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इस गलियारे से जंगली हाथियों और देशांतरण करने वाले अन्य जीवों का राजाजी टाइगर रिजर्व के पूर्वी व पश्चिमी भाग सहित तराई के जंगलों से होते हुए कॉर्बेट तथा शारदा नदी पार कर नेपाल तक निर्बाध आवागमन होता रहता है।
उत्तराखंड वन विभाग के प्रमुख और प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) विनोद कुमार ने बताया कि अनधिकृत तौर पर बनाये गए कच्चे मार्ग पर खाई खोदकर इसे बंद करा दिया गया है।
स्थानीय वन्यजीव प्रेमी और नैनीताल जिले के पूर्व अवैतनिक वन्यजीव प्रतिपालक दिनेश पांडेय ने इस संबंध में कहा कि रिजर्व की मोतीचूर रेंज के कोर व चीला-मोतीचूर हाथी गलियारे में वाहनों की आवाजाही नियमतः गलत है। उन्होंने बताया कि वन्य जीवन में अनुवांशिक विविधता बनाये रखने के लिए यह हाथी गलियारा अत्यधिक महत्वपूर्ण है और इसका महत्व देहरादून स्थित भारतीय वन्य जीव संस्थान के अनेक शोधों में सिद्ध हुआ है।
मोतीचूर रेलवे फाटक के ऊपर अंडर पास वाला फ्लाई ओवर बन जाने के बाद रेलवे ने उक्त फाटक को कुछ हफ्ते पहले बन्द कर दिया, जिसके बाद रायवाला के खांड गांव के लोगों ने संक्षिप्त रास्ते के रूप में चीला- मोतीचूर हाथी गलियारे के जंगल से गुजरना शुरू कर दिया।
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी स्थिति में किसी भी समय लोगों का जंगली हाथियों से आमना- सामना हो सकता है जो किसी अप्रिय घटना को दावत दे सकता है।
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