रविवार, 30 जून 2019

औली में गंदगी और कूड़ा फैलाने पर गुप्ता बंधुओं पर लगा 2.5 लाख रुपये का फाइन

देहरादून उत्तराखंड की जोशीमठ नगरपालिका ने प्रवासी भारतीय कारोबारी बंधुओं पर 'स्की रिजॉर्ट' में अपने पुत्रों की शादी के दौरान और फैलाने पर ढाई लाख रुपये का जुर्माना ठोंक दिया है। इन शादियों पर 200 करोड़ रुपये का खर्च आया था। जोशीमठ नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी सत्यपाल नौटियाल ने बताया गुप्ता बंधुओं पर कि डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना वहां पर खुले में शौच करने के लिए तथा एक लाख रुपये का जुर्माना कूड़ा बिखेरने पर लगाया गया है। इसके अलावा, नगर पालिका ने 8.14 लाख रुपये का बिल विवाह आयोजन की जिम्मेदारी संभालने वाली इवेंट मैनेजमेंट कंपनी पर औली से कूड़ा उठाने पर आए खर्च की वसूली के रूप में भेजा है। दूसरी तरफ गुप्ता बंधुओं ने भी नगर पालिका से सभी बिल चुकाने पर हामी भरी है और वे जुर्माना भी भरने को तैयार हैं। पहले से ही, गुप्ता बंधुओं ने नगरपालिका में 5.54 लाख रुपये जमा कराए हैं, जिसमें 54 हजार रुपये उपयोगकर्ता शुल्क के रूप में भी शामिल हैं। गौरतलब है कि इस माह की 19-20 तारीख को अजय गुप्ता के पुत्र सूर्यकांत और 21-22 को अतुल गुप्ता के पुत्र शशांक की औली में विवाह हुआ था जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, योग गुरु बाबा रामदेव तथा अभिनेत्री कैटरीना कैफ जैसी हस्तियों ने शिरकत की थी। नौटियाल ने बताया कि औली को कूड़ा और शौच की गंदगी से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है। दक्षिण अफ्रीका में कारोबार करने वाले गुप्ता बंधुओं अजय और अतुल का नाम पिछले साल तब चर्चा में आया था जब दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते पद से इस्तीफा देना पडा था और जांच की जद में वे भी आ गए थे। जुमा के करीबी माने जाने वाले गुप्ता बंधुओं के खिलाफ दक्षिण अफ्रीकी एजेंसियां उनके द्वारा जुमा के कार्यकाल के दौरान अवैध रूप से कथित तौर पर संपत्ति जमा करने के आरोपों की जांच कर रही हैं।


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उत्तराखंड के श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में तेंदुए के घुसने से हडकंप

देहरादून, 30 जून (भाषा) उत्तराखंड के श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में रविवार को एक तेंदुआ घुस गया और उसने दो व्यक्तियों को घायल कर दिया। पौड़ी के प्रभागीय वन अधिकारी लक्ष्मण सिंह ने बताया कि सुबह एक तेंदुआ मेडिकल कॉलेज में घुस गया और दो व्यक्तियों को घायल कर दिया। उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और उसने तेंदुए को पकड़ने के प्रयास शुरू किये। हालांकि सिंह ने बताया कि फिलहाल तेंदुआ कक्षाओं के पास फैक्‍लटी में घुसा हुआ है और उसे बाहर निकालने के प्रयास किये जा रहे हैं।


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उत्तराखंड के पौड़ी में 'सीता माता टूरिस्ट सर्किट' बनाएगी रावत सरकार

देहरादून उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने रविवार को पौड़ी में सीता माता टूरिस्ट सर्किट बनाने, 200 करोड़ रुपये की लागत से बुनियादी ढांचा सुविधाओं को देने और एक अलग एडवेंचर स्पोर्ट्स निदेशालय स्थापित करने की घोषणा की। इससे एक दिन पहले ही उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने इस जिले से पलायन रोकने को लेकर कई घोषणाएं की थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवप्रयाग स्थित प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर, देवल स्थित लक्ष्मण मंदिर और फलसावारी स्थित सीता माता मंदिर को टूरिस्ट सर्किट में विकसित किया जाएगा। एक अभियान के माध्यम से इसका भारत और विदेशों में प्रचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खिरसू, पौड़ी, सतपुली और जयहरीखाल जैसे शहरों में 200 करोड़ रुपये की बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इस क्षेत्र में एडवेंचर स्पोर्ट को बढ़ावा देने के लिए सरकार एक अलग निदेशालय स्थापित करेगी, जो स्थानीय युवाओं को पर्वतारोहण, माउंटेन बाइकिंग और बंजी जंपिंग जैसी गतिविधियों में प्रशिक्षित करेगी। शनिवार को पहली बार मंत्रिमंडल की बैठक पौड़ी में हुई, जिसमें मुख्य रूप से इस बात पर चिंता जताई गई कि पिछले कुछ दशकों में जिले से लोगों ने पलायन किया है। वर्ष 2000 में राज्य के गठन के साथ ही पौड़ी में स्थित दर्जनों सरकारी कार्यालयों को या तो बंद कर दिया गया या देहरादून स्थानांतरित कर दिया गया है। बैठक का मुख्य एजेंडा मुख्य रूप से पहाड़ों में कौशल विकास के माध्यम से रोजगार के नए अवसर पैदा करना और नई सिंचाई व पेयजल संसाधनों का विकास करना था। बैठक में नई युवा पेशेवर रोजगार नीति के मसौदे पर चर्चा हुई।


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औली में गंदगी और कूड़ा फैलाने पर गुप्ता बंधुओं पर ढ़ाई लाख रुपये का जुर्माना

देहरादून, 30 जून (भाषा) जोशीमठ नगरपालिका ने प्रवासी भारतीय कारोबारी गुप्ता बंधुओं पर ‘स्की रिजार्ट’ औली में अपने पुत्रों की शादी के दौरान गंदगी और कूड़ा फैलाने पर ढाई लाख रुपये का जुर्माना ठोंक दिया है। इन शादियों पर 200 करोड़ रुपये का खर्च आया है। जोशीमठ नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी सत्यपाल नौटियाल ने बताया कि डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना वहां पर खुले में शौच करने के लिये तथा एक लाख रुपये का जुर्माना कूड़ा बिखेरने पर लगाया गया है। इसके अलावा, नगर पालिका ने 8.14 लाख रुपये का बिल विवाह आयोजन की जिम्मेदारी संभालने वाली इवेंट मैनेजमेंट कंपनी पर औली से कूड़ा उठाने पर आये खर्च की वसूली के रूप में भेजा है। दूसरी तरफ गुप्ता बंधुओं ने भी नगर पालिका से सभी बिल चुकाने पर हामी भरी है और वे जुर्माना भी भरने को तैयार हैं। गौरतलब है कि इस माह की 19-20 तारीख को अजय गुप्ता के पुत्र सूर्यकांत और 21-22 को अतुल गुप्ता के पुत्र शशांक की औली में विवाह हुआ था जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, योग गुरू बाबा रामदेव तथा अभिनेत्री कैटरीना कैफ जैसी हस्तियों ने शिरकत की थी। नौटियाल ने बताया कि औली को कूड़ा और शौच की गंदगी से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है। दक्षिण अफ्रीका में कारोबार करने वाले गुप्ता बंधुओं अजय और अतुल का नाम पिछले साल तब चर्चा में आया था जब दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते पद से इस्तीफा देना पडा था और जांच की जद में वे भी आ गये। जुमा के करीबी माने जाने वाले गुप्ता बंधुओं के खिलाफ दक्षिण अफ्रीकी एजेंसियां उनके द्वारा जुमा के कार्यकाल के दौरान अवैध रूप से कथित तौर पर संपत्ति जमा करने के आरोपों की जांच कर रही हैं।


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स्वंय से मिलने का अवसर था केदारनाथ धाम की यात्रा : मोदी

नयी दिल्ली, 30 जून :भाषा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के अंत में अपनी केदारनाथ धाम की यात्रा का जिक्र करते हुए रविवार को कहा कि चुनाव की आपाधापी में बहुत से लोगों ने इसके राजनीतिक मायने निकाले लेकिन यह आध्यात्मिक यात्रा मेरे लिए स्वंय से मिलने का अवसर था। लोगों के साथ मौन संवाद था। प्रधानमंत्री ने नयी सरकार के गठन के बाद आकाशवाणी पर प्रसारित पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि उन्हें कई सारे सन्देश पिछले कुछ महीनों में प्राप्त हुए हैं। इनमें लोगों ने कहा कि वो ‘मन की बात’का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। जब वे ऐसी बातें पढ़ते और सुनते हैं तो उन्हें काफी अच्छा लगता है और वे अपनापन महसूस करते हैं। मोदी ने कहा कि कभी-कभी मुझे उन्हें यह लगता है कि यह उनकी स्व से समष्टि की यात्रा है। यह उनकी अह्म से व्यं की यात्रा है। उनके लिए लोगों के साथ मौन संवाद और एक प्रकार से उनकी आध्यात्मिक यात्रा की अनुभूति का भी अंश था। प्रधानमंत्री ने कहा कि कई लोगों ने उनसे पूछा कि चुनाव की आपाधापी में वे केदारनाथ क्यों चले गए। इस बारे में और भी बहुत सारे सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ आपका हक़ है, आपकी जिज्ञासा भी मैं समझ सकता हूं और मुझे भी लगता है कि कभी मेरे उन भावों को आप तक कभी पहुँचाऊँ,लेकिन, आज मुझे लगता है कि अगर मैं उस दिशा में चल पड़ूंगा तो शायद ‘मन की बात’ का रूप ही बदल जाएगा और इसलिए चुनाव की इस आपाधापी, जय-पराजय के अनुमान, अभी पोलिंग भी बाकी था और मैं चल पड़ा।’’ मोदी ने कहा, ‘‘ ज्यादातर लोगों ने उसमें से राजनीतिक अर्थ निकाले हैं । लेकिन मेरे लिये यह मुझसे मिलने का अवसर था। एक प्रकार से मैं, स्वयं से मिलने चला गया था। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं और बातें तो आज नहीं बताऊंगा, लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि ‘मन की बात’ के इस अल्पविराम के कारण जो खालीपन था, केदार की घाटी में, उस एकांत गुफा में, शायद उसने कुछ भरने का अवसर जरूर दिया था।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि बाकी आपकी जिज्ञासा है - सोचता हूँ कभी उसकी भी चर्चा करूँगा। कब करूँगा मैं नहीं कह सकता, लेकिन करूँगा जरुर, क्योंकि आपका मुझ पर हक़ बनता है।जैसे केदार के विषय में लोगों ने जानने की इच्छा व्यक्त की है, वैसे एक सकारात्मक चीजों को बल देने का आपका प्रयास, आपकी बातों में लगातार मैं महसूस करता हूँ। उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’के लिए जो चिट्ठियाँ आती हैं, जो विचार प्राप्त होते हैं वो नियमित सरकारी कामकाज से बिल्कुल अलग होते हैं। एक प्रकार से आपकी चिट्ठी भी मेरे लिये कभी प्रेरणा का कारण बन जाती है तो कभी ऊर्जा का कारण बन जाती है। कभी-कभी तो मेरी विचार प्रक्रिया को धार देने का काम आपके कुछ शब्द कर देते हैं। मोदी ने कहा कि लोग, देश और समाज के सामने खड़ी चुनौतियों को सामने रखते हैं तो उसके साथ-साथ समाधान भी बताते हैं। उन्होंने देखा है कि चिट्ठियों में लोग समस्याओं का तो वर्णन करते ही हैं लेकिन ये भी विशेषता है कि साथ-साथ, समाधान के लिए भी, कुछ-न-कुछ सुझाव, कुछ-न-कुछ कल्पना, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में प्रगट कर देते हैं ।


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मेरे लिए स्वंय से मिलने का अवसर थी केदारनाथ धाम की यात्रा : मोदी

नयी दिल्ली, 30 जून :भाषा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के अंत में अपनी केदारनाथ धाम की यात्रा का जिक्र करते हुए रविवार को कहा कि चुनाव की आपाधापी में बहुत से लोगों ने इसके राजनीतिक मायने निकाले लेकिन यह आध्यात्मिक यात्रा मेरे लिए स्वंय से मिलने का अवसर थी। लोगों के साथ मौन संवाद था। प्रधानमंत्री ने नयी सरकार के गठन के बाद आकाशवाणी पर प्रसारित पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि उन्हें कई सारे सन्देश पिछले कुछ महीनों में प्राप्त हुए हैं। इनमें लोगों ने कहा कि वो ‘मन की बात’का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। जब वे ऐसी बातें पढ़ते और सुनते हैं तो उन्हें काफी अच्छा लगता है और वे अपनापन महसूस करते हैं। मोदी ने कहा कि कभी-कभी मुझे उन्हें यह लगता है कि यह उनकी स्व से समष्टि की यात्रा है। यह उनकी अह्म से व्यं की यात्रा है। उनके लिए लोगों के साथ मौन संवाद और एक प्रकार से उनकी आध्यात्मिक यात्रा की अनुभूति का भी अंश था। प्रधानमंत्री ने कहा कि कई लोगों ने उनसे पूछा कि चुनाव की आपाधापी में वे केदारनाथ क्यों चले गए। इस बारे में और भी बहुत सारे सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ आपका हक़ है, आपकी जिज्ञासा भी मैं समझ सकता हूं और मुझे भी लगता है कि कभी मेरे उन भावों को आप तक कभी पहुँचाऊँ,लेकिन, आज मुझे लगता है कि अगर मैं उस दिशा में चल पड़ूंगा तो शायद ‘मन की बात’ का रूप ही बदल जाएगा और इसलिए चुनाव की इस आपाधापी, जय-पराजय के अनुमान, अभी पोलिंग भी बाकी था और मैं चल पड़ा।’’ मोदी ने कहा, ‘‘ ज्यादातर लोगों ने उसमें से राजनीतिक अर्थ निकाले हैं । लेकिन मेरे लिये यह मुझसे मिलने का अवसर था। एक प्रकार से मैं, स्वयं से मिलने चला गया था। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं और बातें तो आज नहीं बताऊंगा, लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि ‘मन की बात’ के इस अल्पविराम के कारण जो खालीपन था, केदार की घाटी में, उस एकांत गुफा में, शायद उसने कुछ भरने का अवसर जरूर दिया था।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि बाकी आपकी जिज्ञासा है - सोचता हूँ कभी उसकी भी चर्चा करूँगा। कब करूँगा मैं नहीं कह सकता, लेकिन करूँगा जरुर, क्योंकि आपका मुझ पर हक़ बनता है।जैसे केदार के विषय में लोगों ने जानने की इच्छा व्यक्त की है, वैसे एक सकारात्मक चीजों को बल देने का आपका प्रयास, आपकी बातों में लगातार मैं महसूस करता हूँ। उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’के लिए जो चिट्ठियाँ आती हैं, जो विचार प्राप्त होते हैं वो नियमित सरकारी कामकाज से बिल्कुल अलग होते हैं। एक प्रकार से आपकी चिट्ठी भी मेरे लिये कभी प्रेरणा का कारण बन जाती है तो कभी ऊर्जा का कारण बन जाती है। कभी-कभी तो मेरी विचार प्रक्रिया को धार देने का काम आपके कुछ शब्द कर देते हैं। मोदी ने कहा कि लोग, देश और समाज के सामने खड़ी चुनौतियों को सामने रखते हैं तो उसके साथ-साथ समाधान भी बताते हैं। उन्होंने देखा है कि चिट्ठियों में लोग समस्याओं का तो वर्णन करते ही हैं लेकिन ये भी विशेषता है कि साथ-साथ, समाधान के लिए भी, कुछ-न-कुछ सुझाव, कुछ-न-कुछ कल्पना, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में प्रगट कर देते हैं ।


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पौड़ी में बनेगा ‘सीता माता सर्किट’

देहरादून, 30 जून (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को पौड़ी में ‘सीता माता सर्किट’ विकसित करने की घोषणा की। रावत ने पौड़ी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देवप्रयाग स्थित पौराणिक महत्व के रघुनाथ मंदिर, देवाल स्थित लक्ष्मण मंदिर और फलस्वाड़ी स्थित सीता माता मंदिर को धार्मिक पर्यटन में 'सीता माता सर्किट' के तौर पर विकसित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इन धार्मिक स्थलों में स्थानीय लोगों की बड़ी मान्यता है लेकिन अन्य प्रदेशों के लोगों को इनके बारे कम जानकारी है इसलिए देशभर के श्रद्धालुओं को यहां के धार्मिक महत्व के बारे बताने के लिए प्रचार प्रसार किया जाएगा। रावत ने पौड़ी गढ़वाल जिले में 200 करोड़ रुपये से अवस्थापना सुविधायें विकसित करने की घोषणा करते हुए कहा कि पौड़ी को नयी पहचान देने के लिये इसे 'पिंक सिटी' जयपुर की भांति एक 'कलर कल्चर' दिया जायेगा। गढ़वाल कमिश्नरी के 50 साल पूरे होने के अवसर पर कल यहां एक कैबिनेट बैठक हुई थी। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि पौड़ी गढ़वाल में 200 करोड़ रूपए से अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जायेगा जिसके लिये अधिकारियों को विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके तहत पार्कों का जीर्णोद्धार, माल रोड़ विकसित करना, पौड़ी बस अड्डा-कंडोलिया-किंकालेश्वर रोपवे का निर्माण किया जायेगा तथा इसके अलावा पौड़ी, खिर्सू, सतपुली, जयहरिखाल आदि स्थानों में विभिन्न सुविधाएं विकसित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय नागरिकों के सहयोग से पौड़ी को ‘कलर कल्चर’ देने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिंक सिटी जयपुर की भांति ही कोशिश की जाएगी कि पौड़ी में इमारतें एक रंग में हों इससे पौड़ी नगर को एक नई पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि लोगों को भवन निर्माण में पर्वतीय स्थापत्य कला के प्रयोग के लिये लोगों को प्रोत्साहित किया जायेगा जिससे बाहर से आने वाले हमारी स्थापत्य कला से परिचित हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हाई वेल्यू टूरिज्म’ को बढ़ावा देने के लिये साहसिक गतिविधियों के लिए अलग से निदेशालय बनाया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को दी जायेगी। साहसिक गतिविधियों में पर्वतारोहण, ट्रेकिंग,रॉक क्लाईम्बिंग, माउंटेन बाईकिंग, जिप वायर साईक्लिंग, बंगी जम्पिंग, हॉट एयर बैलून, पैराग्लाईडिंग, वाटर स्पोर्ट्स आदि शामिल हैं। सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक खर्चीले पर्यटक राज्य में आएं, जिससे यहां के युवाओं को रोजगार के साथ अच्छी आमदनी हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवाल में एनसीसी अकादमी के लिए भूमि स्वीकृत कर दी गई है। उन्होंने कहा कि अकादमी बनने पर प्रतिवर्ष यहां प्रशिक्षण के लिए 35-40 हजार लोग आएंगे जिससे यहां आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और स्थानीय लोगों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि पौडी में ल्वाली झील बनायी जायेगी जिसमें 70 लाख लीटर पानी एकत्र करने की क्षमता होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ में देश का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन बनेगा। यहां 50 हेक्टेयर में ट्यूलिप गार्डन बनाया जाएगा जिस पर 50 करोड़ रूपए खर्च होंगे। यहां वर्ष में आठ महीने ट्यूलिप के फूल देखने को मिलेंगे।


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शनिवार, 29 जून 2019

शाही शादी: औली की पहाड़ियों पर गंदगी फैलाई, इवेंट मैनेजमेंट कंपनी पर ढाई लाख का जुर्माना

देहरादून गुप्ता बंधुओं के बेटों की बहुचर्चित शाही शादी के इवेंट मैनेजमेंट में लगी ई फैक्‍टर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर जोशीमठ नगरपालिका ने औली की पहाड़ियों पर गंदगी फैलाने के लिए ढाई लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा होटल क्लिफ टॉप पर भी 25 हजार रुपये का जुर्माना होटल के पीछे कचरा फैलाने के एवज में लगाया गया है। पिछले 18 जून से लेकर 22 जून तक दक्षिण अफ्रीका के उद्यमी और सहारनपुर के मूल निवासी गुप्ता बंधुओं के दो बेटों की शाही शादी औली में संपन्न हुई थी। इस शादी के दौरान फैलाए गए कूड़े और ओवरफ्लो हुए सीवर ने औली में हर तरफ गंदगी फैला रखी है जिसकी आजकल सफाई कराई जा रही है। इसके लिए जोशीमठ नगर पालिका में गुप्ता बंधुओं ने 5 लाख 54 हजार की रकम जमा भी कराई थी। लेकिन अब जोशीमठ नगर पालिका ने शादी इवेंट को मैनेज कराने वाली कंपनी को भी इस गंदगी के लिए जिम्मेदार मान उस पर जुर्माना लगा दिया है।


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ऋषिकेश में एक व्यक्ति की डूबने से मौत, दो धारा में बहे

ऋषिकेश, 29 जून (भाषा) गंगा नदी में स्नान के दौरान गुजरात के एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गई और उनके दो अन्य दोस्त भी उन्हें बचाने के दौरान शिवपुरी में नदी की धारा में बह गए। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मृतक की पहचान 22 वर्षीय फेनिल ठक्कर के रूप में हुई जबकि उनके दो दोस्त 23 वर्षीय कुणाल कोसाडी और 24 वर्षीय जेनीश पटेल की तलाश जारी है। मुनि की रेती पुलिस थाने के प्रभारी आर के सकलानी ने बताया कि तीनों चार धाम की यात्रा संपन्न करने के बाद शुक्रवार को यहां आए थे और शाम में नदी में स्नान कर रहे थे। इसी दौरान ठक्कर नदी में फिसल गए और उनके दो दोस्त भी उन्हें बचाने के दौरान नदी की तेज धारा की चपेट में आ गए। नरेंद्र नगर के पुलिस उपाधीक्षक प्रमोद शाह ने बताया कि ठक्कर का शव राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने बरामद कर लिया है और उनके दो दोस्तों की तलाश जारी है। अधिकारी ने बताया कि परिवारों को इस बारे में जानकारी दे दी गई है।


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शुक्रवार, 28 जून 2019

रावत ने किया कोस्टगार्ड भर्ती सेंटर का शिलान्यास

देहरादून, 28 जून:भाषाः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को यहां कोस्ट गार्ड भर्ती सेंटर का शिलान्यास व भूमि पूजन किया। यह देश का पांचवां कोस्टगार्ड भर्ती सेंटर है । बयालीस करोड रुपये की लागत से यहां कुआंवाला:हर्रावालाः में निर्माणाधीन यह भर्ती सेंटर डेढ साल में बनकर तैयार हो जायेगा । चार राज्यों उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, हिमांचल प्रदेश और हरियाणा के लिए बनाये जा रहे इस भर्ती केंद्र में प्रतिवर्ष लगभग डेढ हजार भर्तियां होंगी । इस भर्ती केन्द्र का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी । उसने 17 करोड़ रू भूमि के लिए व 25 करोड़ रुपये भवन निर्माण के लिए स्वीकृति दे दी है । इस मौके पर मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में कोस्टगार्ड भर्ती केन्द्र खुलने से प्रदेश के युवाओं को कोस्टगार्ड में रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि थलसेना, वायुसेना व नौसेना के भर्ती केन्द्र उत्तराखण्ड में पहले से ही है और कोस्टगार्ड भर्ती केन्द्र खुलने से राज्य के युवाओं को तटरक्षक बल में भी करियर बनाने का सुनहरा अवसर मिलेगा। रावत ने इसे उत्तराखण्ड में पांचवे धाम के रूप में सैन्यधाम को विकसित करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प की दिशा में एक बड़ी पहल बताते हुए कहा कि देहरादून में जल्द ही भव्य शौर्य स्थल (सैन्यधाम) बनाया जायेगा जिसके लिये 70 बीघा जमीन का चयन कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह शौर्य स्थल सबके लिए प्रेरणा का केन्द्र बनेगा। महानिदेशक कोस्टगार्ड राजेन्द्र सिंह ने कहा कि कोस्टगार्ड को आपदा से बचाव राहत कार्यों का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि भारत की कोस्टगार्ड विश्व की चौथी सबसे बड़ी कोस्टगार्ड है।


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उत्तराखंडः केंद्रीय मंत्री निशंक की सांसदी को हाई कोर्ट में चुनौती, याचिका दाखिल

नैनीताल उत्तराखंड हाई कोर्ट में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के खिलाफ एक याचिका दायर की गई है जिसमें उनके सांसद के रूप में निर्वाचन को चुनौती दी गई है। इस याचिका में निशंक पर से शैक्षणिक योग्यता सहित जरूरी जानकारी छिपाने का भी आरोप लगाया गया है। हरिद्वार से उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार मनीष वर्मा ने गुरुवार को यह याचिका दाखिल की है। उनकी इस याचिका पर सोमवार को न्यायमूर्ति आलोक सिंह सुनवाई करेंगे। निशंक के खिलाफ इसी तरह की एक अन्य याचिका अदालत पहले ही खारिज कर चुकी है। याचिका में कहा गया है कि निशंक का नामांकन पत्र अधूरा है और इसमें महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई गई है। वर्मा ने आरोप लगाया गया है कि निशंक ने हलफनामे में पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में कई सालों तक उठाई गई मुफ्त आवासीय सुविधा के संबंध में भुगतान के लिए बची हुई राशि का खुलासा नहीं किया। इसमें कहा गया है कि उनके नामांकन पत्र में उनकी बेटियों के बैंक खातों की जानकारी नहीं दी गई है।


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पर्वतारोहियों के शव लाने के लिये वायु सेना के हैलीकॉप्टरों ने उडानें भरीं

पिथौरागढ, 28जून:भाषाः भारतीय वायु सेना के चीता हैलीकॉप्टरों ने शुक्रवार को यह जायजा लेने के लिये दो उडानें भरीं कि क्या भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) द्वारा नंदा देवी पूर्व चोटी की पश्चिमी दिशा में 600 मीटर नीचे अग्रिम शविर में रखे पर्वतारोहियों के शव एयरलिफ्ट किये जा सकते हैं । आइटीबीपी के उपमहानिरीक्षक एपीएस निंबाडिया ने बताया कि हालांकि मौसम की बाधा के चलते वायु सेना के हैलीकॉप्टर 17810 फीट उंची चोटी तक उड़ान नहीं भर सके। यहीं पर आइटीबीपी की टीम ने शवों को रखा हुआ है । उन्होंने बताया कि चीता हैलीकॉप्टर कल दोबारा उडान भरने का प्रयास करेंगे । निंबाडिया ने कहा, ‘ हमारे टीम लीडर रतन सिंह सोनल स्वयं एक अच्छे पर्वतारोही है और वह भी आधार शिविर से वायु सेना के पॉयलटों के साथ जायेंगे ।’ उन्होंने कहा कि आइटीबीपी शवों को पैदल या किसी अन्य तरीके से नीचे 15000 फीट तक लाने का निर्णय कर सकती है जिसके बाद चीता हैलीकॉप्टर उन्हें एयरलिफ्ट कर सकते हैं । आइटीबीपी की टीम ने 23 जून को पिंडारी ग्लेशियर की तरफ नंदा देवी पूर्व की पश्चिमी चोटी पर बर्फ के अंदर दबे सात पर्वतारोहियों के शवों को खोद कर बाहर निकाल लिया था । इन शवों में से एक महिला पर्वतारोही का भी शव है । लेकिन लगातार खराब मौसम के चलते तलाशी अभियान में पड रही बाधा के मददेनजर कल आइटीबीपी ने आठवें शव को ढूंढने का अभियान बंद करने का फैसला किया था । जाने माने ब्रिटिश पर्वतारोही मार्टिन मोरान के नेतृत्व में गयी टीम आठ सदस्यीय टीम उत्तराखंड के पिथौरागढ जिले में स्थित 7434 मीटर उंची नंदा देवी पूर्व चोटी को फतेह करने निकली थी लेकिन रास्ते में ही लापता हो गयी थी । मोरान पहले भी दो बार इस चोटी को फतेह कर चुके हैं । लापता पर्वतारोहियों में ब्रिटेन, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के सात पर्वतारोहियों के अलावा दिल्ली स्थित इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन (आइएमएफ) के लाइजन अफसर चेतन पांडे भी शामिल है । टीम 13 मई को मुनस्यारी से निकली थी लेकिन 25 मई की तय तारीख तक वापस नहीं लौटी ।


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रमेश पोखरियाल के सांसद के रूप में निर्वाचन के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर

नैनीताल, 28 जून (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के खिलाफ एक याचिका दायर हुई है जिसमें उनके सांसद के रूप में निर्वाचन को चुनौती दी गई है। इस याचिका में निशंक पर चुनाव आयोग से शैक्षणिक योग्यता सहित जरूरी जानकारी छिपाने का भी आरोप लगाया गया है। हरिद्वार से उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार मनीष वर्मा द्वारा बृहस्पतिवार को दायर याचिका पर सोमवार को न्यायमूर्ति आलोक सिंह सुनवाई करेंगे। निशंक के खिलाफ इसी तरह की एक अन्य याचिका अदालत पहले ही खारिज कर चुकी है। याचिका में कहा गया है कि निशंक का नामांकन पत्र अधूरा है और इसमें महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई गई है। आरोप लगाया गया है कि निशंक ने हलफनामे में पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में कई सालों तक उठाई गई मुफ्त आवासीय सुविधा के संबंध में भुगतान के लिए बची हुई राशि का खुलासा नहीं किया। इसमें कहा गया कि उनके नामांकन पत्र में उनकी बेटियों के बैंक खातों की जानकारी नहीं दी गई है।


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चैराबाडी ग्लेशियर में बन रही झील से केदारनाथ को कोई खतरा नहींः वैज्ञानिक

देहरादून, 28 जून:भाषाः वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक कलाचंद सैन ने शुक्रवार को कहा कि केदारनाथ के पास चैराबाडी ग्लेशियर में एक नयी झील के निर्माण से हिमालयी धाम को कोई खतरा नहीं है । सैन ने बताया कि चैराबाडी ग्लेशियर में एक नयी झील के निर्माण से हिमालयी धाम केदारनाथ को संभावित खतरे के संबंध में मीडिया के एक वर्ग की खबरों का संज्ञान लेते हुए इंस्टीटयूट ने स्थिति का जायजा लेने के लिये मौके पर चार सदस्यीय टीम भेजी थी । उन्होंने बताया कि चैराबाडी गयी टीम हांलांकि अभी लौटी नहीं है और उसकी रिपोर्ट आना शेष है, लेकिन टीम का नेतृत्व कर रहे डीपी डोभाल से इस बारे में फोन पर बात हुई है। उनका मानना है कि इस झील से मंदिर को कोई खतरा नहीं है । निदेशक ने कहा, ‘मंदिर से साढे चार किलोमीटर ऊपर बनी यह मौसमी झील है । इतनी उंचाई पर ऐसी झीलें बन जाना एक प्राकृतिक बात है । जब हिमालयी ग्लेशियर पिघलते हैं तो पानी नीचे जाने के दौरान छोटे-छोटे गडढों में जमा हो जाता है ।’ उन्होंने बताया कि इस तरह की झीलें सामान्यतः अस्थायी होती हैं और वाष्पीकरण की प्रक्रिया से समाप्त होती रहती हैं जिससे आसपास के इलाकों को कोई खतरा नहीं होता ।’ डोभाल के आंकलन के हवाले से सैन ने कहा कि यह एक छोटी झील है जिसमें सही ढंग से निकास भी है जिससे चिंता का विषय बनी बाढ के आने की संभावना नहीं है । हांलाकि, निदेशक ने कहा कि अगर डोभाल की टीम द्वारा दी गयी विस्तृत रिपोर्ट के बाद अगर जरूरी हुआ तो इंस्टीटयूट की एक और टीम को भी मौके पर भेजा जा सकता है । केदारनाथ के पास चैराबाडी में बनी ग्लेशियल झील के फटने को 2013 में आयी प्रलयंकारी बाढ के कारणों में से एक माना जाता है जिसमें हजारों लोग काल कवलित हो गये थे। हांलाकि, सैन ने कहा कि इस बार चैराबाडी में बनी झील भिन्न प्रकार की है और केदारनाथ त्रासदी के लिये जिम्मेदार मानी जाने वाली झील से करीब ढाई किलोमीटर दूर है । हाल में मंदिर के पास चैराबाडी गयी एक मेडिकल टीम ने एक नयी झील देखी थी जिसके बाद उसने वाडिया इंस्टीटयूट से मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेने का आग्रह किया था ।


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गुरुवार, 27 जून 2019

आइटीबीपी ने आठवें शव की तलाश बीच में छोडी

पिथौरागढ,, 27 जून (भाषा) उत्तराखंड में एक महीने पहले नंदा देवी पूर्व चोटी पर चढ़ाई के दौरान मारे गये विदेशी पर्वतारोहियों के दल के आठवें सदस्य के शव की तलाश भारत-तिब्बत सीमा पुलिस:आइटीबीपीः ने गुरुवार को बीच में ही छोड दी । तलाशी के दौरान गत रविवार को सात पर्वतारोहियों के शव बरामद हो गये थे लेकिन आठवें शव की खोज तब से जारी थी । आइटीबीपी के पुलिस उप महानिरीक्षक:कुमांउ क्षेत्रः एपीएस निंबाडिया ने ‘भाषा’ को बताया, ‘अभियान में बार-बार खलल डाल रहे खराब मौसम के कारण टीम ने आठवें शव की तलाश का काम छोडने का निर्णय लिया है ।’ अधिकारी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि दल का आठवां सदस्य बाकी सदस्यों से अलग होकर किसी गहरे खड्ड में गिर गया होगा । निंबाडिया ने कहा, ऐसा लगता है कि पर्वतारोहियों की मौत ‘हिमस्खलन के कारण हुई है क्योंकि सातों पर्वतारोही एक रस्सी से जुड़े हुए थे जबकि आठवां पर्वतारोही उसमें नहीं था ।’ उन्होंने बताया कि पर्वतारोहियों के शवों को बरामदगी के स्थान से 600 मीटर नीचे एक अस्थायी कैंप में पहुंचा दिया गया है । अधिकारी ने बताया कि शवों को कल हवाईमार्ग से पिथौरागढ लाया जा सकता है । आइटीबीपी की टीम ने 23 जून को पिंडारी ग्लेशियर की तरफ नंदा देवी पूर्व की पश्चिमी चोटी पर बर्फ के अंदर दबे सात पर्वतारोहियों के शवों को खोद कर बाहर निकाल लिया था । इन शवों में से एक शव महिला पर्वतारोही का भी है । उन्होंने कहा कि 'डेयर डेविल' नाम के इस अभियान में भारतीय वायु सेना के हेलीकाप्टरों की भी मदद ली गयी है । पर्वतारोहियों की तलाश के लिये तीन जून को गये भारतीय वायु सेना के हेलीकाप्टर ने नंदा देवी पूर्व चोटी के पास स्थित एक अनाम चोटी पर पांच शवों को देखा था लेकिन खराब मौसम के कारण हेलीकाप्टर नहीं उतर पाया और उन शवों को नहीं निकाला जा सका । जाने माने ब्रिटिश पर्वतारोही मार्टिन मोरान के नेतृत्व में गयी टीम आठ सदस्यीय टीम उत्तराखंड के पिथौरागढ जिले में स्थित 7434 मीटर ऊंची नंदा देवी पूर्व चोटी को फतेह करने निकली थी लेकिन रास्ते में ही लापता हो गयी थी । मोरान पहले भी दो बार इस चोटी को फतेह कर चुके हैं । लापता पर्वतारोहियों में ब्रिटेन, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के सात पर्वतारोहियों के अलावा दिल्ली के इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन :आइएमएफ: के लाइजन अफसर चेतन पांडे भी शामिल है । टीम 13 मई को मुनस्यारी से निकली थी लेकिन 25 मई की तय तारीख तक वापस नहीं लौटी ।


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उत्तराखंड में 25 आईएएस अधिकारियों के दायित्वों में फेरबदल

देहरादून, 27 जून (भाषा)उत्तराखंड सरकार ने गुरुवार को एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए अपर मुख्य सचिव राधा रतूडी सहित 25 आईएएस अधिकारियों के दायित्वों में बदलाव किया । यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, अपर मुख्य सचिव राधा रतूडी से महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी वापस ले ली गयी है और उसकी जगह उन्हें सचिवालय प्रशासन का दायित्व सौंपा गया है । हालांकि उनके बाकी दायित्व यथावत रखे गये हैं । मनीषा पंवार से जलागम की जिम्मेदारी वापस ले ली गयी है और यह दायित्व भूपिन्दर कौर औलख को सौंप दिया गया है । औलख से खेल और युवा कल्याण का दायित्व वापस लिया गया है । देहरादून के जिलाधिकारी एस ए मुरुगेशन से उनका वर्तमान दायित्व वापस लेते हुए उन्हें सचिव आपदा प्रबंधन का दायित्व दिया गया है । मुरुगेशन की जगह सी रविशंकर लेंगे जो अब तक उत्तराखंड राज्य औद्योगिक विकास निगम:सिडकुलः के प्रबंध निदेशक पद की जिम्मेदारी संभाल रहे थे । नैनीताल के जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन को अपर सचिव शहरी विकास बनाया गया है । सुमन की जगह सविन बंसल लेंगे जो अब तक अपर सचिव वित्त के पद पर कार्यरत थे । टिहरी की जिलाधिकारी सोनिका को सिडकुल के प्रबंध निदेशक का दायित्व दिया गया है । अब तक राज्य के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी का दायित्व संभाल रहे वी षणमुगम को टिहरी का जिलाधिकारी बनाया गया है । दीपेंद्र कुमार चौधरी को दीपक रावत की जगह हरिद्वार का जिलाधिकारी बनाया गया है । रावत को मेलाधिकारी हरिद्वार का दायित्व दिया गया है । रणवीर सिंह चौहान से चंपावत के जिलाधिकारी की जिम्मेदारी ले ली गयी है और उन्हें अब आयुक्त, आबकारी बनाया गया है । सुरेंद्र नारायण पांडेय चंपावत के नये जिलाधिकारी होंगे ।


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बुधवार, 26 जून 2019

एवरेस्‍ट चढ़ने से कम जोखिम भरी नहीं है चारधाम यात्रा, मेडिकल जांच है जरूरी

देहरादून इस साल एवरेस्‍ट पर चढ़ने वाले पर्वतारोहियों की मौत की खबरों को मीडिया में बहुत जगह मिली है लेकिन पहाड़ चढ़ने वालों का एक और वर्ग है जो इतने ही जोखिम सामना करता है। ये हैं उत्‍तराखंड की वाले तीर्थयात्री जो ऑक्सिजन की कमी, लंबी कतारों, संकरे मार्गों जैसी चुनौतियां झेलते हैं। एक आंकड़े के हिसाब से साल 2017 से अब तक चारधाम यात्रा के मार्ग में 279 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से अधिकांश की मौत समुद्र तल से 3 हजार मीटर की ऊंचाई पर कार्डियक अरेस्‍ट की वजह से हुई थी। अकेले इसी साल यात्रा के शुरुआती 50 दिनों में 61 हो चुकी है। पढ़ें: के दर्शन कर चुके हैं 7 लाख यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की हर साल होने वाली यात्रा में देश भर से लाखों लोग आते हैं। इस साल केदारनाथ जाने वाले यात्रियों ने रेकॉर्ड बनाया है। 9 मई को मंदिर के द्वार खुलने से अबतक 7 लाख श्रद्धालु इसके दर्शन कर चुके हैं। सबसे ज्‍यादा मौतें केदारनाथ में लेकिन सबसे ज्‍यादा मौतें (39) भी केदारनाथ में ही देखी गईं। यह समुद्रतल से 3,553 मीटर ऊपर है। बद्रीनाथ जो कि समुद्र से 3,300 मीटर की ऊंचाई पर है, यहां सात लोगों की मृत्‍यु हुई थी। यमुनोत्री (3,291 मीटर) में 10 लोगों की और गंगोत्री (3,415 मीटर) में 5 लोगों की मौत दर्ज की गई। मरने वालों में से अधिकतर महाराष्‍ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और मध्‍य प्रदेश के बुजुर्ग लोग थे। इनके परिवार का कहना था कि न तो यात्रा के मार्ग में हेल्थ चेकअप की व्‍यवस्‍था थी और न उनसे फिटनेस सर्टिफिकेट ही मांगा गया था। मनीष शर्मा ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के गुजरात प्रभाग के सचिव हैं। उनका कहना है कि इस साल चारधाम यात्रा के लिए गुजरात से लगभग एक लाख से ज्‍यादा तीर्थयात्री गए थे। लेकिन अधिकतर लोगों ने मेडिकल टेस्‍ट नहीं कराया था। मनीष कहते हैं कि केवल कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए ही अनिवार्य है पर दूसरे तीर्थों के लिए यह बाध्‍यता नहीं है। इमर्जेंसी हेल्‍थ सर्विस की कमी चारधाम यात्रा के तीर्थयात्रियों ने बताया कि रास्‍ते में फर्स्‍ट एड की व्‍यवस्‍था तो थी लेकिन इमर्जेंसी सर्विस मौजूद नहीं थी। मुंबई के 52 साल के एक श्रद्धालु को 18 जून को कार्डियक अरेस्‍ट हुआ था, वह कहते हैं कि केदारनाथ से नजदीकी अस्‍पताल तक एयरलिफ्ट करने में सबसे ज्‍यादा देर हुई। देहरादून की सिमी करनवाल (53) मई में बद्रीनाथ गई थीं वह भी कहती हैं, 'रूटीन फर्स्‍ट एड और ऑक्सिजन मास्‍क के साथ मोबाइल वैन तो थीं लेकिन मरीजों को देखने या गाइड करने के लिए कोई स्‍पेशलिस्‍ट नहीं थे।' अधिकतर मामलों में यात्रियों को रास्‍ते में आने वाली परेशानियों या चुनौतियों की जानकारी नहीं दी गई थी। बहुतों को यह नहीं पता था कि बीच में सड़क बन रही है इससे उन्‍हें कई घंटों रास्‍ते में ही इंतजार करना पड़ सकता है। इससे खासकर बुजुर्गों को दिक्‍कत हो सकती है। कुछ ट्रैवल एजेंट पूरी बात नहीं बताते ट्रैवल एजेंटों का कहना है कि कुछ नए ट्रैवल एजेंट यात्रियों से राह की कठिनाइयों का जिक्र नहीं करते क्‍योंकि वे डरते हैं कि कहीं उनके कस्‍टमर वापस न लौट जाएं। चेन्‍नै की एक टूर कंपनी के शिवकुमार के मुताबिक, टूर ऑपरेटरों को 60 साल के ऊपर के लोगों से पूछना चाहिए कि क्‍या वे पैदल चलने, चढ़ाई करने और घंटों खुले मे रहने में सक्षम हैं। इसी आधार पर उनकी तैयारी की जानी चाहिए। केदारनाथ गुफा रुद्रप्रयाग जिले में है, यहां के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल कहते हैं, 'यात्रियों से बार-बार कहा जाता है कि वे यात्रा से पहले हेल्‍थ चेकअप करा लें और उसी के अनुसार सावधानी बरतें।' लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि स्‍वस्‍थ दिखने वाले लोग भी बीमार पड़ जाते हैं। जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग ने बताया कि गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच कई हेल्‍थ चेकअप पॉइंट बनाए गए हैं। अगर किसी को अपनी तबीयत खराब लगती है तो वह यहां रिपोर्ट कर सकता है।' पढ़ें: जोखिम पर हो जाती है आस्‍था हावी दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष सयाना ने हमारे सहयोगी टाइम्‍स ऑफ इंडिया को बताया कि ऊंचाई पर तापमान तेजी से गिरता है ऐसे में शरीर अपनी जरूरी गर्मी नहीं बनाए रख पाता तो कि दिल के मरीजों और बुजुर्गों के लिए घा‍तक सिद्ध होता है।' उत्‍तरकाशी के सीएमओ डीपी जोशी के मुताबिक, 'तीर्थयात्रियों पर श्रद्धा इस कदर हावी होती है कि वे बाकी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं। जब बुजुर्ग तीर्थयात्रियों से यात्रा न करने को कहा जाता है तो वे कहते सब भगवान देखेगा।' गंगोत्री और यमुनोत्री उत्‍तरकाशी में स्थित है। स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं बेहतर करने की जरूरत कुछ यात्रियों का मानना है कि अगर बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं होतीं तो मरने वाले यात्रियों की संख्‍या कुछ कम हो सकती थी। कोलकाता की ज्‍योत्‍सना तालुकदार (75) ने पिछले साल ऋषिकेश से बद्रीनाथ की यात्रा करने की कोशिश की थी। वह कहती हैं, 'यात्रा शुरू करते ही मुझे चक्‍कर आने लगे। सरकारी डॉक्‍टर ने मेरा इलाज करने से मना कर दिया और कहा कि मैं फिट हूं। जब मैंने एक प्राइवेट डॉक्‍टर को दिखाया तो उसने बताया कि ऐसा ऊंचाई की वजह से हो रहा है।' मुंबई के यात्रियों का कहना था कि यमुनोत्री और केदारनाथ के रास्‍ते बहुत संकरे हैं। मुंबई के ही अनंत कार्तिक (69) और उनकी पत्‍नी अरूंधति (65) की शिकायत थी कि हेलिकॉप्‍टर सेवा यात्रा को सरल करने के लिए है लेकिन अक्‍सर टिकट की ब्‍लैक मार्केटिंग और खराब मौसम की वजह से यात्रियों को यह सुविधा नहीं मिल पाती। (देहरादून से इशिता मिश्रा, मुंबई से चितरंजन तेंबेकर, अहमदाबाद से भारत याग्निक, कोलकाता से सैवाल सेन और चेन्‍नै से प्रतीक्षा रामकुमार के इनपुट के साथ)


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उत्तराखंड: 2 से अधिक संतान वाले नहीं लड़ सकेंगे पंचायत चुनाव

देहरादून विधानसभा ने बुधवार को एक विधेयक पारित किया, जिसमें दो से अधिक संतान वाले लोगों के लड़ने पर रोक लगाई गई है। इसमें उनके लिए न्यूनतम योग्यता भी तय की गई है। उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम 2016 (संशोधन) विधेयक को मंगलवार को सदन में पेश किया गया। इसे विपक्षी सदस्यों के कई मुद्दों पर नाराजगी और उग्र व्यवहार के बीच ध्वनिमत से पारित कर दिया। विपक्ष के मुद्दों में पहाड़ी राज्य में बिगड़ती कानून और व्यवस्था की हालत भी शामिल थी। इस विधेयक को पंचायत चुनावों से पहले राज्यपाल से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। पंचायत चुनाव इस साल के अंत में होने हैं। संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देना है और उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता भी निर्धारित करना है। उन्होंने कहा, ‘हमने सभी पंचायत सदस्यों की शैक्षिक योग्यता निर्धारित की है। सामान्य वर्ग में, न्यूनतम योग्यता कक्षा 10 है। एससी/ एसटी श्रेणियों में पुरुषों के लिए न्यूनतम योग्यता कक्षा 8 और महिलाओं के लिए कक्षा 5 है।’ विधेयक किसी भी पंचायत सदस्य द्वारा एक साथ दो पद रखने पर प्रतिबंध लगाता है। कौशिक ने कहा, ‘यह एक सुधारवादी विधेयक है। इसे जमीनी निकायों में सुधार के प्रयास के रूप में देखा जाना चाहिए।’ कौशिक ने कहा कि यह विधेयक ओडिशा और राजस्थान जैसे राज्यों में इसी तरह के कानून की तर्ज पर प्रस्तुत किया गया है।


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भारत माता मंदिर के संस्थापक संत स्वामी सत्यमित्रानंद को भूसमाधि

हरिद्वार, 26 जून (भाषा) भारत माता मंदिर के संस्थापक पद्मविभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद को आज शाम यहां 'राघव कुटीर' के आंगन में भूसमाधि दे दी गयी । इस स्थान पर महादेव के एक विशाल मंदिर का निर्माण किया जायेगा । इससे पूर्व, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक सहित कई केंद्रीय मंत्रियों, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, योग गुरू बाबा रामदेव समेत अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने ब्रहमलीन संत को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये । राजनाथ सिंह ने इस मौके पर कहा कि स्वामीजी भारतीय संस्कृति की समन्वयकारी भावना के साथ लोककल्याण के लिये कार्य करने वाले संत थे । योगगुरू स्वामी रामदेव ने कहा कि समन्वयवादी सोच के कारण स्वामी जी सभी धर्मों के बीच लोकप्रिय संत थे । योगी आदित्यनाथ ने उन्हें समाजवादी सोच की जीती जागती प्रतिमूर्ति बताया । ब्रहमलीन संत स्वामी सत्यमित्रानंद की पार्थिव देह को शोभा यात्रा में बैंड बाजों के साथ राघव कुटीर लाया गया । शोभा यात्रा मार्ग पर दोनों तरफ से लगातार पुष्पवर्षा होती रही । स्वामी सत्यमित्रानंद महाराज को भारत माता मंदिर ट्रस्ट के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद महाराज, ललिता गिरि महाराज और अन्य साधु संतों ने भूसमाधि दी । ब्रहमलीन स्वामी सत्यमित्रानंद को श्रद्धांजलि देने वालों में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, साध्वी निरंजन ज्योति, भाजपा के केंद्रीय संगठन मंत्री रामलाल, भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल आदि भी शामिल थे । स्वामी सत्यमित्रानंद का लंबी बीमारी के बाद कल निधन हो गया था ।


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दो से ज्यादा बच्चों वाले अब उत्तराखंड में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य

देहरादून, 26 जून :भाषा: उत्तराखंड विधानसभा ने परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दो से अधिक संतान वाले लोगों को पंचायत चुनाव लड़ने के लिये अयोग्य करने वाला उत्तराखंड पंचायती राज :संशोधन: विधेयक, 2019 बुधवार को पारित कर दिया । इसके साथ ही इस विधेयक में पंचायत चुनाव लड़ने वालों के लिये न्यूनतम शैक्षिक योग्यता जरूरी कर दी गयी है तथा एक साथ दो पद धारण करने को भी वर्जित किया गया है । राज्य सरकार द्वारा कल विधानसभा में पेश यह विधेयक आज सदन में विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के बीच बिना किसी चर्चा के पारित हो गया । इस संशोधन विधेयक के अनुसार, उत्तराखंड में पचायत चुनाव लड़ने के लिये उम्मीदवारों को दसवीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा जबकि महिलाओं और अनुसूचित जाति और जनजाति के पुरुषों के लिये यह अर्हता आठवीं कक्षा की है । अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं के लिये पंचायत चुनाव लड़ने हेतु पाचवीं कक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी होगा । इस विधेयक में ऐसे लोगों को पंचायत चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया गया है जिनकी दो से अधिक जीवित संतानें हों । प्रदेश के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि इस अधिनियम को आगामी पंचायत चुनावों में लागू किया जायेगा ।


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मुख्यमंत्री के करीबी लोगों के वायरल वीडियो पर विधानसभा में जमकर हंगामा

देहरादून, 26 जून :भाषा: उत्तराखंड विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कुछ करीबी लोगों के कथित तौर पर किसी वित्तीय सौदे पर बातचीत करते वायरल हो रहे वीडियो पर चर्चा की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया । सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल ने कल यहां एक अस्पताल में अंतिम सांस लेने वाले पद्मभूषण जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज को भावभीनी श्रद्धांजलि दी । इसके तत्काल बाद, रानीखेत से कांग्रेस सदस्य करण माहरा ने कथित स्टिंग वीडियो के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि यह वीडियो वायरल हो चुका है और इसमें मुख्यमंत्री के करीबी समझे जाने वाले लोग दिख रहे हैं, इसलिये इस पर तत्काल चर्चा करायी जानी चाहिए । फिलहाल संसदीय कार्य मंत्री का भी दायित्व संभाल रहे कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने विपक्ष की इस मांग पर आपत्ति प्रकट करते हुए कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और इसलिये इस पर राज्य विधानसभा में चर्चा नहीं करायी जा सकती । विधानसभा कार्य संचालन नियमावली के नियम 285 का हवाला देते हुए कौशिक ने कहा कि इस मसले पर विधानसभा में चर्चा कराना न्यायपालिका के विशेषाधिकार का अतिक्रमण होगा । विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि मंत्री जिम्मेदारी से अपनी बात कह रहे हैं और मामले के न्यायालय के विचाराधीन होने के कारण इस मामले में सदन में चर्चा नहीं करायी जा सकती । लेकिन माहरा चर्चा की अपनी मांग पर डटे रहे और उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत गंभीर विषय है क्योंकि इसमें मुख्यमंत्री के करीबी लोग शामिल हैं । संपूर्ण विधानसभा और इसके सदस्यों की प्रतिष्ठा दांव पर है ।’’ माहरा के समर्थन में अन्य कांग्रेस सदस्य गोविंद सिंह कुंजवाल, प्रीतम सिंह, ममता राकेश आदि भी आ गये और अध्यक्ष के आसन के सामने खडे़ होकर चर्चा कराने की मांग करने लगे । इस दौरान अध्यक्ष ने कई बार सदस्यों से अपने स्थान पर बैठने को कहा, लेकिन अपनी बात अनसुनी होने पर उन्होंने सदन आधे घंटे के लिये स्थगित कर दिया । सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर विपक्षी सदस्य फिर अपनी मांग दोहराने लगे । बाद में वे सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने धरने पर बैठ गये । इस शोरशराबे के बीच सरकार ने आज के लिये सूचीबद्ध कार्य को निपटा दिया जिसके बाद अध्यक्ष ने सदन अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दिया ।


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कार हादसे में चार बच्चों सहित छह लोगों की दर्दनाक मौत

नई टिहरी, 26 जून :भाषा: उत्तराखंड के टिहरी जिले में आज एक कार के गहरे खड्ड में गिर जाने से उसमें सवार चार बच्चों समेत छह लोगों की मृत्यु हो गयी तथा चार अन्य घायल हो गये । टिहरी के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी योगेंद्र सिंह रावत ने यहां बताया कि सुवाखोली-भवान-उत्तरकाशी मोटर मार्ग पर मौरियाणा के पास एक कार अचानक अनियंत्रित होकर लगभग 200 मीटर गहरे खड्ड में जा गिरी जिससे उसमें सवार एक ही परिवार के चार बच्चों और दो महिलाओं की मौके पर मृत्यु हो गयी । उन्होंने बताया कि दुर्घटना में चार व्यक्ति घायल भी हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है । पुलिस अधिकारी ने बताया कि हादसे के समय उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले परिवार के 10 लोग एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिये उत्तरकाशी जा रहे थे ।


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मुख्यमंत्री ने मंत्री पांडेय के पुत्र के निधन पर शोक जताया

देहरादून, 26 जून :भाषा: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के पुत्र अंकुर की उत्तर प्रदेश में एक सड़क दुर्घटना में हुई आकस्मिक मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है । उन्होंने दिवंगत आत्मा की शान्ति तथा शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री रावत ऊधमसिंह नगर जिले के गुलरभोज स्थित श्मशान घाट में अकुंर पाण्डेय के अन्तिम संस्कार में शामिल हुए व शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना दी। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य भी मौजूद रहे। पांडेय के 24 वर्षीय पुत्र अंकुर की कल देर रात लगभग दो बजे उत्तर प्रदेश के बरेली के पास फरीदपुर में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गयी थी । दुर्घटना में अंकुर के एक मित्र मुन्ना गिरि की भी मौत हो गयी तथा एक अन्य साथी घायल हो गया । दुर्घटना के समय अंकुर अपने मित्रों के साथ एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिये गोरखपुर जा रहे थे कि तभी उनकी कार सामने से तेज गति से आ रहे एक ट्रक से टकरा गयी । टक्कर इतनी भीषण थी कि दुर्घटना में कार के परखचे उड़ गये ।


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शाही शादी: उत्तराखंड सरकार ने गुप्ता ब्रदर्स को कूड़ा साफ करने के लिए 8 लाख रुपये चुकाने को कहा

देहरादून ने साउथ अफ्रीका के बिजनसमैन को आलीशान शादी समारोह के बाद जमा हुए कूड़े के ढेर को साफ करने के लिए 8 लाख रुपये चुकाने को कहा है। 18 से 22 जून के बीच उत्तराखंड के औली में संपन्‍न हुई इस शादी में करीब 275 क्विंटल इकट्ठा हुआ था। 13 जून से लेकर अकेले नगर पालिका जोशीमठ ने औली से 220 क्विंटल कूड़ा उठाया है। उनका कहना है कि अभी पूरा इलाका साफ करने के लिए तीन दिन और लगेंगे। कूड़े के ढेर और शादी में बचे खाने को ठिकाने न लगाने की वजह से आवारा पशु जगह-जगह शादी स्थल की तरफ बचे खाने को खाने के लिए आ जमे हैं। जोशीमठ नगरपालिका के अध्यक्ष शैलेंद्र पंवर ने बताया, 'शुरुआत में हमें लगा कि दो से तीन लोग कूड़ा उठाने के लिए काफी होंगे और दो दिन में यह हो जाएगा लेकिन कूड़े का पहाड़ देखने के बाद हम हैरान रह गए और हमने 20 कर्मचारी और 4 ट्रकों को एरिया साफ करने के लिए लगाया।' शादियों की रिपोर्ट तैयार कर रहा प्रशासन कूड़े के ढेर में अधिकतर फूल, प्लास्टिक बोतलें, पॉलिथीन लिफाफे और दूसरे डेकोरेटिव आइटम थे जिन्हें कॉर्पोरेशन के कर्मचारियों ने हाथ से उठाया। एक सफाईकर्मी ने बताया, '3 हजार मीटर की ऊंचाई पर गंदगी साफ करना भारी-भरकम काम है। हमने वेस्ट को अलग करके पहले उसे बैग में भरा और फिर ट्रक में लादा। शादी समारोह 18 जून को शुरू हुआ था और 22 जून को संपन्न हुआ था। हमारी टीम पहले दिन से यहां काम कर रही हैं।' पंवर ने बताया कि गुप्ता ब्रदर्स ने एक डंपर भी दान करने का ऑफर दिया था जिसकी कीमत 12 लाख रुपये तक थी। इस दौरान चमौली जिला प्रशासन ऐसी शादियों की रिपोर्ट तैयार कर रहा है जिन्होंने पहली बार एक हाई टेक ड्रोन का इस्तेमाल किया। एक वरिष्ठ जिला प्रशासन अधिकारी ने बताया, 'ड्रोन ने शादी की तरह डीटेल रिकॉर्ड की और इसके आधार पर एक व्यापक रिपोर्ट उत्तराखंड हाई कोर्ट के समक्ष 8 जुलाई को सौंपी जाएगी।' हाई कोर्ट भी सख्तइससे पहले 18 जून को नैनीताल हाई कोर्ट ने कहा था कि औली में हाई-प्रोफाइल शादियों के कारण होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को कम करने के लिए अदालत के आदेश के अनुपालन के लिए चमोली के जिला मैजिस्ट्रेट को जवाबदेह ठहराया जाएगा। कोर्ट ने गुप्ता परिवार को 3 करोड़ रुपये का भुगतान करने को भी कहा ताकि इवेंट खत्म होने के बाद उस जगह को री-स्टोर किया जा सके।


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मंगलवार, 25 जून 2019

जानें एक दिवालिया मजदूर कैसे Bata कंपनी का मालिक बना!

आज से करीब 90 साल पहले सन 1931 में हमारे देश में बाटा आ गया था. Bata के ब्रांड बनने की दिलचस्प कहानी...

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आध्यात्मिक गुरु स्वामी सत्यमित्रानंद का निधन, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और पीएम मोदी ने जताया दुख

देहरादून प्रख्यात आध्यात्मिक गुरु स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को निधन हो गया। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने बताया कि भारत माता जनहित न्यास के 87 वर्षीय प्रमुख का एक अस्पताल में पिछले कुछ समय से इलाज चल रहा था। उन्होंने बताया कि हरिद्वार के राघव कुटीर में बुधवार को उन्हें समाधि दी जाएगी। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री समेत कई नेताओं एवं धार्मिक गुरुओं ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है और उनके निधन को अध्यात्म जगत के लिए बड़ा नुकसान बताया। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासियों तथा गरीबों की सेवा में उनके योगदान को याद करते हुए उनके निधन पर शोक प्रकट किया। नायडू ने ट्वीट किया, ‘स्वामी सत्यमित्रानंद गिरिजी महाराज के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ, जिन्होंने हरिद्वार में की स्थापना की।’ उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक गुरु ने अमूल्य सेवाएं प्रदान कीं तथा मुफ्त शिक्षा एवं चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराकर आदिवासी और पहाड़ी क्षेत्रों के गरीब लोगों की सेवा के लिए समन्वय सेवा फाउंडेशन की स्थापना की। पीएम मोदी ने ट्वीट कर जताया दुख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानंद ने अध्यात्म और ज्ञान को महत्व दिया। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘परम पूज्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज के निधन की खबर से बहुत दुख हुआ। वह सच्चे पथ-प्रदर्शक, गहन तपस्वी होने के साथ ज्ञान और आध्यात्मिक चेतना के प्रतीक थे। मेरा सौभाग्य है कि मुझे उनका आशीर्वाद मिला। उनका जीवन हमें निस्वार्थ भाव से समाज सेवा की प्रेरणा देता है।’ के प्रमुख ने भी जताया शोक अखाड़ा परिषद, भारत साधु समाज और गायत्री परिवार जैसे समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले संतों ने भी स्वामी सत्यमित्रानंद के निधन पर शोक प्रकट किया। गायत्री परिवार के प्रमुख प्रणव पांड्या ने कहा, 'स्वामीजी संत समाज के लिए एक आदर्श थे। मैं उनका मार्गदर्शन पाने के लिए कई मौकों पर उनसे व्यक्तिगत तौर पर मिला।'


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कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर कांग्रेस का उत्तराखंड विस से बहिर्गमन

देहरादून, 25 जून :भाषा: मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने उत्तराखंड में कानून और व्यवस्था की कथित तौर पर बिगड़ती स्थिति के प्रति गंभीर न होने का राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए आज विधानसभा से बहिर्गमन कर दिया । यहां विधानसभा सत्र के दूसरे दिन कार्य स्थगन प्रस्ताव के जरिये इस मसले को उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है और अपराधों में वृद्धि होती जा रही है लेकिन पुलिस घटनाओं का खुलासा नहीं कर पा रही है । उन्होंने हाल में नैनबाग क्षेत्र में अनुसूचित जाति की नौ साल की बालिका तथा कैंपटी फॉल क्षेत्र में अनुसूचित जाति की किशोरी के साथ हुए कथित दुराचार, हल्द्वानी में घर में घुसकर मां—बेटी पर जानलेवा हमले जैसी कई घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि अपराधियों में पुलिस का खौफ नहीं रह गया है और यह सरकार की नाकामी है । चकराता से कांग्रेस सदस्य प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश में आज हालात यह है कि रोम :प्रदेश: जल रहा है और नीरो :सरकार: बंसी बजा रहा है । अन्य कांग्रेस सदस्यों ने भी प्रदेश की कथित तौर पर बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिये सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं । सरकार की तरफ से जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में औद्योगिक निवेश के लिये वहां की कानून—व्यवस्था की स्थिति अच्छी होना बहुत जरूरी है और प्रदेश में निवेश आ रहा है । उन्होंने कहा कि पिछले साल इन्वेस्टर्स समिट में भी सभी उद्योगपति इस बात पर एक राय थे कि उत्तराखंड में सामाजिक सुरक्षा की स्थिति उच्च कोटि की है । उन्होंने कहा कि समिट के बाद से आज तक प्रदेश में 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है जबकि काफी निवेश अभी आना है । उन्होंने पिछली और वर्तमान सरकार के अपराध के तुलनात्मक आंकडे प्रस्तुत करते हुए कहा कि फिलहाल अपराध में बहुत कमी आयी है और अपराधों का पुलिस तत्परता से भंडाफोड़ भी कर रही है । हालांकि, मंत्री के इस जबाव से विपक्षी सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और सरकार पर संवेदनशील मसले पर भी गंभीर न होने का आरोप लगाते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया ।


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बुग्यालों में कैंपिंग, रात्रि विश्राम पर प्रतिबंध को शीर्ष अदालत में चुनौती देगी उत्तराखंड सरकार

देहरादून, 25 जून :भाषा: उत्तराखंड सरकार प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित बुग्यालों :घास के मैदान: में कैंपिंग और रात्रि विश्राम पर प्रतिबंध लगाने के उच्च न्यायालय के निर्णय को जल्द ही उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी । यहां राज्य विधानसभा में प्रदेश के वन मंत्री हरक सिंह रावत ने विपक्षी कांग्रेस द्वारा इस संबंध में लाये गये स्थगनादेश प्रस्ताव के जवाब में बताया कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के लिये सरकार ने पर्याप्त आधार संकलित कर लिया है और जल्द ही उच्चतम न्यायालय में अपील की जायेगी । रावत ने कहा कि अगस्त 2018 में आये उच्च न्यायालय के आदेश में बुग्यालों में कैंपिंग और रात्रि विश्राम पर पूरी तरह रोक लगा दी गयी है । इससे ट्रेकिंग गतिविधियों और उससे जुडे़ व्यवसायी भी प्रभावित हो रहे हैं जिससे सरकार भी चिंतित है । रावत ने हालांकि, स्वीकार किया कि जनता से सीधे सरोकार रखने वाले इस मामले को उच्चतम न्यायालय तक ले जाने में विलंब हुआ लेकिन उन्होंने कहा कि इस संबंध में वन विभाग नोडल विभाग तो था लेकिन संबंधित विभागों जैसे पशुपालन तथा पर्यटन से भी सूचनायें एकत्र करनी थीं जो समय पर नहीं मिल पायीं । मंत्री ने कहा कि अब शीर्ष अदालत में जाने के लिये सभी सूचनायें एकत्र हो चुकी हैं और वहां मजबूती से इस प्रतिबंध को समाप्त कराने के लिये पैरवी की जायेगी । इससे पहले, सरकार द्वारा इस मसले पर कार्रवाई न करने के विरोध में केदारनाथ से विधायक मनोज रावत और पुरोला विधायक राजकुमार ट्रेकिंग की ड्रेस पहनकर सदन में पहुंचे । रावत ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में स्थित खूबसूरत बुग्याल पर्यटन के साथ—साथ देश विदेश से आने वाले ट्रेकरों की भी पसंदीदा जगह हैं और वहां कैंपिंग और रात्रि विश्राम की सुविधा समाप्त होने से ट्रैकिंग गतिविधियों और उनसे जुडे़ स्थानीय व्यवसायियों पर बुरा असर पड़ा है । राजकुमार ने कहा कि सरकार को संवेदनशीलता के साथ इस मानवीय मामले का समाधान निकालने के प्रयास करने चाहिए थे क्योंकि यह स्थानीय लोगों की आजीविका का भी प्रश्न है ।


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सत्यमित्रानंद के निधन पर उत्तराखंड सरकार ने एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की

देहरादून, 25 जून (भाषा) उत्तराखंड के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरू स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज के मंगलवार को लंबी बीमारी के कारण हुए निधन के बाद प्रदेश सरकार ने बुधवार को एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है । सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सरकारी इमारतों पर लगा राष्ट्रीय झंडा आधा झुका होगा और कोई भी सरकारी मनोरंजक कार्यक्रम नहीं होगा । आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने बताया कि भारत माता जनहित ट्रस्ट के 87 वर्षीय प्रमुख का पिछले कुछ समय से यहां के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था । उनकी ‘समाधि’ बुधवार को हरिद्वार स्थित राघव कुटीर में संपन्न होगी । इसमें आध्यात्मिक और राजनीतिक जगत के प्रमुख लोगों के आने की संभावना है ।


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संत स्वामी सत्यमित्रानंद का निधन, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक प्रकट किया

देहरादून, 25 जून (भाषा) प्रख्यात आध्यात्मिक गुरू स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को यहां निधन हो गया। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने बताया कि भारत माता जनहित न्यास के 87 वर्षीय प्रमुख का यहां एक अस्पताल में पिछले कुछ समय से इलाज चल रहा था। उन्होंने बताया कि हरिद्वार के राघव कुटीर में बुधवार को उन्हें ‘समाधि’ दी जाएगी। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं एवं धार्मिक गुरुओं ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है और उनके निधन को अध्यात्म जगत के लिए बड़ा नुकसान बताया। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासियों तथा गरीबों की सेवा में उनके योगदान को याद करते हुए उनके निधन पर शोक प्रकट किया। नायडू ने ट्वीट किया, ‘‘स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ जिन्होंने हरिद्वार में भारत माता मंदिर की स्थापना की।’’ उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक गुरु ने ‘‘अमूल्य सेवाएं प्रदान कीं तथा मुफ्त शिक्षा एवं चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराकर आदिवासी और पहाड़ी क्षेत्रों के गरीब लोगों की सेवा के लिए समन्वय सेवा फाउंडेशन की स्थापना की।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानंद ने अध्यात्म और ज्ञान को महत्व दिया। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘गरीबों, वंचितों एवं हाशिये पर पहुंचे लोगों के सशक्तीकरण के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया। वह भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति का गौरव थे। दिव्य आत्मा को मेरी श्रद्धांजलि। ऊं शांति।’’ अखाड़ा परिषद, भारत साधु समाज और गायत्री परिवार जैसे समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले संतों ने भी स्वामी सत्यमित्रानंद के निधन पर शोक प्रकट किया। गायत्री परिवार के प्रमुख प्रणव पांड्या ने कहा, “स्वामीजी संत समाज के लिए एक आदर्श थे। मैं उनका मार्गदर्शन पाने के लिए कई मौकों पर उनसे व्यक्तिगत तौर पर मिला।”


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सोमवार, 24 जून 2019

गुप्ता बंधुओं की हाई प्रोफाइल शादी के बाद औली में जमा हुआ कूड़े का अंबार

देहरादून उत्तराखंड में उद्योगपति गुप्ता बंधुओं के बेटों के भव्य वैवाहिक समारोह के बाद यहां के मशहूर पर्यटक स्थल में कूड़े का अंबार लग गया है। इस कूड़े को जोशीमठ नगरपालिका के द्वारा उठाया जा रहा है। इससे पूर्व एनआरआई गुप्ता बंधुओ के बेटों की शादी 18 से 22 जून तक भव्य समारोह के बीच सम्पन्न हुई थी। इस वैवाहिक समारोह से पहले उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद औली में आयोजित विवाह समारोह में बगैर सरकारी अनुमति के हेलिकॉप्टरों की लैंडिंग कराने पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी चमोली को शादी के दौरान एकत्रित कूड़े की रिपोर्ट और औली में शादी से पर्यावरण की क्षति के आंकलन की रिपोर्ट 7 जुलाई तक हाईकोर्ट में सौंपने का आदेश दिया है, जिलाधिकारी चमोली ने औली पहुंच कर निरीक्षण किया। 13 जून से लेकर आज तक नगर पालिका जोशीमठ ने अकेले औली से 188 कुंतल कूड़ा उठाया है और अभी भी कूड़ा उठाने का काम जारी है। जोशीमठ नगर पालिका ने औली में कूड़ा उठाने के लिए 10 मजदूर लगाए हैं। जोशीमठ पालिका सूत्रों के अनुसार गुप्ता बंधुओ ने औली में कूड़ा उठाने के लिए नगरपालिका जोशीमठ में 54000 रुपये भी जमा करवाए हैं। जिला प्रशासन औली से उठाए जा रहे कूड़े की प्रतिदिन रिपोर्ट बना रहा है, जिसे उत्तराखंड हाईकोर्ट में 7 जुलाई को जमा कराया जायेगा।


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रविवार, 23 जून 2019

देहरादून में बनेगा देश का पांचवां तटरक्षक भर्ती केन्द्र

उत्तराखंड के देहरादून में तटरक्षक खोला जाएगा। यह भारत का पांचवां भर्ती केन्द्र होगा और 28 जून को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत हर्रावाला के कुआंवाला में इस भर्ती केन्द्र के लिए भूमि का शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री से रविवार को यहां मिलने आए महानिदेशक तटरक्षक राजेन्द्र सिंह ने उत्तराखण्ड में तटरक्षक भर्ती केन्द्र खोलने के लिए भारत सरकार का अनुमति पत्र उन्हें सौंपा। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, नोएडा, मुम्बई, चेन्नै और कोलकाता के बाद यह उत्तराखण्ड में पांचवां भर्ती केन्द्र होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में तटरक्षक भर्ती केन्द्र खुलने से प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे। उत्तराखण्ड को आपदा की दृष्टि से संवेदनशील बताते हुए रावत ने कहा कि तटरक्षक राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) को आपदा से राहत-बचाव के तरीकों के लिए प्रशिक्षण भी देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सैन्य प्रदेश है और प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड को पांचवें सैन्य धाम के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है। उन्होंने डीजी तटरक्षक का आभार जताया कि उनके प्रयासों के फलस्वरूप पांचवां भर्ती केंद्र यहां खुल रहा है। सिंह ने कहा कि देहरादून में तटरक्षक भर्ती केन्द्र का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। उन्होंने बताया कि केंद्र से 17 करोड़ रुपये भूमि के लिए और 25 करोड़ रुपये भवन निर्माण के लिए स्वीकृति मिली है। सिंह ने बताया कि लगभग डेढ़ साल में यह भर्ती केंद्र बनकर तैयार हो जाएगा और इसका लाभ उत्तराखण्ड के साथ ही उत्तर प्रदेश, हिमांचल प्रदेश और हरियाणा के युवाओं को भी मिलेगा।


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नंदा देवी पूर्व की पश्चिमी चोटी से सात पर्वतारोहियों के शव बरामद

पिथौरागढ, 23 जून (भाषा) करीब एक माह पहले नंदा देवी पूर्व चोटी पर चढ़ने के दौरान लापता हुए विदेशी पर्वतारोहियों में से सात के शव भारत तिब्बत सीमा पुलिस :आइटीबीपी: के एक दल ने रविवार को बर्फ से बाहर निकाल लिये । आइटीबीपी के उपमहानिरीक्षक एपीडी निंबाडिया ने बताया कि आइटीबीपी की दस सदस्यीय टीम ने पिंडारी ग्लेशियर की तरफ नंदा देवी पूर्व की पश्चिमी चोटी पर बर्फ के अंदर दबे सात पर्वतारोहियों के शवों को खोद कर बाहर निकाल लिया है । इन शवों में से एक महिला पर्वतारोही का भी शव है । उन्होंने बताया कि आठवें पर्वतारोही के शव की तलाश की जा रही है । चोटी पर आरोहण के दौरान आठ सदस्यीय पर्वतारोही दल लापता हो गया था । निंबाडिया ने बताया कि 17800 फुट की उंचाई पर स्थित पहाडी से शव निकालने के लिये अभियान एक सप्ताह पहले शुरू किया गया था । उन्होंने कहा कि 'डेयर डेविल' नाम के इस अभियान में भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों की भी मदद ली गयी है । निंबाडिया ने बताया कि शवों की अभी पहचान नहीं हुई है । उन्होंने कहा कि आधार शिविर लाने के बाद ही उनकी पहचान करना संभव हो पायेगा । पर्वतारोहियों की तलाश के लिये तीन जून को गये भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर ने नंदा देवी पूर्व चोटी के पास स्थित एक अनाम चोटी पर पांच शवों को देखा था लेकिन खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर नहीं उतर पाया और उन शवों को नहीं निकाला जा सका । जाने माने ब्रिटिश पर्वतारोही मार्टिन मोरान के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित 7434 मीटर उंची नंदा देवी पूर्व चोटी को फतेह करने निकली थी लेकिन रास्ते में ही लापता हो गयी थी । मोरान पहले भी दो बार इस चोटी को फतेह कर चुके हैं । लापता पर्वतारोहियों में ब्रिटेन, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के सात पर्वतारोहियों के अलावा दिल्ली स्थित ‘इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन’ (आइएमएफ) के लाइजन अफसर चेतन पांडे भी शामिल हैं। टीम 13 मई को मुनस्यारी से निकली थी लेकिन 25 मई की तय तारीख तक वापस नहीं लौटी ।


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बीजेपी विधायक ने टोल प्लाजा पर जमकर काटा हंगामा, एफआईआर दर्ज

रुद्रपुर उत्तराखंड की रुद्रपुर विधानसभा के विधायक ने रविवार को जबरन एक बंद करा दिया, जिसके चलते उनके खिलाफ पुलिस ने दर्ज कर ली है। जानकारी के मुताबिक, रुद्रपुर के किच्छा रोड पर गल्फार कंपनी द्वारा बनाए गए टोल प्लाजा को भारतीय जनता पार्टी () के दबंग विधायक राजकुमार ठुकराल ने रविवार को अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ जबरन बंद करा दिया। बाजपुर-सितारगंज नैशनल हाइवे-74 के चौड़ीकरण का अधूरा काम शुरू कराने की मांग को लेकर विधायक ने एक घंटे तक टोल प्लाजा पर जमकर उत्पात मचाया। विधायक ने टोल प्लाजा के सभी बैरियर को अपने समर्थकों के साथ खोल दिया, जिसके चलते टोल प्लाजा से हजारों वाहन बिना टोल टैक्स दिए ही निकल गए। जिस समय बीजेपी विधायक राजकुमार ठुकराल टोल प्लाजा पर कर रहे थे, उस वक्त मौके पर पुलिस और पीएसी के जवान भी मौजूद थे। इसके बावजूद विधायक और उनके सैकड़ों समर्थकों ने टोल प्लॉजा पर जमकर बवाल किया। पूरे मामले पर गल्फार कंपनी के किसी भी अधिकारी ने कोई प्रतिक्रिया तो नहीं दी लेकिन मामला शांत होने के बाद गल्फार कंपनी की तहरीर पर पुलिस ने विधायक और समर्थकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।


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आइटीबीपी को सात पर्वतारोहियों के शव मिले

पिथौरागढ, 23 जून (भाषा) करीब एक माह पहले नंदा देवी पूर्व चोटी पर चढ़ाई के दौरान लापता हुए आठ पर्वतारोहियों में से सात के शव भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के एक दल ने रविवार को बर्फ से बाहर निकाल लिये । आइटीबीपी के उपमहानिरीक्षक एपीडी निंबाडिया ने बताया कि दस सदस्यीय टीम ने बर्फ के अंदर दबे सात पर्वतारोहियों के शवों को निकाल लिया है । उन्होंने बताया कि आठवें पर्वतारोही के शव की तलाश की जा रही है । चोटी पर आरोहण के दौरान आठ सदस्यीय पर्वतारोही दल लापता हो गया था। निंबाडिया ने बताया कि 17800 फीट की उंचाई पर स्थित पहाड़ी से शवों को निकालने के लिये अभियान एक सप्ताह पहले शुरू किया गया था । उन्होंने कहा कि 'डेयर डेविल' नाम के इस अभियान में भारतीय वायु सेना के हेलीकाप्टरों की भी मदद ली गयी है ।


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नंदा देवी रेस्क्यू: एक महीने बाद आईटीबीपी को मिले सात पर्वतारोहियों के शव

नई दिल्ली/देहरादूनउत्तराखंड की चोटी फतह करने निकले लापता 8 लोगों के सर्च और रेस्क्यू के लिए गई की टीम को 7 शव मिले हैं। जिसमें एक महिला का शव भी है। ये शव करीब 21 हजार फीट की ऊंचाई पर मिले। आईटीबीपी की टीम इन शवों को घटनास्थल से कुछ दूरी पर ले आई है। यहां से इन्हें बेस कैंप-3 ले जाया जाएगा जो 18 हजार फीट की ऊंचाई पर है। उत्तराखंड की नंदा देवी चोटी पर 8 लापता पर्वतारोहियों में 4 ब्रिटेन के, 2 अमेरिका के, एक ऑस्ट्रेलिया और एक भारत के नागरिक हैं। इनमें से सात के शव मिले हैं। इनकी पिछले एक महीने से तलाश की जा रही है। आईटीबीपी के डीआईजी एपीडी निंबाड़िया ने बताया कि सात पर्वतारोहियों के शव बर्फ के नीचे दबे मिले। एक अन्य के शव की तलाश की जा रही है। इन लोगों की तलाश में आईटीबीपी की 20 लोगों की टीम नंदा देवी ईस्ट की तरफ से गई थी। जिसमें 15 माउंटेनियर्स और 5 हाई ऐल्टीट्यूट पॉर्टर्स हैं। आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडेय ने बताया कि रविवार को टीम बेस कैंप 3 से आगे बढ़ी। यह कैंप 18 हजार फीट की ऊंचाई पर बनाया है। वहां से टीम ऐक्सिडेंट साइट की तरफ गई। जो करीब 21 हजार फीट पर है। दूसरी तरफ पिंडारी की तरफ से गई आईएमएफ की टीम के बारे में आईएमएफ प्रेजिडेंट कर्नल एचएस चौहान ने बताया कि रविवार को टीम के 6 मेंबर कैंप वन पहुंच गए हैं। कैंप वन से ऐक्सिडेंट साइट इतनी दूर है कि दिन के वक्त में वहां जाकर वहां से वापस कैंप वन तक आ सकते हैं। वहां जाने के लिए रास्ता खोल लिया तो पहुंचने में 4-6 घंटे लगने का अनुमान है। टीम चार दिन से अडवांस बेस कैंप में थी और मौसम कुछ ठीक होने का इंतजार कर रही थी। शनिवार को टीम अडवांस बेस कैंप से कैंप वन की तरफ बढ़ी थी लेकिन फिर उन्हें वापस अडवांस बेस कैंप लौटना पड़ा। (पीटीआई से इनपुट्स के साथ)


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शनिवार, 22 जून 2019

पत्रकारों से अभद्रता मामले में बीजेपी ने विधायक प्रणव सिंह चैंपियन को तीन महीने के लिए किया सस्पेंड

देहरादून के खानपुर से भारतीय जनता पार्टी () के विधायक को पार्टी से तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। चैंपियन पर यह कार्रवाई के चलते हुई है। यही नहीं, उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। आरोप है कि चैंपियन ने एक निजी न्यूज चैनल के रिपोर्टर को दिल्ली स्थित उत्तराखंड भवन में बुलाकर धमकाया था। इस घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी को जमकर फजीहत का सामना करना पड़ा। रिपोर्टर के मुताबिक बीजेपी विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने उसे धमकी दी थी कि यदि उनके खिलाफ खबर चलाई तो वह उसे गोली मार देंगे। पहले भी विवादों में रहे हैं चैंपियन बता दें कि इससे पहले कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और झबरेड़ा से विधायक देसराज कर्णवाल के बीच जुबानी जंग देखने को मिली थी। इस मामले में पार्टी विधायक खजान दास की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन भी किया गया था। दोनों विधायकों के बीच विवाद की नौबत इस हद तक पहुंच गई थी कि चैंपियन ने कर्णवाल को रुड़की में कुश्ती की भी चुनौती दी थी। हालांकि, कर्णवाल ने कुश्ती नहीं लड़ी, जिसके बाद चैंपियन ने खुद को विजेता घोषित कर दिया था। (एजेंसी इनपुट्स के साथ)


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सेना-डीएसवीवी के दल ने माउंट केदार की चोटी पर फहराया तिरंगा

हरिद्वार, 22 जून (भाषा) भारतीय सेना के जवानों और देव संस्कृति विश्वविद्यालय (डीएसवीवी) के स्वयंसेवकों ने 22,411 फीट की ऊंचाई पर स्थित माउंट केदार के शिखर पर तिरंगा फहराया और इसके साथ ही शून्य से नीचे तापमान में कई इलाकों से कचरा भी साफ किया। डीएसवीवी अधिकारियों ने शनिवार को यहां कहा कि 24 सदस्यों वाला अभियान दल पर्वतारोहण के लिये विवि परिसर से 19 मई को रवाना हुआ था और शुक्रवार को अपना लक्ष्य हासिल करने के बाद वापस लौटा। उन्होंने कहा कि दल ने न सिर्फ माउंट केदार के शिखर पर तिरंगा फहराया बल्कि गोमुख, तपोवन, कीर्ति ग्लेश्यिर और भोजवासा में सफाई अभियान भी चलाया जहां तापमान शून्य से 28 से 32 डिग्री सेल्सियस नीचे रहता है। उन्होंने कहा कि दल अपने साथ इन जगहों से पांच बोरों में भरकर कचरा लेकर आया। गायत्री परिवार के प्रमुख प्रणव पांडया ने सेना और डीएसवीवी के संयुक्त प्रयास की सराहना करते हुए इसे अनुकरणीय बताया। इस दल का नेतृत्व मेजर विकास शुक्ला कर रहे थे।


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उत्तराखंडः गुप्ता परिवार के शादी समारोह में शामिल हुए सीएम, वर-वधू को दिया आशीर्वाद

चमोली उत्तराखंड के में के दूसरे बेटे की शादी पूरे रीति-रिवाज के साथ संपन्न हुई। शनिवार को प्रवासी उद्योगपति अतुल गुप्ता के बेटे शशांक गुप्ता और दुबई के रियल एस्टेट कारोबारी विशाल जालान की बेटी शिवांगी परिणय बंधन में बंधे। प्रदेश के मुख्यमंत्री , सांसद अजय भट्ट, विधायक महेन्द्र भट्ट, बाबा रामदेव, स्वामी चिदानंद सरस्वती, आचार्य बालकृष्ण ने शनिवार को औली में आयोजित शादी समारोह में शामिल होकर गुप्ता परिवार के वर-वधू को आर्शीवाद दिया। सीएम ने गुप्ता परिवार को दिया धन्यवाद इस दौरान गुप्ता परिवार ने शादी समारोह में शामिल होने पर सीएम रावत का गाजे-बाजे के साथ जोरदार स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने वर-वधू को आशीर्वाद देते हुए गुप्ता परिवार को अपने दोनों बेटों की शादी के लिए उत्तराखंड राज्य को चुनने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड एक है। यहां पर पर्यटन को बढ़ाने की भरपूर संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि औली में पहली बार शादी का आयोजन हुआ है, जो निश्चित रूप से देश-विदेश के पर्यटकों को और अधिक आकर्षित करेगा। सीएम ने वर-वधू को दिया रुद्राक्ष का पौधा सीएम ने कहा, 'देवभूमि में दुनिया के पर्यटकों के लिए सुन्दर वातावरण, नैसर्गिक सौन्दर्य के साथ एडवेंचर तथा अध्यात्म जैसी विभिन्न विविधताएं मौजूद हैं। इसको दुनिया के पर्यटक ढूंढते है।' उन्होंने कहा कि औली में ऐसे आयोजन से लोगों को उत्तराखण्ड को समझने का मौका मिलेगा और आने वाले समय में निश्चित रूप से उत्तराखंड राज्य एक पर्यटन प्रदेश के रूप में विकसित होगा। मुख्यमंत्री ने वरवधू को आर्शीवाद के साथ-साथ रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर उन्हें सुखी दांपत्य जीवन की शुभकामनाएं भी दीं। इस अवसर पर बाबा रामदेव, स्वामी चिदानंद सरस्वती, आचार्य बालकृष्ण, सांसद अजय भट्ट, विधायक महेन्द्र भट्ट ने भी गुप्ता परिवार के वर-वधू को आशीर्वाद देते हुए सुखी दाम्पत्य जीवन की शुभकामनाएं दीं।


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अचानक अपने पैतृक गांव पहुंचे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल

पौड़ी देश के अजित डोभाल शनिवार को अपने उत्तराखंड स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे। उन्होंने यहां अपनी पत्नी और बेटे के साथ कुलदेवी बाल कुंवारी की पूजा की। इस दौरान जब वह सड़क से करीब सौ मीटर तक मंदिर की तरफ चले तो ग्रामीणों ने ढोल-दमाऊ से उनका भव्य स्वागत भी किया। हालांकि, यह उनका नितांत निजी कार्यक्रम था, इसके बावजूद सरकार ने उनकी सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए थे। अजित डोभाल के गांव पहुंचने की सूचना से ग्रामीण खासे उत्साहित दिखे। इससे पहले शुक्रवार शाम को अचानक अपनी पत्नी और बेटे के साथ पौड़ी जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस पहुंचे थे। निजी कार्यक्रम के चलते उनके पौड़ी जिला मुख्यालय पहुंचने की जानकारी को गोपनीय रखा गया था। पौड़ी पहुंचने पर एनएसए का सर्किट हाउस में आयुक्त गढ़वाल डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम, जिलाधिकारी धीरज सिंह गर्बयाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने स्वागत किया। डीएम धीरज सिंह ने बताया कि यह निजी कार्यक्रम था। 2014 में भी पैतृक गांव आए थे अजित डोभाल आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले शासन काल में पहली बार एनएसए बनने के बाद भी 2014 में अजित डोभाल निजी कार्यक्रम पर अपने पैतृक गांव घीड़ी पहुंचकर कुलदेवी की पूजा अर्चना करना नहीं भूले थे। पिछली बार जब वह गांव आए तो उनका दर्जा राज्यमंत्री स्तर का था जबकि इस बार उनका ओहदा कैबिनेट दर्जे का है। अपने पैतृक गांव में पूजा के बाद अजित डोभाल ग्रामीणों से भी मिले और उनके हालचाल भी पूछा। इस दौरान उन्होंने एक स्थानीय एनजीओ के युवाओं से मुलाकात की और उनसे राष्ट्र निर्माण के पथ पर काम करने की अपील भी की।


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कोटद्वार बार एसोसिएशन ने वकील की हत्या के आरोपी का मुकदमा लड़ने से मना करने वाला नोटिस वापस लिया

देहरादून, 22 जून (भाषा) कोटद्वार बार एसोसिएशन ने अपने सदस्यों को एक वकील की हत्या के आरोपी का मुकदमा लड़ने से प्रतिबंधित करने वाला अपना नोटिस वापस लेने का फैसला किया है। याचिकाकर्ता के वकील कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि उत्तराखंड उच्च न्यायलय की खंडपीठ के समक्ष बार एसोसिएशन की ओर से पेश हुए वकील डी. एस. मेहता ने कहा कि वकीलों को आरोपी का मुकदमा लड़ने से रोकने वाला नोटिस गलत था और उसे वापस लिया जाएगा। बार एसोसिएशन के सचिव ने नोटिस जारी कर कहा था कि आरोपी की ओर से मुकदमा लड़ने वाले सदस्य को एसोसिएशन से हटा दिया जाएगा। गुप्ता ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की पीठ ने बार एसोसिएशन से कहा है कि वह आठ जुलाई तक अपना हलफनामा दाखिल करे। मामले की अगली सुनवाई उसी दिन होनी है। इससे पहले ऐसे नोटिस की कानूनी वैधता को लेकर दायर जनहित यचिका पर सुनवाई करते हुए 13 जून को उच्च न्यायालय ने बार एसोसिएशन की जोरदार खिंचाई की थी। अदालत ने कहा था कि सभी आरोपियों को वकील पाने का अधिकार है और कानून के तहत ऐसे प्रस्ताव की अनुमति नहीं दी जा सकती है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अगर कोई मुझे गोली मार दे, तब भी आप अदालत में उसका पक्ष रखने से इनकार नहीं कर सकते हैं। यहां तक कि (मुंबई आतंकवादी हमले का दोषी अजमल) कसाब को भी अदालत से वकील मिला था।


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टूर ऑपरेटरों के आपसी झगड़े में पिस रहे हैं चारधाम यात्रा के तीर्थयात्री

एमएस नवाज, हरिद्वार माधव बंसल (50) शुक्रवार को अपने परिवार के चार सदस्‍यों के साथ हरिद्वार से चार धाम यात्रा के लिए निकल पड़े। इस यात्रा के लिए उन्होंने एक ट्रैवल एजेंट से कार बुक कराई थी। लेकिन शांतिकुंज के पास बनी एक चेक पोस्‍ट पर एक 'गश्‍ती दल' ने उन्‍हें रोक लिया। इसके बाद ये लोग जबरन सभी को सिटी मैजिस्‍ट्रेट के दफ्तर ले गए। यहां तीन घंटे फंसे रहने के बाद बंसल और उनके परिवार को का इरादा बीच में ही छोड़ना पड़ना। ये 'गश्‍ती दल' या 'पेट्रोल टीम' कुछ टूर ऑपरेटरों ने बनाई हैं। इनका दावा है कि जिला प्रशासन और अवैध वाहनों को नहीं रोक पा रहे हैं इसलिए उन्‍हें इस तरह हरिद्वार में अवैध वाहनों को रोकना पड़ रहा है। उनके अनुसार, कुछ टूर ऑपरेटर चार धाम यात्रा के श्रद्धालुओं के लिए गैर पंजीकृत गाड़‍ियों का इस्‍तेमाल कर रहे हैं और प्रशासन भी आंखें बंद किए हुए है। नुकसान श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों का लेकिन इसका नुकसान श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों को उठाना पड़ता है। उनकी यात्रा बीच में ही ठप हो जाती है। इन स्‍वयंभू गश्‍ती दलों का कहा है कि कुछ टूर ऑपरेटर प्राइवेट गाड़ियों को टैक्‍सी की तरह इस्‍तेमाल करते हैं और इस तरह आरटीओ के पास टैक्‍सी का टैक्‍स जमा करने से बच जाते हैं। दूसरी तरफ बंसल का कहना है, 'हमें क्‍या पता हरिद्वार में क्‍या चल रहा है। हमने एक टैक्‍सी बुक की थी, उसका अडवांस भी जमाकर दिया था। लेकिन हमारी कार बीच में ही खुद को पेट्रोल पार्टी बताने वालों ने रोक लिया। जब हमने टूर ऑपरेटर से संपर्क किया तो उसने मामले से कन्‍नी काटने की कोशिश की। हमें इन लोगों ने जबर्दस्‍ती घंटों रोक लिया, मजबूरन हमें अपनी यात्रा स्‍थगित करनी पड़ी।' 'दोष आरटीओ का' ये गश्‍ती दल हरिद्वार टूर ऐंड ट्रैवल असोसिएशन ने बनाए हैं। यह संगठन प्राइवेट कारों को टैक्‍सी की तरह इस्‍तेमाल किए जाने पर आरटीओ को ही दोष देता है। इसके महासचिव सुमित श्रीकुंज कहते हैं, 'हमने पुलिस और एआरटीओ से कई बार कहा कि इन टूर ऑपरेटरों के खिलाफ कुछ करें लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हमें अफसोस है कि इसकी वजह से ट‍ूरिस्‍टों को परेशान होना पड़ता है। टैक्‍सी मैक्‍सी यूनियन ने भी इसका विरोध किया लेकिन अभी तक अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया है।' 'तीर्थयात्री आगे आएं' अपने बचाव में आरटीओ का कहना है कि यह जानना तब तक असंभव है कि किस प्राइवेट गाड़ी का इस्‍तेमाल टैक्‍सी के तौर पर हो रहा है जब तक खुद तीर्थयात्री ही इसकी जानकारी न दे दें। वह कहते हैं, 'हमारे टीमें रूटीन में कार्रवाई कर रही हैं। लेकिन असलियत तो यह है कि बिना स्‍थानीय लोगों की मदद के कोई प्राइवेट वाहनों को टैक्‍सी की तरह इस्‍तेमाल नहीं कर सकता। हम रूटीन जांच करते ही रहते हैं इस मामले में तीर्थयात्रियों को भी आगे आना चाहिए, नहीं तो हमें कैसे पता चलेगा कि किसी प्राइवेट गाड़ी में टूरिस्‍ट हैं या लोकल हैं।'


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शुक्रवार, 21 जून 2019

उत्‍तराखंड: केदारनाथ में 'मोदी गुफा' की धूम, अब तक 20 लोग कर चुके साधना

अमन शर्मा, देहरादून लोकसभा चुनाव परिणाम से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्‍तराखंड के केदारनाथ धाम में गुफा के अंदर साधना की थी। अब बाबा केदार के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु भी पीएम मोदी की राह पर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। ये श्रद्धालु 1500 रुपये देकर गुफा के अंदर 24 घंटे अकेले साधना कर रहे हैं। इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा उपलब्‍ध है। यही नहीं यह गुफा अगले 10 दिनों के लिए बुक भी हो गई है। देहरादून स्थित गढ़वाल विकास निगम के महाप्रबंधक बीएल राणा ने कहा, 'लोगों की प्रतिक्रिया शानदार है। अब तक करीब 20 लोग इस गुफा में रुक चुके हैं। हमें देशभर से बड़ी संख्‍या में बुकिंग हो रही है और लोग इसके बारे में जानना चाहते हैं। सभी बुकिंग ऑनलाइन हो रही है।' उन्‍होंने बताया कि गुफा की डिमांड की हालत यह है कि हमें एक दूसरी गुफा बनानी पड़ रही है। राणा के मुताबिक चूंकि यह पूरी तरह से कृत्रिम गुफा नहीं है, इसलिए दूसरी गुफा बनाने में टाइम लग रहा है। उन्‍होंने बताया कि प्राकृतिक चट्टानों में बदलाव लाकर गुफा का निर्माण कराया जा रहा है। बता दें कि रुद्र मेडिटेशन गुफा के अंदर पहली बार 18 मई को पीएम मोदी ने ध्‍यान लगाया था। यह गुफा केदारनाथ मंदिर से एक किलोमीटर की ऊंचाई पर बायीं तरफ स्थित है। यह दूरी पैदल ही पूरी करनी पड़ती है। एक बार में गुफा में एक आदमी उन्‍होंने बताया कि जो लोग गुफा के अंदर रुकना चाहते हैं, उन्‍हें अपनी बुकिंग की तिथि से दो दिन पहले गुप्‍तकाशी पहुंचना होगा जो केदारनाथ मंदिर का बेस कैंप है। यहां उनका मेडिकल टेस्‍ट होगा। इसके बाद श्रद्धालुओं को या तो पैदल या हेलिकॉप्‍टर की मदद से मंदिर जाना होगा। वहां पर दूसरी बार उनका मेडिकल टेस्‍ट होगा। एक बार में गुफा में एक ही आदमी रह सकता है। राणा ने बताया कि गुफा में रह रहे व्‍यक्ति को अगर कोई दिक्‍कत आती है तो वह फोनकर मदद मांग सकता है। बुकिंग कैंसल करने पर कोई पैसा वापस नहीं होगा। गुफा के अंदर एक बेल लगी है जिसको दबाकर गुफा की देखरेख करने वाले व्‍यक्ति को बुलाया जा सकता है। गुफा के अंदर रहने वाले व्‍यक्ति को बिजली, पानी, चाय और खाना मुहैया कराती है। इसके अलावा बेड और आराम करने के लिए कमरा भी बना हुआ है।


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बिजली गिरने से महिला की मौत

उत्तरकाशी, 21 जून (भाषा) उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मोरी क्षेत्र में वन देवी के मंदिर में पूजा करने के लिए गयी एक महिला की बिजली गिरने से मौत हो गयी और चार अन्य ग्रामीण घायल हो गये । बृहस्पतिवार देर शाम हुई इस घटना में घायल हुए लोगों को मोरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया जहां उनका उपचार किया जा रहा है । रेक्चा गांव के प्रधान प्रहलाद सिंह रावत ने बताया कि फिताड़ी और रेक्चा गांव के ग्रामीण कल देर शाम लिवाड़ी गांव से 15 किलोमीटर दूर कातका के जंगल में वन देवी की पूजा करने गए थे कि तभी अचानक मौसम खराब हो गया और बारिश होने लगी। इसी दौरान आकाशीय बिजली गिरी जिसमें रेक्चा गांव की गीता देवी (35 वर्ष) की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी जबकि रेक्चा गांव के ही रायलाल, रणी देवी, ज्ञान सिंह व चंदन सिंह झुलस कर घायल हो गए। रावत ने बताया कि मौसम साफ होने पर ग्रामीण देर रात तक चारों घायलों को लेकर गांव आये जहां से उन्हें मोरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। तहसीलदार बीआर सरियाल ने बताया कि घायलों का उपचार किया जा रहा है ।


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नाबालिग ने तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म किया

देहरादून, 21 जून (भाषा) देहरादून के डालनवाला क्षेत्र में एक तीन वर्षीय बच्ची के साथ कथित तौर पर 11 वर्षीय पड़ोसी के दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है । पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, घटना के वक्त बच्ची के माता-पिता काम पर गये हुए थे जबकि वह अपने दो बड़े भाई बहनों के साथ घर में थी । आरोपी लड़का बच्ची को अपने घर ले गया जहां उसने उसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया । शहर पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने बताया कि बच्ची के माता पिता की तहरीर के आधार पर आरोपी लड़के के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है । उन्होंने बताया कि लड़के को किशोर गृह भेज दिया गया है ।


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उत्तराखंड में भी उत्साह से मना योग दिवस

देहरादून, 21 जून (भाषा) अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर उत्तराखंड में भी योग को लेकर जोश दिखायी दिया और चारधाम श्रद्धालुओं से लेकर सीमाओं पर चौकसी कर रहे सुरक्षा बलों ने भी उत्साह से योग किया । समुद्र तल से 12000 फुट की उंचाई पर स्थित केदारनाथ में शुक्रवार को एक योग शिविर में श्रद्धालुओं, पुजारियों, पुलिस और राज्य आपदा रिस्पांस फोर्स : कार्मिकों ने एक साथ योग किया । इसी प्रकार के शिविर बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे अन्य उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित धामों में भी आयोजित किये गये जहां आजकल बड़ी संख्या में श्रद्धालु चार धाम यात्रा पर आ रहे हैं । भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों ने भी चमोली समेत अन्य सीमावर्ती चौकियों पर योग शिविर लगाये और योग किया । उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने यहां राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में अपने स्टॉफ के सदस्यों के साथ योगाभ्यास किया । उन्होंने स्वस्थ और निरोगी रहने की इस प्राचीन पद्धति को विश्व के लिए भारत का अमूल्य उपहार बताया । इस मौके पर अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति के साथ-साथ अब वैश्विक समुदाय के मानस पटल एवं जीवन शैली का हिस्सा भी बन गया है। राज्यपाल ने कहा कि योग एक प्राचीन परंपरा और आध्यात्मिक अनुशासन है जिसमें तन, मन और प्रकृति के बीच एकात्म भाव स्थापित किया जाता है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर यहां पैवेलियन ग्राउंड में हजारों योग साधकों के साथ योगाभ्यास किया। मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘ नियमित योगाभ्यास हमें मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने में मददगार होता है और इसे हमें अपनी दिनचर्या में लाना जरूरी है।’’ योग को जन आन्दोलन बनाने के लिए आम आदमी की सहभागिता को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि योग की धारा देवभूमि उत्तराखण्ड से प्रवाहित हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सार्थक प्रयासों से योग को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलना भारत के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि योग की वजह से वैश्विक पटल पर भारत का विशिष्ट स्थान है । रावत ने यह भी कहा कि उत्तराखण्ड में 250 वैलनेस सेंटर बनाये जायेंगे ।


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गुरुवार, 20 जून 2019

देहरादून: 11 साल के लड़के पर 3 साल की बच्‍ची से रेप का आरोप

देहरादून एक हैरान करने वाली घटना में देहरादून के दालानवाला इलाके में मंगलवार को 11 साल के एक लड़के ने कथित तौर पर एक 3 साल की लड़की के साथ कर दिया। बुधवार रात को पुलिस में इस घटना की शिकायत दर्ज कराई गई, गुरुवार को इस सिलसिले में आईपीसी की धारा 376 और के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। शिकायतकर्ता के अनुसार आरोपी नाबालिग ने बच्‍ची को मिठाइयों का लालच देकर उसे अपने घर बुलाया और रेप किया। पीड़‍ित बच्‍ची की मां घरों में काम करती है, जबकि उसके पिता राजपुर रोड पर एक होटल में काम करते हैं। मंगलवार सुबह दोनों काम के लिए घर से निकल गए। वे अपने पीछे तीन बच्‍चे छोड़ गए। इनमें एक नौ साल का लड़का, एक सात साल और दूसरी तीन साल की लड़कियां शामिल हैं। इसके बाद इनके पड़ोस में रहने वाले आरोपी ने बच्‍ची को अपने घर बुला लिया और उसके साथ रेप किया। जब पीड़‍ित बच्‍ची की मां घर वापस आई तो बच्‍ची ने घटना के बारे में बताया। बच्‍ची की मां ने जब आरोपी लड़के से पूछा तो उसने मान लिया कि उसने रेप किया है। इसके बाद महिला बुधवार को दालानवाला पुलिस स्‍टेशन पहुंची और इसकी शिकायत लिखाई। एसपी सिटी श्‍वेता चौबे ने हमारे सहयोगी टाइम्‍स ऑफ इंडिया को बताया, 'बच्‍ची का मेडिकल टेस्‍ट गुरुवार को हुआ है उसका बयान शुक्रवार को दर्ज किया जाएगा।' उन्‍होंने यह भी बताया कि बाल कल्‍याण समिति को मामले की जानकारी दे दी गई है, आरोपी नाबालिग को किशोर गृह भेज दिया गया है। केस की जांच चल रही है।


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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये मार्ग प्रशस्त करे केंद्र:विहिप

हरिद्वार, 20 जून (भाषा) विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने बृहस्पतिवार को एक प्रस्ताव पारित करते हुए केंद्र से रामभक्तों की आशाओं के अनुरूप अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण में आने वाली समस्त बाधाओं को अतिशीघ्र दूर करने का आह्वान किया। कल से यहां शुरू हुई विहिप केंद्रीय मार्गदर्शक मण्डल की बैठक के दूसरे और अंतिम दिन आज अयोध्या में रामजन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण का मामला छाया रहा। देशभर से आध्यात्मिक नगरी हरिद्वार आये संतों का कहना था कि मंदिर को भव्यता देने का कार्य जल्द से जल्द प्रारंभ होना चाहिए। बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि, “देश का संत समाज सरकार से आह्वान करता है कि भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण में आने वाली समस्त बाधाओं को अतिशीघ्र दूर करे जिससे करोड़ों राम भक्तों की आशाओं के अनुरूप श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राममंदिर का निर्माण हो सके।’’ प्रस्ताव में कहा गया है कि 'श्रीराम जन्मभूमि न्यास’ ही मन्दिर का निर्माण करेगा। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि न्यायपालिका को भी अपनी जिम्मेदारी से मुँह नहीं मोड़ना चाहिए। उसमें कहा गया है कि यह विषय राष्ट्रीय महत्व का होने के बावजूद 2011 से उच्चतम न्यायालय में लंबित है। परमानंद जी महाराज की अध्यक्षता में हुई बैठक में आचार्य अविचल दास द्वारा रखे गये प्रस्ताव में कहा गया है यह मामला न केवल सालों से उच्चतम न्यायालय में लंबित है बल्कि उसकी प्राथमिकताओं में भी नहीं है। विहिप उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि 1950 में पहला मुकदमा दर्ज करने के 60 वर्ष पश्चात 2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ से एक निर्णय मिला था लेकिन हिन्दू समाज को पूर्ण न्याय नहीं मिल पाया। राम विरोधी ताकतों पर न्यायिक प्रक्रिया को बाधित करने का आरोप लगाते हुए प्रस्ताव में कहा गया है कि विश्वास की कमी का वातावरण किसी भी प्रकार से सही नहीं है। प्रस्ताव में कहा गया है कि संतों के मार्गदर्शन में 1984 से विहिप राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्षरत है और अब इस पुनीत राष्ट्रीय कार्य में किसी भी प्रकार का विलम्ब उचित नहीं है। मार्गदर्शक मण्डल ने इस प्रस्ताव के माध्यम से देश के सम्पूर्ण संत समाज ने भारत के मुख्य न्यायाधीश का भी आह्वान करते हुए कहा कि वे इस मामले में अति शीघ्र सुनवाई पूरी करें जिससे श्रीरामजन्मभूमि के इस मामले का जल्द निर्णय हो सके।


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उत्तराखंड: औली में हाई प्रोफाइल शादी में से एक हुई, दूसरी 22 को संपन्न होगी

() उत्तराखंड के चमोली जिले में प्रख्यात हिमक्रीड़ा केन्द्र औली में आज प्रख्यात गुप्ता बंधुओं में से एक अजय गुप्ता के बेटे के बेटे सूर्यकांत की 100 पंडितों ने संपन्न कराई। विवाह की रस्‍में करीब दो घंटे तक चली। इसके बाद दूल्‍हा-दुल्‍हन पास में ही स्थि‍त नरसिंह मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए गए। यहां वर-वधू ने भगवान का आशीर्वाद लिया। इसके बाद दोनों जोशीमठ तहसील पहुंचे, जहां उन्‍होंने सब रजिस्‍ट्रार कार्यालय में अपनी शादी का रजिस्‍ट्रेशन भी कराया। यह कहा जा रहा है कि शादी की अधिकांश रस्म औली में हो गई, जबकि सात फेरे की रस्म बद्रीनाथ धाम में संपन्न होगी। विवाह स्थल से मंडप तक करीब सौ मीटर की दूरी सूर्यकांत ने घोड़ी पर चढ़कर तय की। इससे पहले बुधवार को रिंग सेरेमनी का आयोजन किया गया। सूर्यकांत की शादी दिल्ली के मशहूर हीरा व्यापारी सुरेश सिंघल की बेटी कृतिका सिंघल से हुई है। औली में गुप्ता बंधुओं का परिवार क्लिप टॉप क्लब में ठहरा हुआ है, जबकि वधू पक्ष के लोगों को यहां से करीब दो सौ मीटर की दूरी पर स्थित जीएमवीएन की ईको हट्स में ठहराया गया है। शादी में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों की शादी के लिए गुप्ता बंधु दुनिया भर में कहीं भी जा सकते थे, लेकिन उन्होंने उत्तराखंड को चुना। यह बेहद खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि वह गुप्ता परिवार और उनके मेहमानों का उत्तराखंड में स्वागत करते हैं। इस शादी में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार को मशहूर अदाकारा कैटरीना कैफ भी पहुंची। वह सुबह 11:45 बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचीं और वहां से सहस्रधारा हेलीपैड पहुंचीं। जहां से वह औली के लिए रवाना हो गईं। स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज, आचार्य बालकृष्ण भी शादी में पहले ही मौजूद रहे। उर्वशी रौतेला, प्रसिद्ध पंजाबी रैपर बादशाह और गायक व इंडियन ऑइडल शो के विजेता अभिजीत सावंत, गायक कनिका कपूर, श्रद्धा कपूर, बॉम्बे रॉकर्स बैंड, गायक कैलाश खेर और नागिन फेम सुरभि ज्योति भी औली पहुंचीं हैं। गुप्ता बंधुओं के बेटों की शादी के लिए औली को दुल्हन की तरह सजाया गया है। शादी समारोह का स्वागत कक्ष और शादी मंडप को विशेष प्रकार की कलाकृतियों और फूलों से सजाया गया है। अब अतुल गुप्ता के बेटे शशांक का विवाह 22 जून को होगा।


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किसानों की आय बढ़ाने में प्राकृतिक कृषि हो सकती है कारगर:रावत

देहरादून, 20 जून (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने में प्राकृतिक कृषि कारगर साबित हो सकती है । यहां शून्य लागत (जीरो बजट) प्राकृतिक कृषि से संबधित एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘ भारत में आजीविका का मुख्य साधन कृषि है और हमारी लगभग 64 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर आधारित है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए कृषि कार्यों में लागत कम करने व उत्पादन में वृद्धि पर विशेष ध्यान देना होगा।’’ इस संबंध में प्राकृतिक कृषि से संबंधित ‘पालेकर कृषि मॉडल’ को उपयोगी बताते हुए रावत ने कहा कि विशेषकर उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में प्राकृतिक कृषि काफी कारगर साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती में पर्वतीय क्षेत्रों में आसानी से उपलब्ध जैव अवशेषों, कम्पोस्ट व प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग किया जा सकता है जिससे कृषकों पर व्यय भार भी ज्यादा नहीं पड़ेगा और उत्तम गुणवत्ता के उत्पादों में भी इजाफा होगा। खेती में रासायनिक उत्पादों का प्रयोग कम से कम करने के लिये राज्य में हुए प्रभावी प्रयासों का जिक्र करते हुए रावत ने कहा कि प्राकृतिक खेती पर कौशल विकास व कृषि विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पालेकर कृषि मॉडल हिमांचल प्रदेश में भी सफल हुआ है और उत्तराखण्ड में इस पर विस्तृत अध्ययन कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इसके लिए एक कमेटी बनाई जायेगी। कार्यक्रम में भाग लेने आये पद्मश्री सुभाष पालेकर ने कहा कि परम्परागत खेती व रासायनिक खेती के बजाय प्राकृतिक खेती पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती में लागत न के बराबर है जबकि यह मृदा की उर्वरा शक्ति को बनाये रखने व शुद्ध पौष्टिक आहार का भी एक उत्तम जरिया है। पालेकर ने उद्योग व रासायनिक कृषि को वैश्विक तापमान वृद्धि का प्रमुख कारक बताते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती को एक मिशन के रूप में लिया जाना चाहिए क्योंकि इसके लिए किसी प्रकार के अतिरिक्त बजट की आवश्यकता नहीं है और यह राज्य में उपलब्ध संसाधनों से आगे बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि हिमांचल में प्राकृतिक कृषि पर कार्य किया जा रहा है जिसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर देश की कृषि व्यवस्था सुदृढ़ होगी तो आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।


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