देहरादून, 16 मार्च (भाषा) भूकंपीय आंकडे की लगातार निगरानी करने वाली एक मजबूत प्रणाली की मौजूदगी पिछले साल चमोली जिले में हिमखंड टूटने से आई आपदा में मरने वाले सैकड़ों लोगों की जान बचा सकती थी। नंदा देवी हिमनद का एक टुकडा टूटने से अलकनंदा और उसकी सहायक नदियों जैसे ऋषिगंगा तथा धौलीगंगा में सात फरवरी को अचानक आई बाढ से व्यापक तबाही हुई थी। इसमें एनटीपीसी की तपोवन स्थित तपोवन-विष्णुगाड पनबिजली परियोजना जहां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई थी वहीं रैंणी स्थित ऋषिगंगा पनबिजली परियोजना पूरी तरह बह गयी थी। हादसे में सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी। हाल में अपने
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