Azad Engineering success story: राकेश चोपदार जब 10वीं पास नहीं कर पाए तो उनके परिवार के लोगों ने ही 'नकारा' होने ताने कसे. तानों से बचने के लिए पिता की फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया. फिर ये हीरा ऐसा निखरा कि आज दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां इनके साथ काम कर रही हैं और करना चाहती हैं. खुद की कंपनी आज़ाद इंजीनियरिंग यूनिकॉर्न बन चुकी है.
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