हालांकि इस संबंध में पीडित छात्रों द्वारा कोई शिकायत नहीं की गयी है, जबकि कॉलेज प्रबंधन भी ऐसी किसी घटना से इंकार कर रहा है। पुलिस को भी इस बारे में कोई औपचारिक शिकायत नहीं की गयी है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य अरूण जोशी ने ऐसी किसी घटना से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है।
कॉलेज के जनसंपर्क अधिकारी आलोक उप्रेती ने भी कहा कि पड़ताल में ऐसी किसी घटना की जानकारी सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि कई छात्रों से बात की गयी है और उन्होंने अपने साथ रैगिंग होने से इंकार किया है।
प्रसारित वीडियो में कतारबद्ध होकर चलते दिखाई दे रहे 27 छात्र एमबीबीएस प्रथम वर्ष के बताए जा रहे हैं। लैब कोट पहने और चेहरे पर मास्क लगाए सभी छात्र अपने चेहरे नीचे की ओर किए हैं। वीडियो में उन्हें ‘डॉक्टर साहब नमस्कार’ कहते भी सुना जा सकता है।
पूर्व में भी हल्द्वानी का यह मेडिकल कॉलेज इसी प्रकार की शिकायतों के लिए खबरों में रहा है जब कनिष्ठ छात्रों ने वरिष्ठ छात्रों पर आरोप लगाए थे। कनिष्ठ छात्रों ने पीटे जाने, एक-दूसरे के सिर पर बोतलें फोड़ने के लिए मजबूर करने और सिगरेट से चेहरा दागने के आरोप लगाए थे।
कुछ माह पहले दिसंबर में भी छात्रों ने ऐसी ही एक शिकायत की थी जिसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने कार्रवाई करते हुए आरोपी छात्र को छात्रावास से बाहर निकाल दिया था।
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