य को मापने के लिए इसे एक अच्छा मानदंड माना जाता है । निर्माण कार्य, वनों के कटने तथा आर्किड की तस्करी जैसे गतिविधियों के कारण उनके अस्तित्व पर संकट पैदा हो गया है ।
उत्तराखंड में औषधीय गुणों से युक्त इसकी हाथा जडी, जीवक, रिद्धि, वृद्धि, ऋषभक, सलम मिश्री आदि प्रजातियां पाई जाती हैं । चतुर्वेदी ने कहा कि सिक्किम और उत्तर पूर्वी राज्यों ने पर्यटन और लोगों की आजीविका के मद्देनजर आर्किड के उपयोग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया है ।
मुख्य सचिव डॉ संधु ने गढ़वाल एवं कुमायूँ के आयुक्त, सभी जिलाधिकारियों एवं तहसील एवं विकास खण्ड अधिकारियों को जारी अपने आदेश में जनसमस्याओं के समाधान की व्यवस्था सुदृढ़ करने के निर्देश दिए और सभी कार्यालयध्यक्षों को प्रतिदिन पूर्वाह्न 10 बजे से 12 बजे तक अपने कार्यालयों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने को कहा है।
उन्होंने इस अवधि में कोई अन्य बैठक नियत न किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि अपरिहार्य कारणों से व्यक्तिगत उपलब्धता सम्भव न होने की दशा में अन्य सक्षम प्राधिकारी की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि जनसम्पर्क के दौरान भेंट करने वाले व्यक्तियों के प्रति यथोचित शिष्टाचार के साथ प्राप्त समस्याओं एवं विषयों को गम्भीरता से लेते हुए समयबद्धता एवं गुणवत्ता के साथ निस्तारित किया जाए।
संधु ने कोविड महामारी के आने से पहले तहसील स्तर पर प्रत्येक माह के प्रथम एवं तृतीय मंगलवार को प्रचलित ‘तहसील दिवस' की व्यवस्था को पुन: शुरू करने को भी कहा है।
उन्होंने मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों द्वारा हर माह भेजी जाने वाली रिपोर्ट के साथ ही निर्देशित बिन्दुओं पर कार्यवाही एवं परिणाम भेजे जाने के भी निर्देश जारी किए हैं।
मुंबई निवासी दुष्कर्म पीड़ित की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने पौड़ी गढ़वाल के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव और सीनियर डिवीजन के सिविल जज संदीप कुमार तिवारी को अवमानना नोटिस जारी किया। सिविल जज को अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।
इससे पहले, पीड़ित ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को महिला मानने का निर्देश जारी किया गया था। बाद में पीड़ित ने एक अवमानना याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया कि उक्त जज ने इस संबंध में उच्च न्यायालय के निर्देश को मानने से इनकार कर दिया।
नैनीताल आ रहे 75 प्रतिशत पर्यटकों के कोविड-19 एसओपी का पालन नहीं करने और उससे पिछले सप्ताह संक्रमण के मामलों में वृद्धि होने का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान तथा न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सप्ताहांत में पर्यटन स्थलों में बढ़ती भीड़ को लेकर चिंता प्रकट की और उसे नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में राज्य सरकार से सवाल पूछा।
उच्च न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के बीच चारधाम यात्रा संचालित करने में जोखिम के मद्देनजर 28 जून को उसे शुरू करने पर रोक लगा दी थी जिसे राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। हांलांकि, इस पर उच्चतम न्यायालय में अभी सुनवाई शुरू नहीं हुई है।
महामारी के बीच यात्रा के लिए राज्य सरकार की तैयारियों से संबंधित जनहित याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शिव भट्ट ने कहा कि चारधाम यात्रा के संबंध में राज्य सरकार द्वारा दायर की गयी विशेष अनुमति याचिका पर उच्चतम न्यायालय में अभी सुनवाई नहीं हुई है इसलिए यात्रा पर रोक के आदेश को आगे विस्तारित किया जाना चाहिए।
उच्च न्यायालय द्वारा चारधाम यात्रा पर स्थगनादेश के बुधवार को समाप्त होने के मद्देनजर उसे सुनवाई की अगली तारीख 18 अगस्त या उच्चतम न्यायालय में इससे संबंधित मामले के निस्तारण होने की अवधि तक आगे बढ़ा दिया गया।
अदालत ने सप्ताहांत में पर्यटन स्थलों में बढ़ती भीड़ पर चिंता जाहिर करते हुए जिला प्रशासनों से पूछा कि उनके पास पर्यटकों को नियंत्रित करने की क्या योजना है। अदालत ने टिप्पणी की कि नैनीताल में ही 75 प्रतिशत पर्यटक एसओपी का पालन नहीं कर रहे हैं, कोई भी सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहा है और इसके कारण पिछले सप्ताह नैनीताल में संक्रमण के 10 मामले आए। अदालत ने जानना चाहा कि कोविड-19 एसओपी का पालन नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ कितने मामले दर्ज किए गए।
उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से सरकारी अस्पतालो में चिकित्सकों, नर्सों और तकनीकी स्टाफ की रिक्तियों की संख्या तथा उन्हें भरने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी पूछा। अदालत ने जिला अस्पतालों को एंबुलेंसों की वास्तविक स्थिति सामने लाने को कहा तथा जिला अस्पतालों में एंबुलेंस की संख्या, उनकी दशा तथा जरूरत के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा।
स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने अदालत को बताया कि प्रदेश में 95 ब्लॉक हैं। राज्य में 108 सेवा की 54 एंबुलेंस हैं और हर ब्लॉक में एक एंबुलेंस के हिसाब से अभी 41 एंबुलेंसों की और जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को एक अर्जी भेजी गई है।
अदालत ने प्रदेश में जारी कोविड टीकाकरण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी व्यक्तिगत तौर पर निगरानी करने के निर्देश दिए। टीकाकरण केंद्रों की संख्या को पर्याप्त नहीं बताते हुए अदालत ने सरकार से पूछा कि दिव्यांग लोगों के टीकाकरण के लिए सरकार क्या कर रही है।
अदालत ने जांच के लिए भेजे गए 300 संदिग्ध डेल्टा प्लस स्वरूप के नमूनों के परिणाम तथा अब तक संक्रमण से हुई मृत्यु की संख्या के बारे में भी पूछा। अदालत ने राज्य सरकार से इस संबंध में 18 अगस्त तक विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
धामी ने परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण पिथौरागढ़ जिले की निवासी 25 वर्षीय अनु का इलाज बीच में ही रुक जाने का पता चलते ही मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से पांच लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की और चेक उनके पति मदन धामी को सौंप दिया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अनु धामी के इलाज के लिए सरकार की ओर से हरसंभव मदद दी जाएगी।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने सोमवार को देहरादून के जिलाधिकारी आर राजेश कुमार को अनु के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए एम्स ऋषिकेश भेजा था जिन्होंने उनसे मिलकर उन्हें मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से पाँच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की जानकारी दी थी।
रक्त कैंसर से पीड़ित अनु का छह माह का एक बच्चा भी है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के चिकित्सा अधीक्षक बी के बस्तिया ने बताया कि अनु की स्थिति गंभीर है और उपचार के लिए उनका अस्थि मज्जा प्रतिरोपित होना है।
अनु के इलाज में मुश्किल तब आ खड़ी हुई जब उनके आयुष्मान कार्ड से मुफ्त इलाज की पांच लाख रुपये की सीमा खत्म हो गयी। इसके बाद अनु के पति मदन धामी ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मदद की गुहार लगाई थी।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह राठौर और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा ने उत्तराखंड बार काउंसिल, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, भारत सरकार तथा उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी करते हुए उन्हें इस संबंध में अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया।
यह नोटिस उत्तराखंड बार काउंसिल के उन नियमों की वैधता को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान जारी किया गया जिनके तहत कानून के स्नातकों से वकील के रूप में पंजीकरण के लिए अत्यधिक शुल्क लिया जाता है।
देहरादून स्थित गैर सरकारी संगठन ‘रूरल लिटिगेशन एंड एनटाइटलमेंट केंद्र’ (रूलक) ने यह जनहित याचिका दायर की थी।
रूलक के अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 24 (1)(एफ) के तहत वकील के रूप में पंजीकरण के लिए 750 रुपये लिए जाने चाहिए लेकिन उत्तराखंड बार काउंसिल इसके लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों से 18,650 और आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों से 15,525 रुपये, 40 साल से ज्यादा उम्र के पुरुष उम्मीदवारों से 38,650 रुपये और 40 साल से ज्यादा की महिला उम्मीदवारों से 33,650 रुपये ले रही है।
उन्होंने कहा कि अधिवक्ता अधिनियम 1961 के अनुसार अत्यधिक पंजीकरण शुल्क नहीं लिया जा सकता और पंजीकरण शुल्क को 750 रुपये रखने का उद्देश्य इसे पूरे देश में एक समान और सबकी वहन क्षमता के भीतर रखना था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में यहां राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि कोविड-19 के कारण प्रदेश के शिक्षण संस्थान काफी लंबे समय से बंद पडे़ हैं और मंत्रिमंडल ने अब छठी से लेकर 12 वीं तक की कक्षाओं का संचालन एक अगस्त से शुरू करने का निर्णय किया है ।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, ऊधमसिंहनगर जिले के पंतनगर में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट हेतु चयनित भूमि पर निर्माण शुरू करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने हेतु भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को परामर्शी नियुक्त करने का फैसला लिया गया । उन्होंने बताया कि इसे छह माह के भीतर सरकार को डीपीआर उपलब्ध करानी होगी ।
प्रदेश मंत्रिमंडल ने राज्य विधानसभा का मॉनसून सत्र 23 से 27 अगस्त तक आयोजित करने पर भी अपनी मुहर लगा दी ।
इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले सभी छात्रों को तैयारी के लिए 50,000 रू देने, उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग (पीसीएस) की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले 100 छात्रों को तैयारी के लिए 50,000 रू देने एवं एनडीए तथा सीडीएस की लिखित परीक्षा पास करने वालों को भी 50,000 रूपये देने का निर्णय लिया ।
प्रदेश में कई विभागों में वेतन विसंगति संबंधी प्रकरणों के समाधान के लिए मंत्रिमंडल ने सेवानिवृत्त मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति बनाने को भी मंजूरी दे दी जो अधिकतम तीन माह में अपनी संस्तुति देगी ।
मंत्रिमंडल ने कोविड-19 के कारण चारधाम यात्रा एवं पर्यटन गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव के दृष्टिगत 197.85 करोड़ रू के आर्थिक राहत पैकेज को मंजूरी दे दी जिसके तहत नैनीताल जिले में नैनी, नौकुचियाताल, भीमताल, सातताल एंव सड़ियाताल में पंजीकृत कुल 549 नौका संचालकों को 10,000 रू की दर से आर्थिक सहायता की जाएगी।
नैनीताल में नैनीझील में नौका लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क में 671 लाभार्थियों को वित्तीय वर्ष 2021-22 में छूट दी जायेगी। इसके अलावा, सांस्कृतिक दलों को पांच माह तक दो हजार रू प्रति माह की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। वीरचंद्र सिंह गढ़वाली एवं दीनदयाल उपाध्याय होमस्टे योजना हेतु ऋण पर छह माह के लिये ब्याज प्रतिपूर्ति सहायता की जाएगी ।
उनियाल ने बताया कि मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर परिवहन निगम के कार्मिकों को तीन माह का वेतन 51.24 करोड रू की धनराशि देने के बारे में निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया । मंत्री ने बताया कि कोविड 19 की शुरूआत के बाद से राज्य सरकार अब तक परिवहन निगम को अपने कार्मिकों को वेतन देने के लिए 209.35 करोड़ रू दे चुकी है ।
एक अन्य निर्णय में मंत्रिमंडल ने बागेश्वर जिले के लोकप्रिय पर्यटन स्थल कौसानी का ग्राम पंचायत से दर्जा बढाते हुए उसे नगर पंचायत बनाने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी ताकि वहां आने वाले पर्यटकों की बड़ी संख्या के अनुरूप अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जा सकें ।
इस पैकेज से प्रदेश के 3 लाख 73 हजार 568 कर्मी लाभान्वित होंगे। देहरादून में प्रदेश के लगभग 50 कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि एक वर्ष से अधिक समय से लगातार कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष में स्वास्थ्य क्षेत्र के अधिकारियों, चिकित्सकों, पैरा मेडिकल स्टाफ, चतुर्थ श्रेणी तथा अन्य कर्मियों द्वारा समर्पण एवं सेवाभाव के साथ सराहनीय कार्य किया जा रहा है।
हांलांकि, उन्होंने कहा कि इनके कर्तव्य निर्वहन की वित्तीय रूप से भरपाई करना संभव नहीं है लेकिन फिर भी राज्य सरकार द्वारा इन्हें प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन सहायता राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पैकेज के तहत आगामी पांच माह के लिए आशा एवं आंगनवाड़ी कर्मियों को दो-दो हजार रुपये प्रतिमाह, स्वास्थ्य विभाग के ग्रुप सी एवं डी के कार्मिकों को तीन-तीन हजार रुपये तथा चिकित्सकों को 10-10 हजार रुपये प्रोत्साहन स्वरूप दिए जाएंगे। इससे लगभग 61,000 कार्मिक लाभान्वित होंगे । इसके साथ ही 1120 आशा फैसिलिटेटर एवं आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को एक-एक टैबलेट भी दिया जायेगा।
स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोविड-19 के दुष्प्रभाव से बचाने तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से इन्हें आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक किट भी वितरित की जायेगी। इन योजनाओं से लगभग 3,73,568 व्यक्ति लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए हरिद्वार एवं पिथौरागढ़ में राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जायेगी जिसके लिए चालू वित्तीय वर्ष में 70-70 करोड़ रूपए की धनराशि अवमुक्त की जायेगी।
आमजन को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए धामी ने कहा कि इसी कारण चिकित्सा क्षेत्र में उपरोक्त सम्पूर्ण योजनाओं पर लगभग 205 करोड़ रुपये व्यय करने का लक्ष्य है।
धामी ने कहा कि प्रदेश में लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिये उत्तराखंड अटल आयुष्मान योजना को संवेदनशीलता के साथ और अधिक व्यावहारिक बनाया जायेगा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि एक माह में प्रदेश में सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में कोरोना योद्धाओं के लिए सम्मान समारोह किये जाएंगे।
उन्होंने कहा कि 30 दिसम्बर 2021 तक प्रदेश में सौ प्रतिशत कोविड टीकाकरण कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में सात हजार लोगों को रोजगार दिया जाएगा।
कार्यक्रम में सम्मानित होने वालों में प्रदेश की चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा, दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना, राज्य कोविड-19 नियंत्रण कक्ष के डॉ अभिषेक त्रिपाठी भी शामिल रहे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर देहरादून के जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने देहराहदून के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जीवन के लिए संघर्ष कर रही पिथौरागढ की 25 वर्षीया अनु से भेंट की और उन्हें मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से पाँच लाख रूपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की जानकारी दी ।
ब्लड कैंसर से पीड़ित अनु का छह माह का एकबच्चा भी है। एम्स के चिकित्सा अधीक्षक बी के बस्तिया ने बताया कि अनु का ब्लड कैंसर गंभीर स्थिति में है और उसके उपचार के लिए उसका बोन मैरो ट्रांसप्लांट होना है ।
अनु के इलाज में मुश्किल तब आ खडी हुई जब उसके आयुष्मान कार्ड से मुफ्त इलाज की पांच लाख रूपये की सीमा खत्म हो गयी । इसके बाद अनु के पति मदन धामी ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मदद की गुहार लगायी जिसका उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए देहरादून के जिलाधिकारी को व्यक्तिगत रूप से मरीज को मिलकर तत्काल पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने को कहा।
अनु से मिलने के बाद एम्स ऋषिकेश में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कुमार ने कहा कि उत्तराखंड सरकार बीमार अनु एवं उसके परिवार के साथ खड़ी है और उसके इलाज में किसी तरह की कमी नही रखी जायेगी ।
यहां गांधी पार्क में शौर्य दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने यह घोषणा करते हुए कहा कि इसका फायदा लगभग 800 परिवारों को मिलेगा ।
उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा और उनका बलिदान राष्ट्र हमेशा याद रखेगा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध में बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड के सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दी ,ऐसे में राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है।
उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए, सीडीएस एवं उसके समकक्ष लिखित परीक्षा पास करने पर परिवार की आर्थिक स्थिति के आधार पर अभ्यर्थी को साक्षात्कार की तैयारी के लिये 50 हजार रु की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी ।
धामी ने जल्द ही सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए पढ़ाई हेतु नैनीताल जिले के हल्द्वानी में छात्रावास बनाने की भी घोषणा की ।
उन्होंने कहा कि वीर नारियों एवं वीरता पुरस्कार प्राप्तकर्ता सैनिकों के सम्मान में गढ़वाल एवं कुमाऊं मण्डल में सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा तथा एक सितंबर से प्रदेश में सैन्य सम्मान यात्रा शुरू की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कारगिल शहीद नागा रेजीमेंट के नायक दिवंगत देवेन्द्र सिंह रावत के यहां कौलागढ़ स्थित आवास जाकर उनके चित्र पर पुष्प भी अर्पित किये।
एक दशक पहले बना मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास वहां रहने वाले मुख्यमंत्रियों के लिए 'मनहूस' माना जाता है क्योंकि वहां रहने वाला कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका ।
यहां रहने वाले विजय बहुगुणा से लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत तक कोई मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका और उसकी समय से पहले ही पद से विदाई हो गई।
धामी ने पहले मुख्यमंत्री आवास परिसर में स्थित शिव मंदिर में पूजा अर्चना की और गौशाला में गौमाता से आशीर्वाद लिया । उसके बाद अपने परिवार के साथ विधि -विधान से पूजा कर उन्होंने 'गृह प्रवेश' किया ।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं हमेशा वर्तमान में जीने में विश्वास करता हूं। न तो मैंने कभी भूतकाल की चिंता की और न ही उसका कभी प्रायश्चित किया । और न ही भविष्य में क्या होगा, इसकी अभी से चिंता करूंगां ।’’
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के इतने संसाधन उसमें लगे हैं और राज्य के मुखिया या मुख्य सेवक के लिए वह बना है तो निश्चित रूप से उसे वहीं रहना चाहिए ।
आवास में प्रवेश से पहले उसका वास्तु दोष निवारण भी किया गया । मुख्यमंत्री आवास में पूजा कराने वाले पंडितों ने कहा कि मंत्रों में बहुत शक्ति है और अगर किसी स्थान पर वास्तुदोष हो तो उसे मंत्रों और पूजा के जरिए ठीक किया जा सकता है ।
धामी के सरकारी आवास में प्रविष्ट होने पर राज्यपाल बेबीरानी मौर्य और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने उन्हें बधाई दी है । राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से भेंटकर उन्हें इस अवसर पर शुभकामनाएं दीं जबकि कौशिक ने भी उन्हें मुबारकबाद दी ।
हांलांकि, यह भी जानना दिलचस्प है कि मुख्यमंत्री आवास में रहने से परहेज करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और तीरथ सिंह रावत भी लंबे समय तक पद पर नहीं बने रह पाए ।
हरीश रावत 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में हारकर सत्ता से बाहर हो गए । इसी वर्ष मार्च में मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में रहने की बजाय उसे कोविड केयर सेंटर के रूप में तैयार करने की घोषणा की लेकिन उसके पूरा होने से पहले ही चार माह से भी कम समय तक पद पर रहने के बाद उनकी विदाई हो गई ।
चकराता के विधायक सिंह ने इंदिरा ह्रदयेश की जगह ली है, जिनका पिछले महीने निधन हो गया था ।
पद संभालने के बाद सिंह ने कहा कि कांग्रेस 2022 में उत्तराखंड में सत्ता में आने वाली है। लोग तथाकथित डबल इंजन की सरकार से निराश हैं और वे बदलाव चाहते हैं । उन्होंने 2017 में भाजपा को जबरदस्त जनादेश दिया था, लेकिन वह प्रदेश को एक स्थिर सरकार देने में भी विफल रही ।
सिंह ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, ''साढे चार साल में तीन मुख्यमंत्री और उनमें से एक को तो केवल चार माह में ही पद छोडना पड़ा। दो रावतों (त्रिवेंद्र और तीरथ) ने प्रदेश को बर्बाद कर दिया ।'’
उन्होंने कहा कि राजनीतिक अस्थिरता के कारण विकास को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा, अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही है, जबकि जरूरी सामान की कीमतें आसमान छू रही हैं ।
राज्य सरकार पर भू और खनन माफियाओं के हाथों में खेलने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार केवल कांग्रेस ही दे सकती है ।
यह पूछे जाने पर कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में क्या वह कांग्रेस का मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे, सिंह ने कहा कि पार्टी में काबिल नेताओं की कमी नहीं है और चुनावों के बाद पार्टी हाईकमान जिसे भी इस काम के लिए चुनेगा, उसे हरेक का समर्थन मिलेगा ।
विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में कांग्रेस में हुए संगठनात्मक बदलाव के तहत पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष जबकि सिंह को राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है ।
लक्ष्मण झूला के प्रभारी निरीक्षक प्रमोद उनियाल ने बताया कि हादसा गोहरी रेंज से गुजरने वाली ऋषिकेश-नीलकंठ सड़क पर रविवार देर रात हुआ ।
मनीष डोबरियाल (28) फूलचट्टी में पटना वाटर फॉल के पास मोटरसाइकिल से अपने एक साथी के साथ गुजरते समय वहाँ खड़े जंगली हाथी की चपेट में आ गया। हाथी ने उसे पटक— पटक कर मार दिया जबकि उसके साथी शुभम डोभाल ने भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई और पुलिस को घटना की सूचना दी।
उनियाल ने बताया कि वारदात के बाद भी गुस्सैल हाथी घटनास्थल के नजदीक ही बना रहा। सुबह उसके जाने के बाद मृतक के शव को उठाया जा सका।
मूल रूप से पौड़ी जिले के सतपुली क्षेत्र में कुल्हार गांव का रहने वाला मृतक वर्तमान में ऋषिकेश के गीता नगर क्षेत्र में रहता था और नीलकण्ठ मार्ग स्थित गरूड़ चट्टी के एक रिजॉर्ट में नौकरी करता था।
सावन के महीने में नीलकंठ मंदिर आने—जाने वाले श्रद्धालुओं पर हाथियों के हमले की घटनाएं होने का अंदेशा बढ़ गया है। चार महीने पहले मार्च में भी सुबह रत्तापानी क्षेत्र में एक गुस्सैल हाथी ने एक व्यक्ति को गाड़ी से खींचकर कर अपने पांव तले कुचल दिया था।
उधमसिंह नगर जिले के तीन दिवसीय दौरे के दौरान अपने विधानसभा क्षेत्र खटीमा में एक कार्यक्रम में आम जनता से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबको मिलकर उत्तराखंड को मॉडल राज्य बनाने का सपना साकार करना होगा ।
उन्होंने कहा, '2027 तक उत्तराखंड को शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि, परिवहन, उद्योग आदि समस्त क्षेत्रों में पूरे देश में प्रथम स्थान पर लाना है, जिसके लिए आप सबका का सहयोग अनिवार्य है।'
धामी ने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड को एक बेहतर राज्य बनाना चाहती है जहां उद्योग, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार सभी के लिए वातावरण अनुकूल हो ।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सामान्य परिवार के व्यक्ति को मुख्य सेवक बनाया है तो उस दायित्व को सबके सहयोग से पूरा करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा की गई घोषणाओं और शिलान्यास को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा।
उन्होंने कहा, 'मैं आपका बेटा, भाई हूं । उत्तराखंड का चहुमुखी विकास करने के लिए प्रयास करूंगा ।'
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार 'नो पेंडेंसी' पर कार्य करेगी जिसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जो कार्य जिस स्तर का हो, उसका उसी स्तर पर तत्काल निस्तारण किया जाए और वह किसी भी दशा में लंबित न रहे ।
धामी ने कहा कि किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही प्रकाश में आने पर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी निर्धारित की जाएगी ।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा उत्तराखंड में उद्योगों को स्थापित करने के लिये दिए गए पैकेज के कारण ही आज उत्तराखंड में व्यापक स्तर पर उद्योग स्थापित हुए हैं और उनकी समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता पर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जिले की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है ताकि कांवड़िये हरिद्वार में प्रवेश न कर सकें। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद यदि वे सीमा पर आते हैं तो उनसे वापस जाने का अनुरोध किया जाएगा। डीजीपी ने कहा, “यदि वे इसका विरोध करेंगे तब कार्रवाई की जाएगी।”
सावन का महीना कल से शुरू होने वाला है और इसके साथ ही तीर्थयात्रा की शुरुआत होगी जिसके चलते कांवड़िये शहर में घुसने का प्रयास कर सकते हैं। उत्तराखंड पुलिस ने पहले ही आदेश जारी किये हैं कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर कांवड़ियों को 14 दिन के लिए पृथक-वास में रखा जाएगा।
हरिद्वार और देहरादून में विश्वविद्यालय से संबद्ध 14 कॉलेजों ने मंजूर सीटों की संख्या से करीब 700 अधिक छात्रों के नामांकन किए हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा, ‘‘आरोपों की जांच के आदेश दिए गए हैं और मामले को देख रही समिति से कहा गया है कि दो हफ्ते के अंदर वह रिपोर्ट सौंप दे।’’
उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने पर विश्वविद्यालय और कॉलेजों के अधिकारियों और कर्मचारियों को दंडित किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि बहरहाल छात्रों के हितों की रक्षा की जाएगी। विश्वविद्यालय के कुलपति पी पी ध्यानी ने कहा, ‘‘इस तरह के सभी नामांकन रद्द कर दिए गए हैं और कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।’’
प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां जारी बुलेटिन के अनुसार, प्रदेश के 13 जिलों में से सात में महामारी का कोई नया मामला नहीं मिला जबकि देहरादून सहित तीन जिलों में केवल एक—एक मरीज मिले । सर्वाधिक चार मरीज नैनीताल जिले में सामने आए हैं जबकि चमोली और पिथौरागढ़ जिले में दो—दो मरीज मिले ।
प्रदेश में शुक्रवार को महामारी के कारण किसी की मृत्यु नहीं हुई तथा और 58 लोग स्वस्थ हो गए । उपचाराधीन मामलों की संख्या भी प्रदेश में सिमटकर 606 रह गयी है ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हालांकि, पिछले कुछ समय में संक्रमण के मामलों में कमी आई है परंतु अभी भी पूरी सावधानी व सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कोविड की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर सभी जिलाधिकारियों को 31 जुलाई तक बच्चों के लिये पृथक से वार्ड बनाने सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
इस संबंध में उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी चिकित्सकों अथवा धनराशि की व्यवस्था की जायेगी।
कोविड से बचाव के लिए टेस्टिंग तथा टीकाकरण दोनों को ही बेहद जरूरी बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सेना के अस्पतालों में भी कोविड से संबंधित उपचार के लिये अतिरिक्त बेडों की व्यवस्था तथा टीके की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के लिये वह रक्षा मंत्री एवं गृह मंत्री से भी बात करेंगे।
आयुष विभाग की समीक्षा बैठक के बाद यह घोषणा करते हुए मंत्री ने कहा कि ऐसे स्थान जहां एलोपैथिक चिकित्सालय नही हैं किन्तु आयुर्वेदिक चिकित्सालय हैं, वहां 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी ।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों में खासतौर पर कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर को रोकने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित आधारभूत संरचना को और मजबूत करने की दिशा में यह एक कदम है ।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 158 ऐसे सथानों पर आयुर्वेदिक चिकित्सालय हैं जहां एलोपैथिक चिकित्सालय नहीं है । उन्होंने कहा कि उन्हें उच्चीकृत कर वहां सुविधाएं बढाई जाएंगी और इस संबंध में एक विस्तृत प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लाया जाएगा ।
मंत्री ने कहा कि इन चिकित्सालयों में आक्सीजन बेड सहित सभी प्रकार के इलाज की सुविधा दी जायेगी और उनमें बिस्तरों की संख्या को चार से बढाकर 10 की जाएगी ।
उन्होंने कहा कि कुछ आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के पास भवन तो है परन्तु उपकरण और मानव संसाधन के अभाव के चलते उनका समुचित उपयोग नही हो पा रहा है, उनमें मानव संसाधन की व्यवस्था करते हुए उन्हें भी उच्चीकृत किया जाएगा ।
ऋषिकेश पुलिस कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक शिशुपाल सिंह नेगी ने यहां बताया कि 13 वर्षीय किशोरी को कथित तौर पर डरा—धमका कर उससे कई बार कथित दुष्कर्म करने वाले गुमानीवाला क्षेत्र के निवासी क्रांशु चौहान को गिरफतार कर लिया गया है ।
उन्होंने बताया कि पीड़ित पक्ष की तहरीर के आधार पर चौहान के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 376 और पॉक्सो अधनियम में मुकदमा दर्ज किया गया है ।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रीतम सिंह को विधायक दल का नेता नियुक्त किया तथा कई समितियां भी गठित कीं। प्रीतम सिंह इससे पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
पार्टी ने 72 वर्षीय हरीश रावत को चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाने के साथ ही उनके करीबी माने जाने वाले गोदियाल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान सौंपी है।
कांग्रेस ने 55 वर्षीय गोदियाल को अध्यक्ष बनाने के साथ ही जीत राम, भुवन कापड़ी, तिलक राज बेहड और रंजीत रावत को उत्तराखंड इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है।
आर्येंद्र शर्मा को उत्तराखंड कांग्रेस का कोषाध्यक्ष बनाया गया है।
गोदियाल दो बार उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य रहे हैं। वह 2012 के विधानसभा चुनाव में पौड़ी गढ़वाल जिले की श्रीनगर विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे। 2017 के चुनाव में वह हार गए थे।
अब तक प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे प्रीतम सिंह को विधायक दल का नेता बनाया गया है जो राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका भी निभाएंगे। पिछले दिनों कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृद्येश के निधन के कारण नेता प्रतिपक्ष का पद खाली हो गया था।
कांग्रेस ने उत्तराखंड के अपने संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए क्षेत्रीय और जातीय समीकरण को भी साधने का पूरा प्रयास किया है। रावत और प्रीतम सिंह दोनों राजपूत समुदाय से आते हैं तो गोदियाल ब्राह्मण समाज से आते हैं।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप टम्टा को चुनाव प्रचार समिति का उपाध्यक्ष और दिनेश अग्रवाल को इसका संयोजक बनाया गया है।
कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव की अगुवाई में कोर कमेटी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में समन्वय समिति, पूर्व मंत्री नवप्रभात की अगुवाई में घोषणापत्र समिति, प्रकाश जोशी की अध्यक्षता में चुनाव प्रबंधन समिति और सुमित हृद्येश की अध्यक्षता में प्रचार समिति गठित की गई हैं।
इनके अलावा, धीरेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कांग्रेस संपर्क समिति, विजय सारस्वत की अध्यक्षता में प्रशिक्षण कार्यक्रम समिति, गोदियाल की अगुवाई में प्रदेश चुनाव समिति और राजीव महर्षि की अध्यक्षता में मीडिया समिति बनाई गई है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं प्रदीप टम्टा, काजी निजामुद्दीन, करण मेहरा, मनोज रावत, सूर्यकांत धस्माना, आरपी रतूड़ी और मथुरा दत्त जोशी को वरिष्ठ प्रवक्ता नियुक्त किया गया है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रीतम सिंह को विधायक दल का नेता भी नियुक्त किया जो इससे पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
पार्टी ने 72 वर्षीय हरीश रावत को चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाने के साथ ही उनके करीबी माने जाने वाले गोदियाल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान सौंपी है।
कांग्रेस ने गोदियाल को अध्यक्ष बनाने के साथ ही जीत राम, भुवन कापड़ी, तिलक राज बेहड और रंजीत रावत को उत्तराखंड इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है।
आर्येंद्र शर्मा को उत्तराखंड कांग्रेस का कोषाध्यक्ष बनाया गया है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप टम्टा को चुनाव प्रचार समिति का उपाध्यक्ष और दिनेश अग्रवाल को इसका संयोजक बनाया गया है।
कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव की अगुवाई में कोर कमेटी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में समन्वय समिति, पूर्व मंत्री नवप्रभात की अगुवाई में घोषणापत्र समिति, प्रकाश जोशी की अध्यक्षता में चुनाव प्रबंधन समिति, सुमित हृद्येश की अध्यक्षता में प्रचार समिति और कुछ अन्य समितियां गठित की गई हैं।