गुरुवार, 25 जून 2015

सब सितम मगर..

मुझे मंजूर थे वक़्त के सब सितम
मगर..
तुमसे मिलकर बिछड़ जाना ये सजा कुछ
ज्यादा नही हो गयी.

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