रविवार, 11 अक्टूबर 2015

ज्यादा बोलना व्यर्थ है

ज्यादा बोलना व्यर्थ है
यही प्यार का अर्थ है
हम तुम्हे ताउम्र न भूलेंगे
यही हमारी शर्त है

बुधवार, 30 सितंबर 2015

आज दिनांक :- 1 अक्टूबर 2015

शुभप्रभातम् जी

ऊँ श्री गुरवे नम:

आज दिनांक :-

1 अक्टूबर 2015
दिन – गुरूवार

विक्रम संवत 2072
शक संवत 1937

अयन - दक्षिणायन

मास - अश्विनी
पक्ष - कृष्णपक्ष

तिथि- चतुर्थी
नक्षत्र – भरणी

सूर्योदय-06:25
सूर्यास्त-18:09

विशेष- गणेश चतुर्थी व्रत

चतुर्थी का श्राध आज है ।

****

आज का विचार:-


परोपकार संतो का सहज स्वभाव है | वे उस वृक्ष के समान है 

जिसकी पत्तियों, फल, फूल, छाल, तना और मूल ये सभी उपकार करते है

आपका दिन शुभ हो

गुरुवार, 24 सितंबर 2015

आज का विचार



आज का विचार

1. Bravery is being the only one who knows you're afraid....

2. History has taught us over and over again that freedom is not free...

खड़े होकर बोलने के लिए साहस चाहिए होता है , 

बैठ कर सुनने के लिए भी साहस चाहिए होता है .

ईद मुबारक

ईद मुबारक
EIDMubarak to All of You
A Wonderful One..!!
To Help Make Your Eid
Friendship And Fun
Light Hearted Moments Of
Bright, Happy Things
Warm,Happy Hours And
That This Eid Day Brings

शनिवार, 19 सितंबर 2015

".....Kyu Tera Khawab Dekha….."

Few Lines For The One, who Doesn't Exist In My Life..!!
Title : "…Tera Khawab…"
Raat Main Phir Se, Ek Tera Khawab Dekha,,
Khawab Me Tujhko, Maine Behisaab Dekha..!!

Dekha Tujhko, Muskuraate Hue Maine,,
Seene Pe Apne Rakha Hua, Ek Gulaab Dekha..!!
Khusboo Me Khoya Yu, Iss Qadar Teri Saanso Ki,,
Hontho Pe Mohhabat Ka, Maine Sabaab Dekha..!!
Tu Aaj Bhi Kayam Hai, Mere Dil Ki Saltanat Me,,
Uss Saltanat Ka Khud Ko, Maine Nawab Dekha..!!
Mai Umar Bhar Bhi Kar Leta, Intzaar Tera Lekin,,
Inkaar Ka Aankho Se, Teri Jawab Dekha..!!
Ab Toot Bhot Chuki Thi, Mere Andar Ki Harr Ek Masjid,,
Bagawat Me Fir Bhi Maine, Aaj Inqlaab dekha..!!
Kaash Ke Yun Bhi Hota, Karti Tu Bhi Mujhse Mohhabat,,
Chehre Pe Fareb Ka Maine, Kyu Tere Naqaab Dekha..!!
Pyasa Aaya Tere Darr Pe, Jabb Mai Harr Gali Bhatak Karr,,
Haatho Se Peeta Tere, Maine Khud Ko Tezaab Dekha..!!
Sookh Chuki Thi Jo Ye Aankhe, Tere Saath Rehte Rehte,,
Tere Jaane Pe Aansuo Ka, Unme Sailaab Dekha..!!
Tooti Jab Neend Meri, Sapna Sa Jabb Ye Toota,,
Apne Aas Paas Maine, Maayusi Ka Risaab Dekha..!!
Poocha Maine Khud Se, Bhaut Majboor Hokar Tabb Ye,,
Naa Jaane Raat Maine, Phir Kyu Tera Khawab Dekha..!!
".....Kyu Tera Khawab Dekha….."

रविवार, 13 सितंबर 2015

मोहब्बत उसे कहते हैं..

रात के अंधेरे में तो हर कोई किसी को याद कर लेता
है
सुबह उठते ही जिसकी याद आए

मोहब्बत उसे कहते हैं..

" ज़माना बड़ा ख़राब है।"

कोई नही देगा साथ तेरा 
यहॉं हर कोई यहॉं खुद ही में मशगुल है 
 जिंदगी का बस एक ही ऊसुल है 
यहॉं, तुझे गिरना भी खुद है 
और सम्हलना भी खुद है.. 
तू छोड़ दे कोशिशें..
इन्सानों को पहचानने की...!
यहाँ जरुरतों के हिसाब से .. 
सब बदलते नकाब हैं...! 
अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डालकर. 
हर शख़्स कहता है- 
" ज़माना बड़ा ख़राब है।"

सुप्रभात मित्रो

सुप्रभात मित्रो
ॐ श्री गणेशाय नमः
ॐ श्री कार्तिकेय नमः
हिन्दू धर्मानुसार भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय को युद्ध का देवता माना जाता है। दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय को मुरुगन या अयप्पा नाम से भी जाना जाता है। भगवान कार्तिकेय शक्ति और ऊर्जा के प्रतीक माने जाते हैं।
कार्तिकेय गायत्री मंत्र
ओम तत्पुरुषाय विधमहे:
महा सैन्या धीमहि
तन्नो स्कन्दा प्रचोद्यात:

आज का दिनांक 14 सितंबर 2015

आज का दिनांक 14 सितंबर 2015
दिन – सोमवार
विक्रम संवत 2072
शक संवत 1937
अयन - दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा
मास - भाद्रपद
पक्ष - शुक्लपक्ष
तिथि - प्रथम
नक्षत्र – उत्तर फाल्गुनी
योग - शुभ
दिशाशूल - पूर्व दिशा में
****
चापलूसी का जहरीला प्याला आपको तब तक नुकसान नहीं पहुँचा सकता 

जब तक कि आपके कान उसे अमृत समझ कर पी न जाएँ।

शनिवार, 12 सितंबर 2015

दिल पे क्या गुज़री

दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने;
प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने;
हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का;

कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने…

साथ माँगा है;

दो कदम चलने के लिए साथ माँगा है;
बस पल दो पल के लिए प्यार माँगा है;
हम समझते हैं उसकी मज़बूरियों को;
इसलिए उसे उसकी मज़बूरियों के साथ माँगा है।

आज का दिनांक 13 सितंबर 2015

आज का दिनांक 13 सितंबर 2015
दिन – रविवार
विक्रम संवत 2072
शक संवत 1937
अयन - दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा
मास - भाद्रपद
पक्ष - कृष्णपक्ष
तिथि - अमावस्या
नक्षत्र – पूर्वा फाल्गुनी
योग - साध्य
दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
****
मानव देह ही वह एक मात्र रथ हैं

 जिस पर सवार होकर आत्मा परमात्मा तक पहुँच सकती हैं।

सोमवार, 31 अगस्त 2015

आज का दिनांक 01 सितंबर 2015

आज का दिनांक 01 सितंबर 2015
दिन – मंगलवार
विक्रम संवत 2072
शक संवत 1937
अयन - दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा
मास – भाद्रपद
पक्ष - कृष्णपक्ष
तिथि - तृतीया
नक्षत्र – उत्तरा भाद्रपद
योग - गंड
दिशाशूल - उत्तर दिशा में
****
सत्य वह दौलत है जिसे पहले खर्च करो और जिंदगी भर आनंद पाओ, 

झूठ वह कर्ज है जिससे क्षणिक सुःख पाओ पर जिंदगी भर चुकाते रहो।

शनिवार, 29 अगस्त 2015

एक सामान्य ज्ञान का सवाल..

दोपहर की चाय के साथ एक सामान्य ज्ञान का सवाल..
विश्व के कितने देशों को अहिंसा से आज़ादी मिली.. ?

वैदिक रक्षा सूत्र बनाने की विधि :

रक्षा बंधन के पर्व की वैदिक विधि
-वैदिक रक्षा सूत्र बनाने की विधि :
इसके लिए ५ वस्तुओं की आवश्यकता होती है -

(१) दूर्वा (घास)
(२) अक्षत (चावल)
(३) केसर
(४) चन्दन
(५) सरसों के दाने ।
इन ५ वस्तुओं को रेशम के कपड़े में लेकर उसे बांध दें या सिलाई कर दें, फिर उसे कलावा में पिरो दें, इस प्रकार वैदिक राखी तैयार हो जाएगी ।
इन पांच वस्तुओं का महत्त्व -
(१) दूर्वा - जिस प्रकार दूर्वा का एक अंकुर बो देने पर तेज़ी से फैलता है और हज़ारों की संख्या में उग जाता है, उसी प्रकार मेरे भाई का वंश और उसमे सदगुणों का विकास तेज़ी से हो । सदाचार, मन की पवित्रता तीव्रता से बदता जाए । दूर्वा गणेश जी को प्रिय है अर्थात हम जिसे राखी बाँध रहे हैं, उनके जीवन में विघ्नों का नाश हो जाए ।
(२) अक्षत - हमारी गुरुदेव केप्रति श्रद्धा कभी क्षत-विक्षत ना हो सदा अक्षत रहे ।
(३) केसर - केसर की प्रकृति तेज़ होती है अर्थात हम जिसे राखी बाँध रहे हैं, वह तेजस्वी हो । उनके जीवन में आध्यात्मिकता का तेज, भक्ति का तेज कभी कम ना हो ।
(४) चन्दन - चन्दन की प्रकृति तेज होती है और यह सुगंध देता है । उसी प्रकार उनके जीवन में शीतलता बनी रहे, कभी मानसिक तनाव ना हो । साथ ही उनके जीवन में परोपकार, सदाचार और संयम की सुगंध फैलती रहे ।
(५) सरसों के दाने - सरसों की प्रकृति तीक्ष्ण होती है अर्थात इससे यह संकेत मिलता है कि समाज के दुर्गुणों को, कंटकों को समाप्त करने में हम तीक्ष्ण बनें ।
इस प्रकार इन पांच वस्तुओं से बनी हुई एक राखी को सर्वप्रथम भगवान -चित्र पर अर्पित करें । फिर बहनें अपने भाई को, माता अपने बच्चों को, दादी अपने पोते को शुभ संकल्प करके बांधे ।
इस प्रकार इन पांच वस्तुओं से बनी हुई वैदिक राखी को शास्त्रोक्त नियमानुसार बांधते हैं हम पुत्र-पौत्र एवं बंधुजनों सहित वर्ष भर सूखी रहते हैं ।
राखी बाँधते समय बहन यह मंत्र बोले –
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल: |
तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चल ||
शिष्य गुरुको रक्षासूत्र बाँधते समय –
‘अभिबन्धामि ‘ के स्थान पर ‘रक्षबन्धामि’ कहे |
और चाकलेट ना खिलाकर भारतीय मिठाई या गुड से मुहं मीठा कराएँ।
अपना देश अपनी सभ्यता अपनी संस्कृति अपनी भाषा अपना गौरव
वन्दे मातरम्

समस्त मित्रगणों को बहुत- बहुत शुभकामनाये ।

आज का दिनाँक 29 अगस्त 2015
दिन - शनिवार
विक्रम संवत 2072
शक संवत 1937
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - वर्षा
मास - श्रावण
पक्ष - शुक्लपक्ष
तिथि - पूर्णिमा
नक्षत्र - धनिष्ठा
योग - अतिगंड
दिशाशूल - पूर्व दिशा में
****
गुरू की कृपा के बिना भक्ति रूपी अमृत रस को प्राप्त कर पाना पूर्णतया असम्भव है।


रक्षाबन्धन
 की इस
 पावन बेला पर आपको,  
आपके परिवारजनों
 को एवम् समस्त मित्रगणों को बहुत- बहुत शुभकामनाये ।

मंगलवार, 18 अगस्त 2015

।।सुप्रभात।।
जय श्री राधेय कृष्ण जी :)

आज का दिनाँक 19 अगस्त 2015

आज का दिनाँक 19 अगस्त 2015
दिन - बुधवार
विक्रम संवत 2072
शक संवत 1937
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - वर्षा
मास - श्रावण
पक्ष - शुक्लपक्ष
तिथि - पंचमी
नक्षत्र - हस्त
योग - साध्य
दिशाशूल - उत्तर दिशा में
****
जिनके घर संतजनों का मेहमान की तरह आदर सत्कार नहीं होता। 

ऐसे घरों में पापरूपी यम का ड़ेरा होता है और जीवित रहते हुए भी वह घर श्मशान घाट के समान हैं।

सोमवार, 10 अगस्त 2015

शनिवार, 8 अगस्त 2015

सुप्रभात मित्रों शुभ दिन रविवार।

सुप्रभात मित्रों शुभ दिन रविवार। 
ॐ घृणी सूर्याय नमः आइए जानते हैं 
भगवान सूर्य के 21 नाम -

1.

विकर्तन यानी विपत्तियों को नष्ट करने वाले
2.
विवस्वान यानी प्रकाश रूप
3.
मार्तंड
4.
भास्कर
5.
रवि
6.
लोकप्रकाशक
7.
श्रीमान
8.
लोक चक्षु
9.
गृहेश्वर
10.
लोक साक्षी
11.
त्रिलोकेश
12.
कर्ता
13.
हर्ता
14.
तमिस्त्रहा यानी अंधकार को नष्ट करने वाले
15.
तपन
16.
तापन
17.
शुचि यानी पवित्रतम
18.
सप्ताश्ववाहन
19.
गभस्तिहस्त यानी किरणें जिनके हाथ स्वरूप हैं
20.
ब्रह्मा
21.
सर्वदेवनमस्कृत।
भगवान सूर्य के नाम मनुष्य को यश, वैभव और संपन्नता दिलाते हैं।

आज का दिनाँक 09 अगस्त 2015

आज का दिनाँक 09 अगस्त 2015
दिन - रविवार
विक्रम संवत 2072
शक संवत 1937
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - वर्षा
मास - श्रावण
पक्ष - कृष्णपक्ष
तिथि - दशमी
नक्षत्र - रोहिणी
योग - ध्रुव
दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
****
जहाँ क्षमा है वहाँ धर्म का वास होता है तथा जहाँ दया है 

उस स्थान पर स्वयं परमात्मा का निवास होता है।

शुक्रवार, 7 अगस्त 2015

सुप्रभात मित्रों

सुप्रभात मित्रों
शुभ दिन शनिवार।
आप सभी का दिन मंगलमय हो ।
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा
नमोऽस्तु‍ते सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु।

"मंगल-मूरति मारूत-नंदन।

"मंगल-मूरति मारूत-नंदन।
सकल-अमंगल-मूल-निकंदन॥
पवनतनय संतन-हितकारी।
ह्रदय बिराजत अवध-बिहारी॥
मातु-पिता,गुरू,गनपति,सारद।
सिवा-समेत संभु,सुक,नारद॥
चरन बंदि बिनवौं सब काहू।
देहु रामपद-नेह-निबाहू॥
बंदौं राम-लखन-बैदेही।
जे तुलसीके परम सनेही॥
ॐ हं हनुमतये नमः॥

आज का दिनाँक 08 अगस्त 2015

आज का दिनाँक 08 अगस्त 2015
दिन - शनिवार
विक्रम संवत 2072
शक संवत 1937
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - वर्षा
मास - श्रावण
पक्ष - कृष्णपक्ष
तिथि - नवमी
नक्षत्र - कृत्तिका
योग - वृद्धि
दिशाशूल - पूर्व दिशा में
****
दया का लक्षण भक्ति है और श्रध्दा पूर्वक भक्ति करने से 

परमात्मा का ध्यान होता है। 
जो ध्यान करता है उसी को ज्ञान मिलता है।

आदरणीय बंधुओ नमस्कार ।

आदरणीय बंधुओ
नमस्कार ।


इस बार फिर प्रेम का धागा चाइनीज न बन जाए। यह रक्षाबंधन जो कभी राष्ट्र को एक करने में महत्ती भूमिका निभाते आया है ,चाइना के चक्कर में राष्ट्र घात क न बन जाये।

संकल्प दिलाना होगा प्यारी बहना को कि तूँ बांध दे एक कच्चा धागा मेरी कलाई पर, 

परन्तु.. यह चमचमाता चाइनीज धागा मेरी भारत माँ का गलफांस न बन जाये।

स्वदेशी रक्षाबंधन को स्वदेशी ही रहने ने,चाइना ने इस बार रक्षा बंधन पर भारत में बीस हजार करोड़ रुपये का सामान उतारा है। हमारा असली रक्षाबंधन मनाने का एक अवसर हमारे सामने आया है।
संकल्प करे कि चाइना की राखी न तो बांधेंगे और न ही बांधने देंगे।

कृपया यह सन्देश अपनी प्यारी बहना को जरुर भेजे।

राखी से पहले हर मोबइल में यह Massage होना चाहिए ।
तब ही 15 अगस्त मनाने की सार्थकता हैं । 

स्वदेशी नहीं तो कैसा देशप्रेम और देशप्रेम नहीं तो कैसा स्वतंत्रता दिवस ।।

शुक्रवार, 31 जुलाई 2015

प्राण"(आत्मा की छाया) की उत्पत्ति

"प्राण"(आत्मा की छाया) की उत्पत्ति !!!

भगवान् श्री कृष्ण कहते हैं,


अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च ।
नित्यः सर्वगतः स्थाणुरचलोऽयं सनातनः ॥
यह आत्मा न कटनेवाला, न जलनेवाला, न गलनेवाला और न सूखनेवाला है। 

आपस में एक दूसरे का नाश कर देने वाले पंचभूत इस आत्मा का नाश करने के लिए समर्थ नहीं है। 
इसलिए यह नित्य है। नित्य होने से सर्वगत है। सर्वव्यापी होने से स्थाणु (ठूँठ) की भाँति स्थिर है। 
स्थिर होने से यह आत्मा अचल है और इसीलिए सनातन है। 
अर्थात किसी कारण से नया उत्पन्न नहीं हुआ है। पुराना है।

ये महीना आपके जीवन मेँ मंगलमय साबित हो

ऊँनमः शिवाय नाशिक तंमबकशवेर नमः 
बृहमा विशणु मेहस गोदावरी कुंभ नमः कुंड कुुसावेर नमः
सभी प्रिय मित्रोँ को श्रावण महीना प्रारंभ होने की 
बहुत बहुत हार्दिक बधाई ये महीना आपके जीवन मेँ मंगलमय साबित हो

आज का दिनाँक 01 अगस्त 2015

आज का दिनाँक 01 अगस्त 2015
दिन - शनिवार
विक्रम संवत 2072
शक संवत 1937
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - वर्षा
मास - श्रावण
पक्ष - कृष्णपक्ष
तिथि - एकम
नक्षत्र - श्रवण
योग - आयुष्मान
दिशाशूल - पूर्व दिशा में
****
मनुष्य का सर्वोच्च ध्येय प्रभु का निःस्वार्थ प्रेम होना चाहिये। 

उसमे तनिक भी संदेह नही होना चाहिये।

गुरुवार, 30 जुलाई 2015

आज 31जुलाई,को गुरु पूर्णिमा पर्व है...
समस्त स्नेही मित्रो को गुरु_पूर्णिमा‬ पर्व की हार्दिक शुभकामनायें |
'गुरूर्ब्रह्मा गुरूर्विष्णु र्गुरूदेवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥'
गुरु को अपनी महत्ता के कारण ईश्वर से भी ऊँचा पद दिया गया है।
शास्त्र वाक्य में ही गुरु को ही ईश्वर के विभिन्न रूपों-
ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश्वर के रूप में स्वीकार किया गया है। .
गुरू गोविंद दोउ खडे, काके लागूं पाँय।
बलिहारी गुरू आपने, गोविंद दियो मिलाय॥
सभी को सुप्रभात और
गुरू पूर्णिमा पर शुभकामनाएं
साहस शील ह्रदय मेँ भर दे, जीवन त्याग तपोमय कर दे,
संयम,सत्य,स्नेह का वर दे, स्वाभिमान भर दे ।
अम्ब विमल मति दे ॥
हे हंस वाहिनी,ज्ञानदायिनी ।
अम्ब विमल मति दे ।

आप सबको गुरुपूर्णिमा की शुभकामनाये

#‎गुरुपूर्णिमा_की_शुभकामनाये‬ 
*********************
आज "गुरुपूर्णिमा" है ..और हम सब के कोई न कोई गुरु अवश्य होते है
जीवन में ..चाहे वो ईश्वर के रूप में हो ,
या स्कूल केअध्यापक के रूप में हो या
फिर हमारे माता -पिता ही क्यों न हो ...
कभी कभी आश्चर्यजनक रूप से ,
हमारे मित्र, हमारे भाई - बहन , हमारे बच्चे ,
हमारे प्रेमी -- प्रेमिकाये भी गुरु के रूप में
हमें कोई न कोई जीवन का मन्त्र दे जाते है ..
तो आईये , हम इस पावन दिन को अपने अपने तरीके से
अपने गुरु श्री को एक छोटा सा धन्यवाद बोल कर मनाये ,
आपके जीवन को सुखी बनाये ,

आप सबको गुरुपूर्णिमा की शुभकामनाये !!!