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देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttrakhand Chunav) में करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस में सिर फुटव्वल मचा हुआ है। कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत रावत (Ranjeet Rawat) ने वरिष्ठ पार्टी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) पर पैसे लेकर टिकट बेचने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि टिकट नहीं मिलने पर लोग हरीश रावत को तलाश रहे हैं। इन गंभीर आरोपों पर मंगलवार को हरीश रावत का दर्द छलक उठा। उन्होंने ट्वीट कर कहा- 'मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस मुझे पार्टी से बाहर निकाल दे। होलिका दहन और हरीश रावत रूपी बुराई का भी इस होलिका में कांग्रेस को दहन कर देना चाहिए।' हरीश रावत ने कहा कि पद और पार्टी टिकट बेचने का आरोप अत्यधिक गंभीर है। यदि वह आरोप एक ऐसे व्यक्ति पर लगाया जा रहा हो, जो मुख्यमंत्री रहा है, जो पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष रहा है, जो पार्टी का महासचिव रहा है और कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य है और आरोप लगाने वाला व्यक्ति भी गंभीर पद पर विद्यमान व्यक्ति हो। उस व्यक्ति द्वारा लगाए गए आरोप को एक अत्यधिक महत्वपूर्ण पद पर विद्यमान व्यक्ति द्वारा और उसके समर्थकों द्वारा प्रचारित-प्रसारित करवाया जा रहा हो तो यह आरोप और भी गंभीर हो जाता है। यह आरोप मुझ पर लगाया गया है। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस पार्टी मेरे पर लगे इस आरोप के आलोक में मुझे पार्टी से निष्कासित करे।' 'नए नेताओं को ऐसा अफीम चटा देते हैं हरीश रावत कि....' गौरतलब है कि रंजीत रावत ने हरीश रावत पर हमला बोलते हुए कहा था कि नए नेताओं को हरीश रावत ऐसे अफीम चटा देते हैं कि वे मोहपाश से बाहर ही नहीं निकल पाते। उन्हें खुद हरीश रावत के चंगुल से निकलने में 36 साल लग गए। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के पैसे हरीश रावत के मैनेजर ने लौटा दिए हैं लेकिन अभी बहुतों के बाकी है। हरीश रावत कांग्रेस की हार के सबसे बड़े जिम्मेदार हैं।
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