बुधवार, 30 सितंबर 2020

3 दोस्तों का कॉफी बिजनेस 4 साल में हुआ हिट! अब कमाते हैं करोड़ों

International Coffee Day 2020- हर साल 1 अक्टूबर को इंटरनेशनल कॉफी डे मनाया जाता है. यह दिन उन सभी लोगों के आदर और सम्मान में मनाया जाता है, जो कॉफी के व्यवसाय से जुड़े हैं. इसीलिए आज हम आपको कॉफी के कारोबार से जुड़े तीन दोस्तों की करोड़ों कमाने वाली कंपनी के बारे में बता रहे है...

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IDFC First बैंक के बॉस ने अपने स्कूल टीचर को उपहार में दिए लाखों रुपये के शेयर

वी वैद्यनाथन (V. Vaidynathan) ने अपने पूर्व स्कूल टीचर को 1 लाख शेयर गिफ्ट किया है. वैद्यनाथन आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं. स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी से इस बारे में पता चलता है.

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उत्तराखंड में कोविड-19 के 1005 नए मामले, 20 मरीजों की मौत

देहरादून, 30 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड में बुधवार को कोविड-19 के 1005 नए मामले आए तथा संक्रमण से 20 और मरीजों की मृत्यु हो गयी। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, कोरोना वायरस के सर्वाधिक 336 मामले देहरादून जिले में मिले। हरिद्वार में 133, नैनीताल में 112, पौडी में 65, चमोली में 61, टिहरी में 59, उधमसिंह नगर में 58 और चंपावत में 54 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई। बुधवार को प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 20 और कोविड मरीजों की जान चली गयी। महामारी से अब तक प्रदेश में 611 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है । प्रदेश में अब तक कुल 39,035 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं और उपचाराधीन मामलों की संख्या 9,111 है ।


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हाईटेंशन तार से झुलसकर कंपाउंडर की मौत के मामले में पांच अधिकारी निलंबित

देहरादून, 30 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड सरकार ने पिछले सप्ताह हल्द्वानी में हाईटेंशन तार की चपेट में आने से एक कंपाउंडर की मौत के मामले में बुधवार को उर्जा निगम के सहायक अभियंता और उपखंड अधिकारी समेत पांच अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 25 सितंबर को हुई इस घटना को गंभीरता से लेते हुए ऊर्जा सचिव राधिका झा को पूरे मामले की जांच वरिष्ठ स्तर के अधिकारी से कराने और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कडी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे । जांच अधिकारी मुख्य अभियंता एमएल प्रसाद की रिपोर्ट के आधार पर इन कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। उर्जा निगम यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इस मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित किए गये कर्मियों में एसडीओ नीरज चंद्र पांडे, सहायक अभियंता रोहिताषु पांडे, अवर अभियंता मो.शकेब, लाइनमैन चांद मोहम्मद और लाइनमैन नंदन सिंह भंडारी शामिल हैं । हल्द्वानी के बारीखत्ता निवासी कंपाउंडर कमल रावत (29) साइकिल से ड्यूटी पर जाते समय हाइटेंशन लाइन के टूटे तार की चपेट में आ गए थे और करंट से झुलसकर उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी ।


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मुख्यमंत्री ने प्रदेश में पिरूल से विद्युत उत्पादन की पहली परियोजना का लोकार्पण किया

देहरादून, 30 सितम्बर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को उत्तरकाशी जिले के डुंडा क्षेत्र के ग्राम चकोन धनारी में 25 लाख रुपये की लागत वाली 25 किलोवाट क्षमता की पिरूल (चीड की सूखी पत्तियां) से विद्युत उत्पादन की पहली परियोजना का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि जंगलों को आग से बचाने के लिए यह परियोजना बेहद उपयोगी होगी। उन्होंने कहा कि जंगलों में आग लगने के कारण जहां अनेक पेड, औषधीय पौधे, वनस्पतियां नष्ट होते हैं, वहीं बड़ी संख्या में जंगली जानवर भी प्रभावित होते हैं । उन्होंने कहा कि पिरूल से विद्युत उत्पादन परियोजना के बनने से वनों एवं जीव जन्तुओं को आग से सुरक्षा होगी तथा इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होगें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी राज्य को एक हजार करोड़ रुपये की बिजली खरीदनी पड़ रही है और इस प्रकार की परियोजना के बनने से राज्य को आर्थिक मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में 23 लाख मीट्रिक टन सालाना पिरूल उत्पादन होता है जिससे लगभग 200 मेगावाट बिजली उत्पादित की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में कालावासा काफी मात्रा में पाया जाता है। इसमें औषधीय तत्व विद्यमान हैं। मुख्यमंत्री ने किसानों से कालावासा की खेती करने का आहवान करते हुए कहा कि यह विकरण किरणों से भी बचाता है तथा एंटीबायटिक हैं।


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हाईटेंशन तार से झुलसकर कंपाउंडर की मौत के मामले में दो अभियंता निलंबित

देहरादून, 30 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पिछले सप्ताह हल्द्वानी में हाईटेंशन तार की चपेट में आने से एक कंपाउंडर की मौत के मामले में उर्जा विभाग के स्थानीय कनिष्ठ अभियंता और सहायक अभियंता को निलंबित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इस प्रकार के संवेदनशील मामलों में संबंधित अभियंताओं को अपने क्षेत्र की विद्युत लाइनों के परीक्षण आदि के कार्य सजगता के साथ करने चाहिए थे। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसका ध्यान रखा जाए। ऊर्जा सचिव राधिका झा ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य अभियंता एमएल प्रसाद को जांच अधिकारी नामित कर उनसे रिपोर्ट मांगी थी। इससे पहले, मुख्यमंत्री रावत ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए राधिका झा को पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए थे तथा लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा था। घटना में मृतक के आश्रित को तत्काल चार लाख रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की गयी थी । हल्द्वानी के बारीखत्ता निवासी कंपाउंडर कमल रावत 25 सितंबर को साइकिल से ड्यूटी पर जाते समय हाइटेंशन लाइन के टूटे तार की चपेट में आ गए थे और करंट से झुलसकर उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी ।


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उत्तराखंड में 81 चिकित्साधिकारियों की सेवा समाप्ति के प्रस्ताव को मंजूरी

देहरादून, 30 सितंबर (भाषा) मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को प्रदेश में अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित चल रहे 81 चिकित्साधिकारियों की सेवा समाप्ति के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, ये सभी चिकित्सक प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इन चिकित्सकों की विभाग में अनुपस्थिति की तिथि से सेवा समाप्ति संबंधी प्रस्ताव को सहमति हेतु लोक सेवा आयोग को भेज दिया गया है।


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बाबरी विध्वंस फैसले का उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, भाजपा नेताओं ने स्वागत किया

देहरादून, 30 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुनाए गए फैसले का बुधवार को स्वागत करते हुए इसे 'सत्य और न्याय' की जीत बताया।? रावत ने कहा, ‘‘बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में विशेष अदालत के निर्णय से सत्य और न्याय की जीत हुई है। इससे स्पष्ट हो गया कि राम मंदिर आंदोलन लोकतांत्रिक तरीके से किया गया आंदोलन था। इसमें कहीं कोई षडयंत्र नहीं था। सत्यमेव जयते।’’ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत ने भी आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि अंतत: सत्य की विजय हुई। भगत ने कहा, ‘‘वरिष्ठ नेताओं को बरी करने का विशेष अदालत का निर्णय स्वागत योग्य है। हम हमेशा से कहते रहे हैं कि राम मंदिर राजनीति का नहीं अपितु आस्था का विषय है। लेकिन अन्य दल इस पर राजनीति करते रहे।’’ उन्होंने कहा कि हालांकि, आज के आदेश ने यह साफ कर दिया है कि बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराये जाने में कोई षडयंत्र नहीं था और यह तात्कालिक था।


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मंगलवार, 29 सितंबर 2020

चारधाम यात्रियों को सुविधा, अब नहीं दिखानी होगी कोविड-19 जांच की नेगेटिव रिपोर्ट

पुलकित शुक्ला, देहरादून उत्तराखंड में पर आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए अब कोविड-19 जांच की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी जरूरी नहीं होगी। सरकार ने नए नियम जारी करते हुए नेगेटिव रिपोर्ट दिखाने की शर्त हटा ली है। हालांकि, यात्रा के लिए तीर्थ यात्रियों को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन और ई-पास लेने की प्रक्रिया का पालन करना होगा। की ओर से चार धाम यात्रा के लिए नई एसओपी जारी कर दी गई है। कोविड-19 के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण चार धाम यात्रा अपने निर्धारित समय से काफी देर से कुछ शर्तों के साथ खोली गई थी। इसमें हाल ही में प्रदेश से बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रियों को चार धाम यात्रा पर आने की सशर्त अनुमति दी गई थी। इसमें यात्रियों को कोविड-19 जांच की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी जरूरी थी। अब चार धाम यात्रा के लिए सोमवार को जारी की गई एसओपी में यह नेगेटिव रिपोर्ट दिखाने वाली शर्त हटा ली गई है। देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने नए नियमों की जानकारी दी। एसओपी के अनुसार यात्री को आईडी, अड्रेस प्रूफ आदि अपने साथ रखना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद ही बोर्ड की ओर से यात्रा के लिए ई-पास जारी किया जाएगा। सभी चारों धामों में निर्धारित स्थानों पर थर्मल स्कैनिंग भी की जा रही है। इस दौरान यदि किसी यात्री में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। अन्य सभी ऐहतियात जैसे सैनेटाइजेशन, मास्क पहनना, शारीरिक दूरी आदि नियमों का पालन करना होगा। सबसे अधिक यात्री बदरीनाथ पहुंचे अभी तक धीमी गति से चल रही चार धाम यात्रा में करीब 50 हजार तीर्थयात्री चारों धामों के दर्शन कर चुके हैं। सबसे अधिक तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम के दर्शन करने पहुंचे। हरियाणा से परिवार के साथ बदरीनाथ यात्रा पर पहुंचे अमित भार्गव का कहना है कि परिवार के साथ चारों धामों की यात्रा के लिए आए हैं। कोरोना के चलते सभी ऐहतियात बरतते हुए चारों धामों की यात्रा कर रहे हैं। इससे उन्हें काफी अच्छा अनुभव हो रहा है।


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उत्तराखंड में कोविड-19 के 493 नए मरीज सामने आए

देहरादून, 29 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड में मंगलवार को 493 और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई जिससे राज्य में महामारी की चपेट में आने वालों की कुल संख्या बढकर 47,995 हो गयी। इसके अलावा इस अवधि में 11 और कोविड-19 मरीजों की मृत्यु हो गयी । यहां प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमण के सर्वाधिक 174 नए मामले देहरादून जिले में मिले आए जबकि टिहरी गढ़वाल में 65, उधमसिंह नगर में 60 और हरिद्वार में 53 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई। प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 11 और कोविड मरीजों की मंगलवार को जान चली गयी। महामारी से अब तक प्रदेश में 591 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। प्रदेश में अब तक कुल 38,059 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं और उपचाराधीन मामलों की संख्या 9,122 है। प्रदेश में पाए गए कोविड-19 के 223 मरीज राज्य से बाहर चले गए हैं।


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प्रख्यात भूवैज्ञानिक और कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति खड्ग सिंह वल्दिया का निधन

देहरादून भारत के प्रख्यात भूवैज्ञानिक और कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर (kharak singh valdiya) का मंगलवार को निधन हो गया। वल्दिया लंबे वक्त से कैंसर से जूझ रहे थे और इसी बीमारी के कारण मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। खड्ग सिंह वल्दिया देश में जियोडायनमिक्स के क्षेत्र के शीर्षतम लोगों में जाने जाते थे। पूर्व में उन्हें उत्तराखंड के कुमाऊं विश्वविद्यालय में कुलपति भी बनाया गया था। इसके अलावा विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें साल 2015 में मोदी सरकार ने पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया था। खड्ग सिंह वल्दिया मूल रूप से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के निवासी थे। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से शिक्षा लेने के बाद कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में अध्यापन भी किया था। साल 1981 में प्रोफेसर वल्दिया कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति बने थे। प्रोफेसर वल्दिया ने बतौर अध्यापक राजस्थान विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू सेंटर फॉर अडवांस साइंटिफिक रिसर्च, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमायलय जियोलॉली और कुमाऊं विश्वविद्यालय में अध्यापन किया था। इसके अलावा उन्होंने लंबे वक्त तक जियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया और जियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ अमेरिका के साथ भी कई बड़े प्रॉजेक्ट्स पर काम किया था। साल 2007 में उन्हें मनमोहन सिंह की सरकार में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। इसके बाद 2015 में मोदी सरकार के कार्यकाल में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।


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देश में एमएसपी और उपज बेचने की आजादी, दोनों रहेंगी: प्रधानमंत्री मोदी

देहरादून, 29 सितंबर (भाषा) विपक्ष पर किसानों को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की आजादी, दोनों रहेगी। महत्त्वाकांक्षी परियोजना 'नमामि गंगे' के तहत उत्तराखंड में हरिद्वार, ऋषिकेश, मुनि की रेती और बद्रीनाथ में सीवरेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) और गंगा संग्रहालय का नयी दिल्ली से डिजिटल माध्यम से लोकार्पण के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि विधेयकों को लेकर विपक्ष पर करारा हमला बोला और कहा, ‘‘ जिन सामानों और उपकरणों की किसान पूजा करते हैं, उन्हें आग लगाकर ये लोग किसानों को अपमानित कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि बरसों तक ये लोग एमएसपी लागू करने की बात कहते रहे, लेकिन किया नहीं और जब उनकी सरकार ने ऐसा किया तो वे उस पर ही किसानों में भ्रम फैला रहे हैं। विपक्षी दलों का नाम लिए बिना प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ एमएसपी लागू करने का काम स्वामीनाथन आयोग की इच्छा के अनुसार हमारी सरकार ने किया। वे एमएसपी पर ही किसानों में भ्रम फैला रहे हैं। देश में एमएसपी भी रहेगी और किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की आजादी भी रहेगी।’’ उन्होंने कहा कि यह आजादी कुछ लोग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि इनकी काली कमाई का एक और जरिया समाप्त हो गया है और इसलिए इन्हें परेशानी है। कृषि विधेयक पर केवल विरोध के लिए विरोध करने का विपक्ष पर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन विधेयकों के माध्यम से देश के किसानों को अनेक बंधनों से मुक्त किया गया है और अब देश का किसान कहीं पर भी किसी को भी अपनी उपज बेच सकता है। मोदी ने कहा, ‘‘आज जब केंद्र सरकार किसानों को उनके अधिकार दे रही है तो भी वे विरोध पर उतर आए हैं। ये लोग चाहते हैं कि देश का किसान खुले बाजार में अपनी उपज नहीं बेच सके। ये चाहते हैं कि किसानों की गाडियां जब्त होती रहें, उनसे वसूली होती रहे, उनसे कम कीमत पर अनाज खरीदकर बिचौलिए मुनाफा कमाते रहें।’’


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प्रधानमंत्री मोदी का कांग्रेस पर जोरदार हमला

देहरादून, 29 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि वह दूसरों के कंधों पर सवार होकर देशहित के हर काम का विरोध कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने हालांकि, कांग्रेस का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया लेकिन कहा,‘‘हर बदलती हुई तारीख के साथ विरोध के लिए, विरोध करने वाले ये लोग देश और समाज के लिए अप्रासंगिक होते जा रहे हैं। इतनी छटपटाहट है, बेचैनी है, हताशा, निराशा, एक ऐसा दर्द है, जिसके एक परिवार की चार-चार पीढियां, जिन्होंने देश पर राज किया, वह आज दूसरे के कंधों पर सवार होकर देशहित के हर काम का विरोध कर रहे हैं।’’ इस संबंध में उन्होंने कहा कि देश में अनेक ऐसे छोटे-छोटे दल हैं जिन्हें कभी सत्ता में आने का मौका नहीं मिला और ज्यादातर समय विपक्ष में ही बिताया है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कभी देश का विरोध नहीं किया। 'नमामि गंगे' परियोजना के तहत उत्तराखंड में हरिद्वार, ऋषिकेश, मुनि की रेती और बद्रीनाथ में सीवरेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) और गंगा संग्रहालय का नयी दिल्ली से डिजिटल माध्यम से लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री अपना संबोधन दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कृषि विधेयक से लेकर राममंदिर तक कई मुद्दों पर विपक्ष के विरोध का जिक्र किया। उन्होंने विपक्ष पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर किसानों में भ्रम फैलाने का आरोप भी लगाया और साफ किया कि देश में एमएसपी और किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की आजादी, दोनों रहेगी। विपक्षी दलों का नाम लिए बिना प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ वे एमएसपी पर किसानों में भ्रम फैला रहे हैं। देश में एमएसपी भी रहेगी और किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की आजादी भी रहेगी।’’ जीएसटी पर विपक्ष के विरोध पर मोदी ने कहा जीएसटी लागू होने के बाद देश में घरेलू सामान पर लगने वाला कर बहुत कम हो गया है और ज्यादातर घरेलू सामान जैसे रसोई की चीजों पर या तो कर ही नहीं है या पांच प्रतिशत से भी कम है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग न किसान के साथ है, न नौजवान के साथ और न ही देश के वीर जवान के साथ। इस संबंध में उन्होंने ‘वन रैंक-वन पेंशन’ का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्व सैनिकों को उनका अधिकार दिए जाने का भी विरोध किया गया। उन्होने बताया कि केंद्र सरकार पूर्व सैनिकों को लगभग 11,000 करोड़ रुपये एरियर के रूप में दे चुकी है और उत्तराखंड में ही एक लाख से ज्यादा पूर्व सैनिकों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि इन लोगों ने वर्षों तक देश की सेनाओं खासतौर से वायुसेना को सशक्त करने के लिए कुछ नहीं किया और जब उनकी सरकार ने फ्रांस सरकार से राफेल विमानों के लिए समझौता किया तो उन्हें दिक्कत होने लगी। हांलांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि राफेल भारतीय वायु सेना की ताकत बढा रहा है और अंबाला से लेकर लेह तक उसकी गर्जना भारतीय जांबाजों का हौसला बढ़ी रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चार साल पहले सर्जिकल स्ट्राइक में आतंकवादी अड्डे तबाह कर दिए गए, लेकिन ये लोग अपने जांबाजों की प्रशंसा करने की बजाए उनसे ही सबूत मांगने लगे। उन्होंने कहा कि पिछले महीने अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया तो जो लोग पहले उच्चतम न्यायालय में राम मंदिर का विरोध कर रहे थे, वह भूमि पूजन का भी विरोध करने लगे। इस संबंध में उन्होंने संविधान दिवस, सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा और योग दिवस के संबंध में किए गए विरोधों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि विरोध करते हुए ये लोग अपनी मंशा और नीयत साफ कर चुके हैं और देश के लिए होने वाले कामों का विरोध इनकी आदत बन गयी है। मोदी ने कहा, ‘‘उनकी राजनीति का एकमात्र तरीका ही यही है। विरोध.. विरोध... विरोध।’’ हालांकि, प्रधानमंत्री ने विपक्ष की कथित स्वार्थनीति के बीच आत्मनिर्भर भारत के लिए देश के संसाधनों को बेहतर बनाने का सिलसिला देशहित में जारी रखने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि यह देश को गरीबी से मुक्ति करने के लिए है, देश को ताकतवर बनाने के लिए है और यह निरंतर जारी रहेगा।


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अब पैसा पानी की तरह नहीं बहता बल्कि पाई-पाई पानी पर लगता है: प्रधानमंत्री मोदी

देहरादून, 29 सितंबर (भाषा) 'नमामि गंगे' को देश का सबसे बड़ा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आज देश उस दौर से निकल चुका है जब पैसा पानी की तरह बह जाता था, लेकिन नतीजे नहीं मिलते थे। अब पैसा पानी की तरह नहीं बहता, बल्कि पाई-पाई पानी पर लगाया जाता है । महत्त्वाकांक्षी 'नमामि गंगे' परियोजना के तहत उत्तराखंड में हरिद्वार, ऋषिकेश, मुनि की रेती और बद्रीनाथ में सीवरेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) और गंगा संग्रहालय समेत छह परियोजनाओें का नयी दिल्ली से डिजिटल तरीके से लोकार्पण करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, '‘आज देश उस दौर से बाहर निकल चुका है जब पैसा पानी की तरह बह जाता था लेकिन नतीजे नहीं मिलते थे। आज पैसा न पानी की तरह बहता है, न पानी में बहता है, बल्कि पाई—पाई पानी पर लगाया जाता है।'’ मोदी ने कहा कि बीते दशकों में गंगा की निर्मलता को लेकर बडे—बडे अभियान शुरू किए गये जिनमें न तो जनभागीदारी थी और न ही दूरदर्शिता और उसका नतीजा यह हुआ कि गंगा का पानी कभी साफ ही नहीं हो पाया । उन्होंने कहा, 'अगर गंगाजल की शुद्धता को लेकर वही पुराने तौर तरीके अपनाए जाते तो आज भी हालत उतनी ही बुरी रहती । लेकिन हम नयी सोच से आगे बढे । हमने नमामि गंगे मिशन को केवल गंगा की साफ—सफाई तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे देश का सबसे बडा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम बनाया ।' प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने चारों दिशाओं में एक साथ काम आगे बढाया । पहला, गंगा में गंदा पानी रोकने के लिए एसटीपी का जाल बिछाना शुरू किया, दूसरा, ऐसे एसटीपी बनाए जो अगले 10—15 साल की जरूरत भी पूरी कर सकें । उन्होंने कहा कि तीसरा कार्य गंगा के किनारे बसे 100 बड़े शहरों और 5000 गांवों को खुले में शौच से मुक्त करना और चौथा गंगा की सहायक नदियों में भी प्रदूषण रोकने के लिए पूरी ताकत लगाना है । मोदी ने कहा कि आज 30,000 करोड़ रुपये की लागत से गंगा परियोजनाओं पर काम चल रहा है या पूरा हो चुका है । उत्तराखंड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में इस अभियान के तहत बडी परियोजनाएं करीब—करीब पूरी हो चुकी हैं और पिछले छह वर्षों में ही उत्तराखंड में एसटीपी की क्षमता चार गुना हो चुकी है । प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ से लेकर हरिद्वार तक गंगा नदी में 130 नाले गिरते थे जिनमें से अधिकतर को रोक दिया गया है। इनमें ऋषिकेश से सटे मुनि की रेती क्षेत्र का चंद्रेश्वर नगर नाला भी शामिल है । उन्होंने कहा कि आज से चंद्रेश्वर नगर में देश का पहला चार मंजिला सीवरेज संयंत्र शुरू हो चुका है । हरिद्वार में भी ऐसे 20 से ज्यादा नालों को बंद किया जा चुका है । मोदी ने कहा कि प्रयागराज की तरह ही अगले साल हरिद्वार में होने वाले कुंभ के दौरान भी श्रद्धालुओं को निर्मल गंगा का अनुभव होगा । उन्होंने कहा कि नमामि गंगे के तहत गंगा के किनारे सैकड़ों घाटों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है और गंगा विहार के लिए आधुनिक रिवरफ्रंट भी तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में तो गंगा रिवर फ्रंट बनकर तैयार है और गंगा म्यूजियम के बनने से हरिद्वार का आकर्षण और बढ़ जाएगा । प्रधानमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे अभियान को अब एक नए स्तर पर ले जाया जा रहा है, जहां गंगा की स्वच्छता के अलावा अब गंगा से सटे पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर भी फोकस है । इस संबंध में उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सहित सभी राज्यों के किसानों को जैविक और आयुर्वेदिक खेती का लाभ दिलाने के लिए एक व्यापक योजना बनाई गई है, जिसमें गंगा के दोनों ओर पेड़—पौधों को लगाने के अलावा ऑर्गेनिक कॉरिडोर भी विकसित किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि गंगा जल को बेहतर बनाने के लिए इन कार्यों से मैदानी इलाकों में 'मिशन डॉल्फिन' को मदद मिलने वाली है और इससे डॉल्फिन संवर्धन के कार्य को और मजबूती मिलेगी । उन्होंने कहा कि जलशक्ति मंत्रालय का गठन किए जाने के बाद से एक साल में ही दो करोड़ से ज्यादा परिवारों तक पीने का पानी पहुंचाया गया है और हर दिन करीब एक लाख परिवारों को शुद्ध जल पहुंच रहा है । इस संबंध में उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उसने तो एक कदम आगे बढकर एक रुपये में पानी का कनेक्शन देने का बीड़ा उठाया है । उन्होंने इस बात पर खुशी जतायी कि कोरोना काल में भी सरकार ने 50000 घरों तक पानी पहुंचाया और वर्ष 2022 तक राज्य सरकार ने हर घर में पीने का पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है जो उसकी प्रतिबद्धता को दिखाता है । जलशक्ति मंत्रालय के 'जलजीवन मिशन' को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि गांवों में पानी की योजनाओं की प्लानिंग से लेकर रखरखाव तक की पूरी व्यवस्था ग्राम पंचायतों को दे दी गयी है । उन्होंने कहा कि यह कार्य पानी समितियां करेंगी और इनमें भी 50 फीसदी महिलाएं होंगी । मिशन के तहत दो अक्टूबर से 100 दिन का एक नया अभियान शुरू करने जा रहा है जिसके तहत देश के हर स्कूल और हर आंगनवाड़ी में नल से जल सुनिश्चित किया जाएगा । इस संबंध में उन्होंने राज्य सरकारों से भी इस अभियान को सफल बनाने के काम को पूरा करने में सहयोग देने का आग्रह किया ।


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देश में एमएसपी भी रहेगी और किसानों को कहीं भी फसल बेचने की आजादी भीः प्रधानमंत्री मोदी

देहरादून, 29 सितंबर (भाषा) विपक्ष पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर किसानों में भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि देश में एमएसपी भी रहेगी और किसानों को कहीं भी अपनी फसल बेचने की आजादी भी रहेगी। महत्त्वाकांक्षी परियोजना 'नमामि गंगे' के तहत उत्तराखंड में हरिद्वार, ऋषिकेश, मुनि की रेती और बदरीनाथ में सीवरेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) और गंगा संग्रहालय का नई दिल्ली से डिजिटल लोकार्पण के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि विधेयकों को लेकर विपक्ष पर करारा हमला बोला। प्रधानमंत्री ने कहा कि बरसों तक ये लोग एमएसपी लागू करने की बात कहते रहे, लेकिन किया नहीं और जब उनकी सरकार ने ऐसा किया तो वे इसे लेकर किसानों में भ्रम फैला रहे हैं । विपक्षी दलों का नाम लिए बिना प्रधानमंत्री ने कहा, ' एमएसपी लागू करने का काम स्वामीनाथन आयोग की इच्छा के अनुसार हमारी सरकार ने किया । वे एमएसपी पर ही किसानों में भ्रम फैला रहे हैं । देश में एमएसपी भी रहेगी और किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की आजादी भी रहेगी ।' उन्होंने कहा कि यह आजादी कुछ लोग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि इनकी काली कमाई का एक और जरिया समाप्त हो गया है और इसलिए इन्हें परेशानी है । कृषि कानूनों पर केवल विरोध के लिए विरोध करने का विपक्ष पर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इनके माध्यम से देश के किसानों को अनेक बंधनों से मुक्त किया गया है और अब देश का किसान कहीं पर भी किसी को भी अपनी उपज बेच सकता है । मोदी ने कहा, ' आज जब केंद्र सरकार किसानों को उनके अधिकार दे रही है तो भी वे विरोध पर उतर आए हैं । ये लोग चाहते हैं कि देश का किसान खुले बाजार में अपनी उपज नहीं बेच सके । ये चाहते हैं कि किसानों की गाडियां जब्त होती रहें, उनसे वसूली होती रहे, उनसे कम कीमत पर अनाज खरीदकर बिचौलिए मुनाफा कमाते रहें ।'


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प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में नमामि गंगे के तहत छह परियोजनाओं का किया लोकार्पण

देहरादून, 29 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को महत्कांक्षी परियोजना 'नमामि गंगे' के तहत उत्तराखंड में हरिद्वार, ऋषिकेश और बदरीनाथ में सीवरेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) का डिजिटल लोकार्पण किया । इसके अलावा, उन्होंने हरिद्वार के चंडीघाट में निर्मित 'गंगा अवलोकन' संग्रहालय का भी डिजिटल लोकार्पण किया । इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज मां गंगा की निर्मलता सुनिश्चित करने वाले छह बडी परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया है जिनमें एसटीपी और म्यूजियम जैसी परियोजनाएं शामिल हैं । प्रधानमंत्री ने कृषि कानूनों का विरोध करने वालों को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा '' जो लोग कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे हैं वे नहीं चाहते कि किसानों को खुले बाजार में अपनी उपज बेचने की स्वतंत्रता मिले। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोग किसानों के खिलाफ हैं, वे चाहते हैं कि बिचौलिये पनपें।''


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सोमवार, 28 सितंबर 2020

इंटरनेट पर तहलका मचाने वाले BTS Boys बने करोड़पति, जानें पूरी कहानी

इंटरनेट पर अपने पहले अंग्रेजी गाना 'डायनामाइट' को लेकर इंटरनेट पर तहलका मचाने वाले बीटीएस या बैंगटेन बॉयज (Bangtan Boys) अब करोड़ों के मालिक बन चुके हैं. कंपनी की मार्केट वैल्यू 4 बिलियन डॉलर (करीब 29,600 करोड़ रुपये) हो गई है.

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कौन है पी डी वाघेला, जो बने TRAI के नए चेयरमैन

TRAI New Chairman-टेलीकॉम रेगुलेटरी बॉडी ट्राई (TRAI) के नए चेयरमैन की नियुक्ति आज तय हो गई. फार्मा सेक्रेटरी डॉक्टर पी डी वाघेला अब ट्राई के नए चेयरमैन होंगे. इस संबंध में लेटर भी जारी कर दिया गया है.

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बाबरी केस के फैसले से ऋषिकेश एम्स में भर्ती हुईं उमा भारती, कोरोना रिपोर्ट आई थी पॉजिटिव

ऋषिकेश भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री संक्रमित पाई गई हैं। शनिवार को भारती में वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद उन्हें सोमवार को ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया है। वह सोमवार शाम सात बजे के आसपास ऋषिकेश एम्स पहुंची थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल प्रशासन ने भर्ती कर लिया। एम्स ऋषिकेश के कोविड मामलों के प्रभारी मधुर उनियाल ने बताया कि की स्थिति अभी स्थिर बनी हुई है। शनिवार देर रात उमा ने खुद ट्वीट करके खुद के संक्रमित होने की जानकारी दी थी। भारती ने बताया था कि वह खुद ही ऋषिकेश और हरिद्वार के बीच एक स्थान पर सेल्फ आइसोलेशन में रह रही हैं। उन्होंने अपने संपर्क में आए सभी लोगों से कोरोना वायरस संक्रमण का परीक्षण करवाने और सावधानी बरतने को भी कहा था। अपने ट्वीट में उमा ने कहा था, 'मैं आपकी जानकारी में यह डाल रही हूं कि मैंने आज (शनिवार) अपनी पहाड़ की यात्रा के समाप्ति के अंतिम दिन प्रशासन से आग्रह करके कोरोना परीक्षण के लिए टीम को बुलवाया क्योंकि मुझे तीन दिन से हल्का बुखार था।' बाबरी मस्जिद केस का आने वाला है फैसला भारती ने बताया कि मैंने हिमालय में कोविड संबंधी सभी नियमों का पालन किया, फिर भी मैं अभी कोरोना पॉजिटिव निकली हूं। गौरतलब है कि उमा भारती इसी सप्ताह उत्तराखंड के राज्यमंत्री धनसिंह रावत के साथ केदारनाथ यात्रा गई थीं और बाद में रावत कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए थे। बता दें कि उमा भारती उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी हैं, जिसका आगामी 30 सितंबर को फैसला आने वाला है।


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कोविड-19 ग्रस्त उमा भारती एम्स ऋषिकेश में भर्ती

देहरादून, 28 सितंबर (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती कोविड-19 की पुष्टि होने के बाद सोमवार को एम्स ऋषिकेश में भर्ती हो गयीं। वह स्वयं शाम पौने सात बजे के करीब एम्स ऋषिकेश पहुंची और अस्पताल प्रशासन ने उन्हें भर्ती कर लिया । एम्स ऋषिकेश के कोविड मामलों के प्रभारी मधुर उनियाल ने बताया कि उमा भारती की स्थिति अभी स्थिर बनी हुई है। शनिवार देर रात उमा ने खुद ट्वीट करके खुद के संक्रमित होने की जानकारी दी थी। भारती ने बताया था कि वह खुद ही ऋषिकेश और हरिद्वार के बीच एक स्थान पर पृथक-वास में रह रही हैं। उन्होंने अपने संपर्क में आए सभी लोगों से कोरोना वायरस संक्रमण का परीक्षण करवाने और सावधानी बरतने को भी कहा था । अपने ट्वीट में उमा ने कहा था, '' मैं आपकी जानकारी में यह डाल रही हूं कि मैंने आज (शनिवार) अपनी पहाड़ की यात्रा के समाप्ति के अंतिम दिन प्रशासन से आग्रह करके कोरोना परीक्षण के लिए टीम को बुलवाया क्योंकि मुझे तीन दिन से हल्का बुखार था। मैंने हिमालय में कोविड संबंधी सभी नियमों का पालन किया, फिर भी मैं अभी कोरोना पॉजिटिव निकली हूं।'' गौरतलब है कि उमा भारती इसी सप्ताह उत्तराखंड के राज्यमंत्री धनसिंह रावत के साथ केदारनाथ यात्रा गयी थीं और बाद में रावत कोरोना वायरस संक्रमित पाए गये थे ।


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उत्तराखंड में मिले कोविड-19 के 457 नए मरीज, छह की मौत

देहरादून, 28 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड में सोमवार को 457 नए मरीजों में कोविड-19 की पुष्टि हुई जिससे राज्य में संक्रमण से पीड़ितों का आंकड़ा बढ़कर 47,502 हो गया। इसके अलावा, इसी अवधि में कोविड-19 के छह और मरीजों की मृत्यु हो गयी । यहां प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित सर्वाधिक 129 ताजा मामले हरिद्वार जिले में मिले जबकि देहरादून में 113, उधमसिंह नगर में 76 और टिहरी गढ़वाल में 27 मरीज सामने आए। सोमवार को प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती छह और कोविड मरीजों की जान चली गयी। महामारी से अब तक प्रदेश में 580 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। प्रदेश में अब तक कुल 36,646 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं जबकि उपचाराधीन मामलों की संख्या 10,066 है। प्रदेश में कोविड-19 के 210 मरीज प्रदेश से बाहर चले गए हैं ।


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फिल्म अभिनेत्री भाग्यश्री ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से मुलाकात की

देहरादून, 28 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से सोमवार को फिल्म अभिनेत्री भाग्यश्री एवं उनके पति हिमालय दासानी ने भेंट की तथा प्रदेश में फिल्म सिटी के क्षेत्र में कार्य करने की इच्छा जताई। भाग्यश्री ने कहा कि उत्तराखंड में फिल्मी हस्तियों का रूझान बढ़ा है और राज्य में युवाओं को अगर फिल्म के क्षेत्र में विभिन्न प्रशिक्षण दिये जायें तो वे इस क्षेत्र में अच्छा करियर बना सकते हैं। फिल्मकार दंपति ने जैविक उत्पादों की बढती मांग के मद्देनजर प्रदेश में उन्हें बढावा देने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि इस क्षेत्र में भी उत्तराखंड में काफी सम्भावनाएं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में फिल्म सिटी बनाने के लिए भूमि तलाशी जा रही है । उन्होंने कहा कि फिल्म सिटी के लिए भूमि अधिक चाहिए और वह स्थान हवाईअड्डे से भी कम दूरी पर होना चाहिए । रावत ने कहा कि यदि उत्तराखंड के युवाओं को यहां फिल्म के क्षेत्र में प्रशिक्षण मिलता है तो वे इस क्षेत्र में अच्छा भविष्य बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में फिल्म सिटी बनने से लोगों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।


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रक्षामंत्री ने आइएमए के दो अंडरपासों की निर्माण परियोजना का शिलान्यास किया

देहरादून, 28 सितंबर (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से यहां भारतीय सैन्य अकादमी को जोड़ने वाले दो अंडरपास के निर्माण की परियोजना ई-शिलान्यास किया। दोनों अंडरपास अकादमी के उत्तरी, केंद्रीय और दक्षिणी परिसरों को जोडेंगे जो राष्ट्रीय राजमार्ग 72 के गुजरने के कारण अलग—अलग हो गए हैं । इस बहुप्रतीक्षित परियोजना की संकल्पना मूल रूप से 1978 में की गयी थी । परियोजना का अनावरण करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि जेंटलमैन कैडेटों और जनसामान्य की सुविधा के लिए बनने वाली इस परियोजना को शुरू होने में ही 40 साल से ज्यादा लगना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है । अंडरपास व्यस्त राजमार्ग पर भारी यातायात को कम करेगा और जेंटलमैन कैडेटों और आईएमए कर्मियों की प्रशिक्षण दक्षता और सुरक्षा बढ़ाएगा और उन्हें तीन परिसरों में वितरित प्रशिक्षण सुविधाओं तक पहुंचने के लिए राजमार्ग पार नहीं करना पड़ेगा। पैंतालीस करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाली इस परियोजना के दो साल में पूरा होने की संभावना है। नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए हुए ई-अनावरण समारोह में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी मौजूद रहे । बाद में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने परियोजना की आधारशिला रखी । इस दौरान उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश, पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी और भारतीय सैन्य अकादमी के समादेशक लेफ्टिनेंट जनरल जयवीर सिंह नेगी भी मौजूद थे ।


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रविवार, 27 सितंबर 2020

उमा भारती को हुआ कोरोना, डॉक्टरों ने दी थी यात्रा न करने की सलाह, फिर भी चली गईं बद्रीनाथ

देहरादून पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शनिवार को कोरोना पॉजिटिव पाई गईं। वह गुरुवार को बद्रीनाथ धाम भी गईं थीं। जानकारी के मुताबिक, उमा भारती पिछले हफ्ते उत्तराखंड के मंत्री के साथ यात्रा पर गईं थीं। बाद में रावत में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। सूत्रों ने बताया कि उमा भारती को डॉक्टरों ने कुछ दिनों तक यात्रा नहीं करने की सलाह दी गई थी लेकिन उन्होंने बद्रीनाथ मंदिर की यात्रा जारी रखी। इस बीच शनिवार देर रात उमा भारती ने ट्वीट करके बताया कि पहाड़ की यात्रा के अंतिम दिन उन्होंने प्रशासन से उनकी कोरोना वायरस संक्रमण की जांच कराने का अनुरोध किया क्योंकि उन्हें तीन दिन से हल्का बुखार आ रहा था। भारती ने कहा कि उन्होंने यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग सहित सभी नियमों का पालन किया था, लेकिन वह संक्रमण की चपेट में आ गईं। उमा के साथ गए धनसिंह राव कोरोना पॉजिटिव जानकारी के मुताबिक, उमा भारती इसी सप्ताह उत्तराखंड के मंत्री धनसिंह रावत के साथ केदारनाथ यात्रा पर गयी थीं और बाद में रावत में संक्रमण की पुष्टि हुई थी।


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उत्तराखंड में मिले कोविड-19 के 764 नए मरीज

देहरादून, 27 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड में रविवार को और 928 लोगों में कोविड-19 की पुष्टि हुई जिससे महामारी से पीडितों का आंकडा बढकर 47,045 हो गया । इसके अलावा आठ और मरीजों की मृत्यु भी हो गयी । यहां प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार कोरोना वायरस के सर्वाधिक 241 नये मरीज देहरादून जिले के हैं जबकि हरिद्वार में 139, पौडी में 90, उधमसिंह नगर जिले में 89 और नैनीताल में 50 नये मरीज सामने आए । रविवार को प्रदेश में कोविड-19 के आठ और मरीजों की जान चली गयी जिनमें से चार ने मैक्स अस्पताल, दो ने एम्स और एक—एक ने हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल और पौडी जिले के श्रीनगर बेस अस्पताल में दम तोडा । महामारी से अब तक प्रदेश में 574 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है । प्रदेश में अब तक कुल 35462 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं और उपचाराधीन मरीज 10799 हैं । प्रदेश में कोविड-19 के 210 मरीज प्रदेश से बाहर चले गए हैं ।


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हाईटेंशन तार टूटने से झुलसा साइकल सवार, मुआवजा देने के बाद सीएम ने शुरू कराई जांच

हल्द्वानी उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से एक साइकिल सवार हुई मौत के मामले में ऊर्जा विभाग की लापरवाही की बात सामने आने पर मुख्यमंत्री ने रविवार को जांच के निर्देश दिए । मामले को गंभीरता से लेते हुये मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरा दुख जताया और ऊर्जा सचिव राधिका झा को पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए तथा जिम्मेदार लापरवाह अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा। झा ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद वरिष्ठ स्तर के अधिकारी मुख्य अभियंता एम एल प्रसाद को घटना की जांच करके रिपोर्ट देने को कहा गया है। प्रसाद मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गए हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट मिलने पर इस घटना के लिए जिम्मेदार लापरवाह अफसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। परिवार को दी गई आर्थिक मदद सचिव ने कहा कि घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए निचले स्तर के अधिकारियों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। घटना में मृतक के परिवार को तत्काल चार लाख रूपये का मुआवजा दिया जा रहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से भी सहायता की कोशिश की जाएगी। शुक्रवार को हुई थी घटना गौरतलब है कि हल्द्वानी के बारीखत्ता निवासी कंपाउडर कमल रावत (29) गत शुक्रवार को साइकिल से ड्यूटी पर जाते समय हाइटेंशन लाइन के टूटे तार की चपेट में आ गया और करंट से झुलसकर उसकी मौके पर ही मौत हो गई।


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'कुतुबमीनार' की शूटिंग उत्तराखंड में होगी

देहरादून, 27 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने आवास में रविवार को इंडियन सिनेफिले, फिल्म एवं मेन स्ट्रीम प्रोडक्शन के बैनर तले बन रही फिल्म ‘कुतुब मीनार’ का मुहूर्त शॉट दिया । इस फिल्म के निर्देशक राज आशू, निर्माता पंचम सिंह, निर्मला सिंह एवं मनोज वोहरा तथा प्रमुख कलाकार संजय मिश्रा, करनवीर बोहरा तथा मिनीषा लांबा हैं। इस फिल्म की अधिकांश शूटिंग उत्तराखण्ड में होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि फिल्मांकन के लिए फिल्म निर्माताओं का ध्यान उत्तराखण्ड की ओर बढ़ा है और यहां का प्राकृतिक एवं नैसर्गिक सौन्दर्य फिल्मकारों को आकर्षित करता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भी सरल फिल्म नीति बनाई है और फिल्मों की शूटिंग के लिए तीन दिन के अन्दर अनुमति दी जा रही है। फिल्मांकन के दौरान राज्य वासियों के सहयोग को भी फिल्मकारों ने सराहा है। पिछले तीन साल में राज्य में बॉलीवुड के अलावा अनेक दक्षिण भारतीय फिल्मों की भी शूटिंग हुई है।


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हाइटेंशन लाइन से साइकिल सवार की मौत की जांच के आदेश

देहरादून, 27 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से एक साइकिल सवार हुई मौत के मामले में ऊर्जा विभाग की लापरवाही की बात सामने आने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को जांच के निर्देश दिए । मामले को गंभीरता से लेते हुये मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरा दुख जताया और ऊर्जा सचिव राधिका झा को पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए तथा जिम्मेदार लापरवाह अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा । झा ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद वरिष्ठ स्तर के अधिकारी मुख्य अभियंता एम एल प्रसाद को घटना की जांचकरके रिपोर्ट देने को कहा गया है। प्रसाद मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गए हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट मिलने पर इस घटना के लिए जिम्मेदार लापरवाह अफसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सचिव ने कहा कि घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए निचले स्तर के अधिकारियों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। घटना में मृतक के आश्रित को तत्काल चार लाख रूपये का मुआवजा दिया जा रहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से भी सहायता की कोशिश की जाएगी। गौरतलब है कि हल्द्वानी के बारीखत्ता निवासी कंंपाउडर कमल रावत (29) गत शुक्रवार को साइकिल से ड्यूटी पर जाते समय हाइटेंशन लाइन के टूटे तार की चपेट में आ गया और करंट से झुलसकर उसकी मौके पर ही मौत हो गई।


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खेत किनारे बाणगंगा नदी में लगे थे फूल, बच्‍ची तोड़ने गई... बनी मगरमच्‍छ का शिकार

करन खुराना, हरिद्वार उत्‍तराखंड में लक्सर के पंडितपुरी गांव में फूल तोडने गई एक आठ साल की बच्ची को मगरमच्छ ने अपना निवाला बना लिया। सूचना पाकर रायसी चौकी पुलिस व वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मगरमच्‍छ व गायब बच्ची को नदी में ढूंढा। काफी देर खोज करने के बाद पानी से बच्ची का क्षत विक्षत शव बरामद हुआ। लक्सर के रायसी क्षेत्र के पंडित पुरी गांव निवासी जयेंद्र के खेत बाणगंगा के पास हैं। बाणगंगा में इन दिनों झाड़िया उगी हुई हैं जिनमें एक फुट पानी भी है। शुक्रवार को जयेंद्र अपने परिवार के साथ खेत में काम करने के लिए गए थे। जयेंद्र की आठ साल की बेटी राधिका भी साथ ही गई थी और वहा मौजूद बच्चों के साथ खेल रही थी। सभी लोग खेत में काम कर रहे थे, इसी दौरान राधिका की नजर बाणगंगा में उगे फूलों पर पड़ी तो वह फूल तोडने के लिए चली गई। उसके साथ एक और छोटी बच्ची भी थी। यहां झाडियों में छुपे मगरमच्छ ने अचानक राधिका पर हमला बोल दिया और उसे पानी में खींच ले गया। राधिका के साथ मौजूद बच्ची का शोर सुनकर लोग वहां पहुंचे। काफी देर तक तलाश करने पर बच्ची का क्षत-विक्षत शव बरामद हो गया है। शव को पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर पोस्‍टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। वन क्षेत्राधिकारी लक्सर गौरव कुमार ने बताया कि सूचना मिली थी कि एक बच्ची को मगरमच्छ ने पानी में खींच लिया है। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंच कर बच्ची के शव को बरामद कर लिया गया है, मगरमच्छ की तलाश जारी है।


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पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि

देहरादून, 27 सितंबर (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता उमा भारती में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है । भारती ने ट्वीट करके यह जानकारी दी। शनिवार देर रात भारती ने ट्वीट करके बताया कि पहाड़ की यात्रा के अंतिम दिन उन्होंने प्रशासन से उनकी कोरोना वायरस संक्रमण की जांच कराने का अनुरोध किया क्योंकि उन्हें तीन दिन से हल्का बुखार आ रहा था। भारती ने कहा कि उन्होंने यात्रा के दौरान सामाजिक दूरी सहित सभी नियमों का पालन किया था, लेकिन वह संक्रमण की चपेट में आ गईं। गौरतलब है कि उमा भारती इसी सप्ताह उत्तराखंड के मंत्री धनसिंह रावत के साथ केदारनाथ यात्रा पर गयी थीं और बाद में रावत में संक्रमण की पुष्टि हुई थी।


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पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि

देहरादून, 27 सितंबर (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता उमा भारती में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है । भारती ने ट्वीट करके यह जानकारी दी। शनिवार देर रात भारती ने ट्वीट करके बताया कि पहाड़ की यात्रा के अंतिम दिन उन्होंने प्रशासन से उनकी कोरोना वायरस संक्रमण की जांच कराने का अनुरोध किया क्योंकि उन्हें तीन दिन से हल्का बुखार आ रहा था। भारती ने कहा कि उन्होंने यात्रा के दौरान सामाजिक दूरी सहित सभी नियमों का पालन किया था, लेकिन वह संक्रमण की चपेट में आ गईं। गौरतलब है कि उमा भारती इसी सप्ताह उत्तराखंड के मंत्री धनसिंह रावत के साथ केदारनाथ यात्रा पर गयी थीं और बाद में रावत में संक्रमण की पुष्टि हुई थी।


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शनिवार, 26 सितंबर 2020

Indo-Nepal Border Dispute: भारत पर नजर रखने को कालापानी से लगे इलाके में पुलिस बेस बना रहा नेपाल

भारत से सीमा विवाद के बीच नेपाल पर नजर रखने के लिए छांगरु इलाके में जवानों के लिए मकान बनाने जा रहा है। नेपाल के गृह मामलों के मंत्री ने शुक्रवार को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के कालापानी क्षेत्र की सीमा से लगे छांगरु में नेपाली सशस्त्र पुलिस बल (APF) के लिए बटालियन मुख्यालय की आधारशिला रखी। इस दौरान थापा ने दार्चुला के तिंकर गांव का भी हवाई निरीक्षण किया। सूत्रों के मुताबिक, नेपाल के मंत्री राम बहादुर थापा ने एक रात छांगरु इलाके में भी गुजारी। इसके दौरान उनके साथ सेना के जवान और एपीएफ अधिकारी भी थे। शनिवार को मंत्री ने नेपाल के दार्चुला जिले में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। यहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। हम रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र के विकास के लिए काम करेंगे और इसे व्यापार और पर्यटन हॉटस्पॉट के रूप में विकसित करेंगे। 10 करोड़ की लागत से बनेगी मल्टी यूटिलिटी बिल्डिंग इस कार्यक्रम के दौरान थापा ने मीडियाकर्मियों से कहा था कि एक साल के भीतर 10 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से इस क्षेत्र में मल्टी यूटिलिटी बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीमा निरीक्षण पदों (बीओपी) के लिए एक स्थायी ढांचा भी छंगरु में बनाया जाएगा। घाटीबाग-लिपुलेख सड़क के उद्घाटन के बाद बढ़ा विवाद भारत और नेपाल के बीच मई में सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद , जौलजीबी, लाली, झूलाघाट, और पंचेश्वर क्षेत्रों में सीमा पर अपनी ओर से कई बीओपी का निर्माण पहले ही कर लिया है। इसके अलावा जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 80 किलोमीटर लंबे घाटीबाग-लिपुलेख सड़क का उद्घाटन किया था। तब नेपाली सरकार ने दावा किया था कि वह सड़क उसके क्षेत्र से होकर गुजरती है। इसके बाद नेपाली संसद ने एक नक्शा भी जारी किया था जिसमें कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख को अपने क्षेत्र का हिस्सा दिखाया गया था।


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उत्तराखंड में कोविड-19 के 949 नये मामले, मृतक संख्या बढ़ कर 566 हुई

देहरादून, 26 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड में कोविड-19 से 11 और मरीजों की मौत हो जाने से कुल मृतक संख्या बढ़ कर शनिवार को 566 हो गई, जबकि संक्रमण के 949 नये मामले भी सामने आये। स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक 949 मामले सामने आने से राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़ कर 46,281 हो गये हैं। इसमें कहा गया है कि राज्य में कुल 34,649 मरीज इस रोग से अब तक उबर चुके हैं। वहीं, 11 और मरीजों की मौत हो जाने से कुल मृतक संख्या बढ़ कर 566 हो गई। बुलेटिन के मुताबिक राज्य में कोविड-19 के कुल 10,856 मरीज इलाजरत हैं।


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प्रधानमंत्री मोदी 29 सितंबर को उत्तराखंड में आठ अवजल शोधन संयंत्रों का उद्घाटन करेंगे

देहरादून, 26 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नमामी गंगे परियोजना के तहत उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर स्थापित किये गए आठ अवजल शोधन संयंत्रों का 29 सितंबर को ऑनलाइन उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को यह जानकारी दी। रावत ने कहा कि आठ संयंत्रों में से हरिद्वार में चार, ऋषिकेश में दो और मुनि-की-रेती तथा बद्रीनाथ में एक-एक संयंत्र का निर्माण किया गया हैं। इनके निर्माण पर 500 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि खर्च हुई है। रावत ने कहा यह संयंत्र मिलकर प्रतिदिन 152.5 मिलियन लीटर सीवेज का शोधन कर सकते हैं। इन संयंत्रों द्वारा उत्पादित ठोस अपशिष्ट का उपयोग खाद के रूप में किया जाएगा।


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उत्तराखंड भाजपा ने पार्टी का अनुशासन 'तोड़ने' के लिए विधायक को नोटिस दिया

देहरादून , 26 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड भाजपा ने लोहाघाट से विधायक पुरन सिंह फर्त्याल को पार्टी विरोधी बयान देने और पार्टी का अनुशासन तोड़ने के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी ने फर्त्याल से कहा है कि वह सात दिन में बताएं कि पार्टी की छवि को खराब करने के सिलसिले में उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जाए। प्रदेश भाजपा महासचिव कुलदीप कुमार के हस्ताक्षर वाले नोटिस में यह भी कहा गया है कि सत्तारूढ़ दल का सदस्य होने के बावजूद भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा की मांग करने वाली विधायक की हालिया टिप्पणी अनुशासनहीनता की श्रेणी में आती है। नोटिस में कहा गया है कि प्रदेश भाजपा प्रमुख बंसीधर भगत ने भी विधायक द्वारा पार्टी का अनुशासन तोड़ने का संज्ञान लिया है। फर्त्याल मीडिया में अपनी ही सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं और सरकार पर एक ठेकेदार का पक्ष लेने तथा उनके निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य को रोकने का आरोप लगा रहे हैं।


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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय सैन्य अकादमी में अंडरपास का शिलान्यास करेंगे

देहरादून, 26 सितंबर (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में दो अंडरपास का शिलान्यास करेंगे। आईएमए की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि परियोजना पर 45 करोड़ रुपये की लागत आएगी और यह दो साल में पूरी हो जाएगी। बहुप्रतीक्षित परियोजना से अकादमी का उत्तरी, दक्षिण और मध्य परिसर आपस में जुड़ जाऐंगे । बीच से राष्ट्रीय राजमार्ग-72 गुजरने के कारण परिसर के एक भाग से दूसरे भाग में जाने में असुविधा होती है । अंडरपास से व्यस्त राजमार्ग पर यातायात में भी सुगमता होगी और आईएमए के कैडेट और कर्मियों की भी सुरक्षा होगी। नयी दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए होने वाले कार्यक्रम में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी मौजूद रहेंगे ।


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शुक्रवार, 25 सितंबर 2020

मंत्री ने लगाया अधिकारी के 'अपहृत' का आरोप, मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश

देहरादून, 25 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड की एक महिला मंत्री ने एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के 'अपहृत' या 'भूमिगत' हो जाने का आरोप लगाया है। इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं । सरकारी सूत्रों ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री रावत ने यह आदेश महिला कल्याण और बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य द्वारा पुलिस उपमहानिरीक्षक अरुण मोहन जोशी को एक पत्र लिखे जाने के बाद दिए । पत्र में मंत्री ने कहा है कि उनके विभाग में निदेशक वी षणमुगम पिछले दो दिनों से उनके फोन कॉल और संदेशों का जवाब नहीं दे रहे हैं । पत्र में मंत्री ने शक जताया है कि अधिकारी का या तो अपहरण कर लिया गया है या वह भूमिगत हो गए हैं । हालांकि, मंत्री द्वारा पुलिस को पत्र लिखे जाने के बाद पता चला कि अधिकारी कोविड-19 से संक्रमित हो गए हैं और पृथक-वास में हैं।


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अडवेंचर टूरिजम के शौकीन लोगों के लिए खुशखबरी, उत्तराखंड में खुली गतिविधियां

देहरादून ने कोविड दिशा-निर्देशों के साथ शुक्रवार को अडवेंचर पर्यटन गतिविधियों को खोले जाने की अनुमति दे दी। पर्यटन विभाग ने इसकी जानकारी दी। राज्य पर्यटन विभाग ने वॉटर स्पोर्ट्स, ट्रेकिंग और पर्वतारोहण, एयरोस्पोर्ट्स और कैम्पिंग गतिविधियों जैसी साहसिक गतिविधियों को खोलने की अनुमति के साथ ही पर्यटकों और इन गतिविधियों से जुड़ी एजेंसियों के लिए कोविड-19 से सुरक्षा से संबंधित दिशा निर्देश भी जारी किए हैं। अब अडवेंचर टूर ऑपरेटर या एजेंसी के प्रमुख पर्यटन विभाग और संबंधित जिला प्रशासन के कार्यालयों में आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के लिए आवेदन दे सकते हैं। इस संबंध में प्रदेश के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि साहसिक पर्यटन गतिविधियों को फिर से खोलने से प्रदेश के पर्यटन उद्योग को बहुत लाभ होगा। उन्होंने कहा, ' का राज्य के समग्र पर्यटन उद्योग में बड़ा योगदान है। हमें विश्वास है कि अडवेंचर गतिविधियों को फिर से खोलने से राज्य पर्यटन उद्योग को बड़ा फायदा मिलेगा।' हालांकि, उन्होंने इससे जुड़े सभी व्यवसायियों से पूर्ण सहयोग की उम्मीद करते हुए कहा कि सबको एक टीम के रूप में काम करना होगा और राज्य में कोविड महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए नियमों और दिशानिर्देशों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना होगा। नियमों का खास तौर पर रखना होगा ध्यान दिशा-निर्देशों के अनुसार, अडवेंचर कंपनी, एजेंसी या टूर ऑपरेटर के मालिकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके कर्मचारी कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए उचित रूप से प्रशिक्षित हैं। इसके अतिरिक्त, उन्हें थर्मल स्क्रीनिंग, सामाजिक दूरी, मास्क या शील्ड की ओर से चेहरे को ढकने और लगातार हाथ धोने जैसे आवश्यक नियमों का पालन भी सुनिश्चित करना होगा। इस संबंध में जिला प्रशासन को साहसिक पर्यटन गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए एक निगरानी तंत्र गठित करने का भी निर्देश दिया गया है। नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को देनी होगी सूचना दिशा-निर्देशों के अनुसार, एजेंसी ऐडवेंचर गतिविधियों में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों की उचित सफाई को भी सुनिश्चित करेगी। इसके अलावा, किसी भी पर्यटक में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर उसे इस बारे में तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को सूचित करना होगा।


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उत्तराखंड में किसानों ने किया कृषि विधेयकों के विरोध में प्रदर्शन

देहरादून, 25 सितंबर (भाषा) कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों ने शुक्रवार को उत्तराखंड के हरिद्वार तथा उधमसिंह नगर जिलों सहित अलग—अलग जगहों पर प्रदर्शन किए । हरिद्वार जिले के मंगलौर में किसानों ने हुंकार भरते हुए तीन घंटे तक गुड़ मंडी के बाहर राजमार्ग को जाम कर दिया। किसानों ने कहा कि यदि उन्हें उनकी फसलों का उचित मूल्य मिले तो उन्हें कर्ज की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारें अपने मंत्रियों और अधिकारियों की जेबें भरने के लिए कर्ज आदि की योजनाएं लेकर आती हैं। सुबह भारतीय किसान यूनियन टिकैत से जुडे किसान गुड मंडी मंगलौर में एकत्र हुए और उसके बाहर राजमार्ग पर जाकर धरने पर बैठ गए। इस दौरान, वक्ताओं ने केंद्र सरकार के द्वारा किसानों के लिए लाए कानून को 'काला कानून' बताया और कहा कि यदि किसानों को लाभ पहुंचाना है तो पहले उन्हें उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी । उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की फसलों का मूल्य दस रुपये प्रति कुंतल बढ़ाती है लेकिन विधायकों और मंत्रियों का वेतन एक दिन में दोगुना कर दिया जाता है । किसानों से मिलने अधिकारी पहुंचे जिन्हें किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जिसके बाद तीन बजे चक्का जाम खोल दिया । रूड़की में भी किसानों और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कृषि विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार का पुतला दहन किया। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सचिन चौधरी ने कहा कि सरकार अपने उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों को उनका गुलाम बनाना चाहती है। उधर, ऊधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर में गुस्साये किसानों ने रैली निकाल कर डीडी चौक पर जाम लगा कर जबरदस्त प्रदर्शन किया। किसानो ने केंद्र सरकार को जमकर कोसा ओर विधेयक वापस लेने की मांग की। सिख किसानों की बहुलता वाले जिले के तराई क्षेत्र में किसान सरकार के फैसले के खिलाफ अपने ट्रेक्टर ट्रालियों पर सवार होकर प्रदर्शन करने पहुचे । सबसे पहले किसान मंडी में जमा हुए जहां किसान नेता तेजिंदर सिंह विर्क ने इसे किसान विरोधी विधेयकों को वापस लेने की माग की और कहा कि ऐसा न होेने पर किसान उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। बाद में आंदोलित किसानों ने ट्रैक्टरों के साथ भारी संख्या में जुलूस निकाला ओर मुख्य बाजार की सड़क को जाम कर दिया। किसानों ने विरोध प्रदर्शन कर बिल के विरोध में राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा ।


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उत्तराखंड में अब साहसिक पर्यटन गतिविधियां भी शुरू

देहरादून, 25 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड सरकार ने कोविड दिशा—निर्देशों के साथ शुक्रवार को साहसिक पर्यटन गतिविधियों को खोले जाने की अनुमति दे दी । पर्यटन विभाग ने इसकी जानकारी दी । राज्य पर्यटन विभाग ने जलक्रीडा, ट्रेकिंग और पर्वतारोहण, एयरोस्पोर्ट्स और कैम्पिंग गतिविधियों जैसी साहसिक गतिविधियों को खोलने की अनुमति के साथ ही पर्यटकों और इन गतिविधियों से जुडी एजेंसियों के लिए कोविड-19 से सुरक्षा से संबंधित दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। अब एडवेंचर टूर ऑपरेटर या एजेंसी के प्रमुख पर्यटन विभाग और संबंधित जिला प्रशासन के कार्यालयों में आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के लिए आवेदन दे सकते हैं । इस संबंध में प्रदेश के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि साहसिक पर्यटन गतिविधियों को फिर से खोलने से प्रदेश के पर्यटन उघोग को बहुत लाभ होगा । उन्होंने कहा, 'एडवेंचर टूरिज्म का राज्य के समग्र पर्यटन उद्योग में बड़ा योगदान है । हमें विश्वास है कि एडवेंचर गतिविधियों को फिर से खोलने से राज्य पर्यटन उद्योग को बड़ा फायदा मिलेगा ।' हांलांकि, उन्होंने इससे जुडे सभी व्यवसायियों से पूर्ण सहयोग की उम्मीद करते हुए कहा कि सबको एक टीम के रूप में काम करना होगा और राज्य में कोविड महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए नियमों और दिशानिर्देशों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना होगा। दिशा—निर्देशों के अनुसार, एडवेंचर कंपनी, एजेंसी या टूर ऑपरेटर के मालिकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके कर्मचारी कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए उचित रूप से प्रशिक्षित हैं। इसके अतिरिक्त, उन्हें थर्मल स्क्रीनिंग, सामाजिक दूरी, मास्क या शील्ड द्वारा चेहरे को ढंकने और लगातार हाथ धोने जैसे आवश्यक नियमों का पालन भी सुनिश्चित करना होगा। इस संबंध में जिला प्रशासन को साहसिक पर्यटन गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए एक निगरानी तंत्र गठित करने का भी निर्देश दिया गया है । दिशा—निर्देशों के अनुसार, एजेंसी ऐडवेंचर गतिविधियों में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों की उचित सफाई को भी सुनिश्चित करेगी । इसके अलावा, किसी भी पर्यटक में कोरोनावायरस संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर उसे इस बारे में तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को सूचित करना होगा ।


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उत्तराखंड में मिले 928 नए कोविड मरीज

देहरादून, 25 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड में शुक्रवार को 928 नए मरीजों में कोविड-19 की पुष्टि हुई जिससे महामारी से पीडि़तों का आंकड़ा बढकर 45,332 हो गया । इसके अलावा 13 और मरीजों की महामारी से मृत्यु हो गयी । स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी दी । यहां प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित सर्वाधिक 203 ताजा मामले देहरादून जिले में मिले जबकि नैनीताल में 173, उधमसिंह नगर जिले में 117, पौडी गढवाल में 107, हरिद्वार में 87, चमोली में 65 और अल्मोडा में 51 मरीज सामने आए । शुक्रवार को प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 13 और कोविड मरीजों की जान चली गयी जिसके बाद महामारी से अब तक प्रदेश में मरने वालों की संख्या 555 पर पहुंच चुकी है। प्रदेश में अब तक कुल 33642 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं और उपचाराधीन मामलों की संख्या 10934 है । प्रदेश में कोविड-19 के 201 मरीज प्रदेश से बाहर चले गए हैं ।


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कोविड, मंहगाई, बेरोजगारी पर कांग्रेस के आरोपों पर उत्तराखंड सरकार ने दिया जवाब

देहरादून, 25 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार को कोविड-19, आपदा, मंहगाई, और बेरोजगारी से संबंधित मुद्दों पर प्रदेश में उठाए कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि विपक्षी कांग्रेस अगर बुधवार को एक दिवसीय मानसून सत्र की कार्यवाही बाधित नहीं करता तो उसे विधानसभा में ही इन विषयों के उत्तर मिल जाते । प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने संवाददाताओं को बताया कि कांग्रेस द्वारा तय किए गये इन मसलों पर सरकार जवाब देने को तैयार थी लेकिन जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी विधायकों ने उसे बाधित कर दिया । पूर्ववर्ती कांग्रेस और वर्तमान भाजपा सरकार के कामकाज से संबंधित आंकड़ों की तुलना करते हुए मंत्री ने कहा कि जहां कांग्रेस सरकार ने 2013 से 2017 तक प्राकृतिक आपदा की दृष्टि से संवेदनशील होने के कारण विस्थापन के लिए चिन्हित 77 गांवों में से केवल दो गांवों के 11 परिवारों का पुनर्वासन करने के लिए 37.5 लाख रू की राशि खर्च की, वहीं भाजपा सरकार ने चार सालों में 28 गांवों के 825 परिवारों के पुनर्वासन के लिए 35 करोड़ रू खर्च किए । उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने कोविड तथा भूस्खलन और बादल फटने जैसी आपदाओं से निपटने के लिए जिला प्रशासन, लोकनिर्माण विभाग और स्वास्थ्य विभाग को 354 करोड रू की राशि जारी की है । कौशिक ने कहा कि कोविड महामारी से निपटने की पूरी तैयारी न होने के विपक्ष के आरोपों के विपरीत सरकार किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है । उन्होंने कहा, 'हमारे पास 31000 आइसोलेशन बेड, 2759 आक्सीजन सपोर्ट बेड, 636 आइसीयू बेड, 605 वेंटीलेटर हैं । पहले से मौजूद 1400 चिकित्सकों के अलावा महामारी के संकट के दौरान हमने 598 और चिकित्सक नियुक्त किए हैं ।' कांग्रेस पर कोविड की तैयारियों को लेकर लोगों के सामने भयावह तस्वीर पेश करने का आरोप लगाते हुए कौशिक ने कहा कि प्रदेश में 10 कोविड अस्पताल, 15 कोविड स्वास्थ्य केंद्र, 411 कोविड केयर केंद्र और कोविड के इलाज की सुविधा वाले 12 निजी अस्पताल हैं । मंहगाई के मुददे पर कौशिक ने दावा किया कि उत्तराखंड में अन्य कई प्रदेशों जैसे पंजाब,छत्तीसगढ, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के मुकाबले काफी बेहतर स्थिति है । मंत्री ने कहा कि 2012 से 2020 के दौरान सात लाख लोगों को रोजगार दिया गया जबकि महामारी के चलते प्रदेश में लौटे प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गयी है । उन्होने कहा कि चार लाख से ज्यादा लोगों को अपने व्यापार शुरू करने के लिए ऋण—मुक्त ब्याज दिया गया है । कौशिक ने आरोप लगाया कि विपक्ष ने कोरोनावायरस के खिलाफ संघर्ष में कभी सरकार के साथ सहयोग नहीं किया ।


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गुरुवार, 24 सितंबर 2020

उत्तराखंड में मिले 684 नए कोविड-19 मरीज

देहरादून, 24 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड में बृहस्पतिवार को 684 नए मरीजों में कोविड-19 की पुष्टि हुई जिससे महामारी से पीड़ितों का आंकड़ा बढकर 44,404 हो गया। इसके अलावा 13 और मरीजों की महामारी से मृत्यु हो गयी। यहां प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित सर्वाधिक 161 ताजा मामले देहरादून जिले में मिले जबकि उधमसिंह नगर जिले में 131, अल्मोडा में 114, हरिद्वार में 80 और नैनीताल में 58 मरीज सामने आए। बृहस्पतिवार को संक्रमण ने प्रदेश में 13 और मरीजों की जान ले ली। छह—छह मरीजों की मौत ऋषिकेश के एम्स और हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में हुई जबकि एक ने श्रीनगर गढवाल के बेस अस्पताल में दम तोड़ा। महामारी से अब तक प्रदेश में 542 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। प्रदेश में अब तक कुल 32,154 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं और उपचाराधीन मामलों की संख्या 11,507 है। प्रदेश में कोविड-19 के 201 मरीज प्रदेश से बाहर चले गए हैं।


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मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र से बिचौलिओं को खत्म किया है : मुख्यमंत्री रावत

देहरादून, 24 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कृषि क्षेत्र में बिचौलिओं को ख़त्म कर दिया और किसानों को मंडी से आज़ाद कर दिया। कृषि विधेयकों के प्रशंसा करते हुए रावत ने यहाँ संवाददाताओं को बताया कि मोदी सरकार ने किसानों के लिए अब तक सबसे ज़्यादा अभूतपूर्व काम किए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘किसान अब मंडी से आजाद है। उसे कोई भी मंडी शुल्क नहीं देना पड़ेगा और इसी प्रकार सभी तरह के बिचौलिओं को भी खत्म कर दिया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने किसानों को सात घंटे बिजली दी जबकि उसकी मांग केवल दो घंटे की थी।’’ रावत ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि संप्रग सरकार ने 10 साल स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में रखा और कहा कि अगर किसी ने स्वामीनाथन रिपोर्ट पर काम किया तो वह नरेंद्र मोदी की सरकार है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के ज़रिये किसानों को 92,000 करोड़ रुपये दिये। उन्होंने कहा कि संप्रग के समय किसानों को आठ लाख करोड़ रुपये का कर्ज किसानों को मिलता था लेकिन आज किसानों को 15 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया जा रहा है।


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उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को अब नहीं दिखानी होगी कोविड-19 जांच रिपोर्ट

देहरादून, 24 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को कोविड-19 के कारण लगे प्रतिबंधों में ढील देते हुए राज्य सरकार ने उन्हें आगमन पर अपनी आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने की अनिवार्यता से छूट दे दी है। इस संबंध में जारी संशोधत दिशानिर्देशों में प्रदेश मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा है कि उत्तराखंड में किसी होटल या होमस्टे में ठहरने से पहले पर्यटकों को अब अनिवार्य रूप से अपनी कोविड-19 जांच रिपोर्ट देने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी होटल या होमस्टे में न्यूनतम दो दिन रहने की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी गयी है। बुधवार से अमल में आए इन संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, परिवहन के किसी भी माध्यम से उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को अभी भी अपनी यात्रा से पहले स्मार्ट सिटी वेब पोर्टल पर पंजीकरण कराना जरूरी होगा। इसके अलावा, होटल और रेस्तरां के लिए थर्मल स्कैनिंग, सैनिटाइजेशन और अन्य निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी होगा। अगर कोई पर्यटक कोविड-19 से पीड़ित मिलता है तो होटल प्रबंधन जिला प्रशासन को तत्काल सूचित करेगा। होटल प्रबंधन और होमस्टे मालिकों को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुरुप पर्यटकों की समय—समय पर रैंडम कोविड-19 जांच सुनिश्चित करनी होगी।


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बुधवार, 23 सितंबर 2020

उत्तराखंडः मंत्री मदन कौशिक का आरोप, कांग्रेस ने नहीं चलने दिया सत्र, शीशों में की तोड़फोड़

करन खुराना,देहरादून उत्तराखंड में बुधवार को एक दिवसीय विधानसभा सत्र बुलाया गया था, लेकिन यह सत्र विवादित रहा। कांग्रेस के विधायकों ने सत्र को चलने नहीं दिया जिसके बाद सत्र को स्थगित करना पड़ा। इस दौरान कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कांग्रेस के विधायकों की हरकत को निंदनीय बताया। कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने सत्र चलने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने बहुत गलत व्यवहार किया, कांग्रेस के विधायकों ने अपने वरिष्ठ सदस्यों का अपमान किया। 'राज्यसभा की तरह तोड़ी यहां भी मर्यादा' मदन कौशिक ने कहा कि जिस तरह से राज्यसभा में सदस्यों ने मर्यादा तोड़ी थी उसी तरह का वातावरण आज विधानसभा सत्र में बनाने की कोशिश की गई। साथ ही कक्ष के शीशे तोड़े गए, मदन कौशिक ने कहा जिस तरह का आज का व्यवहार था, ऐसा व्यवहार हमने कभी नहीं देखा। 'गैर जरूरी के मुद्दे पर बुलाया गया था सत्र' मदन कौशिक ने कांग्रेस के विधायकों की घोर निंदा की। कांग्रेस के विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा कि इस वक्त देश के साथ साथ प्रदेश में कोरोना की स्थिति बिगड़ती जा रही है और ऐसे समय मे विधानसभा सत्र में श्रम और सेवा नियमावली पर चर्चा की जा रही थी जो कि सरासर गलत है। कांग्रेस ने दी सफाई निसन्देह सत्ता पक्ष जब विपक्ष की नहीं सुनेगा तो फिर क्या उपाय रह जायेगा। हम सब ने अपनी आवाज उठाने के लिए पुरजोर तरीके से विरोध किया। इस वक्त सिर्फ कोविड, बेरोजगारी आदि मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए, जिसके बारे में बात करने को सरकार की कोई मंशा नहीं थी,इसलिए कांग्रेस ने विरोध किया।


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हरिद्वार जेल से भागे कैदी फिर गिरफ्तार

हरिद्वार, 23 सितंबर (भाषा) हरिद्वार में रोशनबाद की अस्थायी जेल से मंगलवार को भागे आठ में से छह कैदियों को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने बताया कि चार कैदियों को मंगलवार देर रात रूडकी से गिरफ्तार कर लिया गया जबकि दो अन्य को बुधवार को मंगलौर से गिरफ्तार किया गया। बाकी दो की तलाश अभी जारी है। कोविड-19 दिशानिर्देशों के अनुपालन में अदालत से जेल भेजे जाने के बाद एक सप्ताह तक कैदियों को अस्थायी जेल में रखा जाता है। हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि पुलिस और जेल प्रशासन से कैदियों के फरार होने के संबंध में रिपोर्ट तलब की गई है ।


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उत्तराखंड में मिले 1069 नए कोविड-19 मरीज

देहरादून, 23 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड में बुधवार को 1069 नए मरीजों में कोविड-19 की पुष्टि हुई जिससे महामारी से पीड़ितों का आंकड़ा बढकर 43,720 हो गया। इसके अलावा 17 और मरीजों की महामारी से मृत्यु हो गयी। यहां प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित सर्वाधिक 318 ताजा मामले देहरादून जिले में मिले जबकि उधमसिंह नगर जिले में 237, हरिद्वार में 127 और नैनीताल में 119 मरीज सामने आए। बुधवार को संक्रमण ने प्रदेश में 17 और मरीजों की जान ले ली। महामारी से अब तक प्रदेश में 529 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। प्रदेश में अब तक कुल 31,123 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं और उपचाराधीन मामलों की संख्या 11,867 है। कोविड-19 के 201 मरीज प्रदेश से बाहर चले गए हैं।


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कोविड-19 के साए में उत्तराखंड विस का एक दिवसीय मानसून सत्र संपन्न

देहरादून, 23 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड में कोविड—19 के बढते ग्राफ के बीच आहूत विधानसभा के एक दिवसीय मानसून सत्र में बुधवार को विपक्षी कांग्रेस ने महामारी पर तत्काल चर्चा कराने की मांग को लेकर जबरदस्त हंगामा किया जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हुई। हालांकि, बाद में कांग्रेस के हंगामे और शोर—शराबे के बीच ही सरकार ने करीब डेढ दर्जन विधेयक सदन से पारित करवा लिए। सत्र में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित 42 विधायक विधानसभा में मौजूद रहे जबकि 14 अन्य ने वर्चुअल तरीके से कार्यवाही में हिस्सा लिया। शेष विधायक सत्र से दूर रहे और माना जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने के कारण इसमें शामिल नहीं हो पाए। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल भी कोविड पीड़ित होने के कारण सत्र में नहीं आ सके। राज्य विधानसभा के 20 वर्ष के इतिहास में यह पहला मौका था जब अध्यक्ष ने सत्र की अध्यक्षता नहीं की। उनके स्थान पर उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता की। उनके अलावा, सदन में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश और उपनेता प्रतिपक्ष करण माहरा भी संक्रमित होने के कारण सदन में मौजूद नहीं रहे। विधानसभा सत्र के दौरान कोविड—19 से सुरक्षा का पूरा प्रबंध किया गया। सत्र से पहले विधायकों की कोविड-19 जांच की गयी। विधानसभा मंडप के अलावा विधायकों के बैठने की व्यवस्था दर्शक और प्रेस दीर्घा में भी की गयी थी जहां दो गज की दूरी सहित अन्य प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा गया। कोविड—19 की परिस्थतियों के कारण बिना प्रश्नकाल के हुए सत्र में पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत प्रणब मुखर्जी तथा दो पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि देने के बाद विपक्षी कांग्रेस सदस्य प्रीतम सिंह की अगुवाई में कांग्रेस सदस्य अपने स्थानों पर खड़े हो गए और पीठ से कोरोना महामारी पर तत्काल चर्चा कराने की मांग करने लगे। पीठ पर आसीन विधानसभा उपाध्यक्ष चौहान ने उन्हें अपने स्थानों पर बैठने का अनुरोध करते हुए उन्हें इस मुद्दे को बाद में कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिए उठाने को कहा लेकिन उनकी बात अनसुनी करते हुए कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए। कांग्रेस के काजी निजामुददीन ने सरकार पर मानसून सत्र को केवल एक दिन तक ही सीमित करने का भी आरोप लगाया और कहा कि इस समय कोविड—19 से ज्यादा कोई विषय महत्वपूर्ण नहीं है। संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कोविड—19 की परिास्थितियों के कारण सत्र को एक दिन का किया गया और यह निर्णय लेने वाली कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में उपनेता प्रतिपक्ष करण माहरा और विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल भी शामिल थे। इससे उत्तेजित अध्यक्ष के आसन के सामने खडे कांग्रेस विधायक और जोर—जोर से बोलने लगे। कुछ सदस्यों ने विधानसभा कार्यसूची के पृष्ठ भी आसन की ओर फेंके जिससे हंगामे की स्थिति पैदा हो गयी। इसके बाद उपाध्यक्ष चौहान ने सदन की कार्यवाही एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी। एक बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी हंगामे की स्थिति बनी रही और इसी के बीच सरकार ने कुछ कामकाज निपटाया और सदन को भोजनावकाश के लिए स्थगित कर दिया। भोजनावकाश के बाद भी स्थिति में बदलाव नहीं हुआ और हंगामे के बीच सरकार ने 18 विधेयक पारित करवा लिए। बाद में संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कांग्रेस पर जबरदस्ती हंगामा करने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने कोविड तथा अन्य विषयों पर एक अच्छी बहस का मौका गंवा दिया।


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उत्तराखंड: टेंडर में धांधली के बाद गायब सीनियर आईएएस, मंत्री ने 'अपहरण' की जताई आशंका!

करन खुराना, देहरादून उत्तराखंड में एक सीनियर आईएएस अधिकारी के अचानक गायब होने का मामला सुर्खियों में है। महिला सशक्तिकरण और बाल विकास राज्य ने एसएसपी/डीआईजी देहरादून को एक पत्र लिखकर मंत्रालय के डायरेक्टर वी. षणमुगम के अपहरण की आशंका जताई है। मंत्री ने आईएएस अधिकारी के अचानक गायब होने को लेकर जांच के आदेश दिए हैं। मंत्री ने अपने पत्र में भ्रष्टाचार को लेकर भी लिखा है जिस वजह से यह पत्र पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। राज्य मंत्री रेखा आर्य ने लिखा है कि पिछले तीन दिनों से निदेशक वी षणमुगम का फोन ऑफ है। मेरे निजी सचिव ने जब उनके निजी सचिव को फोन किया तब भी उनका कुछ पता नहीं चल पाया है। टेंडर प्रक्रिया में धांधली के बाद बचने के लिए तो कुछ नहीं किया? मंत्री के मुताबिक, आशंका है कि या तो उनका अपहरण हो गया है या फिर वह भूमिगत हो गए हैं। रेखा आर्या ने कहा कि वर्तमान में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में जो टेंडर प्रक्रिया चल रही है, उसमें धांधली हुई है। हो सकता है कि उससे बचने के लिए ही उन्होंने ऐसा कुछ किया हो। मुख्य सचिव बोले, क्वारंटीन हैं वी. षणमुगम इस मामले पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में है, मेरी जानकारी के अनुसार निदेशक के कार्यालय में कोई कर्मचारी पॉजिटिव आया था। जिसके बाद उन्होंने खुद को क्वारंटीन कर लिया था। हालांकि इस बारे में कोई सूचना न देना गलत है, जिसको लेकर उनसे बात की जाएगी।


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