विनोद शर्मा ने Local 18 से बताया कि पढ़ाई के दौरान नौकरी के लिए फॉर्म भरते रहे. काफी प्रयास के बाद जब नौकरी नहीं लगी, तो मैं फर्नीचर का काम करने लगा. क्योंकि घर के चलना भी जरूरी था. गरीबों को देखते हुए मैं दूसरे की दुकान में फर्नीचर का कार्य कर रहा था.
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