शुक्रवार, 13 नवंबर 2020

भारतीय व्यापारियों ने नहीं खुलने दिया भारत-नेपाल बॉर्डर पर पुल, जानें क्या है वजह

पिथौरागढ़ उत्तराखंड के धारचूला में भारत-नेपाल () को जोड़ने वाला इंटरनैशनल पुल भारतीय व्यापारियों के विरोध की वजह से नहीं खुल सका। शुक्रवार शाम 4 बजे एक घंटे के लिए पुल खुलना था। दोनों देश के अधिकारियों ने यह तय किया था लेकिन विरोध पर उतर आए। के इंस्पेक्टर कश्मीर सिंह ने बताया कि दोनों देशों ने 13 नवंबर को पुल खोलने पर सहमति जताई थी। एक घंटे के लिए पुल खुलना था। नेपाल से कई मरीजों को भारत आना था, इसी तरह भारत से कई लोगों को घरेलू इमर्जेंसी की वजह से नेपाल जाना था। लेकिन भारतीय व्यापारियों ने विरोध किया, जिस वजह से पुल नहीं खुल पाया। व्यापारियों की यह है मांग लॉकडाउन से पहले भारत-नेपाल के बीच इस पुल के जरिए आवाजाही होती थी। लेकिन लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही ये पुल भी बंद कर दिए गए। कभी किसी इमर्जेंसी में बीच-बीच में इसे एक-दो घंटे के लिए खोला भी गया। शुक्रवार को भी पुल खुलना था लेकिन भारतीय व्यापारियों ने अपनी मांग के पक्ष में आवाज बुलंद की और पुल खुलने नहीं दिया। व्यापारियों की मांग है कि पुल नियमित तौर पर खोला जाए न कि महज इमर्जेंसी में। दरअसल, बॉर्डर में बसे लोगों की रोजीरोटी का बड़ा जरिया व्यवसाय है। इस इंटरनैशनल पुल के पास भारत की तरफ ही करीब 400 छोटी-बड़ी दुकानें हैं। ये पूरी तरह नेपाल के ग्राहकों पर निर्भर हैं। इसी तरह नेपाल की तरफ जो दुकानें हैं वह भारत के ग्राहकों पर निर्भर हैं। ...लेकिन पुल नहीं खुल पाया अध्यक्ष भूपेन थापा ने कहा, 'हम इंटरनैशनल पुल को तभी खोलने देंगे जब नियमित तौर पर इसे खोला जाएगा।' उन्होंने कहा कि सिर्फ इमर्जेंसी में पुल खोलने से व्यापारियों का भला नहीं होगा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद से ही व्यापारी संकट से जूझ रहे हैं। न तो सरकार की ओर से कोई रियायत दी गई और न ही हमारी दिक्कतों को गंभीरता से सुना जा रहा है। नेपाल ने पहले 15 नवंबर से पुल हर रोज कुछ घंटे के लिए खोलने का ऐलान किया था लेकिन फिर यह तारीख एक महीना आगे बढ़ा दी गई। इससे व्यापारियों का गुस्सा बढ़ा। शुक्रवार को पुल खुलने के इंतजार में दोनों तरफ लोग बैठे रहे लेकिन पुल खुल नहीं पाया।


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