बुधवार, 1 जुलाई 2015

दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताएं! हंसते हुए ये ज़ख्म किसे दिखाएँ! कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब! मगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएं!

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