सोमवार प्रात: भगवान की चलविग्रह मूर्ति को विधिवत स्नान कराकर भोले बाबा की नित्य पूजा अर्चना और आरती की गई। इसके बाद भगवान की पंचमुखी भोगमूर्ति को डोली में सजाया गया। भोले बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली भक्तों के सैलाब के साथ ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से अपने पहले पड़ाव फाटा के लिए प्रस्थान कर गई।
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