![](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/69944616/photo-69944616.jpg)
देहरादून, 25 जून (भाषा) प्रख्यात आध्यात्मिक गुरू स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को यहां निधन हो गया। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने बताया कि भारत माता जनहित न्यास के 87 वर्षीय प्रमुख का यहां एक अस्पताल में पिछले कुछ समय से इलाज चल रहा था। उन्होंने बताया कि हरिद्वार के राघव कुटीर में बुधवार को उन्हें ‘समाधि’ दी जाएगी। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं एवं धार्मिक गुरुओं ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है और उनके निधन को अध्यात्म जगत के लिए बड़ा नुकसान बताया। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासियों तथा गरीबों की सेवा में उनके योगदान को याद करते हुए उनके निधन पर शोक प्रकट किया। नायडू ने ट्वीट किया, ‘‘स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ जिन्होंने हरिद्वार में भारत माता मंदिर की स्थापना की।’’ उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक गुरु ने ‘‘अमूल्य सेवाएं प्रदान कीं तथा मुफ्त शिक्षा एवं चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराकर आदिवासी और पहाड़ी क्षेत्रों के गरीब लोगों की सेवा के लिए समन्वय सेवा फाउंडेशन की स्थापना की।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानंद ने अध्यात्म और ज्ञान को महत्व दिया। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘गरीबों, वंचितों एवं हाशिये पर पहुंचे लोगों के सशक्तीकरण के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया। वह भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति का गौरव थे। दिव्य आत्मा को मेरी श्रद्धांजलि। ऊं शांति।’’ अखाड़ा परिषद, भारत साधु समाज और गायत्री परिवार जैसे समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले संतों ने भी स्वामी सत्यमित्रानंद के निधन पर शोक प्रकट किया। गायत्री परिवार के प्रमुख प्रणव पांड्या ने कहा, “स्वामीजी संत समाज के लिए एक आदर्श थे। मैं उनका मार्गदर्शन पाने के लिए कई मौकों पर उनसे व्यक्तिगत तौर पर मिला।”
from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times http://bit.ly/2RzR6JQ
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें