बुधवार, 22 जुलाई 2015

मुस्करा के बोली

मैंने पूछा ‪#‎मुहब्बत‬ कितनी करती, हो तुम मुझसे...
"मुस्करा के बोली, पागल खुशबू के, ‪#‎पैमाने‬ नहीं होते..."

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें