जमशेदपुर में 45 वर्षीय शीतल माडिया की कहानी उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो उम्र को अपने सपनों के आड़े आने का बहाना बनाते हैं. अक्सर 18 से 25 साल के युवा अपने भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं, लेकिन शीतल ने यह साबित कर दिया है कि जब आप ठान लेते हैं, तो उम्र महज एक संख्या बनकर रह जाती है.
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