देहरादून, 21 अक्टूबर :भाषा: उत्तराखंड राज्य के निर्माण के शुरूआती वर्षों में तत्कालीन ग्राम्य विकास आयुक्त रघुनंदन सहाय टोलिया ने भांग की औद्योगिक खेती की परिकल्पना की थी, जिसके लिये उन्होंने एक शासनादेश जारी करते हुए पॉयलट परियोजना के तौर पर गढ़वाल और कुमांऊ के दूरस्थ क्षेत्रों को भांग उत्पादन के लिये मुफीद बताया था । टोलिया की यह मुहिम हालांकि उस वक्त कारगर नहीं हुई और उनके मुख्य सचिव पद पर आसीन होने के बाद भी इसे खास तवज्जो नहीं मिल पायी । लेकिन बाद में कांग्रेस
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