रविवार, 12 जनवरी 2020

मैं राजनीति में कुछ अच्छा करने आया हूं : त्रिवेंद्र

देहरादून, 12 जनवरी (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को कहा कि वह राजनीति में कुछ अच्छा करने के लिए आये हैं और उन्होंने पद पाने के लिए कभी किसी से सिफारिश नहीं करवाई। यहां 'उत्तराखंड यंग लीडर्स कानक्लेव 2020' में बोलते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ‘‘मैं आपसे कहना चाहता हूं कि मैंने मुख्यमंत्री बनने के लिए कभी किसी से सिफारिश नहीं लगवाई। इससे पहले भी मुझे 1993 में लैंसडाउन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने को कह गया लेकिन मैंने मना कर दिया। फिर मुझे भाजपा में संगठन मंत्री की जिम्मेदारी दी गयी लेकिन 2002 में डोइवाला चुनाव जीतने के बाद ही भाजपा में दो रुपये की पर्ची से सदस्यता ली। इससे पहले मैं भाजपा का सदस्य भी नहीं था।’’ वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों के बाद की स्थिति को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘परिणाम आने के बाद भी वह घर में ही बैठे रहे लेकिन शाम को उनके एक साथी ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का फोन आ रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इसके बाद मैं दिल्ली गया जहां मुझे पता चला कि मुझे राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है।’’ रावत ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंजूरी मिलने के बाद अमित शाह ने उन्हें अपनी कैबिनेट की तैयारी करने को कहा।’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के दायित्व से उन्हें कोई दबाव महसूस नहीं हुआ और यह सच्चाई है कि वह कभी तनाव में नहीं जीते। छात्रों द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में रावत ने कहा कि हमें अपनी सनातन संस्कृति पर गर्व होना चाहिए और अपने पूर्वजों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘देश तभी आगे बढता है जब वहां पुरखों का सम्मान हो। सबसे बड़ा देवता पितृ है।’’ इस संबंध में उन्होंने जापान का उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘जापानियों का कहना है कि अगर वहां भगवान बुद्ध स्वयं आक्रमण कर दें तो पहले वे देश को बचायेंगे। इसी प्रकार इजराइल के लोग भी मानते हैं कि राष्ट्रवाद से ही देश आगे बढ़ता है।’’ मुख्यमंत्री ने अपना भी उदाहरण दिया और कहा, ‘‘ एक बार जब वह विदेश यात्रा पर थे तो उनके साथ गये लोगों ने वहां सूट पहना जबकि उन्होंने स्वयं कुर्ता पैजामा पहना था और विदेशी भारतीय पहनावे को देखकर केवल उन्हें ही नमस्कार कर रहे थे।’’ उन्होंने छात्रों से अपना फोन नंबर भी साझा किया और कहा कि जरूरत पड़ने पर वे उनसे बात कर सकते हैं। पहाड़ और मैदान के बीच की खाई को पाटने के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जल्द ही सभी 660 न्याय पंचायतों में ‘‘ग्रोथ सेंटर’’ बनाने जा रही है और अभी तक 82 ‘‘ग्रोथ सेंटर’’ बन भी चुके हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों को इन ग्रोथ सेंटर में आसानी से बेचा जा सकता है और इस बात के प्रयास हैं कि खरीददार गांव में जाकर इन उत्पादों को खरीदें। मुख्यमंत्री ने इस बात का भी खुलासा किया कि उत्तराखंड में पहाड़ी गाय के दूध से बना घी कर्नाटक 900 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीद रहा है और अपने राज्य में 1500 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेच रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इस बात की कोशिश की जा रही है कि पहाड़ी गाय से हर दिन होने वाले दो-तीन लीटर दूध के उत्पादन को बढ़ाकर 10 लीटर तक पहुंचाया जाये।’’ इस संबंध में उन्होंने कहा कि हमें अपनी सोच को बदलना होगा और पहाड़ को वरदान के रूप में देखना चाहिए न कि अभिशाप के रूप में। उन्होंने कहा, पिछले डेढ साल में उत्तराखंड में 200 फिल्मों और धारावाहिकों की शूटिंग हो चुकी है और बाहुबली फेम चंद्रमौली जैसे बडे़-बडे़ निर्माता यहां शूटिंग कर चुके हैं। इसके अलावा धारा 370 फिल्म की पूरी शूटिंग उत्तरकाशी के झकोल में हुई है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ उन्होंने फिल्म निर्देशक एवं निर्माता महेश भटट को पूरा उत्तराखंड घुमाया और आने वाले समय में प्रदेश की तस्वीर बदल जायेगी जिससे शूटिंग में और सुविधा होगी।’’ उन्होंने कहा,‘‘ देश का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन पिथौरागढ़ में बनने जा रहा है जो 50 हेक्टेअर क्षेत्र में होगा। इसकी डीपीआर तैयार हो रही है। यह कश्मीर के ट्यूलिप गार्डन से कहीं बड़ा होगा।’’ उन्होंने बताया, ‘‘टिहरी झील को 1200 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है जिसका विहंगम दृश्य देश भर को आकर्षित करेगा।’’ रावत ने कहा, ‘‘आने वाले समय में सर्दियों में बंद रहने वाले होटलों को हाई एंड टूरिस्ट के लिए खोले जाने का भी प्रयास किया जा रहा है।


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