शुक्रवार, 28 जून 2019

पर्वतारोहियों के शव लाने के लिये वायु सेना के हैलीकॉप्टरों ने उडानें भरीं

पिथौरागढ, 28जून:भाषाः भारतीय वायु सेना के चीता हैलीकॉप्टरों ने शुक्रवार को यह जायजा लेने के लिये दो उडानें भरीं कि क्या भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) द्वारा नंदा देवी पूर्व चोटी की पश्चिमी दिशा में 600 मीटर नीचे अग्रिम शविर में रखे पर्वतारोहियों के शव एयरलिफ्ट किये जा सकते हैं । आइटीबीपी के उपमहानिरीक्षक एपीएस निंबाडिया ने बताया कि हालांकि मौसम की बाधा के चलते वायु सेना के हैलीकॉप्टर 17810 फीट उंची चोटी तक उड़ान नहीं भर सके। यहीं पर आइटीबीपी की टीम ने शवों को रखा हुआ है । उन्होंने बताया कि चीता हैलीकॉप्टर कल दोबारा उडान भरने का प्रयास करेंगे । निंबाडिया ने कहा, ‘ हमारे टीम लीडर रतन सिंह सोनल स्वयं एक अच्छे पर्वतारोही है और वह भी आधार शिविर से वायु सेना के पॉयलटों के साथ जायेंगे ।’ उन्होंने कहा कि आइटीबीपी शवों को पैदल या किसी अन्य तरीके से नीचे 15000 फीट तक लाने का निर्णय कर सकती है जिसके बाद चीता हैलीकॉप्टर उन्हें एयरलिफ्ट कर सकते हैं । आइटीबीपी की टीम ने 23 जून को पिंडारी ग्लेशियर की तरफ नंदा देवी पूर्व की पश्चिमी चोटी पर बर्फ के अंदर दबे सात पर्वतारोहियों के शवों को खोद कर बाहर निकाल लिया था । इन शवों में से एक महिला पर्वतारोही का भी शव है । लेकिन लगातार खराब मौसम के चलते तलाशी अभियान में पड रही बाधा के मददेनजर कल आइटीबीपी ने आठवें शव को ढूंढने का अभियान बंद करने का फैसला किया था । जाने माने ब्रिटिश पर्वतारोही मार्टिन मोरान के नेतृत्व में गयी टीम आठ सदस्यीय टीम उत्तराखंड के पिथौरागढ जिले में स्थित 7434 मीटर उंची नंदा देवी पूर्व चोटी को फतेह करने निकली थी लेकिन रास्ते में ही लापता हो गयी थी । मोरान पहले भी दो बार इस चोटी को फतेह कर चुके हैं । लापता पर्वतारोहियों में ब्रिटेन, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के सात पर्वतारोहियों के अलावा दिल्ली स्थित इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन (आइएमएफ) के लाइजन अफसर चेतन पांडे भी शामिल है । टीम 13 मई को मुनस्यारी से निकली थी लेकिन 25 मई की तय तारीख तक वापस नहीं लौटी ।


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