Success Story: बात उन दिनों की है, जब किसी को शुभकामना देने के लिए पोस्टकॉर्ड के अलावा कोई दूसरा साधन नहीं हुआ करता था. ऐसे में एक सामान्य ग्रेजुएट पास लड़के के दिमाग में एक ऐसा आइडिया आया कि, वह जवां दिलों पर छा गया. जी हां, जिन जमाने में मोबाइल फोन नहीं हुआ करते थे, वह ग्रिटिंग्स कॉर्ड के जरिये ही अपनी भावनाएं व शुभकामनाएं एक दूसरे को पहुंचाया करते थे. उसमें भी सबसे पॉपुलर था ऑर्चीज का ग्रिटिंग्स कॉर्ड. तो आइए आज आपको बताते हैं कि ऑर्चीज की शुरूआत कैसे हुई और इसके पीछे की पूरी कहानी.
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