उल्फत का #अक्सर यही दस्तूर होता है!
जिसे चाहो वही #अपने से दूर होता है!
दिल टूटकर #बिखरता है इस कदर!
जैसे कोई कांच का #खिलौना चूर-चूर होता है
जिसे चाहो वही #अपने से दूर होता है!
दिल टूटकर #बिखरता है इस कदर!
जैसे कोई कांच का #खिलौना चूर-चूर होता है
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