देहरादून, नौ दिसंबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मातृभूमि और मातृभाषा के प्रति प्रेम को कर्तव्य बताते हुए शुक्रवार को छात्रों से कहा कि भविष्य में वे चाहे जिस क्षेत्र में जाएं, लेकिन अपनी भारतीयता को बनाए रखें। दून विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में छात्रों को डिग्री और पदक प्रदान करने के बाद अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि मां दूसरों की दृष्टि में गरीब या दिखने में जैसी भी हो, वह मां होती है। उन्होंने कहा कि दुनिया की भाषाएं सीखने में कोई बुराई नहीं, लेकिन अपने घर और समाज में अपनी मातृभाषा का इस्तेमाल करना
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