सोनी देवी ने बताया कि पहले सिर्फ एक ग्रहणी थी, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं रहने से परिवार चलाना मुश्किल हो रहा था. इसके बाद जीविका से जुड़कर 10-10 रुपए की बचत कर 8 साल पहले यूको आरसेटी से प्रशिक्षण लेने के बाद मोमबत्ती बनाने का काम शुरू किया.
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