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देहरादून विधानसभा ने बुधवार को एक विधेयक पारित किया, जिसमें दो से अधिक संतान वाले लोगों के लड़ने पर रोक लगाई गई है। इसमें उनके लिए न्यूनतम योग्यता भी तय की गई है। उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम 2016 (संशोधन) विधेयक को मंगलवार को सदन में पेश किया गया। इसे विपक्षी सदस्यों के कई मुद्दों पर नाराजगी और उग्र व्यवहार के बीच ध्वनिमत से पारित कर दिया। विपक्ष के मुद्दों में पहाड़ी राज्य में बिगड़ती कानून और व्यवस्था की हालत भी शामिल थी। इस विधेयक को पंचायत चुनावों से पहले राज्यपाल से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। पंचायत चुनाव इस साल के अंत में होने हैं। संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देना है और उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता भी निर्धारित करना है। उन्होंने कहा, ‘हमने सभी पंचायत सदस्यों की शैक्षिक योग्यता निर्धारित की है। सामान्य वर्ग में, न्यूनतम योग्यता कक्षा 10 है। एससी/ एसटी श्रेणियों में पुरुषों के लिए न्यूनतम योग्यता कक्षा 8 और महिलाओं के लिए कक्षा 5 है।’ विधेयक किसी भी पंचायत सदस्य द्वारा एक साथ दो पद रखने पर प्रतिबंध लगाता है। कौशिक ने कहा, ‘यह एक सुधारवादी विधेयक है। इसे जमीनी निकायों में सुधार के प्रयास के रूप में देखा जाना चाहिए।’ कौशिक ने कहा कि यह विधेयक ओडिशा और राजस्थान जैसे राज्यों में इसी तरह के कानून की तर्ज पर प्रस्तुत किया गया है।
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