सोमवार, 12 फ़रवरी 2024

इंजीनियर और MBA स्टूडेंट्स ने शुरू किया अनोखा स्टार्टअप, घर बैठी महिलाएं को...

महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण को लेकर आज के युवाओं में जागरूकता देखने को मिल रही है. ऐसी ही एक संस्था है (मायसा) जिसका राजस्थानी भाषा में अर्थ मातृशक्ति जुड़ा है. मायसा संस्था जो गांवों की महिलाओं को सशक्त बना रही है. मायसा संस्थान की शुरुआत कोविड के समय हुई थी. तब से अभी तक मायसा हजारों महिलाओं को निर्भर बना चुकी हैं और लगातार काम कर रही है. जितेन्द्र प्रताप सिंह और पिंकी जैन के द्वारा पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए मायसा की शुरुआत 21 दिसम्बर 2020 को की गई थी. (अंकित राजपूत/जयपुर)

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