अगलाड़ नदी में लगने वाला अनोखा मौण मेले की परंपरा टिहरी रियासत काल से चली आ रही है। मौण एक प्रकार का पाउडर होता है, जो पहाड़ी क्षेत्रों मे उगने वाले टिमरू के पौधों के पत्तियों और उसकी टहनियों को पीस कर बनाया जाता है। इस वर्ष मौण डालने की बारी सिलगांव पट्टी के ग्रामीणों की थी।
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