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देहरादून, 22 जनवरी (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और तीन मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी किया। इस जनहित याचिका में उस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित सरकारी आवास के लिए बाजार मूल्य के हिसाब से किराये का भुगतान करने से छूट दी गई है। न्यायमूर्ति आर सी खुल्बे ने याचिकाकर्ता के वकील कार्तिकेय हरि गुप्ता की ओर से दायर याचिका पर राज्य सरकार, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, रमेश पोखरियाल निशंक और भगत सिंह कोश्यारी को नोटिस जारी किया। निशंक अभी केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री और कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। गुप्ता ने बताया कि इस मामले में अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी। उन्होंने बताया कि याचिका में इस कानून को असंवैधानिक करार दिए जाने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रियों से बाजार मूल्य पर किराया वसूलने के लिए जारी आदेश को निष्प्रभावी करने के लिए राज्य सरकार यह कानून लेकर आई है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड पूर्व मुख्यमंत्री सुविधा कानून हाल में पारित किया गया है। यह कानून उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास का किराया बाजार मूल्य के हिसाब से वसूलने का आदेश दिये जाने के बाद बनाया गया। राज्य सरकार की ओर से मंगलवार को अधिसूचित नए कानून के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकार के मानक किराए से 25 फीसदी अधिक किराया सरकारी आवास के लिए देना होगा और वाहन, चालक और जनसंपर्क अधिकारी जैसी सुविधाएं मुफ्त मिलेगी।
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