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रिकॉर्ड में जगह पाने वाला यह केक इटली के प्रसिद्ध स्मारक ग्रांड मिलान कैथेड्रल की प्रतिकृति है।
अपनी उम्र के तीसरे दशक में चल रही प्राची ने देहरादून के डालनवाला स्थित कारमन स्कूल से कक्षा 10 तक पढ़ाई की है और उसके बाद एक आईटी पेशेवर से शादी करने के बाद फिलहाल वह पुणे में रहती हैं। प्राची के पिता देहरादून के हैं लेकिन अब उनके साथ पुणे में रह रहे हैं।
उत्कृष्ट केक कलाकार प्राची का सबसे मजबूत पक्ष रॉयल आइसिंग की जटिल कला पर उनकी महारत है, जिसे उन्होंने विश्व प्रसिद्ध केक कलाकार सर एडी स्पेंस एमबीई के संरक्षण में ब्रिटेन में सीखा था।
प्राची की नवीनतम उपलब्धि भव्य मिलान कैथेड्रल की 100 किलो की शाकाहारी खाद्य लघु प्रतिकृति है जिसकी लंबाई छह फीट चार इंच, ऊंचाई चार फीट छह इंच और चौड़ाई तीन फीट 10 इंच है।
आमतौर पर वेगन रॉयल आइसिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली पारंपरिक विधि में अंडे प्रयुक्त होते हैं लेकिन भारतीय बाजार के मद्देनजर प्राची ने शुगरिन नामक एक भारतीय कंपनी के सहयोग से इसका एक अंडा-मुक्त और शाकाहारी उत्पाद विकसित किया।
अपनी अनूठी उपलब्धि के बारे में प्राची ने कहा, ''इसकी योजना और तैयारी में बहुत समय लगा क्योंकि कैथेड्रल को प्रदर्शित करने के लिए लगभग 1,500 टुकड़ों की आवश्यकता थी। मैंने अकेले ही हर टुकड़े को तैयार किया और बाद में उन्हें आपस में जोड़ा, जिसमें करीब एक माह का समय लगा।''
उन्होंने कहा कि वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन से उनके काम को प्रमाणिकरण मिलना वास्तव में एक सपने के सच होने जैसा है।
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