बुधवार, 12 सितंबर 2018

आइएएस अफसरों का निलंबन भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़ा कदम : भाजपा

देहरादून, 12 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड भाजपा ने आज कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग-74 के कथित तौर पर 300 करोड़ रूपये से ज्यादा के भूमि मुआवजा घोटाले में दो आइएएस अफसरों का निलंबन राज्य सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया गया अब तक का सबसे बड़ा कदम है । पंकज कुमार पांडे और चंद्रेश यादव को वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की प्रथमदृष्टया पुष्टि पर कल निलंबित किये जाने के एक दिन बाद आज उत्तराखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘'हमारी पार्टी को जबरदस्त जनादेश मिला क्योंकि जनता को विश्वास था कि हम भ्रष्टाचार पर कड़ी चोट करेंगे और हमने ऐसा कर दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘घोटाले के संबंध में उनके (आइएएस अफसरों के) निलंबन से यह सकारात्मक संदेश गया है कि भाजपा सरकारें भ्रष्टाचार पर समझौता नहीं करतीं और भ्रष्टाचार का दोषी पाया जाने वाला व्यक्ति चाहे कितना भी ताकतवर और बड़ा हो, उसे बख्शा नहीं जायेगा।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा के भ्रष्टाचार के खिलाफ जबरदस्त युद्ध छेड़े जाने का दावा करते हुए भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पार्टी की राज्य इकाई इस जंग में साझीदार हैं । उन्होंने कहा कि उधमसिंह नगर जिले में सामने आये इस घोटाले की जांच में लगा विशेष जांच दल (एसआईटी) अपना काम निष्पक्ष तरीके से कर रहा है और आने वाले दिनों में घोटाले के कई और पहलुओं के सामने आने की संभावना है। वर्ष 2014 से 2016 की अवधि में उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी रहे यादव और पांडे को एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर कल निलंबित किया गया था। आरोप है कि दोनों अधिकारियों ने उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी पद पर रहते हुए उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग-74 के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित की गयी भूमि का मुआवजा बांटे जाने में कथित तौर पर वित्तीय अनियमिततायें कीं। पांडे ने कथित तौर पर भूमि संबंधी आर्बिट्रेशन वादों में केंद्र, राज्य सरकार की वित्तीय प्रक्रियाओं, शासनादेशों तथा दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर सरकारी भूमि को निजी स्वामित्व की भूमि दर्शाए जाने एवं अवैध कब्जेदारों के विरूद्ध विधिक कार्रवाई न करके उन्हें लाभार्थी मानते हुए करोड़ों रूपये का मुआवजा देने के आदेश पारित किये । यादव के खिलाफ भी कृषि भूमि को अकृषक किये जाने तथा भूमि का नियम विरूद्ध मुआवजा निर्धारित कर करोडों का प्रतिकर भुगतान करने के आदेश पारित करने के आरोप हैं। भाषा दीप्ति प्रशांतप्रशांत

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