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देहरादून से सुरक्षा की गुहार लगाने वाले अंतरधार्मिक दंपती तथा दो अन्य के खिलाफ राज्य में धर्म परिवर्तन प्रावधानों का कथित तौर पर पालन नहीं करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। काजी पर भी प्राथमिकी दर्ज पुलिस के अनुसार, 2018 में अस्तित्व में आए ‘’ के तहत दर्ज राज्य का यह पहला मामला है। पटेल नगर कोतवाली के पुलिस थानाध्यक्ष प्रदीप राणा ने बुधवार को बताया कि इस संबंध में पटेल नगर थाने में मंगलवार को सितंबर में विवाह करने वाले दंपती के अलावा 'निकाह' कराने वाले काजी तथा उसमें मौजूद रहने वाले पति के फूफा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। किसी को बिना सूचना दिए अपनाया इस्लाम पुलिस ने बताया कि दंपती ने उच्च न्यायालय में अपनी सुरक्षा के लिए याचिका दायर की थी। जिस पर अदालत ने जिलाधिकारी को मामले की जांच के आदेश दिए थे। राणा ने बताया कि जांच में पता चला कि महिला ने अपने माता-पिता या जिला प्रशासन को जानकारी दिए बिना विवाह से पूर्व इस्लाम धर्म अपना लिया था, जबकि कानून के हिसाब से इसकी सूचना देना जरूरी था। एक माह पूर्व शपथ पत्र जिलाधिकारी को देना जरूरी पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार ने बताया कि यह ‘उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता कानून, 2018’ की धारा तीन, आठ और 12 का उल्लंघन है। जिसमें व्यक्ति को धर्म परिवर्तन के लिए कम से कम एक माह पूर्व जिलाधिकारी या उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी को इस संबंध में एक शपथपत्र देना होता है कि वह बिना किसी दबाव या लालच के अपनी मर्जी से अपना धर्म बदलना चाहता हैं। एक अन्य मामले में, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हाल में हरिद्वार प्रशासन से अंतरधार्मिक विवाह करने वाले एक दंपती को सुरक्षा देने को कहा है। पत्नी ने विवाह के कारण अपने परिवार से मिली धमकी का हवाला देते हुए सुरक्षा दिए जाने का अनुरोध किया था।
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