देहरादून, 25 जून :भाषा: उत्तराखंड सरकार प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित बुग्यालों :घास के मैदान: में कैंपिंग और रात्रि विश्राम पर प्रतिबंध लगाने के उच्च न्यायालय के निर्णय को जल्द ही उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी । यहां राज्य विधानसभा में प्रदेश के वन मंत्री हरक सिंह रावत ने विपक्षी कांग्रेस द्वारा इस संबंध में लाये गये स्थगनादेश प्रस्ताव के जवाब में बताया कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के लिये सरकार ने पर्याप्त आधार संकलित कर लिया है और जल्द ही उच्चतम न्यायालय में अपील की जायेगी । रावत ने कहा कि अगस्त 2018 में आये उच्च न्यायालय के आदेश में बुग्यालों में कैंपिंग और रात्रि विश्राम पर पूरी तरह रोक लगा दी गयी है । इससे ट्रेकिंग गतिविधियों और उससे जुडे़ व्यवसायी भी प्रभावित हो रहे हैं जिससे सरकार भी चिंतित है । रावत ने हालांकि, स्वीकार किया कि जनता से सीधे सरोकार रखने वाले इस मामले को उच्चतम न्यायालय तक ले जाने में विलंब हुआ लेकिन उन्होंने कहा कि इस संबंध में वन विभाग नोडल विभाग तो था लेकिन संबंधित विभागों जैसे पशुपालन तथा पर्यटन से भी सूचनायें एकत्र करनी थीं जो समय पर नहीं मिल पायीं । मंत्री ने कहा कि अब शीर्ष अदालत में जाने के लिये सभी सूचनायें एकत्र हो चुकी हैं और वहां मजबूती से इस प्रतिबंध को समाप्त कराने के लिये पैरवी की जायेगी । इससे पहले, सरकार द्वारा इस मसले पर कार्रवाई न करने के विरोध में केदारनाथ से विधायक मनोज रावत और पुरोला विधायक राजकुमार ट्रेकिंग की ड्रेस पहनकर सदन में पहुंचे । रावत ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में स्थित खूबसूरत बुग्याल पर्यटन के साथ—साथ देश विदेश से आने वाले ट्रेकरों की भी पसंदीदा जगह हैं और वहां कैंपिंग और रात्रि विश्राम की सुविधा समाप्त होने से ट्रैकिंग गतिविधियों और उनसे जुडे़ स्थानीय व्यवसायियों पर बुरा असर पड़ा है । राजकुमार ने कहा कि सरकार को संवेदनशीलता के साथ इस मानवीय मामले का समाधान निकालने के प्रयास करने चाहिए थे क्योंकि यह स्थानीय लोगों की आजीविका का भी प्रश्न है ।
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