बुधवार, 23 दिसंबर 2020

उत्तराखंड सरकार ने गन्ना मूल्य भुगतान पर विधानसभा को गुमराह किया : कांग्रेस

देहरादून, 23 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड विधानसभा में बुधवार को विपक्षी कांग्रेस ने राज्य की भाजपा सरकार पर गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया और गलत जानकारी देने को लेकर माफी मांगने कहा। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन आज शून्यकाल के दौरान विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश करते हुए कांग्रेस सदस्य काजी निजामुददीन ने कहा कि प्रदेश के संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने (गन्ना) पेराई सत्र 2019—20 में समूचे राज्य की चीनी मिलों द्वारा किसानों को गन्ना मूल्य का शतप्रतिशत भुगतान कर दिए जाने की मंगलवार को सदन में जानकारी दी थी, जो बिल्कुल गलत है। हरिद्वार के मंगलौर से विधायक निजामुददीन ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार, मंगलवार 22 दिसंबर की शाम तक हरिद्वार जिले में इकबालपुर चीनी मिल ने गन्ना किसानों का करीब 10 करोड रुपये का भुगतान नहीं किया था। पिरान कलियर से विधायक फुरकान अहमद ने उनकी बात का समर्थन करते हुए कहा कि वह भी किसान हैं और उनका गन्ना भी इकबालपुर चीनी मिल में जाता है, जिसके मूल्य का अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। निजामुददीन ने यह भी कहा कि मंत्री कौशिक ने कल सदन में इस बात को लेकर व्यक्तिगत टीका—टिप्पणी भी की, जो संसदीय परंपराओं के विपरीत है। उन्होंने गलत जानकारी देने को लेकर राज्य सरकार को माफी मांगने भी कहा। हांलांकि, मंत्री कौशिक ने कहा कि उन्होंने गन्ना विकास सचिव तथा गन्ना आयुक्त से जानकारी लेकर सदन को बताया है कि पेराई सत्र 2019—20 में समूचे राज्य के किसानों को उनके गन्ने के मूल्य का भुगतान किया जा चुका है और कहीं भी शेष रकम नहीं रह गई है। इस मुददे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोंकझोंक और हंगामे की स्थिति के बीच नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश ने कहा कि गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर निजी चीनी मिलों के खराब रिकार्ड को देखते हुए सरकार द्वारा अधिकारियों को उनसे जानकारी हासिल करने में ज्यादा सतर्कता बरतने के निर्देश देने चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने नेता प्रतिपक्ष के सुझाव से सहमति व्यक्त करते हुए सरकार को अधिकारियों को चीनी मिलों से जानकारी हासिल करने में सतर्क रहने के निर्देश देने को कहा।


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